नई दिल्ली, 17 मार्च : दिल्ली नगर निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में सोमवार को हुई आम सदन बैठक में फिर से जोरदार हंगामा हुआ और इसी जोरदार हंगामे व नारेबाजी के बीच दिल्ली के महापौर महेश कुमार खींची ने कई प्रस्ताव पारित, स्थानांतरित और शर्तों के साथ पारित कर दिए गए। वहीं, दूसरी तरफ सदन बैठक को लेकर निगम में नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष चाहता ही नहीं ही नहीं है कि सदन बैठक शांति से चले।
नेता विपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने निगम की आम सभा की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों द्वारा सदन की मर्यादा को तार-तार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि निगम एक्ट के जरिये आप पार्षद महेश कुमार महापौर बने हैं, लेकिन जब वह सदन में पहुंचे तो उनके सम्मान में आप के ही पार्षद खड़े नहीं हुए और इसे लेकर भाजपा आप पार्षदों द्वारा महापौर की मर्यादा को ठेस पहुंचाने की निंदा करती है। सदन में जब भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया तो आप के पार्षदों ने माफी मांगने की बजाय शोर मचाना शुरू कर दिया और शोर-शराबे में प्रस्ताव पास कर लिए गए। जबकि आप के पास बहुमत नहीं है। वहीं, नेता सदन मुकेश गोयल ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वाले चाहते ही नहीं है कि जनता के मुद्दों पर चर्चा हो और उन्हें फायदा मिल सके।
बता दें कि सोमवार को बैठक का समय दोपहर दो बजे निर्धारित था लेकिन महापौर करीब दो बजकर 35 मिनट पर सदन में पहुंचे। इसके बाद महापौर ने पार्षदों से शांत रहने की अपील की। हंगामे के दौरान कुछ पार्षद महापौर के आसन तक पहुंच गए और माइक भी खींच लिया, इस दौरान कागज फाड़कर भी उड़ाये गए। यह देख सत्तापक्ष के सदस्य और सुरक्षा कर्मी भी महापौर के बचाव में आगे आ गए और बिना माइक के ही महापौर ने सदन बैठक को स्थगित कर दिया।
जनता के मुद्दों पर नहीं हो सकी बहस
बता दें कि हंगामे की आहट होते ही सत्ता पक्ष के पार्षद भी मेजों पर खड़े हो गए और विपक्षी पार्षद के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पक्ष-विपक्ष की नारेबाजी के दौरान महापौर ने एजेंडा पास कर दिया, लेकिन इसके बावजूद भी हंगामा नहीं रूक पाया। शोर शराबे के दौरान यह भी पता नहीं चल सका कि एजेंडे में जनता के किन-किन मुद्दों पर बहस होनी थी। सदस्यों की गंभीरता का इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विपक्षी सदस्यों ने एजेंडे की कॉपी तक फाड़ दी। यह देख सत्तापक्ष के सदस्य और ज्यादा भड़क गए।
सदन बैठक को लेकर क्या बोले निगम के पार्षद
केशवपुरम जोन चेयरमैन व पार्षद योगेश वर्मा का कहना है कि जब सदन चलाने के लिए महापौर महेश कुमार ही गंभीर नहीं हैं तो सत्तापक्ष के सदस्यों से अपेक्षा कैसे की जा सकती है कि वे सहयोग करेंगे। आज भी जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन सत्तापक्ष के सदस्यों का जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। इसी वजह से वे हंगामे में विश्वास रखते हैं, जनता के मुद्दों में नहीं। वहीं, पार्षद डॉ. अमित नागपाल का कहना है कि सत्ता पक्ष का व्यवहार सदन में ठीक नहीं रहता है। बैठक में भी उन्हें चाहिए था कि हंगामे की बजाय जनता के मुद्दों पर चर्चा करते, लेकिन वह हंगामा करते रहे। जबकि कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश का कहना है कि पक्ष और विपक्ष के सदस्य जनता के मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं हैं। वह हमेशा हर बैठकों में एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हैं, जिससे जनता से जुड़े मुद्दे धूमिल हो जाते हैं। भाजपा और आप के बीच लड़ाई में आखिरकार जनता ही पिस रही है, क्योंकि उसकी बात सदन में नहीं हो पा रही है।