नई दिल्ली, 17 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक वी.एस. अरुणाचलम के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से वैज्ञानिक समुदाय तथा सामरिक विश्व में एक बड़ा खालीपन आया है।
अरुणाचलम का बुधवार को अमेरिका में निधन हो गया। उनके परिवार ने एक बयान में यह जानकारी दी। वह 87 वर्ष के थे।
मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ”डॉ. वी.एस. अरुणाचलम के निधन से वैज्ञानिक समुदाय और सामरिक विश्व में एक बड़ा खालीपन आ गया है। ज्ञान, अनुसंधान के प्रति उनके जुनून और भारत की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाने में समृद्ध योगदान के लिए उनकी काफी सराहना की जाती है। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।”
अरुणाचलम ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला और रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला में सेवाएं दी थीं।
अरुणाचलम वर्ष 1982 से 1992 तक डीआरडीओ के प्रमुख और रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे थे।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अरुणाचलम के योगदान के लिए उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1980), पद्म भूषण (1985) और पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया गया था।