पटना, 27 अगस्त : भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा के विधानमंडल का नेता प्रतिपक्ष बने एक साल पूरे हो गए। इस दौरान उनका दावा है कि भाजपा ने विपक्ष की भूमिका में बेहतर काम किया है और कई कार्यों के लिए सरकार पर दबाव बनाकर उसे झुकने को मजबूर किया।नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के लिए अप्रासंगिक हो गए हैं और लालू प्रसाद के ‘जंगलराज’ को आज भी लोग नहीं भूले हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आज जो महागठबंधन की सरकार चल रही है उसे जनादेश नहीं मिला था। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की चाहत में एनडीए छोड़कर गए हैं।
सिन्हा कहते हैं कि राजद के सत्ता में आते ही अपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं। रोजगार देने के महागठबंधन के वादे के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हकीकत है कि जो भी नियुक्ति पत्र अब तक इस सरकार में बांटे गए हैं, वे एनडीए की सरकार के थे। यहां तक कि सरकार ने उन लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जो पहले से ड्यूटी कर रहे थे। बीपीएससी द्वारा 1.70 लाख शिक्षक पदों के लिए शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के विषय में उन्होंने कहा कि परिणाम तो जारी होने दीजिए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जहां अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है वहीं नीतीश को प्रधानमंत्री बनना है, जनता इनकी प्राथमिकता में है ही नहीं।
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आईएनडीआईए यानि इंडिया) के विषय में उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में इस गठबंधन के बनने के बाद जीतन राम मांझी की पार्टी बाहर हो गई है। बिहार में आज जो महागठबंधन है वही आईएनडीआईए का स्वरूप है। इसी स्वरूप में बिहार में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा अकेले उतरी और अधिकांश परिणाम भाजपा के पक्ष में आए।