नई दिल्ली, 13 अप्रैल: तमिलनाडु में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीट परीक्षा गरीब विरोधी बताया है. उन्होंने कहा- ”मुझे पता है, तमिलनाडु के लोगों के लिए नीट एक बड़ा मुद्दा है. हम यह निर्णय राज्य पर छोड़ देंगे कि आप नीट में शामिल चाहते हैं या नहीं. नीट गरीब विरोधी परीक्षा है. आपको (तमिलनाडु) तय करना होगा कि नीट में शामिल होना है या नहीं.” राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर केंद्र सरकार में 30 लाख रिक्त सरकारी पदों को भरने और युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून बनाने को भरोसा दिया. अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को गरीब विरोधी करार दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तमिलनाडु की द्रमुक नीत सरकार ने बाढ़ राहत की मांग की, तो केंद्र ने ‘‘मना’’ कर दिया. सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक लगातार तमिलनाडु के लिए 37,000 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत का मुद्दा उठा रही है और आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार ने एक पैसा भी नहीं दिया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बाढ़ राहत के लिए तमिलनाडु के अनुरोध को ‘‘पिचाई’’ का नाम दिया है. द्रमुक और कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने बाढ़ राहत को ‘‘पिचाई’’ कहकर इसका महत्व घटाने का प्रयास किया है. उन्होंने दावा किया कि जब मछुआरे सहायता मांगते हैं तो उन्हें केंद्र से कुछ नहीं मिलता है और तमिल किसानों की भी यही दुर्दशा है, जो अपने अधिकारों पर लड़ने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाने को मजबूर हैं.

कांग्रेस पार्टी के 2024 के चुनावी घोषणापत्र की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आता है तो युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार में 30 लाख रिक्त पद हैं और ये नौकरियां युवाओं को प्रदान की जाएंगी. गांधी ने कहा कि सभी स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को लाभ पहुंचाने के लिए एक कानून ‘राइट टू अप्रेंटिसशिप’ संसद में पारित किया जाएगा.

भाजपा की आलोचना करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसदों ने खुले तौर पर कहा है कि अगर पार्टी केंद्र में सत्ता में बरकरार रही तो ‘‘वे संविधान बदल देंगे.’’ गांधी ने आरोप लगाया कि दुनिया पहले भारत को लोकतंत्र के पथ-प्रदर्शक के रूप में देखती थी लेकिन अब धारणा बन रही है कि भारत का लोकतंत्र अब लोकतंत्र नहीं रहा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए गांधी ने कहा कि ‘‘मोदी को केवल एक चीज की परवाह है, वह है ‘इस देश के वित्त और संचार प्रणाली (मीडिया के संदर्भ में) पर एकाधिकार करना.’’ उन्होंने कहा कि देश को आज विचारधारा की लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. गांधी ने कहा कि एक तरफ पेरियार ई वी रामासामी जैसे सुधारवादी नेताओं की सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता की विचारधारा है, दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) तथा प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के विचार हैं.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी ‘‘एक राष्ट्र, एक नेता और एक भाषा’’ के पक्षधर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की सभी संस्थाएं और एजेंसियां ‘‘आरएसएस के लोगों से भरी हुई हैं.’’ राहुल गांधी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग को ‘‘राजनीतिक हथियार’’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा और चुनाव आयुक्तों को प्रधानमंत्री द्वारा चुना जा रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों पर रोक लगा दी गई और चुनाव से दो महीने पहले मुख्यमंत्रियों (झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल) को गिरफ्तार कर लिया गया और विपक्षी नेताओं को धमकाया गया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा का पूरा विचार यह सुनिश्चित करना है कि भारत के तीन या चार सबसे अमीर लोगों को फायदा हो. गांधी ने दोहराया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी से बर्बाद हो गए. किसानों के विरोध का जिक्र करते हुए गांधी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने देश के सबसे अमीर लोगों के भारी कर्ज माफ किए हैं. हम भारत के किसानों के कृषि ऋण माफ करेंगे.’’

उन्होंने कहा कि यदि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आता है कि बेहद गरीब परिवार की एक महिला को हर साल एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे. गांधी ने कहा, ‘‘हम भारत से गरीबी को हमेशा के लिए मिटा देंगे.’’ गांधी ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु आना बहुत पसंद है और वे राज्य के लोगों से प्यार करते हैं. उन्होंने तमिल संस्कृति, इतिहास और भाषा की प्रशंसा की. पेरियार, सीएन अन्नादुरई, कामराज और एम करुणानिधि समेत तमिलनाडु के नेताओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपने देश के बाकी लोगों को दिखाया है कि सामाजिक न्याय के रास्ते पर कैसे चलना है.’’ उन्होंने कहा, इसलिए, जब कांग्रेस पार्टी ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा आयोजित करने का निर्णय लिया तो इसकी शुरुआत तमिलनाडु से की गई.

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