नई दिल्ली, 15 नवंबर: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आज पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के प्रबंध अंतर्गत विभिन्न गुरुद्वारा साहिबानों में गुरमति समागम आयोजित किए गए, जहां अमृत वेले से ही संगतों ने बड़ी संख्या में नतमस्तक होकर गुरु साहिब का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्य कार्यक्रम भाई लखी शाह वंजारा हॉल, गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर में हुआ, जहां रागी सिंहों ने गुरु की इलाही कीर्तन के रसभरे सुरों से संगतों को निहाल किया।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका और जनरल सेक्रेटरी सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं से समाज से अज्ञानता का अंधकार दूर किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब ने सबसे पहले यह उपदेश दिया कि “अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे…” जिसका अर्थ है कि परमात्मा एक है और सभी उसी की रौशनी से उपजे बंदे हैं। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब ने सार्वभौमिक एकता की बात की और सभी को आपस में एकजुट होकर भलाई का सिद्धांत सिखाया। गुरु साहिब ने किरत करो, नाम जपो और वंड छको का सिद्धांत दिया और स्वयं करतारपुर साहिब की पवित्र धरती पर 18 साल खेती करके यह बताया कि हमारे लिए अपने हाथों से मेहनत करना सबसे पहले है।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया में न कोई साधन था और न ही कोई मार्गदर्शन, उस समय गुरु नानक देव जी ने चार उदासियां करके 34,000 किलोमीटर की यात्रा तय कर समाज को परमात्मा से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब जहां भी गए, उन्होंने गुरबाणी की रचना की, दीवान सजाए और दुनिया को सच्चाई का रास्ता दिखाया। चाहे वह वली कंधारी हो या सज्जन ठग, सभी गुरु के सिख बने।
कार्यक्रम में उपस्थित दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए सरदार कालका और सरदार काहलों ने यह भी कहा कि आज के युग में सिख समुदाय के साथ बहुत अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे बंदी सिंह जेलों में बंद हैं और सरकारें हमारी बात नहीं सुन रही हैं, चाहे वह केंद्र सरकार हो, दिल्ली सरकार हो या पंजाब सरकार। उन्होंने कहा कि बंदी सिंहों ने भावनात्मक तौर पर बहकर अपनी कौम के लिए बदला लेने के काम किए, लेकिन आज सजाएं पूरी होने के कई वर्षों बाद भी उन्हें जेलों में कैद रखा गया है। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन सरदार जसप्रीत सिंह करमसर ने किया। समारोह में अन्य प्रमुख सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों के अलावा दिल्ली कमेटी के अधिकारी और सदस्य भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।