नई दिल्ली, 25 अप्रैल: पहलगाम आतंकवादी हमले के विरोध में व्यापारियों द्वारा आहूत ‘दिल्ली बंद’ के कारण शुक्रवार को कनॉट प्लेस, सदर बाजार, गफ्फार मार्केट और चांदनी चौक समेत 900 से अधिक बाजार वीरान रहे। कपड़ा, मसाले, बर्तन और सर्राफा जैसे क्षेत्रों के विभिन्न व्यापारी संघों ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं।

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के अनुसार, दिल्ली में 8 लाख से अधिक दुकानें बंद रहीं, जिसके परिणामस्वरूप दिन भर में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का व्यापार नुकसान होने का अनुमान है। गुरुवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने बंद का आह्वान किया था। इसने हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए कनॉट प्लेस में कैंडल मार्च भी निकाला था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।

सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने शुक्रवार को कहा, “यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक गुस्सा है। हम सभी इस मुद्दे पर एकजुट हैं और पहलगाम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में बंद का आयोजन कर रहे हैं।” गोयल ने सरकार से पाकिस्तान के साथ सभी वाणिज्यिक संबंध समाप्त करने तथा भारत में पाकिस्तानी उत्पादों का बहिष्कार करने की भी अपील की।

सदर बाजार में आमतौर पर दिन के किसी भी समय लोगों की भीड़ लगी रहती है। यहां के व्यापारी संघ के एक सदस्य ने कहा कि बाजार सुनसान था और यहां तक कि सब्जी और फल विक्रेता भी नहीं आए थे। इसी प्रकार, बाजार एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा थोक रेडीमेड परिधान बाजार पूरी तरह बंद रहा।

इसमें कहा गया है, “हमले में मारे गए पर्यटकों के लिए न्याय की मांग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के लिए यह बंद आयोजित किया जा रहा है।” पहलगाम में मंगलवार को हुआ हमला 2019 के पुलवामा घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक हमला था। बंद नई सड़क की दुकानें, चांदनी चौक के कटरे और कूचों की सभी दुकानें बंद है।

चांदनी चौक के जानकारों के अनुसार यह बंदी अभूतपूर्व है क्योंकि पहले की किसी भी बंदी के आह्वान पर कुछ ना कुछ दुकान खुली रहती थी, खासकर मुख्य मार्ग की कुछ न कुछ दुकानें खुल जाती थी, लेकिन ऐसा पहली बार है जब सभी दुकान बंद है।

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