नई दिल्ली, 24 मई : दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक हुई। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी चर्चा का विषय रही। इस पर नीतीश ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।

नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, “नीति आयोग की बैठक के लिए नहीं आए हैं। पीएम और एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने आए हैं। बैठक का समय थोड़ा बढ़ा दिया गया है। उसी में भाग लेंगे।”

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहार में भारत सरकार के समर्थन से जो विकास का काम लगातार हो रहा है, उसके लिए हमारे मुख्यमंत्री पीएम के साथ बैठक में उन्हें धन्यवाद देंगे। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ चल रहा है, उसकी चर्चा करेंगे।”

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। पूर्व में भी कई मौकों पर वह ऐसा कर चुके हैं। इस समय उनका शामिल न होना इसलिए ज्यादा हैरान कर रहा है क्योंकि वह केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा हैं। वर्तमान समय में उनके रिश्ते भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ अच्छे हैं।

नीतीश कुमार जब दिल्ली रवाना हुए तो राष्ट्रीय जनता दल ने उन पर तंज कसा था। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाकर रखते रहे हैं लेकिन इस बार उन्हें अपनी कुर्सी बचानी है। इसलिए ही बैठक में शामिल होने के लिए गए हैं।”

प्रधानमंत्री और एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक 25 मई को होनी है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक में उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हो सकती है। नीतीश कुमार के साथ बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।

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