नई दिल्ली, 05 अप्रैल: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को तिहाड़ जेल से एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी स्थिति की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की है और शिक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी है।
दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने यह उम्मीद भी जतायी कि वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने कहा, ”जल्द ही आपसे बाहर मिलूंगा। अंग्रेज शासकों को भी सत्ता का अहंकार था और उन्होंने लोगों को झूठे मामलों में जेल भेजा था।”
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला उनकी प्रेरणा हैं, जिन्होंने कई साल जेल में बिताए।
सिसोदिया की जमानत पर शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में सुनवायी होनी है।
पूर्वी दिल्ली में अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के लोगों को लिखे पत्र में, सिसोदिया ने कहा कि अच्छी शिक्षा और विद्यालयों के लिए उसी तरह संघर्ष चल रहा है, जैसे लोगों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था।
गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके सिसोदिया ने पत्र में कहा, ‘शिक्षा क्रांति जिंदाबाद। आप सभी को प्यार।’
सिसोदिया ने कहा कि जेल में रहने के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति उनका प्यार बढ़ गया है और वे उनकी ताकत हैं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ। सिसोदिया ने कहा कि इसी तरह, हर बच्चे को एक दिन अच्छी शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि विकसित देश के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है।