Headline
पूर्वांचलियों के सम्मान का दिखावा कर रही आप : तिवारी
भारत में दुनिया की स्किल कैपिटल बनने और स्किल डिमांड पूरा करने का सामर्थ्य: प्रधानमंत्री
पूर्वोत्तर में पुलिस के दृष्टिकोण में बदलाव का समय आ गया है : शाह
पीसीओएस कभी-कभी परिवारों में आनुवंशिक चलता है‌ और बांझपन का कारण बनता है : डॉ अर्चिता महाजन
राम मंदिर देखने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी, ताजमहल को पीछे छोड़ा
वाराणसी में सपा का जोरदार प्रदर्शन, गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर मचा बवाल
लालू-नीतीश का उद्देश्य समाज को बांटकर राजनीति करना : प्रशांत
संभल में एएसआई का सर्वे: कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची टीम, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण, इलाके की सफाई शुरू
अरविंद केजरीवाल की बढ़ी मुश्किल: एलजी ने ईडी को आप संयोजक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

कैबिनेट ने चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए मोदी, वैज्ञानिकों की सराहना की

नई दिल्ली, 29 अगस्त: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रमा पर मिशन चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके विज़न और प्रेरणादायी नेतृत्व के लिए आभार जताया तथा वैज्ञानिकाें की ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए इस घटना को भारत की प्रगति एवं विश्व मंच पर हमारी ताकत का प्रतीक करार दिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया। सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामलाें के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी और प्रस्ताव का मसौदा पढ़ कर सुनाया।

प्रस्ताव में कहा गया कि पूरा देश चंद्रमा पर मिशन चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल भी इस खुशी में शामिल है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल हमारे वैज्ञानिकों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करता है। यह सिर्फ हमारी अंतरिक्ष एजेंसी की ही सफलता नहीं है, बल्कि भारत की प्रगति और विश्व मंच पर हमारी ताकत का भी प्रतीक है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल इस बात का स्वागत करता है कि अब 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रयासों के लिए उसे बहुत-बहुत बधाई देता है। हमारे वैज्ञानिकों के निरंतर प्रयासों की वजह से भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। पूर्व निर्धारित मानकों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए चंद्रमा पर उतरना, अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। तमाम चुनौतियों को पार करते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप उतरना इस भावना का प्रतीक है कि कैसे हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की खोज के लिए हर सीमा के पार जाने के लिए तैयार रहते हैं। प्रज्ञान रोवर के द्वारा हमें जो जानकारियों का खजाना मिल रहा है, उससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी, नई खोज का मार्ग बनेगा और चंद्रमा के रहस्यों को समझने और उसके भी पार जाने में मदद मिलेगी।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल का यह मानना है कि तेजी से बदलते तकनीक और नवान्वेषण के दौर में हमारे वैज्ञानिक ज्ञान, समर्पण एवं विशेषज्ञता की मिसाल हैं। उनकी विश्लेषणात्मक क्षमता, नई खोजों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, देश को विज्ञान के क्षेत्र में लगातार आगे ले जा रही है। सबसे बेहतर करने की भावना, निरंतर नई खोज में लगे रहना और चुनौतियों से लड़ने की जीवटता से दुनियाभर में उनका सम्मान बढ़ा है। उनकी सफलताओं ने दूसरों को भी बड़ा सोचने और उसे साकार करने के लिए प्रेरित किया है।

भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल को गर्व है कि चंद्रयान-3 की सफलता में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह सफलता आने वाले वर्षों में भी हमारी महिला वैज्ञानिकों को प्रेरित करती रहेगी।

प्रस्ताव में कहा गया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल प्रधानमंत्री श्री मोदी को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति उनके विज़न और नेतृत्व के लिए बधाई देती है। उनके नेतृत्व में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पूरी मानवता के कल्याण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के अटूट भरोसे ने हर बार हमारे वैज्ञानिकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी है।
पिछले 22 वर्षों के दौरान, पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के तौर पर उनका सभी मून मिशन्स से भावनात्मक लगाव रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब चंद्र मिशन की घोषणा की थी, तब वो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। 2008 में जब चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण हुआ तो उन्होंने इसरो जाकर वहां के वैज्ञानिकों को बधाई दी। 2019 में जब चंद्रयान-2 मिशन अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंच पाया, तो प्रधानमंत्री की ओर से वैज्ञानिकों को दिए गए भावनात्मक संबल ने हमारे वैज्ञानिकों के हौसले को और मजबूत किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा ने हमारे वैज्ञानिकों को चंद्रयान मिशन के लिए नई ऊर्जा दी।

प्रस्ताव में कहा गया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमेशा विज्ञान एवं नवान्वेषण को प्राथमिकता दी है। पिछले 9 वर्षों में देश में निरंतर ऐसे निर्णय लिए गए हैं, नीतियां बनाई गई हैं जिन्होंने भारत में नवान्वेषण एवं शोध को आसान बनाया है। प्रधानमंत्री जी ने ये सुनिश्चित किया है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे स्टार्टअप्स और प्राइवेट कंपनियों को नए अवसर मिल सके। प्रधानमंत्री के ही मार्गदर्शन में, जून 2020 में अंतरिक्ष विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्था के रूप में ‘इन-स्पेस’ की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य उद्योग, अकादमिक क्षेत्र और स्टार्ट अप्स का एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना था, जिससे भारत, वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सके। इन-स्पेस अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का माध्यम बन चुका है। बेंगलुरू के इसरो सेंटर पर वैज्ञानिकों से बात करते हुए, नेशनल हैकॉथॉन का जो विचार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रखा है, उससे भी युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल चंद्रयान मिशन से जुड़े दो महत्वपूर्ण बिन्दुओं का नाम तिरंगा (चंद्रयान-2 के पदचिन्ह जहां पड़े) और ‘शिवशक्ति’ (चंद्रयान-3 जहां उतरा) रखने का भी स्वागत करती है। ये नाम हमारे गौरवशाली इतिहास और आधुनिकता की भावना दोनों के अनुरूप हैं। ये सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी विरासत औऱ आज की वैज्ञानिक आकांक्षाओं वाले भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं।
चंद्रयान-3 की सफलता प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन ‘जय विज्ञान-जय अनुसंधान’ की भी सफलता है। इस सफलता से हमारे स्टार्टअप्स और मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए आगे बढ़ने की असीम संभावनाएं तैयार हुई हैं। आने वाले वक्त में अंतरिक्ष क्षेत्र नई खोजों का और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा।

मंत्रिमंडल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एक बार फिर वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सिद्ध किया है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मिली जानकारियां, पूरी मानव जाति खासकर ग्लोबल साउथ के लिए बेहद लाभकारी होंगी। भारत में हो रहा विकास, पूरी दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विश्वास है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि से कहीं अधिक है। इसमें हमारी उन्नत सोच, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व के विजन का प्रतिबिंब है। यह उभरते हुये नए भारत का भी प्रतीक है। हम भारत के नागरिकों का आह्वान करते हैं कि वह इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं, ताकि आने वाले वक्त में सैटेलाइट संचार और मौसम विज्ञान से लेकर कृषि और आपदा प्रबंधन तक के क्षेत्र में नए अवसर तैयार हो सकें । हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे नवान्वेषण का जमीन पर सीधा प्रभाव हो, वो हमारी अधोसंरचना को मजबूत बनाएं, हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को सशक्त करें और विभिन्न क्षेत्रों को महत्वपूर्ण डेटा मुहैया कराएं।

विज्ञान, तकनीक एवं नवान्वेषण के इस युग में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल, शिक्षा जगत के महानुभावों से अपील करती है, कि वे देश के युवाओं को विज्ञान से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। चंद्रयान-3 की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में युवाओं की रुचि को बढ़ाने का हमें एक बहुत बड़ा अवसर दे दिया है। युवा पीढ़ी में अंतरिक्ष एवं विज्ञान के क्षेत्र में आकर्षण बढ़ने से हमारे देश की उन्नति के नए मौके बनेंगे।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल चंद्रयान मिशन से जुड़े हर व्यक्ति के योगदान की सराहना करती है। चंद्रयान-3 की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत अपने सामर्थ्य, अपने जज्बे और समर्पण के बल पर कुछ भी हासिल कर सकता है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल को विश्वास है कि चंद्रयान की सफलता के बाद जोश और गर्व से भरे हुए हमारे देश के लोग, मिलकर 2047 तक भारत को विकसित बनाने के संकल्प को जरूर साकार करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top