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केंद्र सरकार निरस्त कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से लागू करने की तैयारी में : आप प्रमुख केजरीवाल

नई दिल्ली, 02 जनवरी : आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर पंजाब में प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ हुआ तो इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिम्मेदार होगी।

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं।

केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह दावा भी किया कि केंद्र निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को ‘‘नीति’’ कहकर उन्हें ‘‘पिछले दरवाजे’’ से दोबारा लागू करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि नई ‘‘नीति’’ की प्रतियां सभी राज्यों को उनके विचार जानने के लिए भेजी गई हैं।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एक महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर हैं और उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है।

आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने ‘‘कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा’’ पर नव घोषित मसौदा नीति को 2020 में पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से प्रवेश का प्रयास करार दिया है। किसानों के एक साल के विरोध के बाद केंद्र ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया था।

केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं लेकिन अपने अहंकार के कारण भाजपा सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। आप प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन साल पहले किसानों की मांगों को मान लिया था लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गई है।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘आखिर भाजपा को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है कि वह किसी से बात भी नहीं करती?’’

उन्होंने अपने लंबे पोस्ट में कहा, ‘‘पंजाब में जो किसान अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं, भगवान उन्हें सलामत रखें लेकिन यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार होगी।’’

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध समाप्त करने के लिए बातचीत करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बुधवार को कहा कि सरकार पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम करेगी।

उच्चतम न्यायालय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहा है।

शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार की खिंचाई की और कहा कि उसके अधिकारी तथा कुछ किसान नेता मीडिया में गलत धारणा बना रहे हैं कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने स्थिति को जटिल बनाने के किसी भी प्रयास से इनकार किया और कहा कि डल्लेवाल को अपना अनशन तोड़े बिना चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

केंद्र पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के मकसद से डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब एवं हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं।

सुरक्षा बलों द्वारा किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब एवं हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

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