पटना, 22 दिसंबर: ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिहार के चतुर्थ कृषि रोड मैप के अन्तर्गत प्रतिवेदित राज्य में कृषि कार्य के लिए डीजल चालित कुल 7 लाख 20 हजार पम्प सेटों में से पूर्व की योजनाओं के अन्तर्गत अब तक कुल 3.60 लाख कृषि पम्प सेटों को विद्युत सम्बंध प्रदान किया जा चुका है।
रविवार काे एक बयान जारी करऊर्जा सचिव पाल ने बताया कि ऊर्जा विभाग ने शेष 3.60 लाख पम्प सेटों के अतिरिक्त 1.20 लाख नये पम्प सेटों का आकलन करते हुए कुल 4.80 लाख पम्प सेटों को कृषि कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल 4.80 लाख बिजली कनेक्शन को माह सितंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित हैं। इसमें से 1.50 लाख पम्प सेटों को वित्तीय वर्ष 2024-25 में विद्युत सम्बंध दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 1.46 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अर्थात माह दिसम्बर में अबतक निर्धारित लक्ष्य से कहीं ज्यादा कृषि सम्बंध दिये जा चुके हैं।
ऊर्जा सचिव ने कहा कि जिस युद्ध स्तर पर इस योजना का क्रियान्वयन चल रहा है और राज्य के किसान अपनी उत्सुकता दिखा रहे हैं निश्चित ही यह लक्ष्य समय से पहले हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सात निश्चयों में से एक, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत सम्बद्ध योजना के तहत ऊर्जा विभाग हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि बिहार स्टेट पावर होल्डिग कम्पनी लिमिटेड तथा राज्य की दोनों वितरण कम्पनियों द्वारा स्थानीय स्तर पर कैम्प एवं अन्य माध्यमों से किसानों को इस योजना का लाभ लेने हेतु व्यापक जगरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। सभी जिलों में इस योजना का लाभ लेने के लिए बिजली कनेक्शन लेने हेतु किसानों द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत सम्बद्ध योजना के अन्तर्गत बिजली का कनेक्शन बिलकुल ही निःशुल्क दिया जाता है। बिजली कनेक्शन लेने को सरल एवं सुगम बनाने के लिए किसानों को मात्र आधार कार्ड की प्रति और जमीन से जुड़ा कोई भी कागजात प्रस्तुत करना होता है। उल्लेखनीय है कि किसानों को अब बिजली से पटवन का खर्च अब डीजल के मुकाबले 10 गुना से भी अधिक सस्ता पड़ता है।