नई दिल्ली, 24 जून : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि सेवा, समर्पण और सामाजिक सदभागिता का पर्व है तथा सरकार चाहती है कि सभी शिव भक्तों को दिल्ली में सम्मान, सुविधा एवं सुरक्षा मिले।
श्रीमती गुप्ता ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि सेवा, समर्पण और सामाजिक सदभागिता का पर्व है। सरकार चाहती है कि सभी शिव भक्तों को दिल्ली में सम्मान, सुविधा और सुरक्षा मिले। दिल्ली सरकार इस वर्ष न केवल इस यात्रा को भव्य, पारदर्शी एवं व्यवस्थित बनाएगी परंतु स्वयं यात्रियों का दिल्ली के बार्डर पर जाकर स्वागत और अभिनंदन करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में कांवड़ यात्रा की व्यवस्था के नाम पर भ्रष्टाचार किया जाता था लेकिन अब सारे भ्रष्टाचार को खत्म करते हुए कांवड़ यात्रा में जुड़ी समितियों को सीधे पैसा दिया जाएगा ताकि बेहतर व्यवस्था की जा सके। कांवड़ यात्रियों के लिए टेंट समेत अन्य इंतजाम करने वाली समितियों को एकल विंडो सिस्टम के तहत सभी प्रकार की अनुमति सीधे जिलाधिकारी के कार्यालय से मिलेगी ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा वाली समितियों को कम से काम पचास हजार और अधिकतम दस लाख रुपये की राशि दिया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि कांवड़ शिविर कितने दिनों के लिए लगाया गया है उसी के हिसाब से पैसै दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि समितियों को पचास प्रतिशत की राशि पहले दी जाएगी और बाकी राशि काम पूरा होने के बाद दिया जाएगा। सरकार पंजीकृत समितियों को ही राशि देगी।
उन्होंने कहा कि अगर जिस समिति का पंजीकरण नहीं हुआ वह 30 जुलाई तक पंजीकरण करा लें। श्रीमती गुप्ता ने कहा कि कांवड़ यात्रा से जुड़ी व्यवस्था की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति बनाई गई है। इस समिति में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा के साथ चार विधायकों को रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार कांवड़ समितियों को टेंट लगाने वाले स्थान के लिए बारह सौ यूनिट बिजली दी जाएगी जिसका खर्च सरकार स्वयं वहन करेगी। कांवड़ यात्रियों के लिए पूरी सुरक्षा दी जाएगी और साथ ही आवागमन में कोई बाधा नहीं इसका भी ध्यान रखा जाएगा।