नई दिल्ली, 19 जून : नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (नमो केन्द्र) ने एनसीपीयूएल, शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में “महिला नेतृत्व विकास: विकसित भारत के लिए सशक्तिकरण के नए क्षितिज को चुनौती देना” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस सेमिनार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक दशक और एक वर्ष की ऐतिहासिक प्रगति को दर्शाया गया।

राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माताश्री मां हीराबेन मोदी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “मां हीराबेन सादगी, शक्ति और मौन त्याग की प्रतीक थीं। उन्होंने बहुत ही विनम्र जीवन जिया और अपने बेटे के मूल्यों को आकार देने की बड़ी जिम्मेदारी ली। उन्होंने उसके लिए भोजन पकाया, उसे ज्ञान के साथ मार्गदर्शन किया और उसे अनुशासन और देखभाल के साथ पाला।” प्रधानमंत्री में मां हीराबेन द्वारा दिए गए मूल्यों का उल्लेख करते हुए, कंगना ने अपने शक्तिशाली शब्द साझा किए: “जीवन जियो शुद्धि से, और काम करो बुद्धि से।” आगे बताते हुए उन्होंने कहा, “इसका अर्थ है ‘अपना जीवन पवित्रता के साथ जियो और बुद्धि से काम करो।” ये शब्द पूरे देश के लिए एक जीवन का सबक हैं।”

वहीं सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में आईपीएस (सेवानिवृत्त) और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल डॉ. किरण बेदी, राजमाता अंबिका जी खीरभवानी और पुणे की प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. डोले शिवाजी शामराव, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, इम्फाल की कुलपति प्रो. उषा एस नायर, अरुणाचल विश्वविद्यालय अध्ययन (एयूएस), नामसाई के संस्थापक डॉ. अश्विनी लोचन, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रो. पायल कंवर चंदेल, संत ईश्वर फाउंडेशन की राष्ट्रीय सचिव वृंदा खन्ना, सिकंदरपुर, अलीगढ़ की ग्राम प्रधान कल्पना सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय के माता सुंदरी महिला कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. हरप्रीत कौर, असम के पूर्व राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी जी की उपस्थिति भी शामिल हुई। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल और भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, इंडिया हैबिटेट सेंटर के निदेशक प्रो. के. जी. सुरेश जी, आईएएस अकादमी शिमला के विजिटिंग प्रोफेसर प्रो. मदन मोहन गोयल और यूनी कौशल, मुंबई की सीईओ मृदुला त्रिपाठी।

सेमिनार में चार शैक्षणिक सत्र शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक महिला-नेतृत्व वाले विकास के विभिन्न पहलुओं को समर्पित था, जिसमें शासन, उद्यमिता, शिक्षा और सामाजिक नेतृत्व शामिल है। विशेषज्ञों और विद्वानों ने डेटा, केस स्टडी और बदलाव की वास्तविक जीवन की कहानियों को साझा किया, जिससे इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की स्पष्ट तस्वीर सामने आई। नरेन्द्र मोदी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रो. जसीम मोहम्मद ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सेमिनार शैक्षणिक और सामाजिक उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले 11 वर्षों में, भारतीय महिलाएं राजनीति और पुलिस सेवाओं से लेकर खेल, विज्ञान और स्टार्टअप तक हर क्षेत्र में मजबूत आवाज बन गई हैं। हमारे युवाओं को प्रेरित रहने और महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति की शक्ति को समझने के लिए इन कहानियों को जानने की जरूरत है।”

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