नई दिल्ली, 15 मई : श्रमदान-स्वच्छता अभियान के तहत नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने गुरूवार को बागवानी, स्वच्छता, सिविल इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और अन्य विभागों के समन्वय से अपने क्षेत्र की सभी बैक-लेन के लिए एक विशिष्ट थीम आधारित सफाई अभियान शुरू किया।

श्रमदान-स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, एनडीएमसी ने पहले ही 5 मई 2025 से अपने 14 स्वच्छता सर्किलों में कर्मचारियों, छात्रों और शिक्षकों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन को शामिल करके रोजाना सुबह 8 बजे से 9 बजे तक शहरव्यापी मेगा स्वच्छता-श्रमदान अभियान शुरू किया हुआ है।

सभी वर्गों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री एनडीएमसी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, परिषद के सदस्यों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति पहले ही स्वच्छता अभियान में भाग ले चुके हैं। श्रमदान-स्वच्छता अभियान के दौरान, एनडीएमसी ने सडक़ों, सर्किलों, गोल चक्करों, पार्क और उद्यानों, अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, बिजली सब-स्टेशनों, कार्यालय भवनों, क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ-साथ आवासीय परिसरों बाजार और व्यावसायिक केंद्रों पर अपने सभी कार्यबल को विशेष अभियान के लिए जुटाया ताकि कचरा, मलबा, प्लास्टिक अपशिष्ट, बागवानी अपशिष्ट, फुटपाथों की मरम्मत और रखरखाव, अंडरपास, सब-वे, स्कूलों, सरकारी भवनों और पूजा स्थलों आदि की सफाई पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। बैक-लेन सफाई अभियान के तहत, एनडीएमसी बैक-लेन और भवनों के पीछे की तरफ पड़े निर्माण और तोडफ़ोड़ सी एंड डी मलबे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एनडीएमसी निर्माण और तोड़ फोड़ मलबे के उचित निपटान का सभी से आग्रह कर रही है।

यह मलबा कई कारकों के कारण है, एनडीएमसी क्षेत्र के निर्माण और मरम्मत स्थलों से हर महीने बड़ी मात्रा में सीएंडडी मलबा निकलता है, जो अनुमानित तौर पर 500-700 मीट्रिक टन के बीच होता है। इस मलबे में कंक्रीट, डामर, लकड़ी, धातु और अन्य निर्माण वस्तुओं जैसी सामग्री शामिल होती है। अनुचित तरीके से प्रबंधित सी एंड डी मलबा और कचरा जल स्रोतों और वायु के प्रदूषण के साथ-साथ शहरी पारिस्थितिकी तंत्र के नुकसान का कारण बन सकता है।

सी एंड डी मलबे कचरे को पुनर्चक्रित रीसायकल किया जा सकता है और निर्माण में पुन: उपयोग किया जा सकता है, जिससे नई सामग्रियों की आवश्यकता कम हो जाती है और लागत भी कम हो जाती है।

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