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उपराष्ट्रपति धनखड़ का ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ का आह्वान

नई दिल्ली, 27 मार्च: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को आर्थिक राष्ट्रवाद का आह्वान करते हुए कहा कि विदेशी सामान आयात करके ‘जल्द पैसा’ बनाने का प्रलोभन लाखों भारतीय विनिर्माताओं से रोजगार के अवसर छीन सकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि महिलाओं को सशक्त करना आज का निवेश और दुनिया का भविष्य है। महिलाओं को अपना हक खुद लेना होगा और बहुत आगे तक जाना होगा।

यहां फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि समान अवसरों को बढ़ावा देकर, बाधाओं को तोड़कर और महिलाओं की आवाज और उपलब्धियों को बढ़ाकर “हम एक ऐसा समाज बनाते हैं जो न केवल निष्पक्ष और न्यायसंगत है, बल्कि समृद्ध और टिकाऊ भी है।”

उन्होंने कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद भी राष्ट्रवाद जितना ही जरूरी है क्योंकि इससे देश को विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी को भी उन्हीं वस्तुओं का आयात करके देश की कीमत पर जल्दी पैसा कमाने के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए, जिनका निर्माण भारत में किया जा रहा है। उनका मानना है कि ऐसी वस्तुओं के आयात से लाखों स्थानीय विनिर्माताओं का रोजगार छीना जा रहा है।

 

 

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