यरुशलेम/रामल्ला/गाजा, 14 अक्टूबर: फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या 2,200 से अधिक हो गई है, जबकि 8,700 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमास के हमलों से इजरायल में 1300 लोगों की मौत हो गयी तथा करीब 3400 अन्य घायल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर कहा, “इजरायल के आक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,215 तक पहुंच गई है और 8,714 लोग घायल हुए हैं।”
गत सात अक्टूबर को, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ एक आश्चर्यजनक बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया, जिससे इजरायल को अगले दिन युद्ध की स्थिति घोषित करने और जवाबी हमले शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नौ अक्टूबर को, इज़राइल ने 20 लाख से अधिक लोगों के घर गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया तथा साथ ही पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति में कटौती की। इजरायल ने तनाव बढ़ने के परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक लोगों की मौत की सूचना दी है।
हमास आंदोलन की सैन्य शाखा ने शनिवार को कहा कि उसने तेल अवीव की ओर रॉकेट दागे। सैन्य विंग ने एक बयान में कहा, “अल-कसम ब्रिगेड नागरिकों के निष्कासन और गोलाबारी के जवाब में तेल अवीव पर रॉकेट दाग रहे हैं।” इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने आज कहा कि उसने लेबनान से देश की सीमा के भीतर घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक आतंकवादी समूह को मार गिराया है। आईडीएफ ने कहा, “थोड़ी देर पहले सैनिकों ने एक आतंकवादी सेल की पहचान की जिसने लेबनान से इजरायली क्षेत्र में घुसपैठ करने का प्रयास किया था।आईडीएफ यूएवी ने आतंकवादी सेल को निशाना बनाया और कई आतंकवादियों को ढेर कर दिया।”
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश हमास को नष्ट कर देगा, चाहे इसमें कितना भी समय लगे और युद्ध को अंजाम तक पहुंचाकर रहेगा। श्री नेतन्याहू ने शुक्रवार की रात अपने संबोधन में कहा, “यह तो बस शुरुआत है। हमारे दुश्मनों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और इसकी शुरुआत हो गयी है। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगा। यह तो बस शुरुआत है।” इजरायल संसद में विपक्ष के प्रमुख नेता येयर लैपिड ने शबात के दौरान अपने संबोधन में इजरायलियों पर चिंता जातते हुए कोई नई जानकारी नहीं देने के लिए श्री नेतन्याहू पर हमला किया।
श्री लैपिड ने आरोप लगाया, “इजरायल के प्रधानमंत्री शुक्रवार रात को एक असामान्य बयान देकर पूरे देश को कैसे उन्माद में डाल सकते हैं। जिसमें बंधकों, उत्तर की ओर से निकासी पर कुछ नहीं बोला जाएगा ।” उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री को तब तक ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जब तक कि उनके पास नई पुष्ट जानकारी न हो।
श्री नेतन्याहू ने अपने संबोधन पर इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत के माध्यम से इजरायल में अमेरिकी आपूर्ति के साथ ‘लड़ाई जारी रखना सुनिश्चित कर रहा है।’ इसबीच इजरायली सेना और हमास की झड़प में शुक्रवार को वेस्ट बैंक में कम से कम 14 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। रामल्लाह स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी। फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इज़राइल के बीच हिंसा के नए दौर के सातवें दिन नब्लस, तुल्कर्म, हेब्रोन और अन्य वेस्ट बैंक शहरों में झड़पें हुईं।
मंत्रालय ने कहा कि तुल्कर्म शहर में कम से कम पांच फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है।
इज़रायली मीडिया ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने कम से कम चार फिलिस्तीनियों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिन्होंने तुल्कर्म के पास वेस्ट बैंक सुरक्षा अवरोध को तोड़ने के लिए विस्फोटक उपकरण लगाए हुए थे। इस बीच, गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और गाजा में चल रहे इजरायली सैन्य अभियान की निंदा करने के लिए वेस्ट बैंक के शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
अमेरिका के वाशिंगटन में फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष के बीच दोनों पक्षों के समर्थकों ने उनके समर्थन में रैलियां आयोजित की गईं। दोनों पक्षाें के विरोध प्रदर्शनों में करीब कई सौ लोग शामिल थे। इजरायल समर्थकों ने व्हाइट हाउस (फ्रीडम प्लाजा) के पास विरोध प्रदर्शन किया। जबकि फिलीस्तीन समर्थकों ने वाशिंगटन पोस्ट बिल्डिंग के पास विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। फिलिस्तीन समर्थक रैलियां न केवल अमेरिकी राजधानी में हुईं बल्कि इसी तरह की रैलियां शिकागो, न्यूयॉर्क और पोर्टलैंड में भी निकाली गयी हैं।
लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने फ़िलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष और इजरायल के साथ बढ़ते सीमा तनाव के मध्य लेबनान को युद्ध में उतरने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। श्री मिकाती ने एक साक्षात्कार में यह संकेत देते हुए कि हिजबुल्लाह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि किसी ने उनसे वादा नहीं किया था कि युद्ध नहीं होगा क्योंकि हालात लगातार बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युद्ध में जाने या शांति बनाए रखने का निर्णय सरकार द्वारा नहीं किया जाता है। उन्होंने यह इशारा किया कि हिजबुल्लाह एक सशस्त्र लेबनानी सैन्य समूह है जिसने पिछले सप्ताह इज़राइल के ऊपर गोलीबारी की थी। वह अपना निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा कि लेबनान में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता और चिंता है। श्री मिकाती ने जोर देकर कहा कि इजरायल को हिजबुल्लाह को भड़काना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबनानी सेना क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में अग्रिम पंक्ति में खड़ी है।
गौरतलब है कि सात अक्टूबर की सुबह हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमले के समर्थन में हिजबुल्लाह द्वारा उसके अगले दिन यानी आठ अक्टूबर को शेबा फार्म्स में सैन्य स्थलों की ओर कई मिसाइलें दागी थी। जिस के बाद लेबनानी-इजरायल सीमा पर तनाव बढ़ गया है। इजरायल ने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान के अल-धाहिरा, अल्मा अल-शाब और यारिन शहरों के आसपास के क्षेत्र पर बमबारी करके अपना हमला तेज कर दिया। इसमें रॉयटर्स के लिए काम करने वाले एक लेबनानी फोटोग्राफर की मौत हो गई और छह अन्य पत्रकार घायल हो गए थे।
इसबीच युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे हुए विभिन्न देशों के लोगों का वापस लौटने का क्रम जारी है। इजरायल-हमास के युद्ध के बीच भारतीय नागरिकों का दूसरा जत्था आज सुबह इजराइल से वापस लौटा है। इसमें 235 भारतीय नागरिक दिल्ली आए हैं। ऑपरेशन अजय के तहत इन लोगों की भारत वापसी हुई है। पहला जत्था शुक्रवार को भारत पहुंचा था। अब तक 447 लोगों की स्वदेश वापसी हो चुकी है। इजरायल में फंसे भारतीयों की संख्या करीब 18000 बतायी जा रही है।