तियानजिन/नई दिल्ली, 01 सितंबर: पीएम मोदी ने सोमवार को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को भारत के रुख से अवगत कराया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को भी निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।

मानवता में विश्वास को खुली चुनौती

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पहलगाम हमले का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी।

सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास की नींव होते हैं। हालांकि, इन लक्ष्यों की प्राप्ति अकसर आतंकवाद और अलगाववाद जैसी गंभीर चुनौतियों के कारण बाधित होती है। आतंकवाद, विशेष रूप से, केवल व्यक्तिगत राष्ट्रों की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है। पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती थी। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होंगे।

पीएम मोदी, एससीओ समिट में स्पीच के दौरान

ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष, भारत ने संयुक्त सूचना अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाई है। आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए पहल की है और आतंकवाद के वित्तपोषण के विरुद्ध आवाज उठाई है। इस संबंध में दिए गए समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

संप्रभुता के साथ कनेक्टिविटी पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र में कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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