इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले से जुड़ी पोस्ट डिलीट करने के चुनाव आयोग के निर्देश पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
नई दिल्ली, 17 अप्रैल: इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले से जुड़ी सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने के चुनाव आयोग के निर्देश पर कांग्रेस ने घोर आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार आजाद भारत के सबसे बड़े घोटाले को छुपाने का प्रयास कर रही है।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) ने एक खबर साझा करते हुए बताया कि उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से चार हैंडल्स के ट्वीट डिलीट करने का निर्देश आया है। हालांकि, एक्स का कहना है कि हम अभिव्यक्ति की आजादी में रुकावट नहीं डालना चाहते, लेकिन हमारे पास यह निर्देश आया है, इसलिए हमें ऐसा करना पड़ा।
श्रीनेत ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हेट स्पीच दे रहा है, धर्म का इस्तेमाल कर रहा है या किसी व्यक्ति के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां कर रहा है तो, वह उल्लंघन होता है। ऐसी पोस्ट हटवाने का चुनाव आयोग को पूरा हक़ है। लेकिन डिलीट हुए पोस्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड की बात की गई थी, प्रधानमंत्री मोदी जिसे छिपाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड योजना से वसूली रैकेट चला रही थी। इसका पूरा खाका सामने है। आखिर चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड क्यों आपत्तिजनक लगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने मुख्यधारा की मीडिया को अपना मुखपत्र बना लिया है। सरकार को कटघरे में खड़ा करना तो दूर मीडिया ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा नहीं करती। इसलिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रबल हुए, मगर सरकार इन्हें भी ज्वलंत मुद्दे उठाने से रोक रही है। मोदी सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फरवरी माह में किसान आंदोलन के दमन का प्रयास किया। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले हरपाल सिंह सांघा जैसे किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद कर दिए। इसके साथ ही किसान आंदोलन को निष्पक्ष रूप से कवर करने वाले पत्रकारों के हैंडल्स को भी सस्पेंड कर दिया गया। अभी हाल ही में यूट्यूब ने ‘बोलता हिंदुस्तान’ चैनल को बंद कर दिया और अन्य चैनलों को नोटिस भेजे गए। वहीं अगर ईवीएम जैसे मुद्दों पर बात की जाती है तो ऐसी वीडियो का मॉनिटाइजेशन बंद कर दिया जा रहा है। आज मोदी सरकार के काले कारनामे बताने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है।
श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार ने मुख्यधारा की मीडिया को तो अपने कब्जे में ले लिया है, जहां दिन-रात मोदी-मोदी होता रहता है। लेकिन मोदी सरकार यूट्यूब चैनल, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स को बंद करवाने का काम इसलिए कर रही है,क्योंकि वहां चरण वंदन नहीं हो पा रहा है। ये तब हो रहा है जब इंडियन आईटी एक्ट के दो क्लॉज़ पर मद्रास हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। यह चिंताजनक है,क्योंकि यह शैडोबैन और रीच ख़त्म करने का विषय है, जो लोगों के आय के साधन पर सीधा प्रहार है।