वॉशिंगटन, 27 जनवरी: अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई जारी है। इसी के तहत अब अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारी अब गुरुद्वारों में भी अवैध अप्रवासियों की तलाश कर रहे हैं। होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारियों ने न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों में जाकर अवैध अप्रवासियों की तलाश की। हालांकि जांच अधिकारियों की इस कार्रवाई ने सिख संगठनों को नाराज कर दिया है और उन्होंने इसे आस्था से खिलवाड़ बताया है।

ट्रंप ने बदले नियम

न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के कुछ गुरुद्वारों को लेकर माना जाता है कि वहां सिख अलगाववादी और अवैध अप्रवासी रहते हैं। पूर्व की बाइडन सरकार में ऐसे नियम थे कि पूजास्थलों, स्कूल आदि में आव्रजन और सीमा सुरक्षा जांच एजेंसियां कार्रवाई नहीं कर पाती थीं। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश से उस पाबंदी को खत्म कर दिया है। होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारियों का कहना है कि अब अपराधी और अवैध अप्रवासी स्कूलों, चर्च या अन्य पूजा स्थलों में छिप नहीं सकेंगे।

वहीं होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा गुरुद्वारों में छापेमार कार्रवाई का सिख संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। एक बयान में सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड ने संवेदनशील जगहों जैसे पूजास्थलों, स्कूल आदि में तलाशी की आलोचना की। संगठन ने कहा कि गुरुद्वारे सिर्फ पूजा की जगह ही नहीं हैं बल्कि ये सामुदायिक भवन है, जो सिखों और अन्य समुदायों की मदद करते हैं। इस तरह गुरुद्वारों को निशाना बनाने से पूरे सिख समुदाय में नाराजगी पैदा होगी। एक अन्य संगठन ने कहा कि बिना वारंट या वारंट के साथ भी गुरुद्वारों की निगरानी करना अस्वीकार्य है। ये हमारी आस्था पर हमला है और इससे धार्मिक क्रियाकलाप प्रभावित होंगे।

सहयोग न करने वाले देशों पर लगाएंगे प्रतिबंध

अमेरिकी संसद के निचले सदन के स्पीकर माइक जॉनसन ने चेतावनी दी है कि जो भी देश अमेरिका से निर्वासित हुए अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करेगा, उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है। कोलंबिया ने पूर्व में अपने निर्वासित नागरिकों को वापस भेजने के अमेरिका के तरीके से नाराजगी जाहिर करते हुए अपने नागरिकों को वापस लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद ट्रंप सरकार ने कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्देश दिया तो कोलंबिया की सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने का फैसला किया।

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