Headline
नारद बाबा के आश्रम पर श्री सहस्त्रचण्डी महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा की तैयारी पूरी
दिल्ली की मंत्री आतिशी का अनशन तीसरे दिन भी जारी, कहा हरियाणा से नहीं आ रहा पानी
लोकसभा का सत्र सोमवार से, महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सदन में शोरगुल के आसार
महाराष्ट्र: नीट पेपर लीक मामले में दो शिक्षक गिरफ्तार
अब मोतिहारी में गिरा निर्माणाधीन पुल, एक हफ्ते में तीसरी घटना
इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल
बिहार में 26 जून से होने वाली शिक्षक सक्षमता परीक्षा स्थगित, जल्द घोषित की जाएगी नई तिथि
निष्पक्षता से प्रश्न पत्र लीक मामले की हो जांच, नहीं तो राजद करेगी खुलासा : तेजस्वी
बिहार के सीवान जिले में गंडक नहर पर बना 30 फीट लंबा पुल गिरा

सुप्रीम कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में राहुल की सजा पर लगाई रोक

नई दिल्ली, 04 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी उपनाम आपराधिक मानहानि मामले में दो वर्षों की सजा पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज किये जाने के बाद निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार की शीर्ष अदालत की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।

पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि निचली अदालत ने (राहुल गांधी को) अपराधिक मानहानि की सजा के तौर पर भारतीय दंड संहिता के तहत निर्धारित अधिकतम दो सालों की सजा देने के पीछे कोई विशेष वजह नहीं बताई। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में सजा और जुर्माने दोनों के प्रावधान हैं।

पीठ में गुजरात उच्च न्यायालय के इस संदर्भ में राहुल गांधी की अपील खारिज करने के फैसले पर कहा कि दोषसिद्धि पर रोक को खारिज करने के लिए काफी पन्ने खर्च किए हैं, लेकिन उनके (उच्च न्यायालय के) आदेशों में इन पहलुओं (अधिकतम सजा देने के कारणों) पर विचार नहीं किया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने ‘मोदी सरनेम’ यानी मोदी उपनाम की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता श्री गांधी को अपराधिक मानहानि का दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर उनकी विशेष अनुमति याचिका पर 21 जुलाई को पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था।

कांग्रेस नेता के वर्ष 2019 की एक टिप्पणी के मामले में आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराए जाने और इसके लिए दो साल की सजा देने के मामले में निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के फैसले के खिलाफ 15 जुलाई 2023 को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top