कोलकाता/नई दिल्ली, 18 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कवि रविंद्रनाथ टैगोर के निवास शांतिनिकेतन को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा देने पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे देश के लिए गौरव का क्षण बताया।

श्री मोदी ने रविवार को एक्स पर ट्वीट किया, “बहुत खुशी महसूस हो रही है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के दृष्टिकोण और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत शांतिनिकेतन को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। यह सभी देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है।”

स्पेन की आधिकारिक यात्रा पर गईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोबेल पुरस्कार विजेता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बंगाल का गौरव शांतिनिकेतन के कवि गुरुदेव टैगार से है और पीढ़ियों से बंगाल के लोगों ने इसका समर्थन किया है।

उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) में कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार से पिछले 12 वर्षों में अवसंरचना में बहुत प्रगति की है और दुनिया अब विरासत स्थान की महिमा को पहचानती है। बंगाल से प्यार करने वाले सभी लोगों को बधाई।”

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को आधिकारिक रूप से यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हो गया है और यह भारत की 41वीं विश्व धरोहर संपत्ति बन गया है।

एएसआई ने अपने एक्स पोस्ट पर कहा, “सऊदी अरब के रियाद में आयोजित 45वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले बोलपुर उपखंड में बोलपुर शहर के समीप है और यह कोलकाता से लगभग 152 किमी उत्तर में है।”

शांतिनिकेतन की स्थापना महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर द्वारा की गई थी और बाद में उनके पुत्र रवींद्रनाथ टैगोर ने इसका विस्तार किया था, जिनकी दृष्टिकोण से एक केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती का निर्माण हुआ।

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