प्रयागराज, 08 अक्टूबर : वायु सेना को 92 वें स्थापना दिवस पर रविवार को यहां नया ध्वज मिल गया जिसके साथ ही यह दिन वायु सेना के इतिहास में ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हो गया। इस तरह नौसेना के बाद वायु सेना को नया ध्वज मिल गया है। नौसेना ने भी पिछले वर्ष ही नया ध्वज अपनाया था।

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायु सेना की 91 वीं वर्षगांठ के मौके पर यहां आयोजित भव्य समारोह में नये वायु सेना ध्वज का अनावरण किया। इस मौके पर वायु सेना की ताकत और मारक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए भव्य परेड निकाली गयी।

वायु सेना के अनुसार नया ध्वज भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करने के लिए बनाया गया है। इसके लिए ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में ‘फ्लाई साइड’ की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है। इस क्रेस्ट में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के रणकौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग की एक अंगूठी जैसी आकृति हिमालयी ईगल को घेरे हुए है जिस पर ‘भारतीय वायु सेना’ लिखा है। हिमालयी ईगल के नीचे सुनहरे रंग में देवनागरी में भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ अंकित है। यहआदर्श वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ ‘उज्ज्वल तू स्वर्ग को छूएगा’ या दूसरे शब्दों में ‘गौरव के साथ आकाश को छूना’ है।

इतिहास में पीछे जाएं तो राॅयल वायुसेना के ध्वज में ऊपरी ओर बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर रॉयल वायु सेना का लाल, सफेद और नीले रंग का निशान शामिल था। स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और ‘रॉयल वायु सेना निशान’ को ‘वायु सेना तिरंगे’ के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *