अहमदाबाद, 19 जनवरी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भगवान राम, सीता और लक्ष्मण काे भारतीय संविधान का अंग बताते हुए शुक्रवार को कहा कि संविधान की मूल प्रति में दिए गए चित्र भारत की 5000 साल पुरानी सभ्यता के लोकाचार की झलक पेश करते हैं।
उपराष्ट्रपति आज गुजरात के अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के 72वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मौलिक अधिकारों के खंड में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का चित्रण संविधान का अभिन्न अंग है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा,“ ऐसे प्रमुख खंड प्रसारित संस्करणों से बाहर हैं। ये चित्र हमारे संविधान का एक अभिन्न अंग हैं।”
उन्होंने युवाओं को नवाचार में संलग्न होने और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उद्योगों को अनुसंधान और विकास के मामले में शैक्षणिक संस्थानों को संभालना चाहिए ताकि युवा प्रौद्योगिकियों के सकारात्मक पहलुओं का उपयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएं।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि युवा राजनीतिक तंत्र के रूप में अशांति और विघटन को हथियार बनाने वालों को जवाबदेह बनाएं। उन्हाेंने संविधान सभा के सदस्यों द्वारा निर्धारित मूल्यों के प्रति सचेत रहने के लिए जन प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
गुजरात को महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमि बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों का एकीकरण श्री पटेल की भागीदारी से हुआ था। संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को अस्थायी प्रावधानों ने स्थायी का रूप ले लिया था। उन्होंने कहा कि अगर श्री पटेल जम्मू-कश्मीर के एकीकरण में भी शामिल होते, ये मुद्दे पैदा नहीं होते।