नई दिल्ली, 24 मई: मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने नजफगढ़ जोन में निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट का आज निरीक्षण किया। बायोगैस प्लांट की शुरुआत ट्रायल मोड पर गुरुवार से होगी। डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि यह प्लांट लैंडफिल साइटों पर पशुओं के गोबर की डंपिंग को कम करेगा। प्लांट में क्षेत्र की लगभग 1,500 डेयरियों से निकलने वाले गोबर से बायो गैस और जैविक खाद बनेगी।

मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने विधायक गुलाब सिंह के साथ नजफगढ़ जोन के नंगली सकरावती क्षेत्र में निर्माणाधीन बायोगैस प्लांट का निरीक्षण किया। प्लांट में गोबर से गैस बनने की शुरुआत 25 मई से हो जाएगी। इसे पहले ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा रहा है। पांच माह बाद अक्टूबर से पूरी क्षमता के साथ काम करेगा।

मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि गोबर गैस प्लांट के निर्माण से क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या का हल हो जाएगा। इस प्लांट के संचालन से डेयरी मालिकों और स्थानीय लोगों को लाभ होगा। इस प्लांट के पूरी क्षमता के साथ शुरू होने से कचरा प्रबंधन के काम में बड़ा योगदान मिलेगा। लैंड फिल साइट पर कचरे की मात्रा में कमी आयेगी। डेयरी क्षेत्रों में साफ सफाई में सुधार होगा और नालियों में गोबर नहीं बहेगा। साथ ही बीमारियों के फैलने पर लगाम लगेगी और पर्यावरण संरक्षण होगा।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के विजन के अनुरूप दिल्ली को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने की दिशा में एमसीडी की ओर से ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। प्लांट में इस क्षेत्र की लगभग 1,500 डेयरियों से निकला 200 मीट्रिक टन पशु गोबर का प्रतिदिन निष्पादन होगा। बायो गैस व जैविक खाद का उत्पादन होगा। इस अवसर पर पार्षद सुदेश, उपायुक्त प्रदीप कुमार सहित निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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