श्रीनगर, 14 मई : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि श्रीनगर लोकसभा सीट पर भारी मतदान कश्मीर के लोगों की ओर से दिल्ली के लिए एक संदेश है कि 2019 में लिये गये फैसलों को उन्होंने स्वीकार नहीं किया है।
सुश्री मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में संवाददाताओं से कहा, “कल श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के लिए मतदान प्रतिशत अच्छा रहा और लोगों ने दिल्ली को संदेश दिया है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला कश्मीर के लोगों ने स्वीकार नहीं किया है। साथ ही, राज्य के विषय, भूमि और रोजगार के संबंध में लिये गये फैसले भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्वीकार्य नहीं हैं।”
सोमवार को श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में 38 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1996 के बाद सबसे अधिक है।
पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जिन जगहों पर लोग पीडीपी को वोट देने के लिए एकत्र हुए थे, वहां मतदान में गड़बड़ी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर मतदान धीमा कराया गया।
सुश्री मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं, जहां 25 मई को मतदान होने वाला है। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि राजौरी, पुंछ, अनंतनाग, कुलगाम और वाची के लोगों को यदि अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट के लिए मतदान के दौरान 10 घंटे तक कतार में इंतजार करना पड़े तो भी वे खड़े रहें और वोट देने तक वापस नहीं लौटे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “श्रीनगर में लोग घुटन महसूस कर रहे थे और चाहते थे कि उनकी आवाज संसद तक पहुंचे ताकि देश के लोगों को पता चल सके कि हमें (लोगों को) दबाया जा रहा है और हम परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यह आवाज अनंतनाग, कुलगाम, राजौरी और पुंछ के लोगों को प्रोत्साहित करेगी और लोग बड़े पैमाने पर मतदान करेंगे।”
सुश्री मुफ्ती ने कहा कि श्रीनगर के चुनाव का असर अन्य लोकसभा सीटों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा, “स्वाभाविक रूप से जो स्थिति श्रीनगर, पुलवामा में है, वही स्थिति अनंतनाग, कुलगाम में भी है।”