कोलकाता, 13 दिसंबर: पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान वोटर लिस्ट में ऐसी गंभीर खामियां पाई गई हैं, जिन्होंने चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, लाखों मतदाताओं के विवरण में भारी गड़बड़ियां दर्ज की गई हैं।

SIR के तहत की गई जांच में सामने आया कि करीब 85 लाख वोटर्स के पिता का नाम या तो गलत दर्ज है या फिर अधूरा है इतनी बड़ी संख्या में पारिवारिक विवरण की त्रुटियां होना प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है।

सबसे हैरान करने वाला मामला तब सामने आया जब यह पाया गया कि 

करीब 13.5 लाख मतदाताओं के माता और पिता के कॉलम में एक ही नाम दर्ज है। यानी दस्तावेजों में मां और पिता एक ही व्यक्ति बताए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह या तो डेटा एंट्री की गंभीर गलती है या फिर बिना सही सत्यापन के नाम जोड़े गए हैं।

इतना ही नहीं, उम्र से जुड़ी विसंगतियां भी सामने आई हैं

कई मामलों में पिता और पुत्र की उम्र में तार्किक अंतर ही नहीं पाया गया। कहीं पिता बेटे से सिर्फ 5-7 साल बड़े दिखाए गए हैं, तो कहीं बेटे की उम्र पिता से ज्यादा दर्ज है। इसे ‘उम्र का गणित फेल’ बताया जा रहा है।

राजनीतिक दलों ने इन खुलासों को लेकर चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ियां होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि SIR का उद्देश्य ही ऐसी खामियों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करना है और आगे सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

फिलहाल, वोटर लिस्ट में सामने आई इन गड़बड़ियों ने बंगाल की सियासत को गरमा दिया है और आने वाले समय में इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान और तेज होने के आसार हैं।

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