Headline
सीएम आतिशी ने रंगपुरी पहाड़ी का किया दौरा, जल्द समस्याओं के समाधान का दिया भरोसा
किसानो को सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन देना सर्वोच्च प्राथमिकता: ऊर्जा सचिव
संभल में तीर्थ प्रकट हो रहे हैं मतलब भगवान कल्की अवतार लेने वाले हैं: आचार्य कृष्णम
सरकार एयरपोर्ट्स पर शुरू करेगी यात्रियों के लिए सस्ती कैंटीन, संसद में राघव चड्ढा ने उठाया था महंगे खानपान का मुद्दा
भाजपा ने की केजरीवाल के पूर्वांचल के लोगों को बंगलादेशी और रोहिंग्या से जोड़ने की कड़ी निंदा
सोमवार से महिला सम्मान और संजीवनी योजना का रजिस्ट्रेशन
आम आदमी पार्टी के पिछले 10 वर्षों के कुशासन ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है : विजेंद्र गुप्ता
‘महिला सम्मान’ और ‘संजीवनी’ योजना केजरीवाल का चुनावी जुमला : बांसुरी स्वराज
तेजस्वी ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की, बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग का किया समर्थन

प्रधानमंत्री का विपक्ष पर निशाना:देश की बदहाली के लिए जिम्मेदार लोग ‘अपनी दुकान’ खोलकर बैठ गए हैं

पोर्ट ब्लेयर, 18 जुलाई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को वापस लाने का मन बना चुके हैं इसलिए ‘देश की बदहाली’ के लिए जिम्मेदार लोग एक बार फिर ‘अपनी दुकान’ खोलकर बैठ गए हैं।

यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये एकीकृत टर्मिनल का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भारत कहां से कहां पहुंच सकता था, लेकिन भारतीयों के सामर्थ्य के साथ ‘भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों’ ने अन्याय किया।

उन्होंने कहा, ”आजादी के 75 साल बाद हमारा भारत कहां से कहां पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है। लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ हमेशा भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया है।”

मोदी ने दावा किया कि आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार ‘हमारी सरकार’ वापस लाने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, ”ऐसे में भारत की बदहाली के लिए जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोल कर बैठ गए हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ ‘लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए’ है लेकिन इन परिवारवादी पार्टियों का एक ही मंत्र है और वह है ‘परिवार का, परिवार द्वारा, परिवार के लिए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के लिए, उनका परिवार सबसे पहले है और राष्ट्र कुछ भी नहीं है।

विपक्ष के कई दलों के शीर्ष नेता मंगलवार को बेंगलुरु में औपचारिक रूप से मंत्रणा के लिए जुटे हैं कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए।

कांग्रेस ने दावा किया है कि इस बैठक में 26 विभिन्न दलों के नेता शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों की इस बैठक को ‘कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन’ करार दिया और अवधी भाषा की एक कविता की कुछ पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, ”गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 (2024) के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।”

मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के नेता देश के लोकतंत्र और संविधान को ‘अपना बंधक’ बनाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ”इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा – नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।”

मोदी ने कहा कि ‘इनकी दुकान’ पर दो चीजों की गारंटी मिलती है और वह गारंटी है ‘जातिवाद का जहर’ और ‘असीमित भ्रष्टाचार’।

बेंगलुरु की बैठक का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ”आप देखिए, यह लोग कितने चेहरे लगा कर बैठे हैं। जब यह लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं तो पहला विचार देश के सामने यही आता है… पूरा फ्रेम देख करके देशवासी यही बोल उठता है… लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार। यह तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। लेबल कुछ और लगाया है माल कुछ और है। इनका उत्पाद है 20 लाख करोड रुपए के घोटाले की गारंटी।”

उन्होंने कहा, ”इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं, बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है – अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ।”

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पिछले नौ साल में हुए विकास कार्यो का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा और कुछ दलों की ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं।

उन्होंने कहा, ”ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिनमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा ये हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और द्वीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top