पटना, 09 जुलाई: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने का संकेत दिया।
उन्होंने बिहार में हाल के उपचुनावों में राजग के लिए प्रचार किया था। लोजपा के अलग होकर बने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की बैठक में चिराग पासवान को ‘किसी भी गठबंधन’ में पार्टी के शामिल होने को लेकर निर्णय लेने के लिए ‘अधिकृत’ किया गया। चिराग पासवान के दिवंगत पिता राम विलास पासवान ने लोजपा की स्थापना की थी।
लोक जनशक्ति (रामविलास) की बैठक ऐसे दिन हुई है जब भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने चिराग से भेंट की और उनके आवास को ‘अपना दूसरा घर’ बताया।
राय ने चिराग के साथ किसी गठजोड़ के बारे में कुछ कहने से इनकार किया लेकिन यह जरूर कहा, ”भाजपा और दिवंगत रामविलास भाई के मूल्य एक समान हैं। दोनों के मूल्य जनता को सेवा के जरिये प्रसन्न करने पर आधारित है। ”
जब चिराग से राजग में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ” मेरे लिए उनसे पहले कोई घोषणा करना गठबंधन की ‘मर्यादा’ के विरूद्ध है। वे (राजग) अपना मन बनाने से पहले दूसरे दौर की बातचीत कर सकते हैं।”
भाजपा के प्रति चिराग का लगाव तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उनके द्वारा की गयी प्रशंसा जगजाहिर है लेकिन माना जा रहा है कि गठबंधन की राह में कुछ रूकावट है।
चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। पारस ने रामविलास पासवान के निधन के बाद बगावत कर दिया था, फलस्वरूप लोजपा विभाजित हो गयी थी।
चाचा और भतीजा दोनों कई बार कह चुके हैं कि जिस गठबंधन में दूसरा होगा, वह उसका हिस्सा नहीं बनेंगे।
चिराग ने रविवार को अपने चाचा के बारे में कोई नया बयान नहीं दिया लेकिन उन्होंने पहले स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी ‘नि:संदेह’ हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेगी जिसका उनके पिता ने कई बार संसद में प्रतिनिधित्व किया था। इस समय उनके चाचा इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं।
जमुई से दूसरी बार सांसद चुने गए चिराग से जब पूछा गया कि क्या उन्हें भी मंत्रिपरिषद में जगह देने की पेशकश की गयी है, तो उन्होंने कहा, ” गठबंधन का हिस्सा बनने का मेरा फैसला मंत्रिपद के बजाय लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में संभावना से अधिक प्रभावित है।’