नई दिल्ली, 17 अप्रैल: भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया कि नेशनल हेराल्ड मामला ‘‘धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं धन शोधन का एक स्पष्ट मामला है’’ और राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा परमार्थ उपयोग के लिए नेशनल हेराल्ड को दी गई संपत्तियों का निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने के कारण अपने नेताओं के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
पुरी ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षी दल के नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है । उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘नेता अपने ही कार्यकर्ताओं को गुमराह कर रहे हैं। अगर उन्हें विरोध करना है, तो उन्हें अपने नेतृत्व के खिलाफ विरोध करना चाहिए।’’
सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी होने के तथ्य की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी ने 50 लाख रुपये की मामूली राशि के लिए एसोसिएटेड जर्नल्स के 99 प्रतिशत शेयर हस्तांतरित कर दिए । नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व एसोसिएटेड जर्नल्स के पास है।
पुरी ने कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स के पास 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं धन शोधन का एक स्पष्ट मामला है।’’
पुरी ने कहा कि यह मामला उस समय का है जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार सत्ता में थी। तत्कालीन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने दावा किया था कि सार्वजनिक धन का निजी इस्तेमाल के लिये यंग इंडियन की स्थापना की गयी थी।
एक उदाहरण देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस से संबद्ध अखबार को 1963 में प्रेस और कार्यालय चलाने के लिए बहादुर शाह जफर मार्ग पर 0.3365 एकड़ जमीन 1.25 लाख रुपये प्रति एकड़ की रियायती दर पर आवंटित की गई थी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रेस को बहुत पहले बंद कर दिया गया था और इसकी चार मंजिलें पासपोर्ट कार्यालय एवं एक कॉर्पोरेट समूह को भारी रकम पर किराए पर दे दी गई थीं।