वॉशिंगटन, 15 दिसंबर: अमेरिका में काम करने का सपना देख रहे विदेशी पेशेवरों, खासकर भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा आवेदकों के लिए नियमों को और कड़ा करते हुए एक नया आदेश जारी किया है। इसके तहत आज से वीजा एप्लीकेंट्स की सोशल मीडिया स्क्रीनिंग की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है।

नए आदेश के अनुसार, H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जाएगी। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और आव्रजन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वीजा अप्रूवल की प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है।

इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की आशंका है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। आईटी, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और हेल्थ सेक्टर में काम करने वाले हजारों भारतीय इस वीजा पर अमेरिका में कार्यरत हैं या आवेदन की तैयारी में हैं।

वहीं, अमेरिकी कंपनियों की चिंता भी बढ़ गई है। कई बड़ी टेक कंपनियां विदेशी टैलेंट पर निर्भर हैं और नियमों में सख्ती से उनकी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। आव्रजन समर्थक संगठनों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे निजता से जुड़ा मामला बताया है।

कुल मिलाकर, ट्रंप प्रशासन का यह फैसला H-1B वीजा नीति को और सख्त बनाता दिख रहा है, जिससे भारतीय आवेदकों और अमेरिकी कंपनियों—दोनों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

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