बलिया, 07 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र के संवरूपुर गांव में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक को कक्षा तीन की छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय, हरिजन बस्ती, संवरूपुर में कार्यरत सहायक अध्यापक देवेंद्र भारती ने गत चार अक्टूबर को कक्षा तीन की छात्रा के साथ कथित तौर पर अश्लील हरकत की थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि प्राथमिक विद्यालय, हरिजन बस्ती, संवरूपुर में कार्यरत सहायक अध्यापक देवेंद्र भारती को शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। सिंह के मुताबिक, यह कार्रवाई खंड शिक्षा अधिकारी की गत छह अक्टूबर को की गई संस्तुति व जांच आख्या के आधार पर की गई है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपी शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं और खंड शिक्षा अधिकारी, दुबहड़ को प्रकरण का जांच अधिकारी नामित किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना से ही दलितों और पिछड़ों को मिलेगा वाजिब हक : मायावती
लखनऊ, 03 अक्टूबर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी जातिवार जनगणना कराये जाने की जरूरत बताते हुए मंगलवार को कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका वाजिब हक तभी मिलेगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना करायेगी। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गयी सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ”बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जातीय जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक होने की खबरें आज खासी सुर्खियों में हैं तथा उस पर गहन चर्चाएं जारी हैं। कुछ पार्टियाँ इससे असहज ज़रूर हैं मगर बसपा के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के संवैधानिक हक के लंबे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है।” उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी सिलसिले में की गयी एक अन्य पोस्ट में कहा, ”वैसे तो उत्तर प्रदेश सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जनभावना और जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना/सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए, किन्तु इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी।” मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ”बसपा को प्रसन्नता है कि देश की राजनीति उपेक्षित ‘बहुजन समाज’ के पक्ष में नई करवट ले रही है, जिसका नतीजा है कि एससी/एसटी आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने तथा घोर ओबीसी व मण्डल विरोधी जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिंतित नजर आने लगे हैं।” बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गत सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित जातिवार सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए थे। इसके मुताबिक ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों की राज्य की कुल आबादी में 63 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आंकड़ों के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत है।
लखनऊ में मकान की छत गिरी,एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत
लखनऊ, 16 सितंबर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में शनिवार को एक जर्जर मकान की छत गिरने से तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे पर दुख व्यक्त करते हुये पीड़ित परिवार के परिजनो के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आनंद नगर इलाके में रेलवे कॉलोनी में तड़के चार से पांच बजे के बीच एक जर्जर घर की छत भरभरा कर गिर गयी। इस हादसे में सतीश चंद्र (40), उनकी पत्नी सरोजिनी देवी (35), बेटे हर्षित (13), अंश (5) और बेटी हर्षिता (10) मलबे में दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और एसडीआरएफ टीम ने मौके पर पहुंच कर राहत और बचाव अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि घायलों को मलबे से बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूत्रों ने बताया कि यह घर एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी का था और उनकी मृत्यु के बाद उनका परिवार वहां रह रहा था।रेलवे अधिकारियों के अनुसार, घर को परित्यक्त घोषित कर दिया गया था और इसे खाली करने का नोटिस दिया गया था।
नवोदय विद्यालय के आठ छात्रों के खिलाफ अपने ही स्कूल के छात्र से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज
मुजफ्फरनगर (उप्र), 24 अगस्त : मुजफ्फरनगर से सटे शामली जिले में एक नवोदय विद्यालय के छात्रावास के आठ छात्रों द्वारा इसी स्कूल में पढ़ने वाले एक लड़के के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि पीड़ित के परिवार द्वारा बुधवार को थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार बीते 17 अगस्त को हॉस्टल में आठ लड़कों ने पीड़ित लड़के की पिटाई की और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोप है कि इन्हीं लड़कों ने 25 जुलाई को भी हॉस्टल में उसके साथ कुकर्म किया था। शामली के पुलिस अधीक्षक अभिषेक ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर सभी आठ आरोपी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीड़ित लड़के को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। इस बीच, स्कूल प्रबंधन ने सभी आरोपी छात्रों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर राजभवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
लखनऊ, 16 अगस्त : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राजभवन में स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें सिक्किम तथा गुजरात से आए कलाकारों, भिक्षा से शिक्षा की तरफ उन्मुख हुए ‘उम्मीद‘ संस्था के बच्चों तथा राजभवन में अध्यासित परिवारों के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। राज्यपाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों का उत्साहवर्द्धन करते हुए बधाई दी। देश प्रेम की भावना को अंगीकृत करते हुए प्रतिभागी बच्चों ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया और मधुर सामूहिक स्वरों में राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत देश भक्ति के गीतों की प्रस्तुति दी। सिक्किम और गुजरात से आए प्रतिभागी बच्चों ने अपने राज्यों के लोकनृत्यों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में ‘उम्मीद‘ संस्था के बच्चों ने देशभक्तिपरक नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों को सम्मोहित किया। राजभवन में अध्यासित परिवारों के बच्चों ने रामायण के लव कुश प्रसंग की भावपूर्ण नाट्य प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों में देश प्रेम का उत्साह और लोक संस्कृति के प्रति गौरवपूर्ण भावना और आकर्षण नजर आया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों का उत्साहवर्द्धन करते हुए बधाई दी। उन्होंने आयोजकों से प्रस्तुतियों की समीक्षा करके भविष्य में गुणवत्ता सुधार करने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों से नाट्य प्रस्तुति में जिस पात्र का अभिनय कराया जाए, उस पात्र का जीवन चरित्र और इतिहास में उसकी घटनाओं के प्रसंगों से भी बच्चों को अवगत कराया जाए। उन्होंने सिक्किम और गुजरात से आए कलाकारों से उत्तर प्रदेश भ्रमण के अनुभवों को भी पूछा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विधान परिषद के सभापति कुं मानवेंद्र सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ़ सुधीर महादेव बोबडे, विशेष सचिव बीएन सिंह, जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार सहित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों तथा गणमान्य नागरिकों ने भाग लेकर राज्यपाल को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।
आजमगढ़ में छात्रा की मौत का मामला: शिक्षकों की गिरफ्तारी के विरोध में सभी निजी स्कूल बंद
लखनऊ/आजमगढ़ (उप्र), 08 अगस्त: आजमगढ़ के एक स्कूल में कथित रूप से मोबाइल फोन जब्त होने से क्षुब्ध कक्षा 11 की एक छात्रा द्वारा स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी किये जाने के मामले में प्रधानाचार्या और एक शिक्षक की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश निजी विद्यालय बंद रहे। ‘एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश’ के अध्यक्ष अतुल कुमार ने मंगलवार को बताया कि संगठन के आह्वान पर राज्य के सभी निजी स्कूल बंद रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजमगढ़ की घटना की निष्पक्ष जांच कराये बगैर स्कूल की प्रधानाचार्या और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार शाम गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से मुलाकात करके आजमगढ़ प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश दिये। कुमार ने बताया कि संगठन के सभी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके आगे की रणनीति तय की जाएगी। गौरतलब है कि आजमगढ़ शहर स्थित ‘चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज’ में कक्षा 11 की छात्रा श्रेया तिवारी की पिछली 31 जुलाई को संदिग्ध हालात में विद्यालय की छत से गिरने से मौत हो गयी थी। इस घटना को लेकर छात्रा के परिजन के साथ-साथ कई सामाजिक तथा महिला संगठनों ने सड़क पर उतरकर विरोध जताया था। पुलिस ने इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्या सोनम मिश्र और कक्षा अध्यापक अभिषेक राय के खिलाफ हत्या और खुदकुशी के लिये उकसाने के आरोपों में मामला दर्ज कर पांच अगस्त को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के मुताबिक प्रधानाचार्या के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। मामले की सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला है कि छात्रा अपनी कक्षा से दोपहर 12 बजे निकलकर प्रधानाचार्या के कार्यालय में गयी और बाद में दफ्तर के बाहर काफी देर तक खड़ी रही। करीब सवा एक बजे वह काफी तेजी से सीढ़ियों के रास्ते विद्यालय की तीसरी मंजिल पर जाती नजर आयी। एक अन्य फुटेज में छात्रा के गिरने का वीडियो भी शामिल है। ऐसा लगता है कि जिस जगह लड़की गिरी वहां खून के धब्बों को धो दिया गया। आर्य ने बताया कि अब तक की विवेचना में यह तथ्य सामने आया है कि छात्रा के पास मोबाइल फोन मिला था। उसकी समुचित काउंसलिंग करने के बजाय अमानवीय रवैया अपनाते हुए छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। घटना वाले दिन भी उसे प्रधानाचार्या के कक्ष में मानसिक प्रताड़ना दी गई और सजा के तौर पर कक्ष के बाहर काफी देर तक खड़ा रखा गया। इसी वजह से छात्रा ने यह कदम उठाया। मामले की जांच जारी है।
जुमे की नमाज के चलते कुछ देर के लिए ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे रोका गया
वाराणसी, 04 अगस्त : इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर अन्य हिस्से का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम सर्वे कर रही है। मस्जिद में जुमे की नमाज को देखते हुए मस्जिद परिसर और आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जिला प्रशासन ने सर्वे के बीच जुमे की नमाज को सकुशल सम्पन्न कराने के कार्य को चुनौती के रूप में लिया है। नमाज के दौरान सुरक्षा कारणों से कुछ देर के लिए एएसआई टीम के सर्वे को रोक दिया गया है। अपराह्न 02 बजे के बाद फिर सर्वे कार्य शुरू हो जाएगा। जिलाधिकारी एस.राजलिंगम और पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन सुरक्षा व्यवस्था की कमान थाम खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एएसआई टीम ज्ञानवापी क्षेत्र को चार भागों में बांट कर सर्वे कर रही है। प्रदेश शासन के निर्देश पर पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। सर्वे टीम सबसे ज्यादा ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। उधर, सुरक्षा कारणों से मैदागिन से गोदौलिया तक बैरिकेडिंग कर इस क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। केवल पैदल राहगीर और दर्शनार्थियों को ही काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने दिया जा रहा था। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ही मंदिर प्रबंधन के कर्मियों के मोबाइल भी जमा कराए गए हैं। एएसआई के सर्वे में साफ हो जाएगा कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया है कि नहीं, मस्जिद के पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच के साथ तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे, सभी तहखानों की जांच होगी। इमारत की उम्र, निर्माण की प्रकृति का पता लग सकेगा।
दर्शन नगर और भरत कुंड रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण की आधारशिला रखेंगे प्रधानमंत्री
अयोध्या (उप्र), 03 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह अगस्त को अयोध्या के दर्शन नगर और भरत कुंड रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण और उन्नयन कार्य की आधारशिला रखेंगे। फैजाबाद से सांसद लल्लू सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि अमृत योजना के तहत रेल मंत्रालय ने दर्शन नगर और भरत कुंड रेलवे स्टेशन के विकास के लिए क्रमश 20 करोड़ रुपये और 16 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी छह अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अमृत योजना के तहत चयनित लगभग दो दर्जन रेलवे स्टेशनों के नवीनीकरण का शिलान्यास करेंगे, जिनमें दर्शन नगर और भरत कुंड भी शामिल हैं।
ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे रोकने संबंधी याचिका उच्च न्यायालय में खारिज
प्रयागराज, 03 अगस्त : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण राेकने संबंधी मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरूवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुये अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि सर्वे पर लगी रोक समाप्त की जाती है। कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे को लेकर कहा कि उस हलफनामा पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। हलफनामा में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच भर भी नुकसान नहीं होगा। उच्च न्यायालय ने वाराणसी की निचली अदालत के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एएसआई सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। एएसआई ने अपने बयान में कहा था कि परिसर में खुदाई करने का उसका कोई इरादा नहीं है। गौरतलब है कि पिछली 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को मंजूरी प्रदान की थी जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने जिला जज के फैसले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने 27 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की बात कही थी। जिसके बाद एएसआई की ओर से एक हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले के बाद अब कभी भी ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे शुरू किया जा सकता है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता के मुताबिक कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया कि सर्वे को किसी भी स्टेज पर शुरू किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वाराणसी जिला प्रशासन ने ज्ञानवापी के सर्वे पर लगाई रोक
वाराणसी/नई दिल्ली, 24 जुलाई : जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के निर्देश पर सोमवार की सुबह से शुरू ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक रोक लगा दी है। देश के उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने के लिए भी कहा है। हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के दो दिन के स्टे पर कहा है कि हम भी हाईकोर्ट जाएंगे और मसाजिद कमेटी की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराएंगे। इस संबंध में वाराणसी कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के ज्ञानवापी सर्वे केस में एएसआई को 26 जुलाई तक सर्वे रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इसके क्रम में सर्वे की कार्यवाही 26 जुलाई की शाम तक तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। उधर, सुबह से ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे में मस्जिद परिसर की नापजोख के साथ फोटोग्राफी की गई। नींव के पास खोदाई कर मिट्टी और ईंट-पत्थर के टुकड़े सैंपल के तौर पर एएसआई ने लिया। मशीनों से दीवारों को स्कैन करने के साथ कागज लगा कर उनका सैंपल भी टीम ने लिया। 43 सदस्यीय एएसआई टीम ने शुरुआती दौर में परिसर के हर पत्थर और ईंट की ऊंचाई भी नापी। सर्वे के लिए टीम झाड़ू और फावड़े से लेकर अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग भी किया। सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष का कोई सदस्य नहीं पहुंचा था। मुस्लिम पक्ष की गैरमौजूदगी में सर्वे के काम में सहयोग के लिए पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग की टीम को लगाया गया था। उल्लेखनीय है कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश पर सोमवार की सुबह ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य स्थानों का वैज्ञाानिक सर्वे के लिए एएसआई की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी परिसर पहुंची थी। ज्ञानवापी परिसर में पुरातत्व सर्वे को लेकर देर रात एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी ने पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और जिलाधिकारी एस राजलिंगम सहित जिला प्रशासन के अफसरों संग बैठक की थी। बैठक में तय हुआ कि पुरातत्व सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एक समय में वादी व प्रतिवादी के साथ केवल एक-एक अधिवक्ता समेत 10 लोग मौजूद रहेंगे। इसके लिए रात में ही 20 लोगों के नाम से पास जारी भी हो गए। अधिकारियों ने बैठक में सर्वेक्षण की तैयारियों पर चर्चा की। सर्वे टीम ने सुरक्षा, संसाधन आदि कई बिंदुओं पर सहयोग मांगा। जिला प्रशासन ने सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए। एएसआई के कहने पर पुलिस आयुक्त और डीएम ने रविवार की देर रात ही अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष के साथ अलग-अलग बैठक की।