महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: महाकुंभ नगर में आस्था और श्रद्धा का महापर्व चल रहा है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए आ रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सोमवार को परिवार संग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर मां गंगा, यमुना और सरस्वती को नमन किया। उन्होंने इसे धार्मिक महापर्व बताते हुए कहा कि संगम में डुबकी लगाना अपने आप में बहुत बड़े धर्म का काम है। सीएम धामी ने हरिद्वार में 2027 में होने वाले कुंभ की तैयारियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है। जिससे हरिद्वार कुंभ भी प्रयागराज की तरह ऐतिहासिक और सुविधाजनक बनाया जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड सरकार महाआयोजन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगी। साथ ही आयोजन को भव्य एवं दिव्य बनाया जाएगा। स्नान के दौरान मुख्यमंत्री धामी का पारिवारिक रूप भी देखने को मिला। वह बच्चे के साथ संगम की लहरों में हंसी-ठिठोली करते दिखे। संगम में स्नान के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि मुझे भी यहां आस्था की डुबकी लगाने का अवसर मिला। प्रयागराज देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आकर मन को असीम शांति और ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री धामी ने महाकुंभ में पूज्य संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और कहा कि संत ही समाज की दिशा तय करते हैं। हम उनके मार्गदर्शन से ही प्रेरणा लेते हैं और उनके आशीर्वाद से आगे बढ़ते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद कई फोटो भी शेयर की है। उन्होंने लिखा, ”आदिकाल से अध्यात्म, ज्ञान व आस्था के पवित्र संगम ‘महाकुंभ’ में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।” एक अन्य पोस्ट में सीएम धामी ने लिखा, ”महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुण्णता बनाए रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से कोटि जनों को धर्म व संस्कृति से जोड़ता आ रहा है। यह केवल आध्यात्मिक चेतना ही नहीं अपितु राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है जो मानवता को नैतिक मूल्यों एवं विश्व मंगल की ओर प्रेरित करता है। इस अविस्मरणीय क्षण में पवित्र जलराशि से अभिसिक्त होकर आध्यात्मिक शुद्धि एवं दिव्यता का अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ। तीर्थराज प्रयाग की पुनीत धरा पर ईश्वर से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।” आखिर में सीएम धामी ने लिखा, ”पतित पावनी मां गंगा, मां यमुना एवं मां सरस्वती के परम पवित्र दिव्य त्रिवेणी संगम में महाकुंभ-2025 के अलौकिक एवं पुण्यदायी कालखंड में सपरिवार स्नान का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ।”
महाकुंभ 2025 : प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ ने दुनिया को अचंभित कर रखा है। दुनियाभर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है। प्रतिदिन महाकुंभ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महाकुंभ के जरिए सनातनियों की आस्था और श्रद्धा की बेमिसाल लहर देखने को मिल रही है। विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया। वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था। आस्थावानों का रेला मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। योगी सरकार की ओर से इस विराट और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम स्नान की और अन्य सुविधाएं मिल सकीं हैं। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया है। आस्था के इस महामेले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। इन तिथियों पर जुटे सर्वाधिक श्रद्धालु 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़ 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ 26 जनवरी को 1.74 करोड़ 27 जनवरी को 1.55 करोड़ 28 जनवरी को 4.99 करोड़ 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़ 30 जनवरी को 2.06 करोड़ 31 जनवरी को 1.82 करोड़ 1 फरवरी को 2.15 करोड़ 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़ 9 फरवरी को 1.57 करोड़
प्रयागराज जंक्शन नहीं बल्कि प्रयागराज संगम स्टेशन किया गया बंद: रेलवे
महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: रेल प्रशासन ने सूचित किया है कि प्रयाग जिला प्रशासन के आदेश अनुसार उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रयाग राज संगम स्टेशन नौ फरवरी की दोपहर से 14 फरवरी की मध्य रात्रि तक यात्रा आवागमन के लिये बंद रहेगा। रेल विभाग के सूत्रों ने बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह प्रचारित किया जा रहा है कि प्रयागराज जंक्शन को बंद कर दिया गया है। इस संबंध में यह अवगत कराना है कि प्रयाग जिला प्रशासन के आदेशानुसार प्रयाग राज संगम स्टेशन नौ फरवरी को अपरान्हे डेढ़ बजेसे 14 फरवरी की रात 12 बजे तक यात्री आवागमन के लिए बंद रहेगा। उन्होने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले अन्य आठ स्टेशनों प्रयागराज छिवकी, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग एवं झूसी से नियमित और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन नियमित रूप से चल रहा है।
महाकुंभ नगर में शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने तत्काल पाया काबू
महाकुंभ नगर, 07 फरवरी : महाकुंभ के लिए योगी सरकार द्वारा पहले से ही व्यापक स्तर पर जो तैयारी की गई थी, उसकी मदद से शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया। खास तौर पर मेला क्षेत्र में अग्निशमन को लेकर जो तैयारियां की गई थीं, उन्होंने अहम भूमिका निभाई। ओल्ड जीटी रोड स्थित महाकुंभ नगर में शुक्रवार को स्वामी हरिहरानंद और सुखदेवानंद के शिविर में अचानक आग लग गई। घटना की सूचना मिलते ही तत्काल महाकुंभ के फायर ब्रिगेड की एक दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया गया। चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने बताया कि आग इस्कॉन क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जिससे 20 से 22 टेंट जल गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर आग को फैलने से रोक लिया। घटना की जानकारी मिलते ही उत्तरी झूसी के जोनल पुलिस ऑफिसर, एडिशनल एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, स्थानीय पुलिस और मेला मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। इससे पहले 30 जनवरी को भी संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लग गई थी। यह आग मेला क्षेत्र के झूंसी छतनाग घाट नागेश्वर घाट सेक्टर-22 के पास लगी थी, उस दौरान भी कोई जनहानि नहीं हुई थी। बता दें, महाकुंभ में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट तैनात किए गए हैं। महाकुंभ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुंभ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया गया है। इतना ही नहीं, अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन और 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर को डिप्लॉय किया गया है। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया गया है। यहीं नहीं, मेले की शुरुआत से पूर्व एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों बार मॉक ड्रिल किया गया, जिसका हादसे को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सीएम योगी के निर्देश पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच दिव्य और भव्य रहा अमृत स्नान
महाकुंभ नगर, 03 फरवरी : बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे। हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। सीएम योगी के विशेष निर्देश पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम रहे कि परिंदा भी पर न मार सके। यहां डीआईजी और एसएसपी खुद मैदान में उतरकर व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गईं। यातायात पूरी तरह सुचारु रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे। बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के दौरान महाकुंभ का डिजिटल स्वरूप भी आकर्षण का केंद्र रहा। जहां हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया। संगम तट पर फूल-मालाओं से लदे संतों पर उत्साहित श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया, जिससे पूरे महाकुंभ का माहौल और भव्य बन गया। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 में पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।”
महाकुंभ में आस्था का समंदर जस का तस, योगी ने किया हवाई सर्वेक्षण
महाकुंभ नगर, 01 फरवरी : महाकुंभ में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है और शनिवार को सुबह दस बजे तक करीब 90 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगा ली थी जिसमें दस लाख कल्पवासी भी शामिल हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर होने वाले अमृत स्नान पर्व के मद्देनजर आज सुबह महाकुंभ मेला क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। मेला क्षेत्र में लाखों लोग संगम क्षेत्र की ओर बढ़ते दिखायी दे रहे हैं। संत महात्माओं का कहना है कि महाकुंभ के अवसर पर तीर्थराज प्रयागराज के किसी भी घाट पर स्नान का पुण्य फल मिलेगा। उन्होने अपील की कि श्रद्धालु अपने निकट के घाट पर स्नान ध्यान करें और भीड़ से बचें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह हेलीकाप्टर से मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश दिये। अधिकृत जानकारी के अनुसार आज सुबह दस बजे तक 89 लाख 75 हजार श्रद्धालु त्रिवेणी में पवित्र स्नान कर चुके थे जिसे मिलाकर अब तक 31 करोड़ 46 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान संगम स्नान कर चुके हैं। उधर,मेला क्षेत्र में बसंत पंचमी स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर तमाम इंतजाम किये गये हैं। स्नान पर्व पर मेला क्षेत्र समेत समूचे प्रयागराज में वाहनो का प्रवेश निषेध रहेगा। सिर्फ पुलिस प्रशासन के वाहन और एबुंलेंस को मेला क्षेत्र में जाने की इजाजत होगी। स्कूलों में बसंत पंचमी के दिन अवकाश रहेगा। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैयार रहेंगे। चिकित्सा सुविधायें भी मेला क्षेत्र चाक चौबंद रहेंगी। श्रद्धालुओं को उनके निकटतम घाट पर स्नान के बाद सुरक्षित उनके गंतव्य पर वापस किया जायेगा। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये श्रद्धालुओं से घाटों पर भीड़ न लगाने की अपील की जायेगी। साथ ही ड्रोन के जरिये भीड़ को नियंत्रित किया जायेगा।
वाराणसी में घाटों पर आम लोगों के लिए पांच फरवरी तक बंद रहेगी गंगा आरती
वाराणसी (उप्र), 31 जनवरी: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए वाराणसी के घाटों पर होने वाली गंगा आरती को आम लोगों के लिए पांच फरवरी तक बंद रखने का फैसला किया गया है। आरती आयोजन समिति की तरफ से यह जानकारी दी गयी। वाराणसी पुलिस आयुक्तालय (कमिश्नरेट) ने काशीवासियों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलने और श्रद्धालुओं का सहयोग करने की अपील की है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि दशाश्वमेध घाट पर आयोजित होने वाली गंगा आरती अपरिहार्य कारणों से पांच फरवरी, 2025 तक जनसामान्य के लिए बंद रहेगी। गंगा आरती करने वाली संस्था ने दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं से अपील की है। इसी प्रकार शीतला घाट, अस्सी घाट समेत अन्य घाटों पर भी गंगा आरती करने वाली समितियों ने भी जनसामान्य, दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं से पांच फरवरी तक आरती में शामिल न होने की अपील की है। इस बीच, वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने भी काशीवासियों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलने और श्रद्धालुओं का सहयोग करने की अपील की है। प्रयागराज महाकुंभ में स्नान कर वापस लौटे बड़ी संख्या में श्रद्धालु अब भी वाराणसी कैंट और बनारस स्टेशन पर फंसे हुए हैं। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि अत्यधिक भीड़ की वजह से वे अपनी ट्रेन पकड़ नहीं पाए और अब वे भीड़ कम होने का इंतजार कर रहे। वहीं कुछ ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से यात्री अब भी स्टेशन पर फंसे हैं और अन्य किसी साधन का इंतजार कर रहे हैं। असम के सोनिकपुर निवासी बॉबी माया लिम्बु ने बताया कि वह अपने समूह के साथ प्रयागराज आयी थीं। उन लोगों ने 26 जनवरी को प्रयागराज संगम तट पर स्नान किया। वहां से वे अयोध्या दर्शन पूजन करने गए। वहां से 30 जनवरी को वाराणसी पहुंचे हैं। कल ही उनकी ट्रेन थी परंतु भीड़ के कारण ये लोग ट्रेन नहीं पकड़ पाए। अब जो भी ट्रेन आएगी उसमें जाएंगे। माया लिम्बु ने बताया कि भीड़ भाड़ की वजह से दिक्कत तो बहुत हुई परंतु दर्शन पूजन कर आत्मा को बहुत सुख की अनुभूति हुई है। गया जिला से आये श्रद्धालु दीनानाथ ने बताया कि वह अपने बीवी बच्चों के साथ दो दिन से बनारस में फंसे हुए है। बृहस्पतिवार को उन्होंने ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, परंतु भारी भीड़ की वजह से उनका दम घुटने के कारण ट्रेन से नीचे उतरना पड़ा। तब से वे प्लेटफॉर्म के बाहर बने रैन बसेरा में रह रहे हैं। रैन बसेरा का प्रबंधन देख रहे रजत सिंह ने बताया कि कुंभ आने जाने वाले यात्रियों के विश्राम के लिए यह बसेरा बनाया गया है। यहां यात्रियों के सोने रहने की व्यवस्था की गई है। किसी यात्री को स्वास्थ्य परेशानी होने पर उपचार के लिए यहां स्वास्थ्य टीम मौजूद है। पर, यहां खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। कैंट क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) विदुश सक्सेना ने बताया कि महाकुंभ के पर्व और मौनी अमावस्या बीतने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ काशी में बढ़ी है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लगातार जांच अभियान चल रहा है। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर सुरक्षा बल लगातार गश्त कर रहे हैं। यात्रियों के ठहरने के लिये रैन बसेरा बनाया गया है। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए स्टैंड बनाया गया है। सक्सेना ने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे कुछ दिन रुक कर वाराणसी दर्शन पूजन के लिए आएं ताकि यहां आने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
महाकुंभ में शाह ने लगायी पवित्र डुबकी, परिवार संग की पूजा अर्चना
महाकुम्भनगर, 27 जनवरी: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठों, मंदिरों और अखाड़ों के संतों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संगम में पवित्र डुबकी लगाई। संत समाज ने उन्हें वैदिक विधि से स्नान करवाया और मां गंगा का पावन जल गृहमंत्री पर छिड़ककर पूजा-अर्चना कराई। स्नान के बाद गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने संगम पर ही विशेष पूजा अर्चना की और संगम आरती में भी हिस्सा लिया। इस दौरान, गृहमंत्री अमित शाह के साथ उनकी पत्नी सोनल शाह, बेटे जय शाह और पुत्र वधु व पोतियों ने भी स्नान और पूजा पाठ में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृहमंत्री को कुम्भ कलश भी भेंट में दिया, जबकि साधु संतों ने उन्हें माला पहनाई और चंदन व टीका लगाया। भगवा वस्त्रों में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद, निरंजनी पीठाधीश्वर कैलाशानंद और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी, बाबा रामदेव समेत अन्य संतों के साथ संगम में डुबकी लगाई। संतों ने गृहमंत्री को वैदिक विधि से स्नान कराया और उन पर संगम का जल छिड़का। इसके बाद गृहमंत्री ने सूर्य को अर्घ्य भी दिया। इसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की संगम स्थल पर ही विशेष पूजा अर्चना संपन्न कराई और फिर विशेष संगम आरती का भी आयोजन हुआ। संगम पर मां गंगा, यमुना और सरस्वती के जयकारे गूंजे। इस दौरान शाह परिवार के सबसे छोटे सदस्य को भी संतों का आशीर्वाद मिला। पूजा की वेदी पर मुख्यमंत्री योगी ने भी बच्चियों को दुलराया और उनसे हंसी ठिठोली की। इसके बाद हर हर महादेव के उद्घोष के बीच शाह और योगी ने मां गंगा और भगवान भास्कर को प्रणाम किया। अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम स्नान के बाद वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच पूजन अर्चन किया। पूजा के बाद संगम आरती भी कराई गई। इस दौरान गृहमंत्री के साथ उनकी पत्नी, पुत्र, पुत्रवधु समेत पूरा परिवार मौजूद रहा। परिवार के लोगों ने भी स्नान के बाद पूजा और आरती में हिस्सा लिया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री को चांदी का कुम्भ कलश भेंट किया। यहां से वो सीधा अक्षय वट के लिए रवाना हो गए। संगम स्नान और पूजन के दौरान उनके साथ जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर कैलाशानंद, बाबा रामदेव, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी, जूना अखाड़े के हरिगिरि समेत तमाम अखाड़ों के वरिष्ठ महंत भी मौजूद रहे। इससे पहले, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम में अरैल स्थित वीआईपी घाट से प्रवेश किया। दोनों नेताओं ने क्रूज की सवारी की। मां गंगा को प्रणाम किया। इसके बाद साइबेरियन पक्षियों को दाना भी खिलाया। क्रूज पर बने विशेष कक्ष में गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी ने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरी और अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी के साथ महाकुम्भ पर विशेष मंत्रणा की। संगम स्नान के दौरान बाबा रामदेव और सतुआ बाबा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अलग से डुबकी लगवाई। संगम स्नान के बाद स्वामी रामदेव ने मुख्यमंत्री योगी का हाथ पकड़कर विशेष योग आसन ताड़ासन भी कराया।
अखिलेश ने कुंभ में मुलायम की मूर्ति पर किया माल्यार्पण, इस्कॉन भंडारे में प्रसाद भी बनाया
महाकुंभ नगर, 27 जनवरी: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रयागराज के दौरे पर हैं। वह महाकुंभ पहुंचे। संगम में स्नान किया और साधु-संतों का आशीर्वाद भी लिया। इस दौरान उन्होंने सेक्टर-19 में अदाणी और इस्कॉन के सहयोग से चल रहे भंडारे में भी शामिल हुए। यहां उन्होंने सब्जी बनाई। अखिलेश ने भंडारे में भोजन भी किया। साथ ही अपने पिता और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया। इस्कॉन की रसोई में रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद तैयार किया जा रहा है। प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अदाणी 21 जनवरी को इस्कॉन के शिविर में शामिल हुए थे। यहां पर महाप्रसाद बनाया गया था। इस्कॉन शिविर और अदाणी ग्रुप की ओर से भंडारे की शुरुआत की गई। भंडारे में दाल, सोयाबीन और आलू की सब्जी, रोटी, पूड़ी और हलवा परोसा गया। उन्होंने खुद भंडारे में भोजन किया। महाप्रसाद सेवा 26 फरवरी तक दी जा रही है। अखिलेश उस शिविर में भी पहुंचे जहां मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित की गई थी। यहां उन्होंने अपने पिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कन्नौज में उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि सबके नेताजी और अपने पिताजी को महाकुंभ परिसर में श्रद्धा सुमन अर्पण। अखिलेश ने इसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की हैं। इस मौके पर उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से भी मुलाकात की। इस दौरान सपा मुखिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिखा कि महाकुंभ की पुण्य-यात्रा महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही, मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर। इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है, वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है। उन्होंने आगे लिखा, “हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा… तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे।”
आस्था के महाकुंभ में अमित शाह ने लगायी पवित्र डुबकी
महाकुंभ नगर, 27 जनवरी:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को महाकुंभ में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर आस्था की डुबकी लगायी। श्री शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी पवित्र स्नान किया। श्री शाह ने स्नान के बाद गंगा मैया को पुष्प,नारियल और चुनरी भेंट की और उनकी आरती उतारी। बाद में वह लेटे हनुमान जी और अक्षय वट के दर्शन पूजन के लिये रवाना हो गये। श्री शाह के पुत्र एवं आईसीसी चेयरमैन जय शाह रविवार रात ही प्रयागराज पहुंच गये थे। केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा के लिये सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। श्री शाह चार घंटे से अधिक समय तक मेला क्षेत्र में रहेंगे। अपने संक्षिप्त दौरे में वह स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर जूना अखाडा एवं अन्य संतो के साथ भोजन करेंगे। बाद में वह गुरू शरणांनद जी महाराज एवं गोविंद गिरी जी महाराज,परमपूज्य शंकराचार्य जी (शृंगेरी),परमपूज्य शंकराचार्य जी (पुरी) और परमपूज्य शंकराचार्य जी (द्वारका) से भेंट कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करेगे। आज प्रयागराज में धर्म संसद भी है जिसमें शंकराचार्य समेत कई पूज्य संत हिस्सा ले रहे हैं। श्री शाह ने दिल्ली से प्रयागराज रवाना होने से पहले एक्स पर लिखा “महाकुंभ सनातन संस्कृति की अविरल धारा का अद्वितीय प्रतीक है. कुंभ समरसता पर आधारित हमारे सनातन जीवन-दर्शन को दर्शाता है।‘महाकुंभ’ सनातन संस्कृति की अविरल धारा का अद्वितीय प्रतीक है। कुंभ समरसता पर आधारित हमारे सनातन जीवन-दर्शन को दर्शाता है। आज धर्म नगरी प्रयागराज में एकता और अखंडता के इस महापर्व में संगम स्नान करने और संतजनों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हूं।” उन्होंने कहा “ आज धर्म नगरी प्रयागराज में एकता और अखंडता के इस महापर्व में संगम स्नान करने और संतजनों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हूं।”