गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित यूपी का बजट : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 20 फरवरी: उत्तर प्रदेश सरकार का विधान सभा में बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप है। बजट गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को साकार करते हुए वंचित को वरीयता इस बजट का केंद्रीय भाव है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का है। वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है। यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है। वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जीडीपी 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। योगी ने कहा कि प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा। उन्होंने बताया कि विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं। लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं। बजट में व्यय की नई मदों हेतु 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। अवस्थापना विकास के लिये 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रुपये प्रस्तावित है जो कि कुल बजट का 22 प्रतिशत है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये से अधिक, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़ रुपये से अधिक, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़ रुपये से अधिक, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ रुपये से अधिक तथा नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित। उ्न्होंने बताया कि शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित है, जो कि कुल बजट का 13 फीसदी है। शिक्षा पर इतना व्यय करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल लगभग 89,353 करोड़ रुपये प्रस्तावित। यह कुल बजट का 11 प्रतिशत है। चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50,550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है, जो कि कुल बजट का 6 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी होमगार्डस, पीआरडी जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं मानदेय के आधार पर कार्य करने हेतु वाले कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण, जिसमें सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला एवं बाल कल्याण के लिये 35,863 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था की गई है। निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिये कुल 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था है, जबकि सामाजिक पेंशन के लिये कुल 13,648 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बजट में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का प्राविधान है। इसमें (1) आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे (2) गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे (3) मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा (4) बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है। प्रयागराज में आवागमन को और सुगम बनाने के लिए एक शास्त्री ब्रिज के पैरलल और एक सिग्नेचर ब्रिज के पैरलल नये पुलों के निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट मेंप्रदेश को आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए लखनऊ में आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस सिटी की स्थापना के साथ ही साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की नई योजना बजट में शामिल किया गया है। सभी मण्डल मुख्यालयों पर विकास प्राधिकरणों, नगर निकायों द्वारा कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण कराया जाएगा। ग्राम पंचायतों में वैवाहिक उत्सव एवं अन्य सामाजिक आयोजनों हेतु उत्सव भवन निर्माण की योजना पर कार्य होगा। दस जिलों में संत कबीर वस्त्रोद्योग पार्क स्थापित होंगे और संत रविदास के नाम पर लेदर पार्क भी स्थापित किये जायेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके सम्मान में नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय की स्थापना के लिए भी प्रावधान हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकारी विभागों तथा निगमों आदि में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कार्मिकों के देय न्यूनतम पारिश्रमिक को 16 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रुपये होगा। यह पारिश्रमिक सीधे एकाउंट में मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाने के उद्देिश्य से सेवा निगम गठित किया जाएगा। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के 5-टी मंत्र ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलोजी, ट्रेडिशन और टैलेंट को मन्त्र मानकर यह नया उत्तर प्रदेश आज श्रम शक्ति (लेबर फोर्स) से अर्थ शक्ति (इकॉमिक फोर्स) के रूप में पहचाना

महाकुम्भ से साकार हुई एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा : आनंदीबेन

लखनऊ, 18 फरवरी: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से एक भारत,श्रेष्ठ भारत की अवधारणा साकार हुयी है। उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल के वर्ष 2025 के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि योगी सरकार को इस वर्ष दिव्य एवं भव्य महाकुम्भ आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसमें स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए हैं। महाकुम्भ में आस्था एवं आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन जहां एक ओर अनेकता में एकता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर समता व समरसता का संदेश भी दे रहा है, जिससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा साकार हो रही है। अब तक लगभग 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुजन पावन त्रिवेणी में आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। उन्होने मौनी अमावस्या पर घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि इससे हम सभी अत्यन्त दुःखी हैं। इसमें कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें से कुछ श्रद्धालुओं की दुःखद मृत्यु भी हो गई। असमय काल-कवलित हुए लोगों के प्रति उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि महाकुम्भ प्रयागराज 2025 के शुभ अवसर पर पावन त्रिवेणी तट पर 22 जनवरी को मंत्रिपरिषद् की ऐतिहासिक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

महाकुंभ : माघ पूर्णिमा पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा, जयकारों से गूंजा तीर्थराज

महाकुंभ नगर, 12 फरवरी : महाकुंभ 2025 में माघ पूर्णिमा पर बुधवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की परंपरा को जारी रखा। सभी घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कल्पवासियों पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 8 बजे से ही हो गई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न तटों पर स्नान कर रहे थे। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर-हर महादेव के नारे लगाए। अपनी धार्मिक आस्था को सम्मान दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। स्नान पर्व के दौरान पुष्पवर्षा से साधु संत और श्रद्धालु गदगद नजर आए। जैसे ही आसमान में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट सुनाई दी, सभी को आभास हो गया कि योगी सरकार द्वारा उन पर पुष्पवर्षा होने वाली है। जैसे ही गुलाब की पंखुड़ियां श्रद्धालुओं पर पड़ीं, पूरा वातावरण हर-हर महादेव, गंगा मइया की जय और जय श्रीराम के नारों से गुंजायमान हो गया। सुबह 8 बजे पहली बार हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और लगभग सभी घाटों पर जहां-जहां श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, वहां पुष्प वर्षा की गई। सबसे ज्यादा पुष्प वर्षा स्वाभाविक रूप से संगम नोज पर हुई, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। एक बार में सभी श्रद्धालुओं पर पुष्प नहीं पहुंच पाने के कारण हेलिकॉप्टर बार-बार संगम नोज पर पुष्प वर्षा करता नजर आया, ताकि हर एक श्रद्धालु पर फूलों की बारिश की जा सके। महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा की परंपरा रही है। इसी क्रम में माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर भी योगी सरकार ने परंपरा का निर्वहन करते हुए पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं के लिए इस अवसर को यादगार बना दिया। सीएम योगी के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पुष्प वर्षा की पुख्ता तैयारी की थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई। अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से बारिश की जा रही है। पुष्प वर्षा के लिए 20 क्विंटल गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया जाता है, जबकि 5 क्विंटल फूल रिजर्व में भी रखे जाते हैं। परंपरा के अनुसार, योगी सरकार ने 13 जनवरी को पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा और पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई थीं, जबकि दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर सांकेतिक रूप से पुष्पवर्षा कराई गई। वहीं, तीसरे अमृत स्नान बसंत पंचमी और बुधवार को माघ पूर्णिमा पर भी इस परंपरा को जारी रखा गया।

तड़के चार बजे से ही वॉर रूम में डटे योगी, स्नान पर्व पर पैनी निगाह

लखनऊ/महाकुम्भ नगर, 12 फरवरी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ पूर्णिमा के पावन स्नान पर्व के अवसर पर प्रयागराज में व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए प्रातः चार बजे से ही अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग स्थित वॉर रूम में बैठक की। वॉर रूम में वह डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के साथ लगातार टीवी पर अपडेट लेते रहे और आवश्यक दिशा निर्देश भी देते रहे। इससे पूर्व योगी ने बसंत पंचमी अमृत स्नान के अवसर पर भी प्रातः साढ़े तीन बजे से वॉर रूम में अधिकारियों के साथ बैठक की थी और मॉनिटरिंग करते रहे थे। मुख्यमंत्री ने माघ पूर्णिमा स्नान पर्व के इस महत्वपूर्ण आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्था के संदर्भ में पूरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी असुविधा न हो और सभी श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा प्रदान की जाए। वह टीवी पर महाकुम्भ नगर समेत समस्त प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासनिक व्यवस्थाओं और सुविधाओं की लाइव फीड देखते रहे। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्नान स्थल पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें और श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करें। साथ ही, उन्होंने आस्था के इस महान पर्व पर प्रशासन की तत्परता को बढ़ाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि करोड़ों श्रद्धालुओं को बिना किसी समस्या के त्रिवेणी संगम में स्नान का लाभ मिल सके।

उत्तराखंड के सीएम धामी ने परिवार संग संगम में लगाई डुबकी, बोले- हरिद्वार में कुंभ 2027 को भी बनाएंगे भव्य

महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: महाकुंभ नगर में आस्था और श्रद्धा का महापर्व चल रहा है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए आ रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सोमवार को परिवार संग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर मां गंगा, यमुना और सरस्वती को नमन किया। उन्होंने इसे धार्मिक महापर्व बताते हुए कहा कि संगम में डुबकी लगाना अपने आप में बहुत बड़े धर्म का काम है। सीएम धामी ने हरिद्वार में 2027 में होने वाले कुंभ की तैयारियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है। जिससे हरिद्वार कुंभ भी प्रयागराज की तरह ऐतिहासिक और सुविधाजनक बनाया जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड सरकार महाआयोजन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगी। साथ ही आयोजन को भव्य एवं दिव्य बनाया जाएगा। स्नान के दौरान मुख्यमंत्री धामी का पारिवारिक रूप भी देखने को मिला। वह बच्चे के साथ संगम की लहरों में हंसी-ठिठोली करते दिखे। संगम में स्नान के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि मुझे भी यहां आस्था की डुबकी लगाने का अवसर मिला। प्रयागराज देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आकर मन को असीम शांति और ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री धामी ने महाकुंभ में पूज्य संत-महात्माओं का आशीर्वाद लिया और कहा कि संत ही समाज की दिशा तय करते हैं। हम उनके मार्गदर्शन से ही प्रेरणा लेते हैं और उनके आशीर्वाद से आगे बढ़ते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद कई फोटो भी शेयर की है। उन्होंने लिखा, ”आदिकाल से अध्यात्म, ज्ञान व आस्था के पवित्र संगम ‘महाकुंभ’ में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।” एक अन्य पोस्ट में सीएम धामी ने लिखा, ”महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुण्णता बनाए रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से कोटि जनों को धर्म व संस्कृति से जोड़ता आ रहा है। यह केवल आध्यात्मिक चेतना ही नहीं अपितु राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है जो मानवता को नैतिक मूल्यों एवं विश्व मंगल की ओर प्रेरित करता है। इस अविस्मरणीय क्षण में पवित्र जलराशि से अभिसिक्त होकर आध्यात्मिक शुद्धि एवं दिव्यता का अद्वितीय अनुभव प्राप्त हुआ। तीर्थराज प्रयाग की पुनीत धरा पर ईश्वर से समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।” आखिर में सीएम धामी ने लिखा, ”पतित पावनी मां गंगा, मां यमुना एवं मां सरस्वती के परम पवित्र दिव्य त्रिवेणी संगम में महाकुंभ-2025 के अलौकिक एवं पुण्यदायी कालखंड में सपरिवार स्नान का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

महाकुंभ 2025 : प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ ने दुनिया को अचंभित कर रखा है। दुनियाभर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है। प्रतिदिन महाकुंभ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महाकुंभ के जरिए सनातनियों की आस्था और श्रद्धा की बेमिसाल लहर देखने को मिल रही है। विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया। वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था। आस्थावानों का रेला मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। योगी सरकार की ओर से इस विराट और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम स्नान की और अन्य सुविधाएं मिल सकीं हैं। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया है। आस्था के इस महामेले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। इन तिथियों पर जुटे सर्वाधिक श्रद्धालु 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़ 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ 26 जनवरी को 1.74 करोड़ 27 जनवरी को 1.55 करोड़ 28 जनवरी को 4.99 करोड़ 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़ 30 जनवरी को 2.06 करोड़ 31 जनवरी को 1.82 करोड़ 1 फरवरी को 2.15 करोड़ 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़ 9 फरवरी को 1.57 करोड़

प्रयागराज जंक्शन नहीं बल्कि प्रयागराज संगम स्टेशन किया गया बंद: रेलवे

महाकुंभ नगर, 10 फरवरी: रेल प्रशासन ने सूचित किया है कि प्रयाग जिला प्रशासन के आदेश अनुसार उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रयाग राज संगम स्टेशन नौ फरवरी की दोपहर से 14 फरवरी की मध्य रात्रि तक यात्रा आवागमन के लिये बंद रहेगा। रेल विभाग के सूत्रों ने बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह प्रचारित किया जा रहा है कि प्रयागराज जंक्शन को बंद कर दिया गया है। इस संबंध में यह अवगत कराना है कि प्रयाग जिला प्रशासन के आदेशानुसार प्रयाग राज संगम स्टेशन नौ फरवरी को अपरान्हे डेढ़ बजेसे 14 फरवरी की रात 12 बजे तक यात्री आवागमन के लिए बंद रहेगा। उन्होने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले अन्य आठ स्टेशनों प्रयागराज छिवकी, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग एवं झूसी से नियमित और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन नियमित रूप से चल रहा है।

महाकुंभ नगर में शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने तत्काल पाया काबू

महाकुंभ नगर, 07 फरवरी : महाकुंभ के लिए योगी सरकार द्वारा पहले से ही व्यापक स्तर पर जो तैयारी की गई थी, उसकी मदद से शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया। खास तौर पर मेला क्षेत्र में अग्निशमन को लेकर जो तैयारियां की गई थीं, उन्होंने अहम भूमिका निभाई। ओल्ड जीटी रोड स्थित महाकुंभ नगर में शुक्रवार को स्वामी हरिहरानंद और सुखदेवानंद के शिविर में अचानक आग लग गई। घटना की सूचना मिलते ही तत्काल महाकुंभ के फायर ब्रिगेड की एक दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया गया। चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने बताया कि आग इस्कॉन क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जिससे 20 से 22 टेंट जल गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर आग को फैलने से रोक लिया। घटना की जानकारी मिलते ही उत्तरी झूसी के जोनल पुलिस ऑफिसर, एडिशनल एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, स्थानीय पुलिस और मेला मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। इससे पहले 30 जनवरी को भी संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लग गई थी। यह आग मेला क्षेत्र के झूंसी छतनाग घाट नागेश्वर घाट सेक्टर-22 के पास लगी थी, उस दौरान भी कोई जनहानि नहीं हुई थी। बता दें, महाकुंभ में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट तैनात किए गए हैं। महाकुंभ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुंभ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया गया है। इतना ही नहीं, अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन और 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर को डिप्लॉय किया गया है। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया गया है। यहीं नहीं, मेले की शुरुआत से पूर्व एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों बार मॉक ड्रिल किया गया, जिसका हादसे को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

सीएम योगी के निर्देश पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच दिव्य और भव्य रहा अमृत स्नान

महाकुंभ नगर, 03 फरवरी : बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे। हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। सीएम योगी के विशेष निर्देश पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम रहे कि परिंदा भी पर न मार सके। यहां डीआईजी और एसएसपी खुद मैदान में उतरकर व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गईं। यातायात पूरी तरह सुचारु रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे। बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के दौरान महाकुंभ का डिजिटल स्वरूप भी आकर्षण का केंद्र रहा। जहां हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया। संगम तट पर फूल-मालाओं से लदे संतों पर उत्साहित श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया, जिससे पूरे महाकुंभ का माहौल और भव्य बन गया। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 में पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है।”

महाकुंभ में आस्था का समंदर जस का तस, योगी ने किया हवाई सर्वेक्षण

महाकुंभ नगर, 01 फरवरी : महाकुंभ में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है और शनिवार को सुबह दस बजे तक करीब 90 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगा ली थी जिसमें दस लाख कल्पवासी भी शामिल हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर होने वाले अमृत स्नान पर्व के मद्देनजर आज सुबह महाकुंभ मेला क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। मेला क्षेत्र में लाखों लोग संगम क्षेत्र की ओर बढ़ते दिखायी दे रहे हैं। संत महात्माओं का कहना है कि महाकुंभ के अवसर पर तीर्थराज प्रयागराज के किसी भी घाट पर स्नान का पुण्य फल मिलेगा। उन्होने अपील की कि श्रद्धालु अपने निकट के घाट पर स्नान ध्यान करें और भीड़ से बचें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह हेलीकाप्टर से मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश दिये। अधिकृत जानकारी के अनुसार आज सुबह दस बजे तक 89 लाख 75 हजार श्रद्धालु त्रिवेणी में पवित्र स्नान कर चुके थे जिसे मिलाकर अब तक 31 करोड़ 46 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान संगम स्नान कर चुके हैं। उधर,मेला क्षेत्र में बसंत पंचमी स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर तमाम इंतजाम किये गये हैं। स्नान पर्व पर मेला क्षेत्र समेत समूचे प्रयागराज में वाहनो का प्रवेश निषेध रहेगा। सिर्फ पुलिस प्रशासन के वाहन और एबुंलेंस को मेला क्षेत्र में जाने की इजाजत होगी। स्कूलों में बसंत पंचमी के दिन अवकाश रहेगा। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैयार रहेंगे। चिकित्सा सुविधायें भी मेला क्षेत्र चाक चौबंद रहेंगी। श्रद्धालुओं को उनके निकटतम घाट पर स्नान के बाद सुरक्षित उनके गंतव्य पर वापस किया जायेगा। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये श्रद्धालुओं से घाटों पर भीड़ न लगाने की अपील की जायेगी। साथ ही ड्रोन के जरिये भीड़ को नियंत्रित किया जायेगा।