लखनऊ, 15 दिसंबर: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पंकज चौधरी को प्रदेश की कमान सौंपी है। अनुभवी नेता माने जाने वाले पंकज चौधरी का राजनीतिक रिकॉर्ड लगातार बेहतर रहा है, जिसके चलते पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है। पंकज चौधरी लंबे समय से बीजेपी संगठन से जुड़े रहे हैं और जमीनी स्तर पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। उन्होंने अब तक जिन चुनावों में भाग लिया, वहां उनका प्रदर्शन पार्टी के लिए सकारात्मक रहा। संगठनात्मक अनुभव और चुनावी रणनीति की अच्छी समझ के कारण उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी को उम्मीद है कि पंकज चौधरी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में संगठन को नई धार मिलेगी और आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति और मजबूत होगी। कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने, बूथ स्तर तक संगठन को सक्रिय करने और जनसंपर्क को तेज करने पर उनका विशेष फोकस रहेगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पंकज चौधरी की नियुक्ति से बीजेपी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई ऊर्जा और रणनीतिक मजबूती मिल सकती है।
पंकज चौधरी बने यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष, सीएम योगी बने प्रस्तावक
लखनऊ, 13 दिसंबर: उत्तर प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिलना लगभग तय हो गया है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके प्रस्तावक के रूप में मौजूद रहे, जिससे उनकी दावेदारी को मजबूत समर्थन मिला। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पंकज चौधरी के खिलाफ किसी भी अन्य नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। ऐसे में उनका निर्विरोध यूपी बीजेपी अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। संगठन के भीतर उन्हें सर्वसम्मति से यह जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा है। केंद्रीय मंत्री के रूप में सरकार में अनुभव रखने के साथ-साथ संगठनात्मक कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले पंकज चौधरी के अध्यक्ष बनने से प्रदेश में भाजपा संगठन को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले चुनावी दौर में उनके नेतृत्व में पार्टी अपनी रणनीति को और धार देगी।
अयोध्या दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं की बोलेरो ट्रैक्टर-ट्रॉली से भिड़ी, तीन की मौत
अयोध्या, 11 दिसंबर: गुरुवार सुबह अयोध्या में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 11 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी श्रद्धालु मध्य प्रदेश के रीवा से अयोध्या दर्शन के लिए आ रहे थे। जानकारी के अनुसार, श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो अचानक सामने चल रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। राहगीरों की मदद से घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाया। प्राथमिक जांच में माना जा रहा है कि कोहरा और तेज रफ्तार हादसे की वजह हो सकते हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अयोध्या के राम मंदिर को लेकर फिर दायर हो सकती है क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल!
नई दिल्ली, 30 सितंबर: पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की एक टिप्पणी ने अयोध्या विवाद एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। उन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि बाबरी मस्जिद का निर्माण ही मूल रूप से अपवित्र था। उनका कहना था कि जिस स्थान पर पहले से मस्जिद हो, वहां मस्जिद बनाना ही अपवित्र था। इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया है और प्रोफेसर जी मोहन गोपाल ने तो राम मंदिर पर आए फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चंद्रचूड़ के बयान के आधार पर ही क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ चंद्रचूड़ अपने बयान पर सफाई भी दे चुके हैं। उनका कहना है कि उनके शब्दों को संदर्भ से बाहर निकालकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या फैसला साक्ष्य और कानूनी सिद्धांतों पर आधारित था, न कि आस्था पर। उन्होंने यह भी कहा कि आलोचक अक्सर पूरे फैसले को नहीं पढ़ते, जो 1,000 से अधिक पृष्ठों का है। कहा जाता है कि इस फैसले की ड्राफ्टिंग खुद चंद्रचूड़ ने ही की थी। चंद्रचूड़ के साक्षात्कार की क्लिप्स सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं। प्रोफेसर जी. मोहन गोपाल ने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ के बयान में वह बात कही गई है, जो फैसले में ही नहीं है। ऐसे में इसके आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सकती है। 2019 में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने राम मंदिर केस में फैसला सुनाया था। इस बेंच में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल थे। बेंच ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष यह साबित करने में असफल रहा है कि बाबरी मस्जिद वाले स्थान पर उनका कोई निर्बाध मालिकाना हक रहा है। इसके साथ ही मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया गया और अब राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। राम मंदिर पर आए फैसले में यह भी स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया कि बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए मंदिर को तोड़ने का कोई प्रमाण नहीं है। प्रोफेसर जी मोहन गोपाल ने चंद्रचूड़ की टिप्पणी के जवाब में कहा कि अब अयोध्या का फैसला दूषित हो गया है और फैसले तथा बाद की टिप्पणियों के बीच असंगति से निर्णय में विश्वास कमजोर हो सकता है।
आसमान कभी सीमा नहीं था, न हमारे लिए, न भारत के लिए : शुभांशु शुक्ला
लखनऊ, 09 सितंबर : ‘आसमान कभी सीमा नहीं था- न मेरे लिए, न आपके लिए, न भारत के लिए।’ भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से लौटने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में यह संदेश देकर मेधावी छात्रों को नई उड़ान का संकल्प सौंपा। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मानद डी.एससी. की उपाधि ग्रहण करते हुए शुभांशु ने छात्रों से कहा कि दीक्षांत कोई अंत नहीं, बल्कि नई उड़ान की शुरुआत है। अब डिग्री से आगे की असली परीक्षा जीवन के फैसले, जिम्मेदारियां और देश की उम्मीदें होंगी। उन्होंने कहा कि आज से आपको कोई टाइम-टेबल फॉलो नहीं करना होगा, न कोई प्रोफेसर याद दिलाएगा। अब खुद सीखना होगा, खुद टेस्ट देना होगा और खुद ही पास करना होगा। आजादी मिली है, लेकिन यह सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए भी है। करियर और सपनों की दौड़ में प्रक्रिया का आनंद लेना न भूलें। असफलताओं से सीखें, छोटी-छोटी जीतों का जश्न मनाएं और दोस्तों के साथ हंसना कभी न छोड़ें। शुभांशु ने कहा कि भारत अब पीछे छूटने वाला देश नहीं, बल्कि भविष्य गढ़ने वाला नेतृत्वकारी राष्ट्र है—जहां 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चांद पर भारतीय कदम रखने का लक्ष्य है। इस मौके पर शुभांशु ने मेधावी छात्र-छात्राओं से कहा कि आपके हाथों में जो यह डिग्री है, उसके पीछे आपके माता-पिता की अनगिनत जागी हुई रातें, शिक्षकों का धैर्य और परिवार के त्याग शामिल हैं। यह जीवन का सबसे बड़ा सबक है कि कोई भी अकेले सफल नहीं होता। आज से आपको कोई प्रोफेसर कुछ बताने नहीं आएगा; अब आपको अपनी लाइफ में क्या सीखना है, वह खुद ही सीखना होगा, खुद ही टेस्ट देना होगा, खुद ही उसे पास करना होगा और आगे का निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में जाने के बाद मुझे जैसा अनुभव हुआ था, वैसा ही अनुभव अब आपको यह डिग्री पूरी होने के बाद लाइफ में आगे महसूस होगा। आज भले ही यह आपको आपकी शैक्षिक यात्रा का अंत लगे, पर दीक्षांत समापन नहीं है, यह तो आपका लॉन्च पैड है। अब तक आपकी ज़िंदगी टाइम-टेबल, उपस्थिति और परीक्षाओं से बंधी थी। कल से न तो कोई प्राध्यापक आपको डेडलाइन याद दिलाएगा और न ही कोई अंकपत्र बताएगा कि आप अच्छे हैं या नहीं। अब प्रतिक्रिया आपको अवसरों, विश्वास और आपके द्वारा किए गए प्रभाव के रूप में मिलेगी। यह उत्साहजनक और चुनौतीपूर्ण भी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता रोमांचक है, लेकिन जिम्मेदारी भी साथ लाती है। प्रतीक्षा बर्बादी नहीं, बल्कि तैयारी है। इस विश्वविद्यालय से बाहर निकलते समय, इतनी जल्दी पहुंचने की जल्दी में मत रहिए कि जीना ही भूल जाएं। करियर का पीछा कीजिए, लक्ष्यों का पीछा कीजिए, सपनों का पीछा कीजिए, लेकिन अपने दोस्तों के साथ हंसना मत भूलिए। शुभांशु ने कहा कि आप ऐसे समय में स्नातक हो रहे हैं जब भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा के सबसे रोमांचक चरण में है। हम इसरो के चंद्रयान-3 मिशन से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश बने। मिशन गगनयान भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। 2035 तक हमारा लक्ष्य है एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक एक भारतीय का चंद्रमा पर कदम रखना। उन्होंने कहा कि यह वह भारत नहीं है जो पिछड़कर पकड़ने की कोशिश कर रहा था; यह वही भारत है जो नेतृत्व कर रहा है, नवाचार कर रहा है और भविष्य को आकार दे रहा है। यह वही भारत है जो आपका इंतजार कर रहा है। शुभांशु ने इस दौरान अपने दो वादों के बारे में बताते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र हमारे ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को पूरा करने में परिवर्तनकारी शक्ति रखता है। यह सिर्फ़ सपना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है जिसे हमें मिलकर निभाना है। दूसरा, भारत का अंतरिक्ष उद्योग अब तेजी से उभर रहा है। कुछ साल पहले तक लगभग नगण्य उपस्थिति थी, और आज लगभग 400 स्टार्टअप्स इसमें काम कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में ये संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अक्सर छात्रों को छह महीने या उससे अधिक का अतिरिक्त प्रशिक्षण चाहिए होता है। यह अंतर विश्वविद्यालय स्तर पर भरा जा सकता है। मुझे गर्व है कि एकेटीयू अपने कई परिसरों में “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पेस” की स्थापना करेगा। इसके अलावा, एकेटीयू निजी अंतरिक्ष कंपनियों के साथ एमओयू भी करेगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में भव्य स्वागत, एयरपोर्ट से सीएमएस स्कूल तक मना जश्न
लखनऊ, 25 अगस्त: लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुबह ग्रुप कैप्टन अंतरिक्ष यात्री सुधांशु शुक्ला का भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और शहर की महापौर सुषमा खर्कवाल ने किया। एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 2499 से सुबह 8:30 बजे शुभांशु शुक्ला अपने परिवार के साथ एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट के अराइवल हॉल के बाहर के रास्ते पर दोनों और बैंड की प्रस्तुतियां हो रही थीं। बीच-बीच में भारत माता की जयघोष से समूचा परिसर गूंज उठता। टर्मिनल-3 अरावइल के गेट के सामने कुछ स्कूली बच्चे एस्ट्रोनॉट बनकर स्वागत करने पहुंचे थे। नारंगी और सफेद रंग के स्पेस सूट में इन बच्चों को देखकर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी बाहर निकलते हुए एक बारगी ठिठक गए। विमान से उतर कर जब 8: 38 बजे शुभांशु अराइवल हॉल में पहुंचे तो उनका स्वागत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया। उन्होंने शुभांशु शुक्ला को अंगवस्त्र पहनाकर उनका अभिनंदन किया। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद थे। एयरपोर्ट के बाहर सड़क के दोनों और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे हाथ में तिरंगा लेकर लहराते हुए अपने हीरो सुधांशु का स्वागत और अभिनंदन कर रहे थे। सोमवार को सुबह से ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था, बावजूद इसके इन बच्चों के जोश में उत्साह में कहीं कोई कमी नहीं दिखी। जी 20 रोड पर खुले वाहन से हाथ हिलाकर दिया जवाब एयरपोर्ट से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का काफिला शहीद पथ की ओर बढ़ा। इसके पहले सड़क के दोनों ओर वीआईपी हैंगर रोड पर हाथ में तिरंगा लहराते हुए सीएमएस स्कूल के छात्रों ने उनका अभिनंदन किया। जी-20 रोड तक शुभांशु शुक्ला एक थार से गए जिसे फूलों से सजाया गया था। लक्ष्मण मूर्ति चौक, करगिल शहीदों की मूर्ति समेत कई जगह बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता स्वागत के लिए खड़े थे। जब उनका काफिला इन स्थानों से गुजरा तो फूलों की वर्षा की गई। जी-20 रोड पर पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला, उनकी पत्नी कामना, छह वर्षीय बेटा केयाश, पिता शंभूदयाल, मां आशा शुक्ला एक खुले डीसीएम में सवार हुए। यहां इतनी भीड़ थी कि कुछ देर तक वाहन वहीं का वहीं रुका रहा। इसके बाद यहां से सीएमएस के लिए रवाना हुआ। यहां भी सड़क के दोनों ओर लोगों की कतारें देश के हीरो की एक झलक पाने को बेताब दिखी। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके परिवार ने हाथ हिलाकर लोगों का आभार प्रकट किया। आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत : ब्रजेश पाठक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वायु सेना के जांबाज ग्रुप कैप्टन, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का अपनी जन्मभूमि लखनऊ आगमन पर स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए आज बेहद विशेष और महत्वपूर्ण दिन है। एक्सिओम मिशन 4 के मिशन पायलट के रूप में इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर तिरंगा फहराने वाले शुभांशु शुक्ला आज की युवा पीढ़ी और देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव एक प्रेरणास्रोत हैं। दुनियाभर में निवासरत भारतीयों को गौरवान्वित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।
आदित्यनाथ ने किया आम महोत्सव का उद्घाटन, किसानों को साल में एक अतिरिक्त फसल उगाने की सलाह
लखनऊ, 04 जुलाई : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में तीन दिवसीय आम महोत्सव का उद्घाटन किया और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए हर साल एक अतिरिक्त फसल उगाने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”आम महोत्सव जैसे मंच न केवल उत्सव होते हैं, बल्कि वे खरीदारों, विक्रेताओं, वैज्ञानिकों और किसानों को आपसी लाभ के लिए ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान करने का मौका भी देते हैं।” उन्होंने किसानों को साल में एक अतिरिक्त फसल लेने की सलाह देते हुए कहा, ”औरैया जैसे क्षेत्रों में किसान आधुनिक तरीकों से सालाना तीन फसलें आलू, मक्का और फिर धान उगा पा रहे हैं।” आदित्यनाथ ने कहा, ”एक किसान ने एक एकड़ मक्का से एक लाख रुपये का मुनाफा कमाया। यही उन्नत कृषि की ताकत है।” मुख्यमंत्री ने किसानों को बागवानी और अच्छी कीमत दिलाने वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, ”खेती में प्रगति का मतलब राज्य और देश की प्रगति है। जब किसान समृद्ध होंगे, तो विकसित भारत का सपना साकार हो जाएगा।” आदित्यनाथ ने राज्य के भीतर कृषि उन्नति में क्षेत्रीय असमानताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीक अपनाई है और वे अच्छा मुनाफा कमा रहे है, लेकिन बुंदेलखंड या पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए पहले ऐसा नहीं कहा जा सकता था।” हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई चुनौतियों को हल करने के सरकारी प्रयासों की बदौलत यह अंतर कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से बागवानी और वन विभागों के सहयोग से अपने खेतों में फल, औषधीय पौधे और लकड़ी देने वाले पेड़ लगाने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”फलों के बागों के विस्तार और हर्बल और वाणिज्यिक वानिकी की खेती में निजी क्षेत्र की भागीदारी देखना उत्साहजनक है।” आदित्यनाथ ने महोत्सव के आयोजन के लिए बागवानी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए सुझाव दिया कि इस तरह के आयोजन राज्य के अन्य प्रमुख जिलों में भी किए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सार्थक हाेगी यह बैठक: डॉ मोहन यादव
-मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में चार मुख्यमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री हैं मौजूद वाराणसी, 24 जून: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राज्यों के बीच समन्वय, विकास के विभिन्न आयाम, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संदर्भित यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सार्थक सिद्ध होगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ यादव यहां देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में हो रही मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में शामिल होने आए हैं। यह बैठक नदेसर स्थित तारांकित होटल ताज में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हो रही है। बैठक में भाग लेने से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सहभागिता की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव भी उपस्थित रहे। बैठक में भाग लेने के लिए काशी में प्रवास के दूसरे दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बाबा विश्वनाथ और बाबा कालभैरव के दरबार में हाजिरी लगाई। दर्शन पूजन के बाद बैठक में शामिल होने के लिए नदेसर लौटते समय लहुराबीर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नारियल पानी भी पिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को देखकर क्षेत्रीय लोगाें में उत्साह दिखा और उन लाेगाें ने हर—हर महादेव का उदघाेष कर माेहन याद का अभिवादन करते रहे। बैठक में शामिल हाेने से पूर्व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक्स पर लिखा कि आज वाराणसी में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में उत्तराखंड से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों को रखने जा रहा हूं। सीमांत राज्य होने के नाते हमारी प्राथमिकता सीमाओं की सुरक्षा, अंतरराज्यीय समन्वय, पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव दिलाना है। बैठक में आपदा प्रबंधन, परिवहन, स्वास्थ्य, पर्यटन अवसंरचना और राज्य हित के अन्य मुद्दों पर केंद्र व अन्य राज्यों के साथ सार्थक चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने भदोही को दी विकास की सौगात
भदोही, 23 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को भदोही पहुंचे। उन्होंने यहां जनप्रतिनिधियों के साथ जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा की। जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक सौगात दीं। उन्होंने कहा कि भदोही अपनी बेहतरीन हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। यह जिला अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है। गंगा नदी पर ब्रिज और आरओबी को दी स्वीकृति मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की मांग पर सीतामढ़ी के पास डेंगुरपुर में गंगा नदी पर ब्रिज और गोपीगंज-मीरजापुर के बीच रेलवे लाइन पर आरओबी के निर्माण की मांग को तत्काल स्वीकृति दी। योगी ने कहा कि मुख्यालय पर ऑडिटोरियम पहले से स्वीकृत है लेकिन इसे मल्टीपर्पज हॉल के रूप में प्रस्तावित किया गया है। जनपद मुख्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। पंचायतीराज विभाग से आउटसोर्सेज सफाईकर्मियों का स्टेट्स मांगा गया है। जिला मुख्यालय से जुड़ने वाले मार्गों की कनेक्टिविटी को तेज करने, अच्छा बनाने और पहले से स्वीकृत मिनी स्टेडियम को आगे बढ़ा सकें, इसके लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। बढ़ाया हौसला, बोले- प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रभावी ढंग से नई पहचान दे सकें मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरपेट उद्योग आज से 10 वर्ष पहले बहुत खराब स्थिति में था। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से यहां के हस्तशिल्पियों को जो प्रोत्साहन दिया गया, उसका परिणाम है कि यहां के कॉरपेट उद्योग के कारण देश में एक्सपोर्ट में 60 फीसदी योगदान यूपी का है। यूपी में जो एक्सपोर्ट हो रहा है, उसमें 60 फीसदी से अधिक शेयर अकेले भदोही जनपद का है। इसे जीआई टैग मिल चुका है। इसीलिए यहां पर कॉरपेट एक्सपो मार्ट भी बनाने में केंद्र व राज्य सरकार ने योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही ने हस्तशिल्प से प्रदेश व देश को पहचान दिलाई। केंद्र व राज्य सरकार ने अपने स्तर पर हस्तशिल्प को प्रोत्साहित किया। उद्यमियों व हस्तशिल्पियों के अनेक कार्यक्रम स्थापित करने के कार्य भी सरकार के स्तर पर प्रारंभ हुए हैं। प्रयास है कि भारत के प्राचीन हस्तशिल्प को हम और प्रोत्सााहित-सहयोग कर सकें। साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रभावी ढंग से नई पहचान दे सकें। सीएम ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को भी गिनाया मुख्यमंत्री ने यहां के जिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। बोले कि यह पिछली सरकार के बेमानी व भ्रष्टाचार का जीवंत स्मारक बन चुका था। हमने यहां के कार्य को फिर से प्रारंभ किया है। 50 बेडेड क्रिटिकल केयर के नए सेंटर को स्थापित करने के कार्य का निरीक्षण किया है। जिला अस्पताल के पुराने भवन के निर्माण कार्य के लिए सरकार ने धनराशि उपलब्ध करा दी है। राजकीय निर्माण निगम को दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रयास है कि आने वाले समय में भदोही में पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापित कर सकें। इसके लिए मानकों को पूरा करने की तैयारी हो रही है। मोरवा नदी के पुनरोद्धार व ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को प्रभावी ढंग से बढ़ाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने काशी नरेश राजकीय पीजी कॉलेज की चर्चा की। बोले कि लैंड की रिक्वॉयरमेंट मांगी गई है। यहां कृषि संकाय बन चुका है। मैनपॉवर उपलब्ध करा रहे हैं। यदि 50 एकड़ से अधिक लैंड है तो उसे स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में भी आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। यह भदोही की बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि व जनसहभागिता से मोरवा नदी के पुनरोद्धार का कार्य किया जा रहा है। सीएम ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को प्रभावी ढंग से बढ़ाने का निर्देश दिया।
गृहमंत्री अमित शाह ने काशी कोतवाल का लिया आशीर्वाद, एयरपोर्ट पर चार राज्यों के सीएम ने की आगवानी, काशी में भव्य स्वागत
वाराणसी, 23 जून: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर सोमवार की शाम वाराणसी पहुंचे। एयरपोर्ट पर यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सीएम ने उनकी आगवानी की। इसके बाद अमित शाह ने काशी कोतवाल कालभैरव मंदिर पहुंचकर विधिविधान से दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। गृहमंत्री मंगलवार को होटल ताज में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। गृहमंत्री सोमवार की शाम करीब पांच बजे वाराणसी पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी, एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। गृहमंत्री एयरपोर्ट से ही कालभैरव मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे। इस दौरान रास्ते भर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुष्प पर्षा कर उनका स्वागत किया। गृहमंत्री ने काशी कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। वहीं देशवासियों के कल्याण की कामना की। गृहमंत्री के आगमन को लेकर वाराणसी प्रशासन अलर्ट है। एयरपोर्ट से लेकर मंदिर क्षेत्र और ताज होटल तक पैनी नजर रखी जा रही है। चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया है। बनारस में एक ही दिन वीवीआईपी का जमावड़ा होने से खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हैं।