आदित्यनाथ ने किया आम महोत्सव का उद्घाटन, किसानों को साल में एक अतिरिक्त फसल उगाने की सलाह

लखनऊ, 04 जुलाई : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में तीन दिवसीय आम महोत्सव का उद्घाटन किया और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए हर साल एक अतिरिक्त फसल उगाने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”आम महोत्सव जैसे मंच न केवल उत्सव होते हैं, बल्कि वे खरीदारों, विक्रेताओं, वैज्ञानिकों और किसानों को आपसी लाभ के लिए ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान करने का मौका भी देते हैं।” उन्होंने किसानों को साल में एक अतिरिक्त फसल लेने की सलाह देते हुए कहा, ”औरैया जैसे क्षेत्रों में किसान आधुनिक तरीकों से सालाना तीन फसलें आलू, मक्का और फिर धान उगा पा रहे हैं।” आदित्यनाथ ने कहा, ”एक किसान ने एक एकड़ मक्का से एक लाख रुपये का मुनाफा कमाया। यही उन्नत कृषि की ताकत है।” मुख्यमंत्री ने किसानों को बागवानी और अच्छी कीमत दिलाने वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, ”खेती में प्रगति का मतलब राज्य और देश की प्रगति है। जब किसान समृद्ध होंगे, तो विकसित भारत का सपना साकार हो जाएगा।” आदित्यनाथ ने राज्य के भीतर कृषि उन्नति में क्षेत्रीय असमानताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीक अपनाई है और वे अच्छा मुनाफा कमा रहे है, लेकिन बुंदेलखंड या पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए पहले ऐसा नहीं कहा जा सकता था।” हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई चुनौतियों को हल करने के सरकारी प्रयासों की बदौलत यह अंतर कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से बागवानी और वन विभागों के सहयोग से अपने खेतों में फल, औषधीय पौधे और लकड़ी देने वाले पेड़ लगाने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”फलों के बागों के विस्तार और हर्बल और वाणिज्यिक वानिकी की खेती में निजी क्षेत्र की भागीदारी देखना उत्साहजनक है।” आदित्यनाथ ने महोत्सव के आयोजन के लिए बागवानी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए सुझाव दिया कि इस तरह के आयोजन राज्य के अन्य प्रमुख जिलों में भी किए जाने चाहिए।

प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सार्थक हाेगी यह बैठक: डॉ मोहन यादव

-मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में चार मुख्यमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री हैं मौजूद वाराणसी, 24 जून: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राज्यों के बीच समन्वय, विकास के विभिन्न आयाम, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संदर्भित यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सार्थक सिद्ध होगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ यादव यहां देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में हो रही मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में शामिल होने आए हैं। यह बैठक नदेसर स्थित तारांकित होटल ताज में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हो रही है। बैठक में भाग लेने से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सहभागिता की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव भी उपस्थित रहे। बैठक में भाग लेने के लिए काशी में प्रवास के दूसरे दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बाबा विश्वनाथ और बाबा कालभैरव के दरबार में हाजिरी लगाई। दर्शन पूजन के बाद बैठक में शामिल होने के लिए नदेसर लौटते समय लहुराबीर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नारियल पानी भी पिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को देखकर क्षेत्रीय लोगाें में उत्साह दिखा और उन लाेगाें ने हर—हर महादेव का उदघाेष कर माेहन याद का अभिवादन करते रहे। बैठक में शामिल हाेने से पूर्व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक्स पर लिखा कि आज वाराणसी में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में उत्तराखंड से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों को रखने जा रहा हूं। सीमांत राज्य होने के नाते हमारी प्राथमिकता सीमाओं की सुरक्षा, अंतरराज्यीय समन्वय, पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव दिलाना है। बैठक में आपदा प्रबंधन, परिवहन, स्वास्थ्य, पर्यटन अवसंरचना और राज्य हित के अन्य मुद्दों पर केंद्र व अन्य राज्यों के साथ सार्थक चर्चा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने भदोही को दी विकास की सौगात

भदोही, 23 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को भदोही पहुंचे। उन्होंने यहां जनप्रतिनिधियों के साथ जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा की। जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक सौगात दीं। उन्होंने कहा कि भदोही अपनी बेहतरीन हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। यह जिला अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है। गंगा नदी पर ब्रिज और आरओबी को दी स्वीकृति मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की मांग पर सीतामढ़ी के पास डेंगुरपुर में गंगा नदी पर ब्रिज और गोपीगंज-मीरजापुर के बीच रेलवे लाइन पर आरओबी के निर्माण की मांग को तत्काल स्वीकृति दी। योगी ने कहा कि मुख्यालय पर ऑडिटोरियम पहले से स्वीकृत है लेकिन इसे मल्टीपर्पज हॉल के रूप में प्रस्तावित किया गया है। जनपद मुख्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। पंचायतीराज विभाग से आउटसोर्सेज सफाईकर्मियों का स्टेट्स मांगा गया है। जिला मुख्यालय से जुड़ने वाले मार्गों की कनेक्टिविटी को तेज करने, अच्छा बनाने और पहले से स्वीकृत मिनी स्टेडियम को आगे बढ़ा सकें, इसके लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। बढ़ाया हौसला, बोले- प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रभावी ढंग से नई पहचान दे सकें मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरपेट उद्योग आज से 10 वर्ष पहले बहुत खराब स्थिति में था। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से यहां के हस्तशिल्पियों को जो प्रोत्साहन दिया गया, उसका परिणाम है कि यहां के कॉरपेट उद्योग के कारण देश में एक्सपोर्ट में 60 फीसदी योगदान यूपी का है। यूपी में जो एक्सपोर्ट हो रहा है, उसमें 60 फीसदी से अधिक शेयर अकेले भदोही जनपद का है। इसे जीआई टैग मिल चुका है। इसीलिए यहां पर कॉरपेट एक्सपो मार्ट भी बनाने में केंद्र व राज्य सरकार ने योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही ने हस्तशिल्प से प्रदेश व देश को पहचान दिलाई। केंद्र व राज्य सरकार ने अपने स्तर पर हस्तशिल्प को प्रोत्साहित किया। उद्यमियों व हस्तशिल्पियों के अनेक कार्यक्रम स्थापित करने के कार्य भी सरकार के स्तर पर प्रारंभ हुए हैं। प्रयास है कि भारत के प्राचीन हस्तशिल्प को हम और प्रोत्सााहित-सहयोग कर सकें। साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रभावी ढंग से नई पहचान दे सकें। सीएम ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को भी गिनाया मुख्यमंत्री ने यहां के जिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। बोले कि यह पिछली सरकार के बेमानी व भ्रष्टाचार का जीवंत स्मारक बन चुका था। हमने यहां के कार्य को फिर से प्रारंभ किया है। 50 बेडेड क्रिटिकल केयर के नए सेंटर को स्थापित करने के कार्य का निरीक्षण किया है। जिला अस्पताल के पुराने भवन के निर्माण कार्य के लिए सरकार ने धनराशि उपलब्ध करा दी है। राजकीय निर्माण निगम को दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रयास है कि आने वाले समय में भदोही में पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापित कर सकें। इसके लिए मानकों को पूरा करने की तैयारी हो रही है। मोरवा नदी के पुनरोद्धार व ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को प्रभावी ढंग से बढ़ाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने काशी नरेश राजकीय पीजी कॉलेज की चर्चा की। बोले कि लैंड की रिक्वॉयरमेंट मांगी गई है। यहां कृषि संकाय बन चुका है। मैनपॉवर उपलब्ध करा रहे हैं। यदि 50 एकड़ से अधिक लैंड है तो उसे स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में भी आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। यह भदोही की बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि व जनसहभागिता से मोरवा नदी के पुनरोद्धार का कार्य किया जा रहा है। सीएम ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को प्रभावी ढंग से बढ़ाने का निर्देश दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने काशी कोतवाल का लिया आशीर्वाद, एयरपोर्ट पर चार राज्यों के सीएम ने की आगवानी, काशी में भव्य स्वागत

वाराणसी, 23 जून: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर सोमवार की शाम वाराणसी पहुंचे। एयरपोर्ट पर यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सीएम ने उनकी आगवानी की। इसके बाद अमित शाह ने काशी कोतवाल कालभैरव मंदिर पहुंचकर विधिविधान से दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। गृहमंत्री मंगलवार को होटल ताज में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। गृहमंत्री सोमवार की शाम करीब पांच बजे वाराणसी पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी, एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। गृहमंत्री एयरपोर्ट से ही कालभैरव मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे। इस दौरान रास्ते भर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुष्प पर्षा कर उनका स्वागत किया। गृहमंत्री ने काशी कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। वहीं देशवासियों के कल्याण की कामना की। गृहमंत्री के आगमन को लेकर वाराणसी प्रशासन अलर्ट है। एयरपोर्ट से लेकर मंदिर क्षेत्र और ताज होटल तक पैनी नजर रखी जा रही है। चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया है। बनारस में एक ही दिन वीवीआईपी का जमावड़ा होने से खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हैं।

समस्या का समाधान होगा, सबको न्याय मिलेगा : सीएम योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर, 22 जून : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह जनता दर्शन में पहुंचे लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित व संतुष्टिपरक समाधान का भरोसा दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि सबको न्याय मिलेगा। जनता की समस्या सुनते हुए सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर पीड़ित की समस्या पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें हीला-हवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता दर्शन का आयोजन गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने किया गया था। यहां कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक वह खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण के निर्देश के साथ लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सबको न्याय मिलेगा और सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे। जनता दर्शन में आईं जमीन कब्जा संबंधी शिकायतों पर सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गरीबों की जमीन कब्जामुक्त कराएं और अवैध कब्जा करने वाले दबंगों को कानूनी सबक सिखाएं। उन्होंने कहा कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का अनुसरण करते हुए कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री योगी के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण कराकर शासन में उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान व्हीलचेयर पर आए एक व्यक्ति को देखकर मुख्यमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने आश्वस्त किया कि इलाज में सरकार धन की कमी आड़े नहीं आने देगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जनता दर्शन की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”आम जन की सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन हेतु प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित ‘जनता दर्शन’ में विभिन्न जनपदों से आए लोगों की समस्याएं सुनीं। महाराज जी ने समस्याओं के शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।”

यूपी विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ लड़ेंगे : अखिलेश यादव

लखनऊ, 17 जून: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2027 और इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। अखिलेश यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी 2027 का विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी। आगामी पंचायत चुनावों के लिए भी पार्टी पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनका हर प्रयास सपा के वोट कम करने के लिए होता है, लेकिन जनता अब सच्चाई को समझ रही है। उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो सरकार अब तक कोई भी काम ढंग से नहीं करवा सकी, उससे जातीय जनगणना की उम्मीद कैसे की जा सकती है? उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक दल जो कुछ दिन पहले स्वदेशी नारा देते थे, उन्होंने हमारे बाजार को विदेशियों से कब्जा करा दिया। बुनकर सौहार्द का ताना-बाना भी बुनते रहे हैं। इसलिए हमारा मानना है कि आप अपनी समस्याएं और सुझाव दें, जिसे हम मेनिफेस्टो में शामिल करेंगे। बिजली महंगी होने जा रही है। आने वाले समय में मोबाइल चार्ज करने में भी दिक्कत होगी। हमारे पहले मुख्यमंत्री हैं जो फसल को हेलीकॉप्टर से देखने निकले थे। जिस रूट पर हवाई यात्रा की, वहां कहीं भी खरीद नहीं हो रही। भाजपा की सरकार में गेहूं खरीद नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दूध उत्पादन तो हो ही नहीं रहा, जो मदद सरकार की तरफ से मिलती थी, वह भी बंद कर दी गई। यह सरकार महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ा रही है। इनका एजेंडा नौकरी और कारोबार नहीं, लोगों को डराना है। भाजपा के प्रोपेगंडा का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। यह लोग फर्जी न्यूज बनाकर बदनाम कर सकते हैं। अहमदाबाद विमान हादसे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हादसा हुआ, लेकिन किसी ने इस्तीफा नहीं दिया। पीडीए इमोशनल गठबंधन नहीं है। पी फॉर पसमांदा समाज भी हमारे साथ है। उन्होंने आगे कहा कि जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का काम है, वे क्या कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। भाजपा वाले ग्राम सभा बढ़ाकर बूथ मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं।

नियुक्ति पत्र वितरण: गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी ने किया स्वागत

लखनऊ, 15 जून: उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के नव चयनित 60,244 सिपाहियों को आज नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजधानी लखनऊ पहुंच गए। एयरपोर्ट में उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी ने किया। इस दौरान भाजपा के संगठन और सरकार के नेता-मंत्री भी स्वागत के लिए पहुंचे हैं। इसके पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि ‘नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ आज ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज लखनऊ में विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल यूपी पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा में चयनित 60,244 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन में ‘सुरक्षित उत्तर प्रदेश’ का संकल्प सिद्ध हो रहा है। युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर सिपाहियों की भर्ती परीक्षा पहली बार हुई है। इसमें सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र आज मिल रहा है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ वह पूरे प्रदेश से आने वाले नवचयनित सिपाहियों को नियुक्ति पत्र देंगे। यूपी में पुलिस विभाग के नवचयनित 60,244 सिपाहियों को आज नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाए, इसके लिए तकनीक का प्रयोग किया गया था। इसके लिए परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों की चेकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई थी। केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही दिया गया था। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई थी। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराया गया था। इसके अलावा सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए थे। परीक्षा कक्ष एवं केंद्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की गई थी, जिसका लाइव फीड केंद्र के कंट्रोल रूम, जनपद के कंट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कंट्रोल रूम में प्राप्त किया गया था।

फरार सोनम ने उप्र में किया आत्मसमर्पण, पति राजा की हत्या के लिए भाड़े के गुंडे लिए थे

शिलांग/गाजीपुर, 09 जून : राजा रघुवंशी की हत्या की पत्नी सोनम रघुवंशी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उसने कथित तौर पर अपने पति की हत्या के लिए मेघालय में भाड़े के गुंडों को रखा था। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को दी। मेघालय पुलिस ने इस मामले में सोनम द्वारा अपने लोगों की हत्या के लिए कथित तौर पर भाड़े के गुंडों में से तीन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। मेघालय पुलिस के एक अधिकारी ने को बताया कि सोनम ने रविवार रात उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नंदगंज पुलिस स्टेशन में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राजा की निर्मम हत्या से संबंधित परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर मेघालय पुलिस के विशेष जांच दल ने हत्या के तीन अन्य संदिग्धों – मध्य प्रदेश के इंदौर से दो और उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से एक को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीनों आरोपियों को राजा की हत्या के लिए कथित तौर पर सोनम ने किराए पर लिया था। उन्होंने बताया कि एक और आरोपी को पकड़ने के लिए तलाश जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया, “चारों आरोपियों को इस निर्मम हत्या की आगे की जांच के लिए राज्य में ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालतों में पेश किया जाएगा।” मामले के बारे में और जानकारी के लिए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। हत्या का मामला दर्ज किया जा रहा है और विशेष जांच दल जांच कर रहा है। मध्य प्रदेश के इंदौर के इस जोड़े ने 11 मई को शादी की थी और 21 मई को हनीमून पर मेघालय की राजधानी शिलांग पहुंचे। नवविवाहित जोड़ा 22 मई को अपने हनीमून के हिस्से के रूप में मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में सोहरा तक अपने किराए के दोपहिया वाहन पर सवार होकर गया, जो पृथ्वी पर सबसे अधिक बारिश वाला स्थान है। यह जोड़ा 22 मई को प्रसिद्ध लिविंग डबल डेकर रूट ब्रिज के घर – नोंग्रियाट गांव में शिपारा होमस्टे में चेक इन किया था। राजा और सोनम सुबह-सुबह अपने होमस्टे से चेक आउट कर गए। टूर गाइड अल्बर्ट पीडी ने कहा कि उन्होंने इस जोड़े को ट्रेक के बीच में देखा था, नोंग्रियाट से लौटते हुए, उनके साथ तीन अन्य पुरुष पर्यटक भी थे। पीडी ने कहा, “राजा तीनों पुरुषों के साथ चल रहा था, जबकि सोनम उनके पीछे धीरे-धीरे चल रही थी।” दंपत्ति के लापता होने का मामला तब प्रकाश में आया जब 24 मई को शिलांग और सोहरा रोड के बीच सोहरारिम गांव में एक दोपहिया वाहन लावारिस हालत में मिला, जिसे उन्होंने किराए पर लिया था। दो जून को मेघालय पुलिस ने राजा और उनकी पत्नी सोनम के लापता होने के आठ दिनों बाद, सोहरा के रियात अर्लियांग में वेई सावडोंग पार्किंग स्थल के नीचे एक गहरी खाई से राजा का क्षत-विक्षत शव बरामद किया। चार जून को मेघालय पुलिस ने मावक्मा गांव के एडी व्यू पॉइंट पर एक खड्ड से खून से सना हुआ रेनकोट बरामद किया। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राजा की हत्या निर्मम तरीके से की गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से एक चाकू भी बरामद किया, जिसे हत्या का हथियार माना जा रहा है। जांचकर्ताओं ने कहा कि घटनास्थल से बरामद सभी भौतिक साक्ष्यों को आगे के विश्लेषण के लिए हैदराबाद स्थित सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) भेजा जाएगा। इंदौर हनीमून मनाने वाले व्यक्ति के लापता होने का पता तब चला जब 24 मई को शिलांग और सोहरा रोड के बीच सोहरारिम गांव में ग्रामीणों ने एक दोपहिया वाहन को लावारिस हालत में पाया, जिसे उन्होंने मेघालय की राजधानी शिलांग से चार दिनों के लिए किराए पर लिया था।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के दौरे से उत्तर प्रदेश को उम्मीद, केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग

लखनऊ, 04 जून : 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने बुधवार को यहां एक बैठक कर केन्द्र और राज्यों के बीच केन्द्रीय करों के बंटवारे पर चर्चा की। पनगढ़िया ने केन्द्र सरकार के राजस्व में से राज्यों काे मिलने वाली हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की है। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। केन्द्र और राज्यों के बीच केन्द्रीय करों के बंटवारे पर वित्त आयोग की बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद लोकभवन में आयाेजित पत्रकार वार्ता में पनगढ़िया ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एकत्रित करों में राज्यों की हिस्सेदारी को कुछ हद तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन जितना राज्यों की मांग है, उतना नहीं किया जा सकता। पनगढ़िया ने बताया कि वर्तमान में केन्द्र सरकार अपने कर राजस्व का 59 प्रतिशत अपने पास रखती है। 41 फीसदी राज्यों को देती है। उत्तर प्रदेश के साथ ही कई राज्यों ने इस हिस्सेदारी को 41 से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की मांग की है। यह 41 प्रतिशत सभी राज्यों को सीधा बंटवारा होता है। अरविन्द पनगढ़िया ने पत्रकाराें काे बताया कि वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच करों के बंटवारे का प्रस्ताव तैयार करना है। तैयार प्रस्ताव को भारत के राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयोग के प्रस्तावों को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार किया गया है। इसके अलावा, वित्त आयोग स्थानीय निकायों और पंचायतों के लिए बजट आवंटन का प्रस्ताव भी तैयार करता है, जो 72वें संवैधानिक संशोधन का हिस्सा है। आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए भी आयोग बजट का प्रस्ताव देता है। पनगढ़िया ने कहा कि आयोग के सदस्य हर राज्य का दौरा कर वहां की आर्थिक और सामाजिक जरूरतों का आकलन करते हैं। उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से स्थानीय निकायों और पंचायतों के लिए बजट आवंटन पर चर्चा हुई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश जीएसटी संग्रह में देश में पहले स्थान पर है। यह राज्य की आर्थिक ताकत को दर्शाता है। वित्त आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने कहा कि करों के बंटवारे में कई मानदंडों को ध्यान में रखा जाता है, जैसे जनसंख्या, क्षेत्रफल, वन और पर्यावरण, आय की दूरी (इनकम डिस्टेंस), और जनसांख्यिकीय प्रदर्शन, उत्तर प्रदेश ने कुछ विशेष प्रस्ताव रखे हैं। राज्य ने क्षेत्र के आधार पर हिस्सेदारी को 15 से घटाकर 10 फीसदी करने और वन व पर्यावरण के लिए हिस्सेदारी को 10 से 5 प्रतिशत करने की मांग की है। साथ ही, कर संग्रह में 10 प्रतिशत और जनसांख्यिकी में 7.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का प्रस्ताव दिया है। अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि वित्त आयोग इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उनका उद्देश्य केन्द्र और राज्यों के बीच संतुलित और निष्पक्ष कर बंटवारा सुनिश्चित करना है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करेगा, जो स्थानीय निकायों और आपदा प्रबंधन को भी मजबूत करेंगी।

उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के बिजली के निजीकरण के विरोध में देश के 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतरे

लखनऊ, 29 मई : नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर आज देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मचारियों ,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओ ने उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के किये जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। उप्र के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर आज बिजली कर्मचारियों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर अपने आक्रोश को व्यक्त किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने बताया कि यह चर्चा है कि निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद निदशक वित्त श्री निधि नारंग ने उसे क्लीन चिट दे दी है। उल्लेखनीय है कि इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने झूठा शपथ पत्र देने के मामले में ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की सिफारिश की थी। इसे न मान कर अब अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देकर निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन की निजी घरानों से मिली भगत है। इसीलिए तीसरी बार श्री निधि नारंग को सेवा विस्तार दिया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिससे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी विगत 06 माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज तक एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते विद्युत वितरण निगमों को निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड रुपए का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है । इसके अतिरिक्त निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण लगभग 10000 करोड रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागो पर 14400 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार किसानों को मुफ्त बिजली दी जाती है, गरीबी रेखा से नीचे के बिजली उपभोक्ताओं को 03 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाती है जबकि बिजली की लागत रुपए 07.85 पैसे प्रति यूनिट है। बुनकरों आदि को भी सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी की धनराशि ही लगभग 22000 करोड रुपए है। उत्तर प्रदेश सरकार इन सबको घाटा बताती है और इसी आधार पर निजीकरण का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश में किए जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आज देशभर में 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर भोजन अवकाश के दौरान सड़क पर उतरकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का कोई भी उत्पीड़न करने की कोशिश की गई तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शन नहीं रहेंगे और सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।  आज मुख्यतः वाराणसी, आगरा ,मेरठ ,प्रयागराज, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, देवी पाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सीतापुर, केस्को, कानपुर, मथुरा, अलीगढ़, बांदा, झांसी, परीक्षा, जवाहरपुर, हरदुआगंज, पनकी, अनपरा ,ओबरा और पिपरी में बड़े विरोध प्रदर्शन किए गए।