चुनौतियां हर जगह है, रिश्ते में भी। पति-पत्नी के रिश्ते में कई ऐसे मौके आते हैं, जब चुनौतियों को पछाड़कर रिश्ते को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाने की दिशा में काम करना पड़ता है। कैसे परेशानियों के बीच रिश्ते की डोर मजबूत करें, बता रही हैं हम… कविता और शुभम की शादी को दो साल हो चुके हैं। शुरुआत में लगभग एक साल तक तो सबकुछ बहुत अच्छा था। फिर अचानक शुभम को ऑफिस के काम से पांच माह के लिए विदेश जाना पड़ा। धीरे-धीरे यह दूरी उन दोनों के रिश्ते पर भारी पडने लगी। ठीक ऐसे ही सौम्या और सौरभ को अपने रिश्ते में चुनौती का सामना तब करना पड़ा, जब बार-बार की कोशिशों के बाद भी सौम्या गर्भधारण नहीं कर पाई। पेरेंट्स बनने की नाकामी का असर सौम्या और सौरभ के रिश्ते पर पडने लगा। आपसी बातचीत कम हो गई। तकरार बढने लगी। प्यार धीरे-धीरे कमजोर पडने लगा। पर, समय रहते ये दोनों जोड़े सचेत हो गए। वे इस बात को समझ गए कि उन्हें अपने रिश्ते की इस परेशानी का हल जल्द तलाशना होगा। उसके सामने घुटने टेकने से बात नहीं बनेगी। बस, इसके साथ ही इनका रिश्ता फिर से धीरे-धीरे मुस्कुराने लगा। हर रिश्ते की अपनी खुशियां होती हैं, अपनी चुनौतियां होती हैं। आपका रिश्ता कितना मजबूत है, यह उस वक्त पता चलता है, जब पति-पत्नी के रूप में साथ मिलकर आप मुसीबत से लड़ते हैं, जीतते हैं और अपने हिस्से की खुशियों को फिर से अपनी मुऋी में बंद कर लेते हैं। आज दुनिया के कई देशों में आधी से ज्यादा शादियां सिर्फ इसलिए टूट रही हैं क्योंकि शादीशुदा जोड़े जिंदगी की चुनौतियों के सामने हार मान जाते हैं। खुशनुमा शादीशुदा जिंदगी के लिए यह जरूरी है कि आप पहले से ही इस बात को लेकर मानसिक रूप से तैयार रहें कि जिंदगी हमेशा यूं ही खुशनुमा नहीं रहेगी। कुछ परेशानियां, कुछ लोग, कुछ परिस्थितियां आपकी खुशियों पर घात लगाने आ सकते हैं। कैसे इन परेशानियों से पार पाएं और रिश्ते को मजबूत बनाएं, आइए जानें… जानिए, परेशानी कहां है? किसी भी सवाल का हल हम तभी तलाश पाते हैं, जब हम सवाल को अच्छी तरह से समझ पाते हैं। ठीक ऐसे ही, पहले आपको यह जानना होगा कि आपके रिश्ते में परेशानी कहां है और फिर उस परेशानी का हल तलाशना होगा। अगर आप पार्टनर से नाराज हैं, तो गुस्से में कुढने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। ऐसा करने से आपका मूड ही खराब होगा। वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉं उन्नति कुमार की मानें, तो गुस्से में बहस करने के बजाए शांति से अपने पार्टनर को अपनी परेशानी बताना बेहतर विकल्प है। यह न सोचें कि एक बार बातचीत से आपकी समस्या का हल मिल जाएगा। हो सकता है इस बातचीत के बाद आप दोनों के बीच की दीवार थोड़ी-सी छोटी हो जाए, पर उसे पूरी तरह से टूटने में थोड़ा वक्त लग सकता है। उसके बाद भी समस्या का हल न निकले तो किसी ऐसे शख्स को तलाशें जो आप दोनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सके। ध्यान रहे, वह शख्स ऐसा हो जो आप दोनों को बखूबी जानता और समझता हो। समस्या का हल जरूर निकलेगा। विश्वास को रखें कायम स्थितियां चाहें कितनी भी बुरी क्यों न हो, अपने जीवनसाथी पर अपना विश्वास बनाए रखें। उनकी क्षमताओं पर संदेह न जताएं। आपका साथ मिलेगा तो साथी भी उस मुसीबत से इस रिश्ते को बचाने के लिए जी-जान लगा देगा। अगर आप अपने साथी की क्षमताओं पर संदेह जताएंगी तो उसकी आंच आपके रिश्ते पर भी पड़ेगी। एक मजबूत जोड़ा, कभी भी एक-दूसरे की क्षमताओं पर शक नहीं करता। चुनौतियां उनके रिश्ते को और मजबूत बना जाती हैं। अहंकार को न लाएं रिश्ते के बीच अक्सर किसी रिश्ते में परेशानी तब आती है, जब प्यार अहंकार की भेंट चढने लगता है। नतीजा, धीरे-धीरे प्यार कड़वाहट में बदलने लगता है। ऐसा न हो, इस बात का ख्याल रखना किसी भी रिश्ते के लिए बेहद जरूरी है। इस विषय में रिलेशनशिप मैनेजर डॉं. रूबी चावला कहती हैं, जब दो लोगों में से किसी एक के दिमाग में मैं और सिर्फ मैं का भाव आने लगता है, वहीं से रिश्ते में खटास आने की शुरुआत हो जाती है। नतीजा तकरार, मतभेद। ऐसा न हो इसके लिए जरूरत है, तो बस सोच में थोड़ा-सा बदलाव करने की। किसी भी परिस्थिति में अगर आप खुद को अपने साथी की जगह पर रखकर सोचना शुरू कर देंगी, तो तकरार को काफी हद तक टाला जा सकता है। सीखें परेशानियों को नजरअंदाज करना कभी-कभी नजरअंदाज करने का छोटा-सा नुस्खा दो लोगों के बीच की कड़वाहट को घटाने में बहुत कारगर साबित हो जाता है। अगर आपको मालूम है कि कोई खास बात आपके रिश्ते के लिए परेशानी का कारण बन रही है तो उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दें। गलती पर भी दूसरी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर दोबारा उस गलती के होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। बिना बोले ही बात बन जाती है। मानें अपनी गलती हमेशा आप सही हों, यह जरूरी नहीं। गलती होने पर भी तर्क- कुतर्क से खुद को सही साबित करना समझदारी नहीं है। अपनी गलती मानें और उससे आगे की जिंदगी के लिए सबक लें। गलती तो हो चुकी है, ऐसे में समझदारी इसी में है कि आप दोनों साथ बैठकर शांत दिमाग से उस समस्या के बारे में सोचें और उससे बाहर निकलने का रास्ता साथ तलाशें। बिठाएं आपसी सामंजस्य सामंजस्य आजकल नकारात्मक शब्द बन गया है। पर, अपने पार्टनर की खुशी के लिए अपनी इच्छा से किया गया त्याग, त्याग की श्रेणी में नहीं आता, बल्कि उससे खुशी का अहसास होता है। यह त्याग तब बोझिल और नकारात्मक हो जाता है, जब हम कुछ करने के बदले में कुछ पाने की इच्छा रखते हैं। ऐसा भाव न होने पर ही रिश्ते में मधुरता आती है। साथ ही यह भी हो सकता है कि आपके इस बर्ताव को देखकर आपका पार्टनर भी अपनी ओर से कुछ सामंजस्य करने लगे। बदलने का न करें प्रयास जैसी आप हैं और आपकी पसंद है, जरूरी नहीं है कि आपका पार्टनर भी वैसा ही हो। किसी चुनौती
गुनगुने गर्म तेल से मसाज करने के फायदे जानकर दंग रह जाएगे आप
सभी को अपने शरीर और बाल बहुत प्यारे होते है फिर चाहे वो महिला हो या फिर पुरुष। सुन्दर काले व चमकदार बाल महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। पुराने समय में बालों के रखरखाव व निखार के लिए महिलाएं अनेक तरीके इस्तेमाल में लाती थीं, जिनसे बाल वास्तव में ही काले, घने, मजबूत और चमकदार बनते थे लेकिन आज के समय में बाजार में कई तरह के साबुन और अन्य चीजें मिलती है। जिसका इस्तेमाल करके हम अपने बालों को रुखें, बेजान बना लेते है। आज के दौर में हम इतना ज्यादा व्यस्त है कि हम फैशन के चलते बालों में तेल लगाना सही नही समझते साथ ही इतना समय नही मिलता कि हम ज्यादा समय अपने बालों की केयर के लिए दे पां। जिसके कारण हमारें बाल बेकार, बेजान हो जाते है। अगर आप भी चाहते है कि आपके बाल सुंदर, घने, लंबे बनें तो सप्ताह में एक बार बालों में तेल की मसाज जरूर करें। इससे बालों को पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ कई ऐसी तत्व मिल जाते है जिससे आपके बाल अच्छे हो जाते है। जानिए गुनगुनें तेल से मसाज से क्या फायदे है। सर्दियों का मौसम एक ऐसा मौसम है। इन दिनों पर आपके बालों में ड्रैंडफ जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण बालों में खुजली होने लगती है। इसके लिए गुनगुने तेल की मसाज काफी फायदेमंद है। इसके लिए बालों के स्कैल्प में हल्कें हाथों से गुनगुनें तेल से मसाज करें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा। -अगर आप चाहती है किआपके बाल लंबे, घने बने तो इसमें आपकी सहायता हल्के गर्म तेल कर सकता है। इसके लिए अपने बालों में गुनगुनें गर्म तेल से मसाज करें जिससे कि ब्लड फ्लो बना रहें और आपके बाल तेजी से बढ़ते जाए साथ ही घने भी रहें। -अगर आपके स्कैल्प बहुत ड्राई हो गए हैं तो भी हल्के गर्म तेल से मसाज करना फयदेमंद रहेगा। जो लोग ज्यादातर वक्त घर से बाहर रहते हैं और धूप, गर्मी में काम करते हैं उनके लिए हल्के गर्म तेल से मसाज करना बहुत फायदेमंद होता है। -अगर आपके बाल अधिक मात्रा में गिरते है। जिसके कारण आप गंजे होते जा रहे है। तो गुनगुनें तेल से मसाजद करें। इससे आपके बालों में पोषण मिलेगा। जिससे आपके बालों की जड़े मजहबूत होगी। -अगर आपके बाल सफेद हो रहे हो तो बालों में सरसों के गुनगुनें तेल से मसाज करें। इससे सफेद बाल नहीं उगेंगे और बालों का टेक्सफचर भी सुधरता है। -अगर आपके सिर में दर्द हो रहा ह ोतो मसाज आपके लइए काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके लिए गुनगुनें गर्म तेल से बालों में धीरें-धीरें मसाज करें। आपको काफी अच्छी लगेगा।
स्वास्थ्य के लिए वरदान है प्याज
भारतीय रसोई में प्याज का बड़ा ही महत्व है। बिना प्याज के हमारे यहां रसोई को अधूरा माना जाता है। ऐसी कम ही डिशेज होगी जो प्याज के बनती हैं। प्याज खाने में स्वाद तो बढ़ाता है ही, वही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी एक वरदान है। प्याज एक अत्यंत गुणकारी पौधा है जिसमें औषधीय गुण भी पाएं जाते हैं। लाल प्यामज में ढेर सारे पोषक तत्वन होते हैं, जो बड़ी से बड़ी बीमारियों को खत्म करने की शक्तिा रखते हैं। इसके अलावा इसमें ग्लूकोस भी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। हरा प्याज चेहरे की झुर्रियों को दूर करता है। इसे खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके इलावा मसूड़ो में सूजन और दांत में दर्द होने पर प्याज के रस और नमक का मिश्रण लगाने से दर्द में राहत मिलती है। सर्दी-जुखाम इसमें एंटी-फंगल और एंटीऑक्सीाडेंट गुण पाए जाते हैं। इसे नियमित रूप से खाने से सर्दी-जुखाम और बुखार से राहत मिलेगी। प्याज के रस में मिश्री मिलाकर चाटने से कफ की समस्या से जल्द ही निजात मिलती है। ब्लतड प्रेशर और दिल के लिए लाल प्यागज शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉणल को निकाल कर हृदय को रोगों से बचाता है। इसे नियमित खाने से हाई ब्लतड प्रेशर मेंटेन रहता है। कैंसर का इलाज प्याज कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है। यह प्रोस्टेलट और पेट के कैंसर होने के खतरे को भी कम करता है। खाली पेट रोज सुबह प्याज खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। गठिया का दर्द और सूजन में आराम कई बीमारियों की वजह से होने वाले शारीरिक दर्द और सूजन से भी यह राहत दिलाता है। अगर आपको अस्थ मा, एलर्जी या गठिया रोग है तो अभी से ही लाल रंग की प्याभज खाना शुरु कर दें। गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश करें। एंटी फंगल प्याज में एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। यदि प्याज के बीजों को सिरका में पीसा कर दाद-खाज और खुजली में लगाए तो जल्दी ही आराम मिलता है। बालों के लिए फायदेमंद बालों में प्याज का रस लगाने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और साथ ही बालें की चमक भी बढ़ती है। अगर रूसी की समस्याय है तो आप इसके रस को भी सिर पर लगा सकते हैं। यूरिन प्रॉब्लम्स अगर किसी को यूरिन प्रॉब्लम हो और रुक-रुक कर पेशाब आता है तो पेट पर प्याज के रस की हल्की मालिश करनी चाहिए। इसके इलावा दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलुवा बना लीजिए। इसको गर्म करके पेट पर इसका लेप लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है। पानी में उबालकर पीने से भी पेशाब संबंधित समस्या खत्म हो जाती है। पथरी की समस्या में लाभ अगर आपको पथरी की शिकायत है तो प्याज आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की समस्या से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-आप कटकर बाहर निकल जाती है। इम्यूनिटी पावर बढ़ाए यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा देता है कि बीमारियों जल्दी होती ही नहीं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम बनाए रखता है। हरे प्याज में क्रोमियम होता है। इसीलिए यह डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। यह ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण करता है। लंबी उम्र के लिए प्याज खाने से कई शारीरिक बीमारियां नहीं होती हैं। इसके आलावा प्याज कई बीमारियों को दूर भगाता है। इसलिए यह कहा जाता है कि प्याज खाने से उम्र बढती है, क्योंकि इसके सेवन से कोई बीमारी नहीं होती और शरीर स्वस्थ्य रहता है।
कीमोथेरेपी के बाद होने वाले दुष्प्रभावों के बचने के लिए डाइट प्लान: डॉ अर्चिता महाजन
दिनभर हाइड्रेट रहे सादा पानी नहीं पसंद तो नारियल पानी ले चाय कॉफी प्रोसैस्ड फूड कोल्ड ड्रिंक और रेडमीट से दूर रहें डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि दिन की शुरुआत नारियल पानी और अदरक से करें यह कीमोथेरेपी के प्रभाव को काम करता है।लो फैट वाले दूध उत्पाद का चयन करें. चबाने और निगलने में आसान सॉफ्ट फूड जैसे खिचड़ी और दलिया का सेवन करना चाहिए. दही सबसे बड़ा प्रोबायोटिक है नाश्ते में इसका सेवन करें। दोपहर को फल सब्जियां प्रोटीन युक्त दाल साबुत होना आज फल और नट्स खाएं।अनानास के साथ कम वसा वाला बटर पनीर ले पनीर प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जबकि अनानस पचाने में आसान है। तुलसी अदरक हल्दी को हर्बल चाय बनाकर पिए।यह मतली को शांत करता है और पाचन में सहायता करता है।दिन का खाना।गिल्ड चिकन या टोफू लीन प्रोटीन या टोफू मिश्रित सागा, चेरी टमाटर, नारियल, क्विनोआ या ब्राउन चावल कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट सतत ऊर्जा प्रदान करते हैं।दोपहर का नाश्ता गाजर और हम्मस।गाजर पचाने में आसान है, और हम्मस प्रोटीन और स्वस्थ वसा प्रदान करता है, जो कि कीमोथेरेपी रोगियों के लिए आहार चार्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।साबुत अनाज क्रैकर्स पर कटा हुआ एवोकैडो।एवोकाडो स्वस्थ वसा और फाइबर प्रदान करता है, जबकि साबुत अनाज क्रैकर्स कुरकुरापन प्रदान करते हैं।रात का खाना।बेक्ड सैल्मन या सफ़ेद मछली सैल्मन या सफेद मछली, नींबू, जड़ी बूटियाँ, जैतून का तेल। ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और सूजन को कम करते हैं, जो कि कीमोथेरेपी रोगियों के लिए आहार चार्ट में एक और महत्वपूर्ण बात है। उबली हुई सब्जियाँ।सामग्री: ब्रोकोली, गाजर, फूलगोभी।विटामिन, खनिज और फाइबर प्रदान करता है, जो कीमोथेरेपी रोगियों के लिए आहार चार्ट का एक अभिन्न अंग है।मसले हुए मीठे आलू शकरकंद, थोड़ा सा मक्खन या जैतून का तेल। आसानी से पचने वाला और विटामिन से भरपूर।
सबके सामने महिला को कैसे करें अपनी तरफ आकर्षित
सबके सामने किसी महिला को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ये कुछ आसान से टिप्स आप फॉलो कर सकते हैं। आपकी स्माइल का जादू : अगर आपकी नज़रें उनसे टकरा जाती हैं तो एक प्यारी सी स्माइल देना तो बनता है और अगर वो भी बदले में स्माइल बैक करे तो मतलब आपकी चल पड़ी है। ज़्यादा नहीं पर थोड़ी सी तारीफ़ : फीमेल्स बहुत ज़्यादा खुश तब होती हैं जब उनकी कोई तारीफ़ कर दे। और अगर वाकई में आपको लगता है कि वो बहुत सुन्दर है, कुछ अलग है तो तारीफ़ ज़रूर करें। क्वालिटी टाइम बिताएं : कभी भी इम्प्रेस करना हो तो जल्दबाज़ी बिलकुल भी ना करे। सब्र रखें। कोई भी रिश्ता समय मांगता है इसलिए समझदारी से चलें। प्यार में जल्दबाज़ी ठीक नहीं। ड्रेसिंग स्टाइल अच्छा रखें : आपकी पर्सनालिटी कितनी भी अच्छी क्यों ना हो, जब भी आप उनसे मिलने जाएं तो अपना ड्रेसिंग अच्छा रखें। फर्स्ट इम्प्रेशन में आपके ड्रेसिंग का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। थोड़ा सा मस्तीला अंदाज़ : ज़ादा सीरियस नहीं, पर उनसे आप थोड़ा मस्ती-मज़ाक करते रहें, ताकि वो आपके साथ फ्रेंडली महसूस करें, लेकिन याद रखें थोड़ा सा ही मजाक नहीं तो भग्वान ही आपका मालिक है। सच बोलें : कोई भी लड़की आपकी सच्चाई पर वाकई में आकर्षित हो सकती है। इसलिए उसके सामने जो हैं वैसे ही रहें, ज़्यादा शोऑफ भूलकर भी न करें। कोई भी रिश्ता लंबे समय तक सिर्फ सच पर टिक सकता है।
पेट साफ न होने पर कभी भूलकर भी न खाए इन 5 चीजों को
अगर पेट साफ ना हो तो पूरे दिन पेट में भारीपन महसूस होता है। अगर ऐसी स्थिति में आपको उन चीजों की जानकारी न हो, जिन्हें खाने पर पेट और ज्यादा खराब हो सकता है, तो उन्हें खाना आपको और भी परेशानी में डाल सकता है। आइए, जानते हैं ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्हें पेट साफ नहीं होने पर आपको भूलकर भी नहीं खाना चाहिए- 1. पेट को दूध से बने किसी भी उत्पाद को पचाने में काफी समय लगता है, अगर आपका पेट पहले से ही साफ नहीं हैं तो दूध से बने उत्पाद को खाने से बचें, ऐसे में अगर उन्हें खाएंगे तो कब्ज हो सकता है। 2. पेट साफ नहीं होने पर चिप्स और तली-भुनी चीजों का सेवन करने से भी बचें, क्योंकि इनमें वसा ज्यादा होता है जो पचने में समय लगाता है। 3. फ्रोजन खाद्य पदार्थ भी खाने से बचें, ये आपके पेट को और ज्यादा खराब कर देती है। 4. बिस्कुट और कुकीज़ में मैदे की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो कि इस दौरान आपके पेट को ज्यादा नुकसान करेगी। 5. वैसे तो केला खाना पचाने में सहायता करता है, लेकिन पेट साफ नहीं होने की स्थिति में कच्चा केला भूलकर भी न खाएं।
प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले बीपी जरूर नॉर्मल रहना चाहिए: डॉ अर्चिता महाजन
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जब माँ का रक्तचाप अधिक होता है, तो बच्चे को बढ़ने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलना मुश्किल होता है। इस कारण माँ बच्चे को समय से पहले जन्म दे सकती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित 46% वयस्कों को पता ही नहीं होता कि उनका बीपी हाई है।प्रीक्लेम्पसिया तब होता है जब किसी महिला का पहले सामान्य रक्तचाप होता था, लेकिन गर्भावस्था के 20 सप्ताह बाद अचानक उसे उच्च रक्तचाप* और मूत्र में प्रोटीन या अन्य समस्याएं होने लगती हैं। जिन महिलाओं को क्रोनिक उच्च रक्तचाप है, उन्हें भी प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। प्री-एक्लेम्पसिया और उससे जुड़ी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है. स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. प्लेसेंटा को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता, जिससे बच्चे को कम ऑक्सीजन और भोजन मिलता है. बच्चे का वज़न कम हो सकता है और समय से पहले जन्म हो सकता है. प्लेसेंटल एब्रप्शन हो सकता है, जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग हो जाता है. यह स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप बढ़ जाता है, तो यह आपके हृदय और गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। इससे हृदय रोग, किडनी रोग और स्ट्रोक हो सकता है । गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से प्रीक्लेम्पसिया, समय से पहले जन्म, गर्भनाल में रुकावट और सिजेरियन जन्म का खतरा भी बढ़ जाता है।सफ़ेद नमक की जगह लो सोडियम साल्ट जैसे सेंधा नमक का इस्तेमाल करें.अपने आहार में पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीज़ें खाएं.घर में ही थोड़ी-थोड़ी देर बाद जरूर टहलें.टहलते समय अच्छा संगीत सुनें या मेडिटेशन करें.हल्का वर्कआउट करें.कैफ़ीन, स्मोकिंग, और सॉफ़्ट ड्रिंक से परहेज़ करें.
बूढ़े होना बहुत आसान है बस प्रोसैस्ड चीनी पहले से बढ़ा दो : डॉ अर्चिता महाजन
प्रोसैस्ड चीनी बिस्कुट केक पेस्ट्री मिठाई, कैंडी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों में पाई जाती है डीएनए तक डैमेज हो सकता हैत्वचा में पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या पैदा हो सकती है। डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा ने बताया कि वक्त से पहले बूड़ा होना चाहते हैं तो प्रोसैस्ड चीनी अवश्य खाएं। वैसे भी जाने अनजाने में हम जरूरत से कॉफी ज्यादा कंज्यूम कर लेते हैं। प्रशस्ति चीनी स्किन को डैमेज करती है और झुरिया पढ़नी शुरू हो जाती हैरिफाइंड शुगर हमारे शरीर में ग्लाइसेशन नाम की प्रक्रिया को बढ़ाने का काम करती है। जहां चीनी के अणु त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन फाइबर से जुड़ जाते हैं। जिसके कारण हमारी त्वचा इलास्टिन लूज कर देती है। यही कारण है कि हमारी स्किन पर रिंकल्स की समस्या पैदा हो जाती है। इस कारण ये हमारी त्वचा समय से पहले बूढ़ी होना दिखाई देने लगती है।अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पब्लिश एक स्टडी में यह पाया गया कि ज्यादा चीनी का सेवन करने से DNA भी डैमेज हो सकता है और तो और वक्त से पहले बुढ़ापा भी आ सकता है. इसके अलावा, दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है. हमारे शरीर में एक नेचुरल ऑयल पाया जाता है जिसे सीबम कहा जाता है। यह ऑयल हमारे शरीर में नेचुरल रूप से उपस्थित होता है। इसका काम हमारी त्वचा को मॉइस्चराइज बनाए रखना होता है। यदि हम अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं तो इससे हमारे शरीर में सीबम का उत्पादन बढ़ जाता है। जिसके कारण हमारी त्वचा से ज्यादा ऑयल निकलना शुरू हो जाता है। इस ऑयल के कारण भी एक्ने और पिंपल आदि की समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जो जल्दी बुढ़ापे का कारण बनती हैं।
सर्दियों में ना ही ओवर ईटिंग करें ना ही ज्यादा फास्टिंग : डॉ अर्चिता महाजन
सर्दियों में की गई ओवरइटिंग वजन पाचन मधुमेह हृदय और अल्सर कि समस्याओं को पैदा करती है सर्दियों में की गई ज्यादा फास्टिंग शरीर का ढांचा कमजोर कर देगी डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि सर्दी का मौसम आते ही हमारे शरीर और मन पर इसका असर दिखने लगता है. ठंड के इस मौसम में सेहत को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, ऋतु के अनुसार डाइट और डेली रूटीन में बदलाव करना बेहद जरूरी है. सर्दियों में पाचन अग्नि मजबूत होती है, जो खाने-पीने से मिलने वाले पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से ऑब्जर्ब करती है. इसलिए ज्यादा फास्टिंग करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा फास्टिंग करने से शरीर को पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी। सर्दियों में ओवरइटिंग में से भी बचना चाहिए। सर्दी शुरू नहीं होती कि हम शुरू हो जाते हैं सुबह-सुबह तीन-चार पराठे आलू वाले मूली वाले गाजर वाले गोभी वाले सभी प्रकार के खाना शुरू कर देते हैं परंतु यह ध्यान रखना चाहिए ओवरइटिंग से कई समस्याएं हो सकती हैं:स्वास्थ्य समस्याएं 1. वजन बढ़ना: सर्दियों में ओवरइटिंग से वजन बढ़ सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। 2. पाचन समस्याएं: अधिक खाने से पाचन समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि कब्ज, गैस, और एसिडिटी। 3. मधुमेह और हृदय रोग: ओवरइटिंग से मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। 4. अल्सर और पेट की समस्याएं: अधिक खाने से अल्सर और पेट की समस्याएं हो सकती हैं। अन्य समस्याएं 1 ऊर्जा की कमी: ओवरइटिंग से ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे आप थकान और सुस्ती महसूस कर सकते हैं। 2. नींद की समस्याएं: अधिक खाने से नींद की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अनिद्रा और नींद की गुणवत्ता में कमी।3. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: ओवरइटिंग से मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि तनाव, चिंता, और अवसाद।
गॉलब्लैडर की पथरी कैल्शियम के कारण नहीं कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन के कारण बनती है : डॉ अर्चिता महाजन
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि गलतफहमी है कि कि़डनी की तरह गॉलब्लैडर में भी कैल्शियम और मिनरल्स के जमाव की वजह से स्टोन बनता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। गॉलब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा जमा होने पर यह समस्या होती है।लिवर में फैट को पचाने वाला खास तरह का एंजाइम बनता है, जिसे बाइल कहा जाता है। लिवर से बाइल डक्ट के जरिए यह बाइल गॉलब्लैडर में जाकर जमा होता है। आम तौर पर, आपके पित्त में आपके लीवर द्वारा उत्सर्जित कोलेस्ट्रॉल को घोलने के लिए पर्याप्त रसायन होते हैं। लेकिन अगर आपका लीवर आपके पित्त द्वारा घुलने वाले कोलेस्ट्रॉल से ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल निकालता है, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल में बदल सकता है और अंततः पत्थरों में बदल सकता है।आपके पित्त में बहुत ज़्यादा बिलीरुबिन होता है। बिलीरुबिन एक रसायन है जो तब बनता है जब आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को तोड़ता है। कुछ स्थितियों के कारण आपका लिवर बहुत ज़्यादा बिलीरुबिन बनाता है, जिसमें लिवर सिरोसिस, पित्त नली में संक्रमण और कुछ रक्त विकार शामिल हैं। अतिरिक्त बिलीरुबिन पित्त पथरी के निर्माण में योगदान देता है।आपका पित्ताशय सही तरीके से खाली नहीं होता है। यदि आपका पित्ताशय पूरी तरह से या अक्सर खाली नहीं होता है, तो पित्त बहुत अधिक गाढ़ा हो सकता है, जिससे पित्त पथरी बनने में योगदान होता है।भोजन में मौजूद वसा को पचाने के लिए यहां से छोटी आंत में बाइल की आपूर्ति होती है।अगर गॉलब्लैडर से स्टोन बाइल डक्ट में चला जाए तो इससे जॉन्डिस और पैन्क्रियाज में सूजन की समस्या हो सकती है। अगर लंबे समय तक इसका उपचार न किया जाए तो इससे कैंसर भी हो सकता है। गॉलब्लैडर की पथरी के कुछ लक्षण पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेजी से बढ़ने वाला दर्द आपके पेट के बीच में, छाती की हड्डी के ठीक नीचे अचानक और तेजी से बढ़ने वाला दर्द ,कंधे की हड्डियों के बीच पीठ दर्द,दाहिने कंधे में दर्द,मतली या उलटी