बच्ची से रेप ने खोली दिल्ली में कानून व्यवस्था की पोल : मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली, 19 फरवरी : आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी के तिलकनगर इलाके में सात वर्ष की एक मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी को लेकर भारतीय जनता पार्टी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के राज में दिल्ली की कानून व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और तिलक नगर से ‘आप’ विधायक जरनैल सिंह ने इस मामले में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन किया। इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि राजधानी के तिलक नगर से एक बहुत ही दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है जिसमें एक सात साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। यह हम सबके लिए बहुत चिंता की बात है कि दिल्ली में अपराधियों और महिलाओं के साथ गलत कृत्य करने वालों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं। दिल्ली में कानून व्यवस्था का पूरी तरह से मज़ाक बना हुआ है। अपराधियों और दुष्कर्म करने वालों के दिल में कोई डर नहीं है। दिल्ली में यह इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप है और इसे ठीक करने में भाजपा और शाह की कोई दिलचस्पी नहीं है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में अब चुनाव खत्म हो गए हैं। भाजपा को चुनाव से पहले जितनी गाली-गलौज की राजनीति करनी थी, उसने कर ली। अब तो अपनी आदतों को बदलकर कुछ काम करना चाहिए। दिल्ली के लोगों ने भाजपा को पहले से दिल्ली की कानून व्यवस्था दे रखी है। इन दुष्कर्म करने वालों और अपराधियों के अंदर कानून का खौफ पैदा करना चाहिए। अब अरविंद केजरीवाल को गाली देने से काम नहीं चलेगा। चुनाव खत्म हो चुका है। वापस कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आइए। दिल्ली के लोगों ने पहले भी भाजपा के सात सांसद चुने थे। दुष्कर्म करने वालों और अपराधियों के मन में खौफ पैदा करिए। वहीं सिंह ने कहा कि तिलक नगर की घटना को लेकर दिल दुखी है। गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस इस तरह मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं को रोकने में नाकाम है। चेन स्नैचिंग, स्कूटी चोरी, गाड़ी चोरी जैसी अपराध की घटनाएं इतनी आम हैं कि अब लोग इनकी गिनती भी नहीं करते हैं। दिल्ली में आजकल फिरौती, रेप और हत्या की घटनाएं आम हो चुकी हैं, लेकिन हमारी पुलिस इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के लोगों को यह आश्वासन देते हैं कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की इस लड़ाई में अंत तक उनके साथ खड़े रहेंगे। हम न्यायपालिका से उम्मीद करते हैं कि वह दोषियों को सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा दे।

दिल्ली में रविंद्र इंद्रराज को सीएम बनाए जाने की अटकलें, एक तीर से कई निशाने साध सकती है भाजपा

नई दिल्ली, 18 फरवरी : दिल्ली में 26 साल बाद सत्ता में वापस आई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर 8 फरवरी से ही अटकलों का दौर चल रहा है। प्रवेश वर्मा, अभय वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता समेत कई नामों की चर्चा चल रही है। इस बीच संभावना व्यक्त की जा रही है कि दिल्ली में भाजपा किसी दलित नेता के सिर पर ताज सजा सकती है। यदि ऐसा होता है तो रविंद्र इंद्रराज सिंह को यह मौका मिल सकता है। रविंद्र इंद्रराज सिंह ने बवाना विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने यहां आम आदमी पार्टी के विधायक जय भगवान उपकार को 31475 वोट के बड़े अंतर से हराया है। रविंद्र इंद्रराज अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं। वह लंबे समय से दलित समुदाय के लिए काम करते रहे हैं। 50 साल के इंद्रराज पेशे से बिजनेसमैन हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हैं। चुनाव में उनकी ओर से दिए गए हलफनामे के मुताबिक रविंद्र के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है। दलित और देहात दोनों सधेंगे साथ रविंद्र इंद्रराज सिंह को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा एक तीर से कई निशाने साध सकती है। एक तरफ जहां देशभर में दलितों को एक संदेश दिया जा सकता है तो दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के समय से ही दलित-संविधान जैसे मुद्दों पर आक्रामक विपक्ष के हमलों को कुंद किया जा सकता है। दूसरी तरफ भाजपा दिल्ली देहात को भी खुश कर सकती है, जिसने सभी 10 सीटों पर इस बार कमल खिलाया है। बवाना के अलावा नरेला, मुंडका, रिठाना, बादली, बिजवासन, नजफगढ़, मटियाला, पालम और छतरपुर के वोटर्स ने भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई है। भाजपा का सीएम फेस था चुनावी मुद्दा भाजपा ने 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता पाई है। पार्टी ने तीन बार सरकार बना चुकी आम आदमी पार्टी को परास्त करते हुए 48 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि पिछले दो चुनाव में वह 3 और 8 सीटों पर ही सिमट गई थी। पिछले चुनाव में 62 सीटों पर झाड़ू चलाने वाली ‘आप’ इस बार 22 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई है। आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले भाजपा की ओर से सीएम फेस नहीं दिए जाने को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की। बार-बार पूछा जाता था कि केजरीवाल के सामने भाजपा का चेहरा कौन है, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कई जगहों पर बैंड बाजे के साथ खाली घोड़े के घुमाया और पूछा था कि ‘भाजपा का दूल्हा कौन’ है।

सज्जन कुमार के लिए सजा-ए-मौत की मांग, अदालत सजा पर बहस के लिए 21 फरवरी को करेगी सुनवाई

नई दिल्ली, 18 फरवरी: दिल्ली की एक अदालत द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दो लोगों की हत्या के मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिए जाने के बाद अभियोजन पक्ष ने उनके लिए मौत की सजा की मांग की है। सज्जन कुमार को नवंबर 1984 में सरस्वती विहार इलाके में हुई पिता-पुत्र की हत्या के मामले में बुधवार को दोषी ठहराया गया था। सरकारी वकील को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करनी हैं। वह निर्भया और अन्य मामलों में दिशा-निर्देशों में मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील भी अपनी लिखित दलीलें दाखिल करेंगे। अदालत ने सजा पर बहस के लिए 21 फरवरी को मामले की सुनवाई तय की है। आईपीसी की इन धाराओं में ठहराया था दोषी अदालत द्वारा सज्जन कुमार को आईपीसी की धाराओं 147 (दंगा), 302 (हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 395 (डकैती), 397 (मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने के प्रयास के साथ डकैती या लूटपाट) और 436 (घर आदि को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल) समेत अन्य प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था। सज्जन कुमार को हो सकती है कम से कम आजीवन कारावास की सजा रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के स्पेशल कोर्ट की जज कावेरी ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सज्जन कुमार उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्या का दोषी करार दिए जाने के बाद सज्जन कुमार को अब अधिकतम मृत्युदंड या कम से कम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। जज कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार की सजा पर बहस की तारीख 18 फरवरी तय की थी। जज ने कहा था, ”यह भी साबित हो गया है कि हमलावर भीड़ का हिस्सा होने के नाते सज्जन कुमार घटना के दौरान शिकायतकर्ता के पति जसवंत सिंह और बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या करने के दोषी हैं।” जज ने दोषसिद्धि के फैसले में कहा था, ‘‘शिकायतकर्ता, जिसने अपने पति और बेटे की क्रूर हत्या देखी है, उससे निश्चित रूप से उस व्यक्ति का चेहरा भूलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जो उक्त हत्याओं और लूटपाट को अंजाम देने के लिए भीड़ को उकसा रहा था और अदालत में शिकायतकर्ता का बयान उसके इस रुख की पुष्टि करता है।’’ अदालत ने सज्जन कुमार की इस दलील को खारिज कर दिया था कि शिकायतकर्ता के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने आरोपी का नाम देर से बताया और कहा कि घटना के समय उसे आरोपी की पहचान के बारे में जानकारी नहीं थी क्योंकि वह उस क्षेत्र में नई थी और उसने आरोपी को पहले कभी नहीं देखा था।

सत्येंद्र जैन के मामले में ईडी का यू-टर्न, केस स्थगित करने पर दी सहमति

नई दिल्ली, 18 फरवरी: आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक सत्येंद्र जैन की प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित करने की याचिका का पिछले साल विरोध करने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने यू-टर्न लिया है। एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह जैन के अनुरोध से ‘सहमत’ है। जैन ने पिछले साल मई में राउज एवेन्यू जिला अदालत में पहली बार याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोप तय करने के चरण में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित कर दी जाए। उन्होंने कहा था कि मामले में जांच जारी है, लेकिन आरोप तय करने के लिए इसे पूरा नहीं माना जा सकता। जैन ने यह भी बताया था कि अपराध की आय पर ‘अलग-अलग राय’ रही है और सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की आगे की जांच शुरू कर दी, जिसका नतीजा उस समय लंबित था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने अदालत के सामने जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री का आवेदन ‘कानून की प्रक्रिया का घोर उल्लंघन और दुरुपयोग है।’ केंद्रीय एजेंसी ने जैन पर ‘इस अदालत को मुकदमे की कार्यवाही आगे बढ़ने से रोककर गतिरोध पैदा करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया। स्पेशल जज (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) राकेश स्याल ने तब 4 सितंबर, 2024 के आदेश में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। बाद में, जैन ने पिछले साल नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। सोमवार को ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने जस्टिस विकास महाजन को बताया कि सीबीआई द्वारा 3 जनवरी को दर्ज किए गए मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने सहित ‘बाद में कई घटनाक्रम’ हुए हैं। हुसैन ने यह भी बताया कि सीबीआई जांच के बाद ‘आय से अधिक संपत्ति’ की राशि अब 1.47 करोड़ रुपये से संशोधित होकर 3.95 करोड़ रुपये हो गई है। हुसैन ने कहा, ‘हमारी (ईडी की) ओरिजनल पीसी (अभियोजन पक्ष की शिकायत) 1.47 करोड़ के अपराध पर दायर की गई है। (ईडी) (इस हाईकोर्ट) से यह नहीं पूछ रही है कि क्या आरोप जारी रह सकते हैं, लेकिन एक सीमित सीमा तक, मैं याचिकाकर्ता की (प्रार्थना) से सहमत हूं कि आरोपों पर बहस स्थगित कर दी जाए।’ हालांकि, जैन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि वे ईडी के आवेदन पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान में तैयारी शुरू

नई दिल्ली, 17 फरवरी: भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने जा रही है। यहां रामलीला मैदान में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री का नाम उजागर नहीं हुआ। शपथ ग्रहण और सरकार गठन को लेकर सोमवार शाम प्रदेश भाजपा की बैठक होगी। इसमें विधायक दल की बैठक को लेकर समय व तारीख तय होगी। बैठक में शपथ ग्रहण समारोह के इंचार्ज विनोद तावड़े और तरुण चुघ के अतिरिक्त दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व भाजपा के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। साथ ही बैठक के बाद शपथ ग्रहण समारोह की तारीख, समय और जगह की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। तैयारियों से लेकर मेहमानों की लिस्ट भी फाइनल की जाएगी। 20 फरवरी शाम 4:30 बजे रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। दरअसल, 8 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा ने दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत प्राप्त किया था। उसके बाद से सरकार गठन के लिए लगातार भाजपा शीर्ष नेतृत्व के बीच मंथन चल रहा था। बीच में प्रधानमंत्री मोदी की तीन दिवसीय विदेश यात्रा के चलते भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। अब बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का नाम लगभग तय हो गया है और सोमवार को पर्यवेक्षकों की घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद 18 या 19 फरवरी को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के बाद 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पहली बार गठबंधन सरकार और दूसरी व तीसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई थी तब उन्होंने भी रामलीला मैदान में ही शपथ ली थी। अब भाजपा भी वहीं से सरकार बनाने जा रही है।

दिल्ली में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित कर पाई भाजपा, 10 दिन बाद भी जारी है इंतजार : आतिशी

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी: आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी का कहना है कि दिल्ली के चुनाव परिणाम आए हुए 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 8 फरवरी को दिल्ली के नागरिकों ने उम्मीद की थी कि 9 फरवरी तक भाजपा अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देगी और 10 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसके बाद दिल्ली की समस्याओं को सुलझाने का काम शुरू हो जाएगा, लेकिन 10 दिन बाद भी भाजपा की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि 17 फरवरी को आज 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन भाजपा को मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने में कोई सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझ में आ गया है कि उनके पास 48 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बनने योग्य नहीं है। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायकों का एकमात्र काम दिल्ली के खजाने को लूटना और जनता को धोखा देना है। भाजपा के 15 साल के शासन के दौरान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के पार्षदों ने भी भ्रष्टाचार और लूटपाट में कोई कसर नहीं छोड़ी, और एमसीडी को कंगाल कर दिया। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने पार्टी के किसी विधायक पर भरोसा नहीं कर पाए और मुख्यमंत्री का चयन नहीं कर पाए। आतिशी ने यह भी कहा कि भाजपा के पास दिल्ली की सरकार चलाने की कोई स्पष्ट योजना नहीं है और यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री बनने योग्य कोई भी व्यक्ति नहीं है। आतिशी ने कहा है कि दिल्लीवासियों के लिए यह साफ हो गया है कि भाजपा के पास दिल्ली के लिए कोई वास्तविक समाधान नहीं है और न ही उनके पास मुख्यमंत्री बनाने योग्य कोई व्यक्ति है।

सीबीएसई बोर्ड, फिजिकल एजुकेशन की परीक्षा परसेंटेज बेहतर करने का मौका

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी: सोमवार को देश भर में सीबीएसई बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा के लिए फिजिकल एजुकेशन (शारीरिक शिक्षा) की परीक्षा आयोजित करवाई गई है। सीबीएसई के इस एग्जाम में छात्रों को सभी प्रश्नों को अटेम्प्ट करना अनिवार्य है। सीबीएसई 12वीं फिजिकल एजुकेशन पेपर को 2 हिस्सों में बांटा जाता है। परीक्षा में शामिल होने वाली अंबेडकर नगर के एक स्कूल की छात्रा प्रिया चंद्रा ने कहा कि यह एक ऐसा विषय व परीक्षा है जिसके माध्यम से वह सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 में अपना ओवरऑल स्कोर बेहतर कर सकती हैं। प्रिया साइंस की छात्रा हैं और उनका कहना है कि इस कारण उनके लिए यह परीक्षा आसान होगी। वहीं दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका सुषमा चौबे कहती हैं कि इस परीक्षा में छात्र अच्छा स्कोर करके अपनी परसेंटेज बेहतर कर सकते हैं लेकिन यहां अतिउत्साह से बचने की जरूरत है। सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थीं और यह परीक्षाएं 18 मार्च तक चलेंगी। वहीं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं भी 15 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं, ये परीक्षाएं 4 अप्रैल तक होंगी। इस साल लगभग 42 लाख छात्र-छात्राएं सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। सीबीएसई के अनुसार इस साल 10वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए कुल 24.12 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया है। वहीं 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने के लिए 17.88 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। दोनों कक्षाओं के छात्रों की कुल संख्या 42 लाख से अधिक है। पहले दिन 15 फरवरी को 10वीं कक्षा की इंग्लिश व 12वीं के एंटरप्रेन्योरशिप विषय की परीक्षा हुई थी। वहीं छात्रों की सहायता के लिए सीबीएसई ने प्रत्येक विषयवार गाइडलाइन जारी की हैं। इस गाइडलाइन में परीक्षा के सब्जेक्ट कोड, थ्योरी और प्रैक्टिकल में अर्जित किए जाने वाले अधिकतम अंक की जानकारी दी गई है। इसके अलावा बोर्ड ने प्रोजेक्ट वर्क और इंटरनल असेसमेंट की भी जानकारी दी है। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा व परीक्षा केंद्रों को लेकर सीबीएसई ने विशेष गाइडलाइंस पहले से ही जारी कर रखी हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को सीबीएसई की इस गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। सीबीएसई द्वारा तय किए गए निर्देशों का अनुपालन न करने पर बोर्ड कार्रवाई कर सकता है। सुरक्षा के लिहाज से सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। छात्रों से कहा गया है कि वे परीक्षा केंद्र पर पीने के पानी के लिए ट्रांसपेरेंट बोतल का उपयोग कर सकते हैं। वहीं परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह के डिजिटल डिवाइस ले जाने की अनुमति नहीं है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद सुरक्षा कड़ी, फुटओवर ब्रिज पर बेवजह खड़े होने पर रोक

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ की घटना के बाद स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और बिना किसी वैध कारण के किसी भी व्यक्ति के फुट ओवरब्रिज पर घूमने पर रोक लगाई गई है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने कई लोगों को बिना किसी कारण के फुट ओवरब्रिज पर खड़े देखा है, जिससे दूसरे प्लेटफार्म पर पहुंचने की कोशिश कर रहे यात्रियों को देरी होती है। अब किसी को भी बिना किसी वैध कारण के फुट ओवरब्रिज पर खड़े होने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’ अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की ओर जाने वाली रेलगाड़ियों पर नजर रखी जाएगी और भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए टीम किसी भी प्लेटफार्म पर लोगों की संख्या पर भी नजर रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘प्लेटफॉर्म नंबर 16 से लेकर प्लेटफॉर्म नंबर 13 तक, हमने हर ट्रेन के डिब्बों की निगरानी और भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है। इसके अलावा आपात प्रतिक्रिया दल भी तैयार रहेंगे।’’ एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ मिलकर स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया है। रविवार को भी स्टेशन पर काफी भीड़ रही और हजारों यात्रियों को भारी भीड़ के बीच ट्रेनों में चढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ा। अधिकारी ने रविवार को कहा, ‘‘हमने अवरोधक लगाए हैं, गश्त बढ़ा दी है और ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई दल तैनात कर दिए हैं। सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है और नियंत्रण कक्ष से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फुटेज पर लगातार नजर रखी जा रही है।’’ एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर पुलिस अब लोगों को बिना किसी कारण के फुट ओवरब्रिज पर खड़े होने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों के मार्गदर्शन और अफरा तफरी की स्थिति से बचने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके, मोदी ने दिल्लीवासियों को “शांत” रहने का किया आग्रह

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप के तीव्रता चार मापी गयी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र (एनसीएस) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह पांच बजकर 37 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किये। भूकंप की तीव्रता चार मापी गयी और भूकंप का केन्द्र राष्ट्रीय राजधानी में जमीनी सतह से पांच किलोमीटर नीचे स्थित था। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, गाजियाबाद, नोएडा और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप के तेज झटकों के कारण घरों के छत के पंखे तेजी से हिलने लगे और घरों में रखे बर्तन खड़कने लगे। भय के मारे लोग अपने घरों से बाहर निकल आये। एनसीएस के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.0 मापी गयी। भूकंप का केन्द्र 28.59 डिग्री उत्तर अक्षांश और 77.16 डिग्री पूर्वी देशांतर, जमीनी सतह से पांच किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। कई साल के बाद भूकंप का केंद्र दिल्ली रहा। इसकी वजह से यहां लोगों को झटके काफी देर तक महसूस हुए। दिल्ली पुलिस ने किसी तरह की परेशानी होने पर लोगों से आपातकालीन सेवा 112 पर डायल करने की सलाह दी है। अभी तक किसी तरह के जनहानि और नुकसान की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आयी है। इस बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के निवासियों से “शांत” रहने का आग्रह किया और कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “दिल्ली और आसपास के इलाकों में झटके महसूस किए गए। सभी से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने, संभावित झटकों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया जाता है। अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।” भूकंप के झटकों के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी कि भूकंप काफी डरावना था। महादेव सबको सुरक्षित रखें। भूकंप के कारण धौला कुआं में स्थित झील पार्क में 20 से 25 साल पुराना पेड़ गिर गया। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय क्षेत्र चतुर्थ श्रेणी में आता है। ये ऐसा इलाका होता है जहां भूकंप के तेज झटके आते रहते हैं। इससे पहले सात जनवरी को भी भारत, नेपाल और बंगलादेश में सुबह के समय भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

एलएनजेपी अस्पताल जाकर घायलों से मिले सचदेवा

नई दिल्ली, 16 फरवरी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में नई दिल्ली रेलवे जंक्शन पर हुए हादसे में घायल लोगों से मिले और उनसे बातचीत की। श्री सचदेवा शनिवार को देर रात नई दिल्ली रेलवे जंक्शन भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने डाक्टरों और अधिकारियों से बात की है और उन्होंने घायलों का उचित इलाज करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया की जहां दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने कुछ अलग- अलग अस्पतालों में चिकित्सा दल की ड्यूटी लगा दी है, वहीं रेलवे ने प्रयागराज के लिए तीन विशेष ट्रेन शुरू की है।