दिल्ली:”स्वदेशी मेला 2025 में झलकी भारत की एकता और संस्कृति की अनूठी छटा”

द्वारका, नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: द्वारका में आयोजित स्वदेशी मेला 2025 इस वर्ष देश की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरा। मेले में देश के लगभग 15 राज्यों — झारखंड, कोलकाता, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात सहित अन्य प्रदेशों — के प्रतिभागियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर विविधता में एकता का सुंदर संदेश दिया। मेले में मिट्टी के स्वनिर्मित दिए, कुर्ता-पजामा, साड़ियां, जैकेट, देसी भोजनालय, पौधों की नर्सरी, ज्वेलरी और राजस्थानी व साउथ इंडियन व्यंजन जैसी अनेक चीज़ें आकर्षण का केंद्र बनीं। सातों दिन चले इस आयोजन में मीडिया जगत के उन पत्रकारों को भी मंच से सम्मानित किया गया जिन्होंने प्रतिदिन मेले की खबरों को आमजन तक पहुँचाया। साथ ही स्कूली बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही उत्तराखंड के प्रवासी भारतीयों द्वारा मां नंदा देवी यात्रा की सांस्कृतिक झांकी, प्रस्तुति गढ़ वाली, कुमाँ ऊ एवं जान सारी भाषा अकादमी दिल्ली सरकार ने ब्रजेश नोटियाल द्वारा किया जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने गणवेश में वाद्य यंत्रों पर प्रदर्शन कर हिंदू एकता और स्वदेशी भावना का सशक्त संदेश दिया। विभिन्न प्रदेशों से आए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कलाकारों ने मंच से अपनी कला का भव्य प्रदर्शन किया। संस्कृत नृत्य, लोकगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। समापन समारोह में मुख्य अतिथियों, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया, जिन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि — स्वदेशी मेला न केवल देश की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जनआंदोलन का रूप ले चुका है।” यह मेला देश की विविधता, एकता और स्वदेशी गौरव का सजीव उदाहरण बन गया।

दिल्ली: द्वारका स्वदेशी मेले में पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने किया स्वदेशी वस्तुयों की खरीदारी

नई दिल्ली/द्वारका, 13अक्टूबर : स्वदेशी जागरण मंच व संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से द्वारका सेक्टर-7 स्थित सीसीआरटी ग्राउंड में चल रहे स्वदेशी मेले में आज का दिन खास रहा , आये हुए लोंगों ने जमकर स्वदेशी वस्तुयों की खरीदारी की। मेले के सयोजक रविंद्र सोलंकी व नीलेन्द्र पाठक ने मेले की जानकारी देते हुए बताया कि गत वर्ष की अपेछा इस बार मेले में स्वदेशी को लेकर अलग से ही उत्साह देखने को मिला, और लोंगो ने जमकर खरीदारी की। स्वदेशी मंच पर पहुंचे भाजपा सांसद, लोक गीतकार मनोज तिवारी, ने स्वदेशी को लेकर अपने अनुभव मे बताया कि वे जब अपने गॉव मे थे तब स्वदेशी वहां की मिट्टी में झलका करता था, माँ के हाथ में मोटे अनाज का खाना आज भी याद आती हैं, तिवारी ने अपने चिर परिचित अंदाज में एक भोजपुरी लोक गीत का गायन कर दर्शको की खूब तालियां बजवाते रहे, बाद में उन्होंने स्वदेशी को अपनाने पर बल दियi बाद में सांसद तिवारी ने स्वदेशी वस्तु की स्टाल पर जाकर खरीदारी की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश दिल्ली के महामंत्री विष्णु मित्तल का स्वागत किया गया, इस अवसर पर उत्तम नगर विधायक पवन शर्मा, नजफगढ़ जोन चेयरमैन सविता पवन शर्मा, मटियाला पार्षद अनुराधा अशोक शर्मा, द्वारका पार्षद रामनिवास गहलोत, पालम पार्षद सीमा पंडित, पालम 360 के प्रधान रामकुमार सोलंकी, आदि समेत कई गणमान्य हस्तियों ने मेले की शोभा बढ़ाई। सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर मेले के आज के सत्र का शुभारंभ किया। इस दौरान वातावरण देशभक्ति और लोक संस्कृति की धुनों से गूंज उठा। 7 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक चल रहे इस भव्य मेले में स्वदेशी खेल महोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियां लगातार लोगों को आकर्षित कर रही हैं। मेले में देशभर के 15 राज्यों के स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल लगाए गए हैं—जहां हस्तशिल्प, ग्रामीण उद्योग, परंपरागत परिधान, आयुर्वेदिक उत्पाद और घरेलू वस्तुएं लोगों को खूब लुभा रही हैं। खान-पान के लिए भी स्वदेशी स्वाद का अलग ही जादू छाया हुआ है। द्वारका और आसपास के सैकड़ों लोग न सिर्फ शॉपिंग का आनंद ले रहे हैं, बल्कि हर शाम होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं। स्वदेशी मेला अब केवल एक प्रदर्शनी नहीं रहा, बल्कि भारत की आत्मा – “स्वदेशी और संस्कृति” का उत्सव बन चुका है।

स्वदेशी मंच से बच्चों की कला, दिव्यांग कुशध्वज ने अपने प्रतिभा से दर्शकों को किया भाव विभोर

नई दिल्ली/द्वारका, 09 अक्टूबर: स्वदेशी जागरण मंच और सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित साथ दिवसीय स्वदेशी मेले मंच सेअनोखा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला— दिव्यांग कुशधवज पांडेय नेअपनी प्रतिभा से धार्मिक भजन से पूरे माहौल को भाव-विभोर कर दिया। ग्रामीण परिवेश की पृष्ठभूमि में सजा मंच पारंपरिक सजावट से सुसज्जित था—मिट्टी की जमीन, हल्की घास, झोपड़ी जैसे घर, रंग-बिरंगे कपड़ों, फूलों और झंडों से सजा वातावरण गाँव की आत्मा को जीवंत कर रहा था। मंच पर बच्चों ने लोक गीत, नृत्य के माध्यम से गायन और समूह प्रस्तुति दी। कुछ बच्चों ने ऑडियो पर अपने इशारों से तालमेल में गीत के भाव व्यक्त कर रहे थे। दर्शक दीर्घा में बैठे ग्रामीण महिला-पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे हर भाव को महसूस कर तालियाँ बजाकर उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। यह दृश्य सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं बल्कि मानवता और समावेश की एक जीवंत तस्वीर बन गया। मंच के आसपास हस्तशिल्प और ग्रामीण उत्पादों के स्टॉल सजे थे—जहाँ मिट्टी के बर्तन, बाँस की कलाकृतियाँ, लोक परिधान और घरेलू सामान की झलक मिल रही थी। लोक कलाकारों के वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि और पारंपरिक पोशाक में नृत्य करती युवतियाँ पूरे मेले के वातावरण को उत्सवमय बना रही थीं। मिट्टी की खुशबू, लोक-संगीत की लय और इन विशेष बच्चों की कला ने मिलकर ऐसा दृश्य रचा जिसने उपस्थित सभी लोगों को प्रेरित किया। यह कार्यक्रम न केवल स्वदेशी संस्कृति का प्रदर्शन था, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी बना कि प्रतिभा की कोई भाषा नहीं होती—बस मन से सुनना और महसूस करना आता हो तो हर प्रस्तुति एक उत्सव बन जाती है। मंच का सफल संचालन योगेश सैनी, सन्नी सौरभ ने किया। वही दूसरी तरफ करवा चौथ नजदीक होने पर महिलायों ने हाथों पर मेहंदी रचाई और जमकर डांस किया, पूरे मेला प्रांगण को सी सी टी वी कैमरों की निगरानी में कप्तान प्रमोद सिंह की निर्देशन में हो राह है। मंच से विशेष अतिथियों का दुप्पटा उड़ाकर स्वागत किया गया l

वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हवन पूजन के साथ स्वदेशी मेले का भव्य शुभारंभ

नई दिल्ली, द्वारका, 07 अक्टूबर: स्वदेशी जागरण मंच व सांस्कृ तिक स्रोत्र एवम प्रशिक्षण केंद्र द्वारका के सयुंक्त रूप आयोजित कार्यक्रम सीसीआरटी ग्राउंड में आज स्वदेशी मेले का भव्य शुभारंभ वेदों के मंत्रो उच्चारण के मध्य हवन मे सामग्री से आहुति देकर मेले का उद्घाटन किया गया। हवन समारोह में बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले की शुरुआत पारंपरिक तरीके से महिलायों द्वारा संचालित कलश यात्रा और राष्ट्रगान के साथ की गई, जिसके बाद पूरे परिसर में देशभक्ति और स्वदेशी संस्कृति की गूंज सुनाई दी। इस अवसर पर स्वदेशी मेले के रविंद सोलंकी, योगेश सैनी, राम निवास दहिया, श्रीमती मधुराज, श्री मति सुनीता यादव, नवीन गर्ग, नवीन शर्मा, रविंद्र अग्रवाल, टी एस सोडि, बी एन दुबे आंचला मनौचा आदि पदाधिकारीओ व स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मेले में भारत के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों, कारीगरों और उद्यमियों ने अपनी परंपरागत कला, संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिससे वातावरण देशभक्ति के रंग में रंग गया। मेले के मीडिया प्रभारी नीलेन्द्र पाठक ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य देश के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना, आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करना और स्थानीय कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान करना है। शाम को जनसमूह ने विभिन्न स्टॉलों पर प्रदर्शित हस्तशिल्प, वस्त्र, पारंपरिक आभूषण, आयुर्वेदिक उत्पाद और स्वदेशी खाद्य पदार्थों में विशेष रुचि दिखाई। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। यह मेला आगामी सात दिनों तक चलेगा और इसमें प्रतिदिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं लोक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा।

दिल्ली की मुख्यमंत्री ने पल्ला गांव से हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बोट से यमुना नदी के प्रवेश बिंदु पल्ला गांव से लेकर आईटीओ के नजदीक स्थित हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और कपिल मिश्रा के अलावा लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना तट पर महापर्व छठ की तैयारियों को लेकर सरकार पूरी गंभीरता और युद्धस्तर पर काम में जुटी है। आज पल्ला गांव से लेकर हाथी घाट तक लगभग तीन घंटे तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया और बोट से यमुना जी के किनारों का विस्तृत सर्वे किया। उन्होंने कहा कि यह जमीनी सर्वेक्षण केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि दिल्ली में एक भव्य और सुव्यवस्थित छठ आयोजन सुनिश्चित करने की ठोस नींव है। यह पर्व उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भाइयों-बहनों को दिल्ली की मिट्टी से जोड़ता है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त करता है। संबंधित विभागों को साफ-सफाई, घाटों के निर्माण, सुरक्षा और अन्य सभी सुविधाओं की रूपरेखा शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के छठ मईया की पूजा-अर्चना कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने छठ को यमुना से दूर कर दिया था। यमुना किनारे इस बार आस्था के महापर्व छठ का भव्य आयोजन होगा। उनकी सरकार पल्ला गांव से लेकर ओखला तक छठ के आयोजन की तैयारियों में पूरी निष्ठा और तत्परता से जुटी है। जब यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालु डूबते सूरज और उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे तब वह क्षण हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय बने, यही हमारा संकल्प और प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में पूर्वांचलवासियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए उनकी धार्मिक आस्था व सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में यमुना के प्रवेश स्थल पल्ला से लेकर अंतिम स्थल ओखला तक दोनों किनारों पर छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों किनारों पर जहां भी छठ पर्व के लिए समतल किनारे उपलब्ध होंगे, वहां सरकार की ओर से व्रतधरियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। छठ घाटों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छठ पर्व की तैयारियों को लेकर 29 सितंबर को मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के किनारों पर विशेष व्यवस्था के साथ ही आईटीओ, ओखला जैसे पुराने स्थलों पर भी व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के दौरान घाटों की सफाई व स्वच्छता के साथ धूल से बचाने के लिए पानी का छिड़काव, पुलिस व ट्रैफिक पुलिस को सुरक्षा व यातायात व्यवस्था चौकस रखने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को छठ पर्व से पूर्व यमुना से जलकुंभी निकालने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इस बार इन स्थलों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में यमुना के किनारो के अलावा मुनक नहर, मुंगेशपुर ड्रेन के अलावा कृत्रिम तालाबों में भी छठ पूजा आयोजित की जाती है। राजधानी में कुल मिलाकर 929 स्थलों पर पूजा-अर्चना की जाती है। इन स्थलों पर सरकार की ओर से समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। अगर किसी संस्थान को एनओसी चाहिए तो उसे भी बिना किसी परेशानी से उसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे विशेष स्थान भी चिन्हित किए जाएंगे जहां छठ पूजा का विशेष आयोजिन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर यमुना में अतिरिक्त पानी की जरूरत होती तो हरियाणा सरकार से निवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व पूर्वांचलवासियों की आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है।

स्वदेशी की खुशबू से महकेगा द्वारका — 15 राज्यों की कला, संस्कृति और परंपराओं का संगम बनेगा “स्वदेशी मेला

द्वारका/नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : द्वारका के सेक्टर-7 स्थित सी सी आर टी ग्राउंड में इस बार देश की परंपरा, संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। सांस्कृतिक स्त्रोत प्रशिक्षण केंद्र के तत्वावधान में आयोजित “स्वदेशी मेला को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेला संयोजक रविंद्र सोलंकी ने मेले की विस्तृत जानकारी साझा की और बताया कि इस बार का आयोजन पहले से कहीं अधिक भव्य और आकर्षक रहेगा। रविंद्र सोलंकी ने कहा कि इस बार मेले में देश के 15 राज्यों के कलाकार, शिल्पकार और उद्यमी हिस्सा लेंगे। यहां पर हस्तनिर्मित वस्तुओं, पारंपरिक परिधानों, आभूषणों, हैंडलूम उत्पादों और क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि “स्वदेशी मेला केवल एक बाजार नहीं, बल्कि भारत की आत्मा — उसकी कला, संस्कृति और परंपरा का जीवंत उत्सव है।” मेले में देश के कोने-कोने से कलाकार अपनी लोककला, नृत्य और संगीत के माध्यम से भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करेंगे। राजस्थान का घूमर नृत्य, हरियाणा का फाग, महाराष्ट्र का लावणी और पूर्वोत्तर राज्यों की लोककलाओं से पूरा वातावरण रंगीन होने वाला है। मेला सचिव योगेश सैनी ने बताया कि स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रहेंगी, मंच से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें लोक गीत, उत्राखंड की धरोहर की प्रस्तुति, बी एस एफ का बैंड जो देश भक्ति के साथ सबका मनोरजन करेगा, डॉ मंजीत सिंह प्रांतीय सह सयोजक स्वदेशी जागरण मंच नेबताया कि मेले के दौरान बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा, जिनमें वेलकूद, सूर्य नमस्कार, बोरी दौड़, रस्साकशी, राप्ती कूद और रंग भरो प्रतियोगिता प्रमुख हैं। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों में स्वदेशी संस्कृति के प्रति जुड़ाव और उत्साह पैदा करना है। प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मिलेगा , बीच में फिर अपनी बात पूरी करते हुए रविंद्र सोलंकी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा “स्वदेशी अपनाओ” का संदेश दिया है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए यह मेला भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। खानपान और मनोरंजन का भी भरपूर इंतजाम मेले में न सिर्फ खरीदारी करने का मौका मिलेगा, बल्कि परिवारों के लिए मनोरंजन और खानपान की भी विशेष व्यवस्था की गई है। यहां पर देशी पकवानों, पारंपरिक मिठाइयों और क्षेत्रीय व्यंजनों की खुशबू चारों ओर बिखरी रहेगी। जनमानस में उत्साह का माहौल मेले को लेकर द्वारका और आसपास के इलाकों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में मेले में शामिल होने की तैयारी में हैं। विभाग कार्य वाह बल्लभ पाठक के अनुसार यह मेला न सिर्फ मनोरंजन का केंद्र बनेगा, बल्कि “भारत की विविधता में एकता” के भाव को भी मजबूत करेगा।इस अवसर पर प्रमोद शर्मा ने सभी को स्वदेशी अपनाने पर जो दिया, प्रेस कांफ्रेंस में सभी का धन्यबाद ज्ञापित मीडिया प्रमुख नीलेन्द्र पाठक ने किया।

खजूरी खास में खुलेगा केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली सरकार ने उपलब्ध कराई जमीन

नई दिल्ली, 03 अक्टूबर: उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित खजूरी खास क्षेत्र में एक केंद्रीय विद्यालय खुलने जा रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को जमीन उपलब्ध करा दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि उन्हें जानकारी दी गई है कि केवीएस ने दिल्ली के यमुनापार क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह विद्यालय खजूरी खास (थाना खजूरी खास के पास सोनिया विहार क्षेत्र) उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में खोला जाएगा। प्रारंभिक रूप से विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक (प्रत्येक कक्षा में एकल अनुभाग) कक्षाएं संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस विद्यालय के संचालन के लिए भूमि आदि की व्यवस्था संबंधित प्राधिकरण द्वारा कर दी गई है और केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा इसे उपयुक्त पाया गया है। विद्यालय का संचालन सिविल सेक्टर के अंतर्गत किया जाएगा और आवश्यकता के अनुसार आने वाले वर्षों में इसका विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, दिल्ली में वर्तमान में 46 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमेशा यह माना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही आत्मनिर्भर भारत का सबसे मजबूत स्तंभ है। यही कारण है कि उन्होंने शिक्षा को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रखते हुए उसे सर्वांगीण विकास का माध्यम बनाने पर बल दिया है। प्रधानमंत्री की यही सोच कि ‘हर बच्चे को समान अवसर, समान शिक्षा और समान संसाधन’ इन विद्यालयों के माध्यम से साकार हो रही है। यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास, सामाजिक समानता और अवसरों की समानता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने विजय कुमार मल्होत्रा को अर्पित की श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 03 अक्टूबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय विजय कुमार मल्होत्रा की प्रार्थना सभा आयोजन शुक्रवार को केदारनाथ साहनी सभागार सिविक सेंटर में किया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विजय कुमार मल्होत्रा को यहां श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “श्रद्धेय मल्होत्रा जी दिल्ली की राजनीति के ध्रुव तारे थे, जिन्होंने राष्ट्रसेवा, सत्यनिष्ठा और सादगी को अपने जीवन का आधार बनाया। पांच बार सांसद, दो बार विधायक और दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संगठन को सशक्त नींव प्रदान की। उन्होने कहा कि शिक्षा, विकास और संगठन के लिए प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का विजन आज भी दिल्ली के हर कोने में दिखता है। चाहे कॉलेज हों, स्कूल हों, या नीति निर्माण, मल्होत्रा जी की छाप हर जगह है। आज दिल्ली को उनकी कमी खल रही है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सेवा और सिद्धांतों के प्रति अटल निष्ठा ही सच्ची विरासत है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों एवं कार्यकताओं को यह दुख सहने की शक्ति दें।

दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा

नई दिल्ली, 03 अक्टूबर : श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। छात्राओं से छेड़छाड़ मामले में अदालत ने स्वामी चैतन्यानंद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिनों के लिए स्वामी चैतन्यानंद को न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। आरोपी बाबा ने जेल में डॉक्टर की पर्ची के हिसाब से दवा और बिना लहसुन-प्याज वाले भोजन दिए जाने की इजाजत के लिए अर्जी दाखिल की। स्वामी चैतन्यानंद की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट 4 अक्टूबर को दोपहर 12.30 बजे फैसला सुनाएगा। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने छात्राओं से छेड़खानी के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद को आगरा से गिरफ्तार किया था। चैतन्यानंद पर 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप है। पुलिस के अनुसार, चैतन्यानंद पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में पढ़ने वाली छात्राओं को निशाना बनाने का आरोप है। 4 अगस्त को भारतीय वायु सेना मुख्यालय से शिकायत मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया था। जांच में खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद रात के समय छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और उनकी ग्रेड कम करने या फेल करने की धमकी देकर उनके साथ जबरदस्ती करता था। पुलिस ने संस्थान की तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं, जिन पर चैतन्यानंद की मदद करने और आपत्तिजनक संदेशों को डिलीट करने का आरोप है। लगभग 50 छात्राओं के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट से 16 सालों तक चले यौन शोषण के सबूत मिले हैं, जिनमें अश्लील संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की घटनाएं शामिल हैं। इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में 17 छात्राओं ने दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चैतन्यानंद पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी की छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली छात्राओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, चैतन्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का शोषण कर रहा था, और 2009 व 2016 में भी छेड़खानी के मामलों में वह बच निकला था। इस बार मामला तब सामने आया, जब 17 छात्राओं ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई। उस समय चैतन्यानंद लंदन में था, लेकिन उसकी अंतिम लोकेशन आगरा में मिली। उसने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया। जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद की लाल रंग की लग्जरी वॉल्वो कार से कई फर्जी नंबर प्लेट बरामद की गईं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का फर्जी लोगो लगा था। जांच में पुष्टि हुई कि ये नंबर प्लेट यूएन द्वारा जारी नहीं की गई थीं और आरोपी ने खुद इन्हें बनाया था। कार को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।

सरकारी अस्पतालों को बर्बाद कर रही भाजपा: आप

नई दिल्ली, 03 अक्टूबर: आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस बढ़ाकर शिक्षा माफियाओं को फायदा पहुंचाने के बाद भाजपा सरकार अब निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पतालों को बर्बाद कर रही है। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने करीब आठ महीने हो गये हैं। इस समय दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत खराब है। सरकारी अस्पतालों के इतने बुरे हाल कभी नहीं थे। एक समय था जब दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी दवाइयां मुफ्त मिलती थीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के समय दिल्ली सरकार के अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्कैन नहीं हो रहा या कोई जांच नहीं हो पा रही तो निजी जांच केंद्र में भेजकर मुफ्त जांच कराई जाती थी। अगर कोई ऑपरेशन समय पर सरकारी अस्पताल में नहीं हो पा रहा था, मरीजों का बोझ ज्यादा है, या सर्जन उपलब्ध नहीं होते थे, तो निजी अस्पताल में इलाज कराया जाता था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आठ महीनों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता हाल में पहुंच गयी है। दवाइयां, सर्जरी के उपकरण, दस्ताने और प्रत्यारोपण जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को अपनी जेब से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। यही हाल राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों की भी है। आप नेता ने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवाइयों की कमी पैदा करके मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर धकेला जा रहा है। पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल सरकार में सभी दवाइयां और जांचें मुफ्त थीं, अगर सरकारी अस्पताल में सुविधा नहीं मिलती, तो निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया जाता था। आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने छह महीनों में ही दिल्ली के अस्पतालों का क्या हाल कर दिया है? आज दिल्ली की जनता दवाई, स्ट्रेचर और ग्लव्स तक के लिए तरस रही है। ये वही दिल्ली है जहां श्री केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए बड़ी मुश्किल से इन अस्पतालों को ठीक किया था और यह सुनिश्चित किया था कि किसी भी सरकारी अस्पताल में आम आदमी को दवाई बाहर से नहीं खरीदनी पड़े, लेकिन भाजपा ने छह महीनों में सब बर्बाद कर दिया।