पुंछ/नई दिल्ली, 24 मई : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को पुंछ में स्कूली छात्र से मुलाकात की, जिन्होंने अपने दो दोस्तों 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों जैन अली और उर्वा फातिमा को पाकिस्तानी गोलाबारी में खो दिया था। उन्होंने उन्हें सांत्वना देने के साथ-साथ मेहनत से पढ़ाई करने, खूब खेलने और ढेर सारे दोस्त बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने दोनों मृतक बच्चों के दोस्तों से बातचीत करते हुए कहा चिंता मत करो, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान सैन्य गतिरोध के दौरान नियंत्रण रेखा के पार से भारी गोलाबारी से तबाह हुए पुंछ शहर के एक घंटे के दौरे के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने क्राइस्ट स्कूल के छात्रों से बातचीत की। हालांकि स्कूल सात से दस मई के बीच हुई गोलाबारी से बच गया, जिसमें 28 लोग मारे गए और 70 से अधिक लोग घायल हो गए, लेकिन इसके दो छात्र सात मई को पुंछ शहर में मारे गए। वह उन 13 नागरिकों में शामिल थे, जो गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित पुंछ जिले में मारे गए। उन्होंने कहा कि आपने बहुत खतरा देखा है, आपने बहुत भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें सब कुछ सामान्य हो जाएगा और इस समस्या का जवाब देने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप वास्तव में कड़ी मेहनत से पढ़ाई करें, आप वास्तव में कड़ी मेहनत करें और स्कूल में बहुत सारे दोस्त बनाएं। ठीक है, क्या आप ऐसा करेंगे, राहुल गांधी ने क्राइस्ट स्कूल के छात्रों से कहा। स्कूल में उनकी उपस्थिति ने छात्रों को खुश कर दिया जो ताली बजाते और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को देखकर हाथ हिलाते देखे गए। जिन्होंने उनसे हाथ मिलाया। आप सभी को बहुत-बहुत प्यार। आपसे प्यार करता हूं और आपका शुक्रिया, उन्होंने जाने से पहले कहा। उन्होंने गोलाबारी में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों से मुलाकात की और घरों और गुरुद्वारे सहित धार्मिक स्थलों को हुए नुकसान का निरीक्षण किया। पार्टी के जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी एआईसीसी महासचिव सैयद नसीर हुसैन, एआईसीसी महासचिव जीए मीर, जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा और पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी, पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह सहित पार्टी नेताओं के साथ गांधी ने सिंह सभा गुरुद्वारा में मत्था टेका। जब राहुल गांधी सिंह सभा गुरुद्वारा से निकल रहे थे तो भीड़ में से एक व्यक्ति ने राष्ट्रीय स्तर पर उनकी आवाज उठाने के लिए कांग्रेस नेता पर अपना विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान पुंछ का जिक्र तक नहीं किया, लेकिन हमें विश्वास है कि आप हमारा मुद्दा उठाएंगे। एक छोटी लड़की के साथ बातचीत के दौरान, जिसका घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, उसने राहुल गांधी को बताया कि वे पांच बहनें हैं और उनके पिता की मृत्यु 16 साल पहले हो गई थी। भयावह अनुभव को याद करते हुए, लड़की ने कहा कि वह भूतल पर थे जब गोला घर पर गिरा और वे चमत्कारिक रूप से बच गए। कुछ निवासियों ने अपने क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजे को बढ़ाने में गांधी के हस्तक्षेप की मांग की। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से यह केंद्र शासित प्रदेश का राहुज गांधी का दूसरा दौरा था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। उन्होंने 25 अप्रैल को आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने के लिए श्रीनगर का दौरा किया था। उन्होंने तब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और कई हितधारकों से भी मुलाकात की थी।
विश्व व्यापार का बड़ा केंद्र बनेगा भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र: मोदी
नई दिल्ली, 23 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र को पूर्वी भारत का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया है और कहा है कि आने वाले समय में देश के वैश्विक व्यापार में इस क्षेत्र की संभावनायें कई गुना बढ़ने वाली हैं। श्री मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं से पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर क्षेत्र आर्थिक वृद्धि के नये केंद्र के रूप में उभरा है। श्री मोदी यहां भारत मंडपम में पूर्वोत्तर क्षेत्र पर दो दिन के निवेशक सम्मेलन-“राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट” के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के संघ आसियान के बीच व्यापार संबंधों के विस्तार के साथ पूर्वात्तर क्षेत्र व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘आसियान के साथ व्यापार इस समय वार्षिक सवा सौ अरब डालर का है, जो आने वाले वर्षों में ये 200 अरब डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत सेतु बनेगा, आसियान के लिए व्यापार का प्रवेश-द्वार बनेगा, और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए बुनियादी सुविधायें खड़ी करने में लगी है। भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत से वियतनाम और लाओस जैसे देशों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। श्री मोदी ने कहा, ‘‘सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। यह परियोजना कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे बंदरगाह से जोड़ेगी, और मिज़ोरम होते हुए बाकी का पूर्वोत्तर क्षेत्र इससे जुड़ जाएगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। यह उद्योग और व्यापार के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस समय गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला जैसे शहरों को विभिन्न सम्पर्क सुविधाओं वाले लॉजिस्टिक्स केंद्रों के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में थल सीमा शुल्क केंद्रों से भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को विस्तार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में संभावनाओं का एक नया आकाश खुलने जा रहा है और भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र एशिया प्रशांत देशों में ‘व्यापार का नया नाम’ बनने जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून-व्यवस्था की उत्तम स्थिति। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है।” उन्होंने कहा कि एक समय था, जब पूर्वोत्तर के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा था, जिसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हमारा फोकस पूर्वोत्तर के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 10-11 साल में, 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नये मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों के बढ़ने से यहां के युवाओं को कौशल बढ़ाने में मदद कर रही है। क्षेत्र के युवा ‘इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर (नवप्रवर्तक) बन रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनायें, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उद्योग का केंद्र बन रहा है। क्षेत्र के राज्यों में हाइड्रोपावर और सोलर पावर के हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।” उल्लेखनीय है कि टाटा समूह की कंपनी टाटा सेमीकंडक्टर एसेम्बली एवं टेस्ट प्रा.लि ने असम में अपना पहला चिप एसेम्बली कारखाना लगाया है। उन्होंने निवेशकों और उद्यमियों से कहा, ‘‘आपके सामने संयंत्रों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, विनिर्माण का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है।” उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा भविष्य है, हम भविष्य के लिए आज जितना अधिक निवेश करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में संपर्क सुविधाओं के विस्तार के लिए लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। क्षेत्र में 11 हजार किलोमीटर के नये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये गये हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गयी हैं, नॉर्थ ईस्ट में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल फाेन टावर्स लगाये गये हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारे उद्योगों को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको पहले पहुंचने के लाभ से चूकना नहीं है।” अपने संबोधन के शुरू में श्री मोदी ने कहा, ‘‘राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, यह एक आंदोलन है। यह एक कदम उठाने का आह्वान है, भारत का भविष्य, पूर्वोत्तर के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा।” उन्होंने सम्मेलन में उद्यमियों और विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘इतनी बड़ी संख्या में बड़े उद्योगपति आए हैं। यह दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट (पूर्वोत्तर क्षेत्र) को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नये-नये सपने हैं।” उन्होंने सभी मंत्रालयों और क्षेत्र के सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बधाई देते हुए कहा कि सबके प्रयासों से “वहां निवेश के
आतंकवादियों का समर्थन कर पर पूरी दुनिया में बेनकाब हो गया है पाकिस्तान: शाह
नई दिल्ली, 23 मई: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर भारत की सैन्य कार्रवाई के विरोध में और आतंकवादियों के समर्थन में भारत पर जवाबी कार्रवाई करने से दुनिया भर में पाकिस्तान की पहचान आंतकवाद का समर्थन करने वाले देश की बन गयी है और वह पूरी तरह बेनकाब हो गया है। श्री शाह ने शुक्रवार को यहां रूस्तमजी स्मृति व्याख्यान और सीमा सुरक्षा बल अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान बार बार दावा करता रहा है कि वह आतंकवाद को समर्थन नहीं देता लेकिन ऑपरेशन सिन्दूर के बाद के घटनाक्रम ने उसे बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किये गये ऑपरेशन सिन्दूर में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में केवल नौ आतंकवादी अड्डों को तबाह किया था और सैन्य तथा असैनिक अड्डों को निशाना नहीं बनाया था। गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारतीय सैन्य और असैनिक ठिकानों पर हमले की विफल कोशिश कर साबित कर दिया कि वह आतंकवाद का समर्थन करता है और आतंकवादियों को शह दे रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के बाद के घटनाक्रम से पाकिस्तान का पूरी तरह पर्दाफाश हो गया कि वह आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा है। पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह पाकिस्तान सेना के अफसरों ने आतंकवादियों के जनाजों में नमाज पढी। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर भारतीय सेनाओं की सराहना की जानी चाहिए कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के केवल सैन्य अड्डों को ही निशाना बनाया और असैनिक क्षेत्रों में हमला नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी अपनी वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। सीमा सुरक्षा बल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर 1965 को अस्तित्व में आये बल को केवल छह वर्ष के अंदर ही 1971 में विकट लड़ाई का सामना करना पड़ा और इसमें इस बल ने जो वीरता दिखाई उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बंगलादेश को तो इसे कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1965 से 2025 की बल की यात्रा अल्प साधनों और विपरीत परिस्थितियों में हुई और इसके बावजूद इस संगठन ने दुनिया के सबसे बड़े सीमा संगठन का सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को दो बेहद मुश्किल सीमाओं पाकिस्तान तथा बंगलादेश की रक्षा की जिम्मेदारी मिली है और वह उसे अच्छी तरह से निभा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में सीमा प्रहरियों का योगदान अमूल्य है। श्री शाह ने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बल पन्द्रह हजार किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहा है और भौगोलिक बाधाओं वाली सीमा पर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। गृह मंत्री ने इस अवसर पर सीमा प्रहरियों को वीरता तथा उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पदक प्रदान किये। उन्होंने कहा कि ये पदक सभी सीमा प्रहरियों की वीरता को सम्मानित करने की प्रक्रिया है और इसके लिए वह सभी को बधाई देते हैं। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति देने वाले बल के जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इस अवसर पर केन्दीय गृह सचिव गोविंद मोहन और बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी तथा अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
आतंकवाद, माओवादी हिंसा अब बर्दाश्त नहीं : मोदी
नई दिल्ली, 23 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शांति और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को विकास की आवश्यक शर्त बताया है और कहा है कि उनकी सरकार ने पिछले 11 वर्ष में पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवसंरचना-विकास और शांति के लिए जो काम किए हैं, उससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य आज निवेशकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार हैं। श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विकास के विषय पर केन्द्रित दो दिवसीय निवेशक सम्मेलन-नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करते शांति के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, (उनके प्रति) हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस (रत्ती भर भी बर्दाश्त न करने) की नीति पर चल रही है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर में विभिन्न संगठनों के साथ पिछले कुछ वर्षों में कई शांति समझौते किए हैं और 10 हजार से अधिक युवाओं ने हथियार छोड़ कर मुख्य धारा को अपनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की उनकी योजना में क्षेत्र के युवाओं के लिए विकास के अवसरों का सृजन सबसे उच्च प्राथमिकता रखता है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्ष में हमने पूर्वोत्तर में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए जो कुछ किया है, वह केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि वह क्षेत्र के विकास की एक बड़ी सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधा, हर निवेश की पहली शर्त है। पूर्वोत्तर क्षेत्र बहुत समय तक अभाव में रहा था, लेकिन अब वहां भारी निवेश हुआ है। एक दशक में वहां 11 हजार किलोमीटर के नये राजमार्ग बने हैं, सैकड़ों किलोमीटर के नये रेल मार्ग विकसित हुए हैं, तथा हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गयी है। उन्होंने निवेशकों से उस क्षेत्र में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए पहले पहुंचने की सलाह देते हुए कहा कि आने वाले समय में पूर्वोत्तर भारत दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र में व्यापार का एक बड़ा केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने पूर्वोतर क्षेत्र में विकास और व्यापर की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के विकास तथा कोलकाता और कालादान (म्यांमार) बंदरगाह सम्पर्क परियोजना पर काम कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के सम्मिलित प्रयासों से पूर्वोत्तर में निवेश का शानदार माहौल बना है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की विविधता उसकी बड़ी शक्ति है। सम्मेलन का आयोजन केंद्र सरकार के पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा किया गया है। मंत्रालय के प्रभारी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि और उनके मार्गदर्शन से आज अवसरों से भरे एक नए पूर्वोत्तर क्षेत्र का उदय हुआ है। उद्घाटन सत्र को उद्योगपति मुकेश अंबानी, अनिल अग्रवाल, गौतम अडाणी, हर्षवर्धन नेवतिया और पूर्वोत्तर के कुछ प्रमुख उद्यमियों ने भी संबोधित किया और क्षेत्र में निवेश की अपनी अपनी योजनाओं का एक मोटा खाका प्रस्तुत किया। इन उद्यमियों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के संबंध में श्री मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व की सराहना की।
राघव चड्ढा ने ऋषि सुनक और टोनी एबॉट के साथ शेयर की तस्वीर, कहा- ‘हर रोज ऐसा नहीं होता’
सियोल/नई दिल्ली, 22 मई : आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इसे एक खास पल बताया। ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “हर रोज ऐसा नहीं होता कि आप दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बीच बैठे हों। मेरे बाईं ओर सम्मानित ऋषि सुनक और दाईं ओर टोनी एबॉट हैं। दक्षिण कोरिया में एशियाई नेतृत्व सम्मेलन में यह एक खास पल था।” बता दें कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री रहे हैं, जबकि टोनी एबॉट ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा इन दिनों प्रतिष्ठित ‘एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस-2025’ में शामिल होने के लिए सोल में हैं। 21 मई को उन्होंने ‘एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस-2025’ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी राय रखी। कहा कि भारत अब आतंकवादी हमलों पर केवल दुख व्यक्त नहीं करता, बल्कि अब वह सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब भी देता है, जैसा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में किया गया। राघव चड्ढा ने कहा था, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि अगर हमारे देश की शांति से खिलवाड़ किया गया, तो हम आतंक के ढांचे को जमींदोज कर देंगे, चाहे वो देश की सीमा के भीतर हों या बाहर।” उल्लेखनीय है कि इस बार की एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में राघव चड्ढा ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स, ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन और हार्वर्ड सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप के डीन विलियम्स जैसे ग्लोबल लीडर्स के साथ मंच साझा किया है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने जापान और यूएई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी
अबू धाबी/तोक्यो/नई दिल्ली, 22 मई : भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ बृहस्पतिवार को अपने वैश्विक संपर्क की शुरुआत की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आत्मरक्षा के अधिकार पर पक्ष रखने के लिए बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय झा कर रहे हैं, जबकि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में यूएई फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य अहमद मीर खोरी से मुलाकात की और पाकिस्तान की धरती से उत्पन्न राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के मजबूत संकल्प से उन्हें अवगत कराया। शिंदे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने गर्व के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की निर्णायक सफलता को साझा किया और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले मौजूदा आतंकवादी खतरों को रेखांकित किया।’’ शिंदे के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजद), ई टी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एसएस अहलूवालिया (भाजपा), अतुल गर्ग (भाजपा), बांसुरी स्वराज (भाजपा), पूर्व राजनयिक सुजान आर चिनॉय और यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर शामिल हैं। शिंदे ने कहा, ‘‘हम वैश्विक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति के सम्मान के लिए दृढ़ रुख अपना रहे हैं।’’ यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा कि यूएई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी करने वाला पहला देश है और यह दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन को रेखांकित करता है। झा के नेतृत्व में जापान गए प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रधान बरुआ और हेमांग जोशी, कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी, माकपा के जॉन ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं। जापान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘माननीय सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल तोक्यो पहुंचा, राजदूत सिबी जॉर्ज ने उसका स्वागत किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का जैसा अडिग रुख देखा गया, उसे सभी वार्ताओं में उजागर किया जाएगा।’’ पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचने के लिए भारत 33 देशों की राजधानियों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने पहलगाम हमले के बाद छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इन करतूतों का माकूल जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।
मोदी ने बीकानेर से 26 हजार करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का किया शिलान्यास-लोकार्पण
बीकानेर, 22 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में गुरुवार को 26 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया और साथ ही 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित 103 अमृत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने देशनोक रेलवे स्टेशन पर बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर राज्य के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, रेल, सूचना प्रसारण, इलैक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए पुनर्विकसित 103 अमृत रेलवे स्टेशनों में राजस्थान के आठ रेलवे स्टेशन (फतेहपुर शेखावाटी, देशनोक, बूंदी, मांडलगढ़, गोगामेड़ी, राजगढ़, गोविंदगढ़, मंडावर-महुआ रोड) शामिल हैं। भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है जिससे रेलवे संचालन अधिक कुशल तथा पर्यावरण अनुकूल बन रहा है। इसी क्रम में श्री मोदी ने चूरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किमी) की आधारशिला रखेंगे तथा सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) तथा समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए पुष्कर में एनएच-58 पर 3 वाहन अंडरपास के निर्माण तथा एनएच-11, एनएच-70 (जैसलमेर से म्याजलार) की सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की आधारशिला भी रखी गई। साथ ही राजस्थान में लगभग 4 हजार 850 करोड़ की 7 सड़क परियोजनाओं को भी समर्पित किया। श्री मोदी विभिन्न विद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी जिनमें नीपको 300 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना (बीकानेर), एसजेवीएन 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (नावा), डीडवाना तथा कुचामन की सौर परियोजनाएं शामिल हैं। साथ ही पार्ट बी पावरग्रिड सिरोही ट्रांसमिशन लिमिटेड और पार्ट ई पावरग्रिड मेवाड़ ट्रांसमिशन लिमिटेड के विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का शिलान्यास भी किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने तीन विद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया, जिनमें पावर ग्रिड नीमच ट्रांसमिशन सिस्टम लिमिटेड तथा बीकानेर कॉम्प्लेक्स की विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली शामिल है। साथ ही फतेहगढ़-द्वितीय विद्युत स्टेशन में परिवर्तन क्षमता के विस्तार का उद्घाटन भी किया गया इससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री प्रदेश में कलासर सौर ऊर्जा परियोजना (500 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे और शिंभू का भुर्ज सौर ऊर्जा परियोजना (300 मेगावाट) का उद्घाटन भी किया गया। श्री मोदी ने 3,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 757 किलोमीटर की लंबाई के 12 राज्य राजमार्गों का उन्नयन और रखरखाव के लिए विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें मांगलियावास-पदुकलां (स्टेट हाइवे-102), ब्यावर-टेहला-अलनियावास (स्टेट हाइवे-59 और स्टेट हाइवे-104), दांतीवाड़ा-पीपाड़- मेड़ता सिटी (स्टेट हाइवे-21) शामिल हैं। राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम के विस्तार में गोटन-साथिन राजमार्ग के साथ 900 किलोमीटर के अतिरिक्त नए राजमार्ग शामिल किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने झुंझुनू जिले के लिए ग्रामीण जल आपूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना, अमृत 2.0 के तहत पाली जिले के सात शहरों के लिए शहरी जल आपूर्ति योजनाओं के पुनर्गठन सहित विभिन्न जल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से निकली खालसा तिरंगा यात्रा
नई दिल्ली, 21 मई : ऑपरेशन सिंदूर के लिए सुरक्षा बलों के सम्मान बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम से कर्तव्य पथ तक खालसा तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और आशीष सूद ने हरी झंडी दिखाई। खालसा तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, खालसा पंथ हमेशा देश की सेवा, सुरक्षा और एकता के लिए सबसे आगे रहा है। आज की तिरंगा यात्रा एक संदेश है कि सिख समुदाय का हर सदस्य इस मातृभूमि के लिए अपना जीवन देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह! देश और सेना के सम्मान में आज पूरा खालसा हाथ में तिरंगा थामे खड़ा है। यह एक आवाज है, एक ताकत है और देश की सेनाओं को दिखाने का जज्बा है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर पूरा खालसा सीमा पर जाने के लिए तैयार है। यह प्रधानमंत्री के आह्वान का असर है।” वहीं, मंत्री आशीष सूद ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का स्वागत करते हुए इस तिरंगा यात्रा के आयोजन के लिए सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा को धन्यवाद दिया।
दिव्यांग शिक्षण संस्थानों में संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करें: योगी
लखनऊ, 21 मई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया है। बुधवार को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भ्रम फैलाकर उन्हें अवांछित और समाजविरोधी गतिविधियों की ओर प्रवृत्त करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। ऐसी प्रवृत्तियों के प्रति हमें पूर्णतः सतर्क रहते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि इन संस्थानों में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहन जांच-पड़ताल के उपरांत ही उनकी अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी बचपन डे केयर सेंटरों, मानसिक मंदित आश्रय केंद्रों, समेकित विद्यालयों तथा ‘ममता’, ‘स्पर्श’ और ‘संकेत’ विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण किया जाए। यहां अध्ययनरत बच्चों से संवाद स्थापित कर उनकी आवश्यकताओं, आकांक्षाओं और अभिभावकों की अपेक्षाओं को समझते हुए संस्थागत व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और जब तक नियमित नियुक्ति न हो, तब तक अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से योग्य युवाओं की सेवाएं ली जाएं। इन युवाओं को भविष्य की चयन प्रक्रियाओं में वेटेज प्रदान किया जाना चाहिए। बैठक में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की योजनाओं, उपलब्धियों तथा कार्ययोजनाओं की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त कल्याणकारी योजनाएं पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुसज्जित हों तथा लक्षित लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से लाभ प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते आठ वर्षों में विभाग के बजट में दस गुना से अधिक वृद्धि की गई है, जो दिव्यांगजनों के प्रति सरकार की संवेदनशील प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि दिव्यांगजन पेंशन योजना के अंतर्गत वर्तमान में 11.04 लाख लाभार्थियों को ₹1300 करोड़ की पेंशन राशि वितरित की गई है, जबकि कुष्ठरोग पीड़ित लगभग 12 हजार व्यक्तियों को ₹3000 प्रतिमाह की दर से सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्यस्तरीय अभियान चलाकर यह पता लगाया जाए कि किन पात्र व्यक्तियों को अभी तक पेंशन नहीं मिल रही है, साथ ही जो अपात्र लाभ ले रहे हैं, उन्हें भी चिह्नित कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि बीते वित्तीय वर्ष में 35,136 दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, ब्रेल किट्स जैसे सहायक उपकरणों के लिए ₹28.93 करोड़ की सहायता दी गई है। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना के अंतर्गत 270 अत्यंत दिव्यांगजन को ₹2 लाख तक की मशीनें उपलब्ध कराई गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदेश के लाभार्थियों तक पूरी तत्परता से पहुँचे, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना में सांसदों और विधायकों से भी अपनी निधि से सहयोग देने का आग्रह किया जाए। दिव्यांगजनों को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक में जानकारी दी गई कि बीते वित्तीय वर्ष में 31 लाख से अधिक दिव्यांगजनों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। ‘कोक्लियर इम्प्लांट योजना’ की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना तभी प्रभावी हो सकती है, जब नवजात स्तर से ही उपचार प्रारम्भ हो। उन्होंने निर्देश दिए कि हाल ही में योजना से लाभान्वित 214 बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति का फॉलोअप करते हुए उनके परिवारों से संवाद स्थापित किया जाए। शैक्षिक क्षेत्र की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 25 जनपदों में स्थापित ‘चाइल्ड डे केयर सेंटरों’ में दृष्टि, श्रवण एवं मानसिक रूप से दिव्यांग 1390 बच्चों को आवश्यक प्रशिक्षण एवं शिक्षा दी जा रही है। वर्तमान में राज्य में संचालित 16 विशेष विद्यालय, 07 समेकित विद्यालय एवं 05 मानसिक पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से 1680 बच्चों को आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखनऊ स्थित ‘डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय’ तथा चित्रकूट स्थित ‘जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय’ में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए और इन संस्थानों का प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए ताकि देशभर के इच्छुक दिव्यांगजन इन संस्थानों से जुड़ सकें। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि अब तक प्रदेश में 15 लाख दिव्यांगजन यूडीआईडी पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश को यूनिक आईडी कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों’ की स्थापना प्राथमिकता के आधार पर की जाए ताकि पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही सुलभ हो सकें।
मोदी, खरगे, राहुल ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली, 21 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने सोशल मीडिया में कहा, “मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। श्री खरगे तथा श्री गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि वीर भूमि जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया और कहा कि राजीव गांधी के दूरदर्शी नेतृत्व ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित राष्ट्र की नींव को बदला और आज भी उनकी सोच विरासत हमारा मार्गदर्शन करती रहती है। श्री गांधी ने भावुक होकर अपने पिता को याद करते हुए सोशल मीडिया एक्स में एक पोस्ट में कहा, “पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।” इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने बचपन की एक फोटो भी पोस्ट की है। श्री खरगे ने कहा, “21वीं सदी के भारत के निर्माण में राजीव जी ने अद्वितीय भूमिका का निर्वाह किया। मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण तथा भागीदारी के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।” उन्होंने कहा, “राजीव जी ने समाज के सभी तबकों के कल्याण को ध्यान में रख कर अपने शासनकाल में 11 नीतियां बनायी। इसमें नई शिक्षा नीति, आवास नीति, नई स्वास्थ्य नीति, नई सिंचाई नीति प्रमुख है। कई संस्थाओं की स्थापना की। पीने का पानी, टीकाकरण, साक्षरता, बाढ़ नियंत्रण, खाने के तेल, दुग्ध उत्पादन और टेलीकॉम पर टेक्नालाजी मिशन बनाया। एक सच्चे देशभक्त को हम नमन करते हैं।” तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा से याद करती हूं। राजीव जी एक दूरदर्शी नेता और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सच्चे शहीद थे।” कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के ‘बलिदान दिवस’ पर मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने अपने नेतृत्व और आधुनिक सोच से देश को प्रगतिशील दृष्टिकोण प्रदान कर दिशा दी। उनके निर्णयों ने भारत को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया। उनका योगदान हमारे लिए प्रेरणास्रोत है और उनकी स्मृति हमारे दिलों में सदैव जीवित रहेगी।”