पूर्णिया/नई दिल्ली, 15 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों दल बिहार के विकास की राह में बाधा बन रहे हैं और अपने वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी घुसपैठिया है, उसे भारत से बाहर जाना ही होगा। सीमांचल में ‘जनसांख्यिकी संकट’ का मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी ने सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठियों के कारण उत्पन्न ‘जनसांख्यिकी संकट’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार, बंगाल और असम जैसे राज्यों के लोग अपनी बहनों और बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाया कि वे बेशर्मी के साथ विदेश से आए घुसपैठियों की वकालत कर रहे हैं, जो देश के संसाधनों और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी ‘गारंटी’ दोहराते हुए कहा, “यह राजद और कांग्रेस की जमात कान खोलकर मेरी बात सुन लो, जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा। घुसपैठ पर ताला लगाना, एनडीए की पक्की जिम्मेदारी है।” कुशासन से ‘लखपति दीदी’ तक का सफर पीएम मोदी ने बिहार में राजद के पिछले शासनकाल को ‘कुशासन’ बताया और कहा कि उस समय माताएं-बहनें डरी हुई थीं, और खुलेआम हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं होती थीं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की एनडीए सरकार ने स्थिति को बदल दिया है, और आज वही महिलाएं ‘लखपति दीदी’ और ‘ड्रोन दीदी’ बन रही हैं। उन्होंने ‘जीविका दीदियों’ को पूरे देश के लिए प्रेरणा बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद सिर्फ अपने परिवारों की चिंता करते हैं, जबकि मोदी के लिए पूरा देश ही परिवार है, और उनका लक्ष्य ‘सबका साथ सबका विकास’ है। राजद की सहयोगी कांग्रेस पार्टी बिहार की तुलना बीड़ी से कर रही पीएम मोदी ने कहा कि बिहार का विकास कांग्रेस और राजद वालों को पच नहीं रहा है। बिहार जब भी आगे बढ़ता है तब यह लोग अपमान करने में जुट जाते हैं। कुछ दिन पहले ही राजद की सहयोगी कांग्रेस पार्टी बिहार की तुलना बीड़ी से कर रही है। इनलोगों को बिहार से इतनी नफरत है कि इन्होंने बिहार में घोटाले और भ्रष्टाचार करके राज्य की साख को नुकसान पहुंचाई। आप बताइए ऐसी मानसिकता वाले लोग क्या बिहार का भला कर सकते हैं? यह लोग केवल अपनी तिजौरियां भर रहे हैं। ऐसे लोग बिहार का विकास कैसे कर सकते हैं? कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने माना कि कांग्रेस सरकार दिल्ली से चला हुआ 100 पैसा में से 85 पैसा रास्ते में लुट जाता है। पहले लालटेन जलाकर पंजा सारा पैसा रख लेता था ओर 85 पैसा रख लेते थे। क्या कांग्रेस और राजद की सरकार में आपको मुफ्त पैसा, पांच लाख का मुफ्त इलाज मिल पाता क्या? जिन लोगों ने अस्पताल तक नहीं बनाए क्या वह आपको इतना कुछ दे पाते? कांग्रेस और राजद से बिहार के सम्मान और पहचान को खतरा है। राजद और कांग्रेस के कुशासन का परिणाम सीमांचल को सबसे ज्यादा भोगना पड़ा पीएम मोदी ने कहा कि हर गरीब को पक्का घर देना मेरा लक्ष्य है। जब तक हर गरीब को पक्का मकान नहीं मिल जाता है तब तक मोदी चैन से नहीं बैठने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्णिया में एयरपोर्ट का शुभारंभ हो चुका है। नया टर्मिनल भवन रिकॉर्ड पांच महीने में बना। बिहार के विकास के लिए सीमांचल और पूर्णिया का विकास जरूरी है। उन्होंने इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के कुशासन का परिणाम सीमांचल को सबसे ज्यादा भोगना पड़ा है। लेकिन, अब एनडीए सरकार के समय में यहां विकास हो रहा है। यहां की स्थिति बदल रही है। अब यह क्षेत्र विकास के फोकस में है। बिजली के क्षेत्र में भी बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का काम चल रहा है। सरकार यहां के किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछली सरकार ने मखाना और मखाना किसानों की भी उपेक्षा की। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग यहां आकर चक्कर काट रहे हैं लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि मेरे आने से पहले उन्होंने मखाना का नाम भी नहीं सुना होगा। हमारी सरकार ने मखाना को प्राथमिकता दी। मखाना किसानों के लिए एनडीए सरकार ने पूर्णिया में मखाना बोर्ड देने की घोषणा की। बिहार के विकास की गति कुछ लोगों को रास नहीं आ रही है। जिन लोगों ने दशकों तक बिहार का शोषण किया। इस मिट्टी के साथ धोखा किया। आज वह यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि बिहार में विकास हो रहा है। बिहार लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। विकास परियोजनाओं की सौगात अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने करीब 40,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें प्रमुख घोषणाएं और परियोजनाएं इस प्रकार हैं: पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन: प्रधानमंत्री ने 34 करोड़ रुपये की लागत से बने पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। यह बिहार का चौथा परिचालन हवाई अड्डा होगा, जो अहमदाबाद और कोलकाता जैसे महानगरों से सीधा हवाई संपर्क प्रदान करेगा। मखाना बोर्ड की स्थापना: प्रधानमंत्री ने पूर्णिया में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। यह कदम सीमांचल क्षेत्र के मखाना किसानों को लाभ पहुंचाएगा, क्योंकि देश का 70 प्रतिशत मखाना इसी क्षेत्र में उत्पादित होता है। रेलवे परियोजनाएं: पीएम मोदी ने 4,410 करोड़ रुपये की लागत से बनी अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) नई रेल लाइन का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने 2170 करोड़ की लागत वाली विक्रमशिला-कटरिया रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास भी किया और चार नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। आवास और अन्य योजनाएं: उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 35,000 ग्रामीण और 5,920 शहरी लाभार्थियों को नए घरों की चाबियां सौंपी। इसके साथ ही उन्होंने बिहार के लिए 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाले थर्मल पावर प्रोजेक्ट और 6282 करोड़ रुपये की कोसी-मेची लिंक परियोजना का भी शिलान्यास किया। सीएम नीतीश ने जताया आभार मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी
अस्पतालों में फ्री दवा… बिहार अव्वल… राजस्थान दूसरे और पंजाब तीसरे स्थान पर
-लगातार 11वें महीने हासिल किया पहला स्थान -अस्पतालों में 611 प्रकार की दवाएं दी जाती हैं नई दिल्ली, 15 सितंबर: बिहार में विधानसभा चुनाव के घमासान के बीच नितीश सरकार ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। वो भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में। इससे सरकार गदगद नजर आ रही है। दरअसल, बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं 2005 के पहले बदहाल थी। अस्पताल परिसर में जानवरों के बंधे होने या अस्पताल की बेड पर कुत्तों के सोने की तस्वीरें वायरल होती थी, परंतु अबयहां की तस्वीर बदल गई है। सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं ने पिछले दो दशकों में नई इबारत गढ़ी है। साल 2005 के बाद से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार हुए हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा मुहैया कराने में बिहार लगातार 11 महीने से अव्वल है। राज्य को यह खिताब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के डीवीडीएमएस केंद्रीय डैशबोर्ड की ओर से मासिक राज्य रैंकिंग में मिला है। पिछले साल अक्टूबर में मरीजों को दवा उपलब्ध कराने के मामले में पहले स्थान पर चल रहे राजस्थान को पछाड़ते हुए 79.34 अंकों के स्कोर के साथ बिहार ने पहला स्थान प्राप्त किया था। तब से बिहार लगातार पहले पायदान पर बना हुआ है। इस महीने भी 77.89 अंक के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर तो 73.28 अंक के साथ पंजाब तीसरे स्थान पर है। जबकि बिहार 82.13 अंक के साथ फिर पहले स्थान है। राज्य के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कुल 611 प्रकार की दवाएं मरीजों को दी जाती हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को बना रहे बेहतर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारियों के अनुसार, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि लोगों के लिए सरकारी अस्पतालों में अब आसानी से दवाएं उपलब्ध हैं। गंभीर बीमारियों के साथ-साथ सामान्य बीमारियों की दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। हर महीने दी जाती है रैंकिंग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय डीवीडीएमएस केंद्रीय डैशबोर्ड की ओर से राज्यों के लिए हर महीने एवरेज स्कोर आधारित रैंकिंग दी जाती है। यह रैंकिंग अस्पतालों में इलाज के लिए आए रोगियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के आधार पर जारी होती है। रेड रिबन प्रतियोगिता शामिल होंग नौ राज्य राज्य के युवाओं को एड्स और एचआइवी जैसे संक्रमण से जागरूक करने के लिए 22 सितंबर को पटना में रेड रिबन प्रतियोगिता आयोजित होगी। यह आयोजन एड्स नियंत्रण संगठन भारत सरकार के निर्देश पर आयोजित हो रहा है। इस प्रतियोगिता में नौ राज्यों के छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। इन राज्यों में बिहार के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, दादर-नगर हवेली एवं दमन-दीव शामिल हैं। चयनित छात्र साझा करेंगे जानकारी इन राज्यों से चयनित छात्र टीमें क्विज प्रतियोगिता में एड्स एवं यौन संक्रमित रोगों पर अपनी जानकारी को साझा करेंगे। प्रतियोगिता के विजेता राष्ट्रीय स्तर की रेड रिबन क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे, जो 31 अक्टूबर को नगालैंड में आयोजित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने किया वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर रोक लगाने से इनकार
नई दिल्ली, 15 सितंबर: उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया लेकिन कहा कि अंतिम निर्णय आने तक इसके कुछ प्रावधानों पर रोक रहेगी। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने संबंधित कानून के संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित किया। पीठ ने 22 मई को उस कानून के विभिन्न प्रावधानों पर रोक लगाने की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए वक्फ के लिए संपत्ति समर्पित करने के लिए 5 साल तक इस्लाम का पालन करने के मानदंड के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को वक्फ के रूप में संपत्ति समर्पित करने से पहले पांच वर्षों तक मुस्लिम होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धारा 3(आर), इस अनिवार्यता पर तब तक रोक रहेगी जब तक कि राज्य (सरकार) द्वारा यह जांचने के लिए नियम नहीं बनाए जाते कि व्यक्ति मुस्लिम है या नहीं। न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसे किसी नियम/तंत्र के बिना, यह प्रावधान मनमाने ढंग से सत्ता का प्रयोग करेगा। अदालत ने कहा कि कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्यायनिर्णयन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा। पीठ ने वक्फ निकायों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर के मामले में कहा कि फिलहाल राज्य वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं किए जाने चाहिए और केंद्रीय वक्फ बोर्ड में कुल मिलाकर चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं किए जाएगे। शीर्ष अदालत ने 25 अप्रैल को सुनवाई के दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संशोधित वक्फ अधिनियम 2025 का बचाव करते हुए एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया। केंद्र ने संसद द्वारा पारित संवैधानिकता की धारणा वाले किसी भी कानून पर अदालत द्वारा किसी भी तरह की पूर्ण रोक का विरोध किया था। अदालत ने तीन दिनों तक दलीलें सुनीं, जिसमें केंद्र ने तर्क दिया कि संसद द्वारा विधिवत अधिनियमित इस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के लिए केवल कानूनी प्रस्ताव या काल्पनिक तर्क पर्याप्त नहीं हैं। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि वक्फ प्रबंधन ने स्मारकों का दुरुपयोग किया है, दुकानों के लिए जगहें बनाई हैं और अनधिकृत परिवर्तन किए हैं। केंद्र सरकार ने पहले आश्वासन दिया था कि किसी भी वक्फ संपत्ति (जिसमें उपयोगकर्ता द्वारा स्थापित संपत्तियाँ भी शामिल हैं) को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा। उसने यह भी कहा था कि 2025 के अधिनियम के तहत केंद्रीय वक्फ परिषद या राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। शीर्ष अदालत के समक्ष इस अधिनियम के खिलाफ 100 से अधिक याचिकाएँ दायर की गई थीं। वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 1. कौन बन सकेगा वक्फ बोर्ड का सदस्य? पहले – वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 में प्रावधान था कि पांच साल से ज्यादा समय तक इस्लाम धर्म का पालन करने वाले ही वक्फ बोर्ड के सदस्य बन सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगा दी। अब – कोर्ट के अनुसार, जब तक राज्य सरकारें इस संदर्भ में कोई उचित नियम नहीं बना लेती, तब तक वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए यह शर्त लागू नहीं होगी। 2. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की संख्या कितनी? पहले – वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 में प्रावधान किया गया था कि वक्फ बोर्ड के 11 सदस्यों में गैर-मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे। अब – इसपर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते हैं। वहीं, केंद्रीय वक्फ परिषद में भी 4 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं होंगे। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि अगर मुमकिन हो तो किसी मुस्लिम सदस्य को ही बोर्ड का सीईओ बनाया जाना चाहिए। 3. जिला कलेक्टर के अधिकार पर क्या कहा? पहले – वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के अनुसार, वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर अतिक्रमण करेगा, वो संपत्ति सरकारी है या नहीं? यह तय करने का अधिकार जिला कलेक्टर के पास था। अब – इसपर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों पर फैसला लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा। अप्रैल में बना था कानून वक्फ (संशोधन) बिल 2025 को बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में पास किया गया था। लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 232 सांसदों ने इस बिल पर मुहर लगाई थी। इसके बाद 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी इस कानून को मंजूरी दे दी थी। इस कानून को रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने कानून रद करने से साफ इनकार करते हुए कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है।
बिहार में किसानों की जमीन लुटवा रही है भाजपा सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली, 15 सितंबर: कांग्रेस कहा है कि मोदी सरकार अपने नजदीकी उद्योगपति पर बिहार में भी मेहरबान हो रही है और वहां ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए किसानों की जमीन लूटकर गौतम अडानी को दी जा रही है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में भागलपुर के पीरपैंती में किसानों की जमीन की लूट मची है और वहां स्थापित होने वाले ऊर्जा संयंत्र के लिए बहुत कम दरों पर किसानों की जमीन खरीदी जा रही है। उनका यह भी आरोप था कि वहां किसानों से डरा धमकाकर कम दाम पर जमीन खरीदी जा रही है। श्री खेड़ा ने कहा, “10 लाख पेड़, 1,050 एकड़ जमीन ‘राष्ट्र सेठ’ गौतम अडानी को पावर प्लांट लगाने के लिए एक रुपए प्रतिवर्ष पर 33 साल के लिए दे दी गई। जब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार जा रहे हैं, तब वहां के ग्रामीणों को नजरबंद कर दिया गया, ताकि वे धरना न दे सकें। श्री बिहार से जाते-जाते अपने दोस्त अडानी को 1,050 एकड़ जमीन देने जा रहे हैं। ये 2,400 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है, जिसका बजट 21,400 करोड़ रुपए है। इसकी घोषणा बजट में भी हुई थी। हालांकि उस वक्त सरकार ने कहा था कि वो खुद ये प्लांट लगाएगी लेकिन बाद में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए और ये प्रोजेक्ट गौतम अडानी को दे दिया गया। “ उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थिति बिहार में बहुत खराब है। उन्हें डर है कि अगले चुनाव में जीत नहीं होगी इसलिए सुनिश्चित हार को देखते हुए चुनाव से पहले अपने मित्र का ऊर्जा संयंत्र स्थापित करवा रहे हैं। उनका कहना था कि महाराष्ट्र में जब चुनाव हुए तो उससे पहले पावर प्लांट का प्रोजेक्ट और धारावी गौतम अडानी को दे दिया था। इसी तरह, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव से पहले गौतम अडानी को प्रोजेक्ट दिए गए। ये बहुत लंबी लिस्ट है और जब भाजपा को लगता है कि वह चुनाव हार जाएंगी इसलिए अडानी को पहले ही सौगात दे जाती है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा पहले ‘एक पेड़, मां के नाम’ जैसा अभियान चलाती है और फिर उसी जमीन को- जिसे किसान मां के समान मानता है- उसकी कीमत एक रुपए लगाती है। किसानों को धमकाकर, जबरदस्ती पेंसिल से दस्तखत कराए गए और उनकी जमीन ली गई। बिहार की जमीन पर, बिहार के पैसे से बना हुआ प्लांट, बिहार के कोयले से बनी हुई बिजली- बिहार के लोगों को छह रुपए प्रति यूनिट में बेची जाएगी। फिर इसी प्लांट से निकली बिजली बिहार के लोगों को 6.75 रुपए यूनिट की दर से बेची जाएगी, जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए ये दर तीन से चार रुपए है।” उन्होंने कहा कि श्री मोदी अपने दोस्त के लिए बिहार को कुछ इसी तरह से लूट रहे हैं और यही सब करके बिहार को ‘बीमारू राज्य’ बना दिया गया। बिहार से सरकार जमीन छीन रही है, कोयला ले रही है, पेड़ काट रही है और उन्हीं लोगों को 6.75 रुपए में बिजली बेच रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ये कहां का न्याय है।
खराब मौसम के चलते नहीं शुरू हो पाई माता वैष्णो देवी यात्रा, अगले आदेशों तक फिर स्थगित
जम्मू, 14 अगस्त: माता वैष्णो देवी यात्रा खराब मौसम के कारण 19 दिनों के अंतराल के बाद आज से नहीं शुरू हो पाई और अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। भवन और ट्रैक पर लगातार बारिश के चलते यात्रा रोकने के बाद श्राइन बोर्ड ने भक्तों से आधिकारिक संचार चैनलों के माध्यम से अपडेट रहने का अनुरोध है। माता वैष्णो देवी यात्रा के रास्ते में 26 अगस्त को अर्धकुंवारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 34 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे और कई अन्य घायल हो गए। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 26 अगस्त के भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता विभागीय जल शक्ति के अतिरिक्त मुख्य सचिव शलीन कबरा कर रहे हैं, जिसमें डिविजनल कमिश्नर और जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक भी शामिल हैं। यह कमेटी जांच के बाद एलजी सिन्हा को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपेगी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने 13 सितंबर को 22 सितंबर से शुरू होने वाले नौ दिवसीय नवरात्रों के दौरान निर्बाध तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए आध्यात्मिक विकास केंद्र, कटरा में एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। सीईओ ने कहा कि नवरात्रि उत्सव नजदीक है और बोर्ड को पवित्र तीर्थस्थल और कटरा में आधार शिविर में भक्तों की एक महत्वपूर्ण आमद की उम्मीद है। इस प्रकार नवरात्र महोत्सव के दौरान सभी हितधारकों के बीच तालमेल पर जोर दिया गया। उन्होंने आने वाले दिनों में परेशानी मुक्त तीर्थयात्रा के लिए विभिन्न मोर्चों पर कार्रवाई करने का भी आह्वान किया। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने खराब मौसम और पवित्र तीर्थस्थल तक जाने वाले मार्ग के आवश्यक रखरखाव के कारण अस्थायी रूप से स्थगित होने के बाद श्री माता वैष्णो देवी जी की यात्रा 14 सितंबर (रविवार) से अनुकूल मौसम की स्थिति के अनुसार फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।इसी के मद्देनजर के मुताबिक भवन परिसर के साथ अन्य धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई तथा रंग रोगन का कार्य तेजी से कराया गया। श्राइन बोर्ड का अधिकतर स्टाफ भी तैनात कर दिया गया। इसके बावजूद भवन और ट्रैक पर लगातार बारिश के चलते आज से यात्रा नहीं शुरू हो पाई और अगले आदेशों तक फिर स्थगित कर दी गई है।
अब देश में एक डेमोग्राफी मिशन शुरू किया जा रहा है : पीएम मोदी
दरांग (असम), 14 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने असम के दरांग जिले में एक जनसभा के दौरान कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठियों की मदद से जनसांख्यिकी बदलने की साजिश रची जा रही है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “भाजपा की सरकार घुसपैठियों को देश के साधनों और संसाधनों पर कब्जा करने नहीं देगी। भारत के किसानों, नौजवानों और हमारे आदिवासियों का हक हम किसी को छीनने नहीं देंगे। ये घुसपैठिये हमारी माताओं और बहनों के साथ अत्याचार करते हैं और ऐसा हम होने नहीं देंगे। सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठियों की मदद से जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदलने की साजिश चल रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।” उन्होंने कहा, “देश में एक डेमोग्राफी मिशन (जनसांख्यिकी मिशन) शुरू किया जा रहा है। भाजपा का उद्देश्य देश को घुसपैठियों से बचाना और उसकी अखंडता को बहाल करना है। मैं उन राजनेताओं को कहना चाहता हूं, अगर वे चुनौती लेकर मैदान में आएंगे तो मैं उनका सीना तानकर सामना करूंगा। मैं भी देखता हूं कि वे घुसपैठियों को बचाने में कितनी ताकत लगाएंगे। हम घुसपैठियों को हटाने में अपना जीवन लगा देंगे, वे सामने आएं और मुकाबला करें। घुसपैठियों को बचाने के लिए निकले लोगों को भुगतना पड़ेगा और उन्हें मेरे ये शब्द जरूर सुनने चाहिए। यह देश उनको माफ नहीं करेगा।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “असम की विरासत को बचाना और विकास करना, इसके लिए हमें मिलकर काम करना है। हमें असम को ‘विकसित’ भारत का इंजन बनाना है।” प्रधानमंत्री ने जनता से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं आपसे वादा मांगता हूं कि अब जो भी खरीदेंगे, वह ‘स्वदेशी’ होगा। मेरे लिए स्वदेशी की परिभाषा सरल है। कंपनी दुनिया के किसी भी कोने से हो, लेकिन मेहनत मेरे देश के युवा सैनिकों की होनी चाहिए। जो भारत में बनेगा, उसमें मेरी भारतीय मिट्टी की खुशबू होनी चाहिए।”
देश के विकास में है मिजोरम का अहम योगदान: मोदी
ऐजल, 13 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम की शांति के प्रदेश की प्रगति का आधार बताते हुए कहा कि देश की प्रगति में मिजोरम का अहम योगदान है। श्री मोदी ने मिजोरम की राजधानी एजल को पहली बार भारतीय रेल से जोड़ते हुए सायरंग-बइरवी रेल मार्ग की शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए शनिवार को राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मोदी ने इस मौके पर गुवाहाटी और कोलकाता के लिए भी हरी झंडी दिखाकर मिजोरम से इन रेलों को रॉसन किया। मिजोरम दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस असम, पश्चिम बंगाल होते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आनंद विहार पहुंचेगी। उन्होंने इस मौके पर विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मिजोरम की शांति यहां की प्रगति का आधार है। मिजोरम के लोगों का देश के विकास में अहम योगदान है। मिजोरम ने देश को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए हैं। मिजोरम की राजधानी आज भारतीय रेल के मानचित्र पर स्थापित हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं और इसका खामियाजा मिज़ोरम तथा पूर्वोत्तर को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की दृष्टि अलग है और वह हाशिये के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का काम करते हैं। आज मिजोरम को मुख्य धारा से जोड़ दिया गया है और भारतीय रेल के विशाल नक्शे पर मिजोरम स्थापित हो गया है। सायरंग-बइरवी रेल लाइन आज हकीकत में बदलने पर उन्होंने मिजोरम के लोगों को बधाई दी और कहा कि इस दुर्गम क्षेत्र में रेल मार्ग पर रेल लाइन बिछाने का यह सपना रेल के प्रतिभाशाली इंजीनियरों की मेहनत से ही संभव हो सका है। प्रधानमंत्री ने कहा की पिछली 11 साल से वह पूर्वोत्तर के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। उनकी सरकार कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दे रही है और इसी का परिणाम है कि पहली बार देश में ग्रामीण सड़क, मोबाइल नेटवर्क राष्ट्रीय राजमार्ग आदि को प्रभावित तरीके से लागू कर दूर दराज के लोगों को लाभ दिया गया है। सरकार सुगमता, कारोबार की विकास तथा ढांचागत विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कि पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्वी एशिया में कारोबार का मुख्य केंद्र बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिजोरम का केला, मिजोरम के बांस के उत्पाद अधिका इस रेलवे लाइन से बाजार खुलेगा और मिजोरम के लिए भी जरूरी चीजों की आपूर्ति आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा की सरकार मेक इन इंडिया और निर्यात को बढ़ावा दे रही है और इसी का परिणाम विदेशी दुनिया में आज सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन गयी है। आर्थिक विकास और विनिर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है और उनकी सरकार देश के विकास, देश के हर नागरिक के समृद्धि के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री आज पूर्वोत्तर की यात्रा पर हैं और इस दौरान श्री मोदी इस क्षेत्र को 9000 करोड रुपए से अधिक की सौगात देंगे। श्री मोदी मिजोरम के साथ ही मणिपुर भी जाएंगे।
मॉरीशस के प्रतिनिधिमंडल ने काशी विश्वनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना
वाराणसी, 12 सितंबर: मॉरीशस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे पहले मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। मॉरीशस से आए एक प्रतिनिधि ने कहा, “यह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला क्षण था और हम बहुत उत्साहित हैं।” इससे पहले गुरुवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने वाराणसी में गंगा आरती देखी थी। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि पवित्र गंगा के साथ पवित्र जुड़ाव का अनुभव करें। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने वाराणसी में गंगा आरती देखी। यह आध्यात्मिक अनुभव आस्था और परंपरा के उस शाश्वत बंधन का प्रतीक है, जो भारत और मॉरीशस को जोड़ता है। साथ ही, उन्होंने नवीनचंद्र रामगुलाम की तस्वीरें शेयर कीं। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम भारत की 8 दिवसीय (9 से 16 सितंबर तक) यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि संस्कृति और संस्कार सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवन-धारा में रच-बस गए। काशी में मां गंगा के अविरल प्रवाह की तरह भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। उन्होंने कहा, “जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि एक आत्मिक मिलन है। मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।” इससे पहले, मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की।
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ, मोदी-धनखड़ भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, 12 सितंबर: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। लाल कुर्ता पहने राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली। राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेता मौजूद रहें। पूर्व उपराष्ट्रपतियों हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू ने भी समारोह में शिरकत की। धनखड़ भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए। राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव आवश्यक हो गया था। सीपी राधाकृष्णन का परिचय 1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की। वे आरएसएस के स्वयंसेवक के तौर पर सार्वजनिक जीवन में आए और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। 1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और दो साल बाद, 1998 में, वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे। 1999 में वे दोबारा सांसद बने। सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति सहित कई समितियों में अहम जिम्मेदारियां निभाईं। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे। संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया संबोधित 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। उसी वर्ष वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल रहे। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने 93 दिन तक चली 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशामुक्ति जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उनके नेतृत्व में कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। कई राज्यों के रह चुके हैं राज्यपाल 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने कार्यकाल की शुरुआती चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया। इसके अलावा वे कुछ समय के लिए तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली और पूरे राज्य का भ्रमण कर विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित किया। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी। छात्र जीवन में राधाकृष्णन टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है। राधाकृष्णन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।
तीनों सेनाओं की महिला जल यात्रा ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ को रक्षा मंत्री ने हरी झंडी दिखाई
-दस महिला अधिकारी अगले 9 महीनों में लगभग 26 हजार समुद्री मील की यात्रा करेंगी नई दिल्ली, 11 सितंबर: पहली बार तीनों सेनाओं की महिला जल यात्रा ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ गुरुवार को मुंबई से शुरू हुई, जिसमें 10 महिला अधिकारी अगले 9 महीनों में स्वदेशी नौकायन पोत त्रिवेणी पर सवार होकर लगभग 26 हजार समुद्री मील की यात्रा करेंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस नौकायन अभियान को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से रवाना किया। राजनाथ सिंह ने इस यात्रा को नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकता, आत्मनिर्भर भारत और भारत की सैन्य कूटनीति एवं वैश्विक दृष्टिकोण का ज्वलंत प्रतीक बताया है। नारी शक्ति और विकसित भारत के विजन को स्मरण करते हुए रक्षा मंत्री ने साउथ ब्लॉक से अपने संबोधन में कहा कि इस अभियान के दौरान महिला अधिकारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प की लौ अंधकार को चीरती रहेगी। वे सुरक्षित घर लौटेंगी और दुनिया को दिखाएंगी कि भारतीय महिलाओं का पराक्रम किसी भी सीमा से परे है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अगले नौ महीनों में 10 महिला अधिकारी स्वदेश निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत (आईएएसवी) त्रिवेणी पर सवार होकर पूर्वी मार्ग पर लगभग 26 हजार समुद्री मील की यात्रा करेंगी। वे भूमध्य रेखा को दो बार पार करेंगी और तीन महान अंतरीपों लीउविन, हॉर्न और गुड होप का चक्कर लगाएंगी। इस दौरान वे सभी प्रमुख महासागरों और दक्षिणी महासागर तथा ड्रेक पैसेज सहित कुछ सबसे खतरनाक जल क्षेत्रों को पार करेंगी। मई, 2026 में मुंबई लौटने से पहले यह दल चार अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों का भी दौरा करेगा। वर्चुअल फ्लैग-ऑफ के दौरान साउथ ब्लॉक में रक्षा मंत्री के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह मौजूद थे। गेटवे ऑफ इंडिया पर पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर के नेतृत्व में स्क्वाड्रन लीडर श्रद्धा पी राजू, मेजर करमजीत कौर, मेजर ओमिता दलवी, कैप्टन प्राजक्ता पी निकम, कैप्टन दौली बुटोला, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रियंका गुसाईं, विंग कमांडर विभा सिंह, स्क्वाड्रन लीडर अरुवी जयदेव और स्क्वाड्रन लीडर वैशाली भंडारी शामिल हैं। टीम ने तीन साल का कठोर प्रशिक्षण लिया है, जिसकी शुरुआत क्लास बी जहाजों पर छोटे अपतटीय अभियानों से हुई और अक्टूबर, 2024 में अधिग्रहित क्लास ए नौका आईएएसवी त्रिवेणी तक आगे बढ़ी। उनकी तैयारी में भारत के पश्चिमी समुद्र तट के साथ इस साल की शुरुआत में मुंबई से सेशेल्स और वापस एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय अभियान शामिल था।