जातीय जनगणना : न्यायमूर्ति करोल ने बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

नई दिल्ली, 17 मई: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल ने बुधवार को बिहार सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें राज्य में उसके (बिहार सरकार) द्वारा की जा रही जातीय जनगणना पर रोक लगाने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति करोल को छह फरवरी 2023 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उससे पहले, वह पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वह कुछ संबंधित मुकदमों में पक्षकार थे, जिन पर पहले उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई थी। शीर्ष अदालत की संबंधित पीठ ने इसके बाद याचिका को भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया, ताकि सुनवाई के लिए एक उपयुक्त पीठ का गठन किया जा सके। इस पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल थे। पटना उच्च न्यायालय के चार मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार ने कहा है कि जाति आधारित डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है। संविधान का अनुच्छेद 15 कहता कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा। वहीं, अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय में नियोजन या नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे। याचिका में बिहार सरकार ने दलील दी है, “राज्य ने कुछ जिलों में जातिगत जनगणना का 80 फीसदी से अधिक सर्वे कार्य पूरा कर लिया है और 10 फीसदी से भी कम काम बचा हुआ है। पूरा तंत्र जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। विवाद में अंतिम निर्णय आने तक इस अभ्यास को पूरा करने से कोई नुकसान नहीं होगा।” उच्च न्यायालय ने विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह जाति-आधारित गणना को तुरंत रोक दे और यह सुनिश्चित करे कि पहले से ही एकत्र किए गए डेटा को सुरक्षित रखा जाए और अंतिम आदेश पारित होने तक किसी के साथ साझा न किया जाए। उच्च न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तारीख निर्धारित की है।

हिंडनबर्ग-अडानी समूह: सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए सेबी को दिया 14 अगस्त तक का समय दिया

नई दिल्ली, 17 मई : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अडानी समूह की कंपनियों की जांच पूरी करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) सेबी को 14 अगस्त तक का और समय दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने जांच पूरी करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय देने की सेबी की गुहार ठुकरा दिया और उसे 14 अगस्त को एक अद्यतन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने सेबी की गुहार खारिज करते हुए कहा कि वह जांच को अनिश्चित समय तक नहीं बढ़ा सकती है। शीर्ष अदालत ने अपने द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे समिति द्वारा दायर रिपोर्ट की एक प्रति साझा करने का भी सेबी को निर्देश दिया। अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की 25 जनवरी की रिपोर्ट जारी होने के बाद बाजार नियामक सेबी द्वारा जांच शुरू हुई, जिसमें “लेखांकन धोखाधड़ी” और “स्टॉक हेरफेर” का आरोप लगाया गया था। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एक याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए कहा कि सेबी कई वर्षों से अडानी की जांच कर रही है। उन्होंने 2016 और फिर 2021 की जांच के निष्कर्षों को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश देने की मांग की। श्री भूषण ने कहा, “संसद में कहा गया है कि वे अडानी की जांच कर रहे थे। उन्हें हमें बताना होगा कि उन जांचों में क्या हुआ है।” इस मामले के पक्षकार के रूप में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा कि सेबी ने उस अदालत को भी अवगत नहीं कराया है, जिसे जांच करने के लिए नियुक्त किया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 2016 की जांच का मुद्दा पूरी तरह से अलग है। सेबी ने सोमवार को अदालत के समक्ष कहा था कि यह आरोप कि वह 2016 से अडानी समूह की कंपनियों की जांच वह कर रहा है, “तथ्यात्मक रूप से निराधार” है।

झारखंड में पतरातू जल शोधन संयंत्र निर्माण कार्य का प्रधानमंत्री ने की सराहना

नई दिल्ली, 17 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में पतरातू प्रखंड में जल शोधन संयंत्र का निर्माण कार्य पूरा होने की बुधवार को सराहना की और कहा है कि इससे उस इलाके में महिलाओं का जीवन आसान होगा। श्री मोदी ने इस संयंत्र के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जयंत सिन्हा के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, “बहुत ही सराहनीय प्रयास! स्वच्छ पानी की यह सुविधा झारखंड में पतरातू की हमारी माताओं और बहनों के जीवन को बहुत आसान बनाने वाली है।” श्री सिन्हा ने इस संयंत्र के चित्रों के साथ ट्वीट किया, “रामगढ़ के पतरातु प्रखंड की पंचायतों में जलापूर्ति हेतु 50 करोड़ रुपये से वाटर फिल्टर प्लांट व जलमीनार के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है।” उन्होंने इसी ट्वीट में कहा है कि इससे उस क्षेत्र में अब जलापूर्ति में अत्यंत सुविधा होगी। उन्होंने लिखा है, ‘‘क्षेत्र में जलापूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जलमीनर बनाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।”

नौकरी के लिए जमीन घोटाला: लालू के करीबियों पर सीबीआई ने मारे छापे

नई दिल्ली, 16 मई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को नौकरी के लिए जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में देश भर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी प्रेम चंद गुप्ता, पार्टी विधायक किरण देवी और उनके पति अरुण यादव के आवासों पर छापेमारी की। इस घोटाले में कथित तौर पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पटना, भोजपुर और आरा सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।सीबीआई ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सीबीआई ने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव (2004-2009), उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, इसमें अज्ञात लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल थे। अधिकारी ने कहा, उस अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न जोन में समूह डी पदों पर स्थानापन्न की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी। जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया। सीबीआई ने कहा, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि, अचल संपत्तियों को यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री विलेखों और दो उपहार विलेखों के माध्यम से अधिग्रहित किया गया था, इसमें अधिकांश में भूमि हस्तांतरण पर विक्रेता को किए गए भुगतान को दर्शाया गया था।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सिक्किम के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को दी बधाई

नई दिल्ली, 16 मई : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य गणमान्य हस्तियों ने मंगलवार को सिक्किम के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। श्रीमती मुर्मू ने ट्वीट कर कहा, “मैं सिक्किम के स्थापना दिवस पर सिक्किम के लोगों को बधाई देती हूं! सिक्किम आधुनिकता और अनूठी परंपराओं का मिश्रण प्रस्तुत करता है।” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य ने जैविक खेती का बीड़ा उठाया है, जैव विविधता को समृद्ध किया है और सतत विकास के लिए एक मॉडल तैयार किया है। सुश्री मुर्मू ने कहा, “पिछले साल राज्य की मेरी यात्रा के दौरान लोगों की गर्मजोशी ने मेरे दिल को छू लिया था। सिक्किम की निरंतर प्रगति के लिए मेरी शुभकामनाएं।” श्री धनखड़ ने ट्वीट किया, “सिक्किम के स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई! सिक्किम के लोगों के समृद्ध भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं! सुंदर पहाड़ों और समृद्ध जैव विविधता का घर सिक्किम अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य की भूमि है।” उन्होंने कहा कि सतत विकास, जैविक खेती और स्वच्छता के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सिक्किम के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। सिक्किम उत्तर पूर्वी भारत में एक ‘रत्न’ है, इसके मेहनती लोग देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था में भारी योगदान दे रहे हैं। मैं कामना करता हूं कि आगामी वर्षों में राज्य लगातार समृद्ध होता रहे।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सिक्किम के स्थापना दिवस पर, हम प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता से संपन्न इस खूबसूरत राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई देते हैं। हम आपके लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना करते हैं।” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं! प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध विरासत की भूमि, सिक्किम विविधता में एकता तथा उस सद्भाव का प्रतिनिधित्व करता है, भारत जिसका पक्षधर है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने 71,000 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे

नई दिल्ली, 16 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ‘रोजगार मेले’ के तहत करीब 71 हजार नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे और कहा कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया है जिससे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है। ये नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी हुई हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इन नवनियुक्त कर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित भी किया और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने पर बधाई दी। ‘रोजगार मेला’ देश भर में 45 स्थानों पर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा, ”पिछले नौ वर्षों में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निपष्क्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।” मोदी ने कहा कि आज दस्तावेजों को स्व-सत्यापित (सेल्फ अटेस्ट) करना भी पर्याप्त होता है और ‘ग्रुप सी’ और ‘ग्रुप डी’ के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार भी खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा, ”इन सारे प्रयासों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है।” ये नई भर्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों व मंत्रालयों के साथ ही राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण डाक सेवक, डाक निरीक्षक, वाणिज्यिक-सह-टिकट क्लर्क, जूनियर क्लर्क-सह-टाइपिस्ट, जूनियर लेखा क्लर्क, ट्रैक मेंटेनर, सहायक अनुभाग अधिकारी, लोअर डिवीजन क्लर्क, सब डिवीजनल ऑफिसर, कर सहायक, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, निरीक्षक, नर्सिंग अधिकारी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, फायरमैन, सहायक लेखा अधिकारी, संभागीय लेखाकार, लेखा परीक्षक, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक कमांडेंट, प्रधानाचार्य, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक, सहायक रजिस्ट्रार और सहायक प्रोफेसर आदि पदों पर हुई हैं।

तीन दिवसीय दौरे पर मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन, धर्मपत्नी के साथ दक्षिणेश्वर मंदिर में की पूजा

कोलकाता, 15 मई: तीन दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन ने सोमवार को प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की है। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता भी मौजूद थे। धर्मपत्नी को साथ लेकर पृथ्वीराज सिंह ने दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ यहां करीब 45 मिनट तक समय बिताया। दक्षिणेश्वर मंदिर के अक्षी कुशल चौधरी ने यहां उनका स्वागत किया। मां काली की पूजा-अर्चना करने के बाद परिसर में मौजूद भोले बाबा के मंदिर में भी उन्होंने जल चढ़ाया। वे गंगा घाट पर गए और यहां की व्यवस्था देखी। वे दक्षिणेश्वर मंदिर परिसर में मौजूद रामकृष्ण परमहंस के कमरे में भी गए और राधाकृष्ण मंदिर के अंदर जाकर पूजा-अर्चना की। मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन कोलकाता में आयोजित एक नागरिक सम्मान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं।  

प्रधानमंत्री मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से , रोजगार मेले में 71 हजार नियुक्ति-पत्र करेंगे प्रदान

नई दिल्ली, 15 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को साढ़े दस बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रोजगार मेले में सरकारी विभागों में 71 हजार नव-नियुक्तों को नियुक्ति-पत्र प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर नव-नियुक्तों को संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को यह जानकारी दी। पीएमओ के अनुसार, रोजगार मेले का आयोजन देशभर में 45 स्थानों पर किया जायेगा। भर्तियां इस पहल को समर्थन देने वाले केंद्रीय सरकारी विभागों और राज्य सरकारों व केंद्र शासित क्षेत्रों में की जा रही हैं। देशभर से चयनित नव-नियुक्तों को ग्रामीण डाक सेवक, डाक निरीक्षक, वाणिज्यिक व टिकट लिपिक, कनिष्ठ लिपिक व टंकक, कनिष्ठ खाता लिपिक, ट्रैक मेनटेनर, सहायक सेक्शन अधिकारी, अवर श्रेणी लिपिक, उपमंडलाधिकारी, कर सहायक, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, इंसपेक्टर, नर्सिंग अधिकारी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, दमकल अधिकारी, सहायक खाता अधिकारी, सहायक लेखा परीक्षण अधिकारी, मंडलीय खाता निरीक्षक, लेखा परीक्षक, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक कमानडेंट, प्रधानाध्यापक, प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक, सहायक पंजीयक, सहायक प्रोफेसर, आदि विभिन्न पदों पर रखा जायेगा। रोजगार मेला, रोजगार सृजन को उच्च प्राथमिकता देने के प्रति प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। रोजगार मेले से यह संभावना है कि वह आगे रोजगार सृजन तथा युवाओं के सशक्तिकरण तथा राष्ट्रीय विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये उन्हें सार्थक रोजगार अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभायेगा। नव-नियुक्तों को कर्मयोगी प्रारंभ के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर मिलेगा। यह विभिन्न सरकारी विभागों में नये नियुक्त होने वालों के लिये कामकाज से परिचित होने का ऑनलाइन पाठ्यक्रम है।  

बागेश्वर धाम, को लेकर बिहार की राजनीति गर्म, बाबा बोले ‘हिंदू राष्ट्र की शुरुआत बिहार से होगी

पटना, 15 मई : बिहार में बागेश्वर धाम महराज उर्फ पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आने से पहले से ही राज्य की राजनीति काफी गर्म है. बीते 13 मई को बागेश्वर धाम पटना के नौबतपुर में पांच दिवसीय ‘हनुमंत कथा’ के लिए पहुंचे, उसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ गया है. सत्ताधारी पार्टी जहां इसे राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम बता रही है और बागेश्वर धाम को बीजेपी के इशारे पर काम करने आरोप लगा रही है, वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी बागेश्वर धाम का खुलकर समर्थन कर रही है. हालांकि, सत्ताधारी दलों के नेता इस मुद्दे पर अधिक बोलने को तैयार नहीं है. बता दें कि बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में बागेश्वर धाम का पांच दिवसीय ‘हनुमंत कथा’ का आयोजन किया गया है. राज्य बीजेपी शुरू से ही इसमें विशेष रुचि ले रही है. राज्य बीजेपी के अधिकतर नेताओं ने बागेश्वर धाम के बिहार आगमन का स्वागत किया था. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी तो खुद एयरपोर्ट से गाड़ी ड्राइव कर उन्हें कथा स्थल तक ले गए. इसके अलावा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सांसद रामकृपाल यादव भी बागेश्वर धाम से मिलने पहुंचे. ‘नीतीश कुमार ने नहीं की कोई व्यवस्था’ बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से बागेश्वर धाम के बिहार आगमन पर कोई व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने कहा, ‘सरकार चाहती है कि बाबा का यात्रा फेल हो जाए, इसलिए कोई सुरक्षा की व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गई. नीतीश कुमार चाहते हैं कि कोई अप्रिय घटना घट जाए.’ कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री? जहां बीजेपी नेता एक तरफ धीरेंद्र शास्त्री के स्वागत में लगे हैं वहीं कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री कौन हैं वह नहीं जानते. जब उनसे बागेश्वर धाम के ‘हिंदू राष्ट्र’ को लेकर दिए गए बयान के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि क्या यह देश केवल हिंदुओं का है. उन्होंने कहा, ‘मैं भी हिंदू हूं. लेकिन इस देश को आजाद करवाने में सबने कुर्बानी दी है. यह देश सबका है.’ दरअसल अपने कथा के दौरान बागेश्वर धाम उर्फ धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की शुरुआत बिहार से की जाएगी. ‘राम पर भरोसा कम हो गया है’ धीरेंद्र शास्त्री को लेकर चल रहे विवाद पर प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ‘बीजेपी को अब राम पर भरोसा कम हो गया है तो अब शास्त्री जी पर भरोसा कर के चलेंगे’. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी पहले हर जगह राम भगवान की तस्वीर लगाती थी, अब शास्त्री जी की तस्वीर लगा रही है. यह दिखाता है भीतर ही भीतर बदलाव हो रहा है. अब उनका रामजी पर भरोसा कम हो गया है इसलिए अब शास्त्री जी पर भरोसा कर आगे बढ़ेंगे. यह उनकी मानसिकता को दिखाता है. अयोध्या में मंदिर बन रहा है लेकिन उनकी तस्वीर नहीं लगा रहे हैं.’ हुआ था भव्य स्वागत, कथा में पहुंच रहे लाखों लोग बागेश्वर धाम जब बिहार पहुंचे तो हजारों की संख्या में भीड़ ने उनका भव्य स्वागत किया था. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि ‘बिहार हमारी आत्मा है’. जब उनसे पूछा गया कि बिहार आने पर हिंदू-मुस्लिम होने का खतरा है तो उन्होंने कहा, ‘हम हिंदू-हिंदू करते हैं. मैं तो हिंदुओं को जोड़ने आया हूं’ कल उनकी सभा में भीड़ बढ़ने के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया था जिसके बाद कथा को जल्दी समाप्त करना पड़ा था. हालात खराब होने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था.

बांग्लादेश-म्यांमा के तटों से टकराया चक्रवात ‘मोचा’, 5 लाख से अधिक लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए

नई दिल्ली, 15 मई: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ रविवार को बांग्लादेश और म्यामां के तटीय इलाकों पर पहुंच गया. इससे पहले यह पांचवीं श्रेणी के भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका था. इसके चलते दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है और निचले इलाकों में पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. मोचा तूफान, बांग्लादेश और म्यांमा को विभाजित करने वाली नाफ नदी के जरिए आगे बढ़ते हुए टेकनाफ तटरेखा पर दोपहर के समय टकराया. बांग्लादेश के मौसम विभाग के प्रवक्ता ए.के.एम. नजमुल हुदा ने से कहा, ”चक्रवात का केंद्रबिंदु अपने अनुमानित समय से पहले आज दोपहर के कुछ ही देर बाद नाफ नदी से होते हुए टेकनाफ तटरेखा पर पहुंच गया.” उन्होंने कहा कि बेहद खतरनाक मानी जाने वाली पांचवीं श्रेणी के चक्रवात के रूप में वर्गीकृत मोखा को तटरेखा पार करने में और समय लग सकता है. तेज हवाओं के चलते टेकनाफ और सेंट मार्टिन द्वीप में कई पेड़ उखड़ गए और कई घरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं. टेकनाफ और सेंट मार्टिन द्वीप कॉक्स बाजार-टेकनाफ प्रायद्वीप के छोर से लगभग नौ किमी दक्षिण में स्थित है. बंगाल की खाड़ी में स्थित आठ वर्ग किलोमीटर के द्वीप सेंट मार्टिन में तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश हुई. बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी कॉक्स बाज़ार के टेकनाफ उप-जिले के प्रशासनिक प्रमुख मोहम्मद कमरुज्जमां ने कहा कि टेकनाफ और बंगाल की खाड़ी के पास इसके दक्षिणी भाग शाहपोरी डिप में 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से हवाएं चल रही हैं. टेकनाफ म्यांमा के पास है और यह नाफ नदी के जरिए उत्तरी म्यांमा के तटों से अलग होता है. कमरुज्जमां ने कहा, ”हवा के बहुत तेज वेग के कारण मौसम भयावह है, लेकिन अभी तक बड़े पैमाने पर लहरें नहीं उठी हैं.” मौसम अधिकारियों ने कहा कि नाफ नदी में फिलहाल ऊंची लहरें उठ रही हैं जो पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई थीं और शाम 5 बजे (स्थानीय समय) तक जारी रहेंगी. चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है और तेज हवाएं चल रही हैं. इससे बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है. तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले से टकराया, जहां दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. मौसम विभाग की ओर से जारी ताज़ा बुलेटिन के मुताबिक, हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरें उठने से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है. ‘बीडीन्यूज़24.कॉम’ की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोचा’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आये सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है. श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है. लगभग पांच लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात के कारण बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन होगा. हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज उर रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि म्यांमा और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है. ‘मोचा’ चक्रवात के रविवार को बांग्लादेश तथा म्यांमा के तटीय इलाकों से टकराने के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मी सतर्कता बरत रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि गोताखोरों सहित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के सात समूहों को पूर्व मेदिनीपुर जिले में दीघा-मंदारमणि तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है, क्योंकि समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खली समुद्र तट पर तैनात किया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. एनडीआरएफ टीम के सदस्य विकास साधु ने कहा, “हम पर्यटकों को समुद्र के पास जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जहां तेज लहरें उठ रही हैं. हम समुद्र तट पर आवाजाही को नियंत्रित कर रहे हैं. हमें अगले कुछ घंटों के लिए सतर्क रहने को कहा गया है.” दोनों जिलों में आपात स्थिति के दौरान तटीय क्षेत्रों के निवासियों को निकालने की व्यवस्था की गई है. इस बीच, पोर्ट ब्लेयर से मिली खबर में कहा गया है कि चक्रवात मोचा ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में दस्तक नहीं दी, जहां आपदा के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए पर्याप्त एहतियाती उपाय किए गए थे. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पिछले कुछ दिन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है क्योंकि चक्रवात के मद्देनजर प्रशासन ने मछली पकड़ने, पर्यटन और मुख्य भूमि से जहाजों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.