दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने पर टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने दिया धरना, गाजीपुर बॉर्डर बंद

नई दिल्ली, 28 मई : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से आहूत प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गयी है। ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया। शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले राकेश टिकैत ने भारी सुरक्षा वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कहा, ”अन्य सभी किसानों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया है। अभी हम यहीं बैठेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है।” बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अब गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि आनंद विहार और आसपास के अन्य इलाकों में जाने वाले मार्गों पर जाम लग गया और यातायात में आवश्यक बदलाव किया गया है।

राजद ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की, भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया

पटना, 28 मई: बिहार में सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ही कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन कर रहे थे तब राजद ने संसद के नये भवन की तस्वीर के साथ ताबूत की तस्वीर पोस्ट कर पूछा “यह क्या है।” राजद के इस तरह के ट्वीट की चौतरफा आलोचना हो रही है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राजद ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ओर नये संसद भवन का चित्र और दूसरी ओर मृतक को रखने वाले बक्सा यानी ताबूत का चित्र डाला है। पहला चित्र भारत का भविष्य है और दूसरा चित्र राजद का भविष्य दर्शाता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत के गौरव दिवस पर इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जदयू ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि नए संसद भवन की जरूरत नहीं थी तो उन्हें बताना चाहिए कि पटना में ब्रिटिश कालीन म्यूजियम के रहते हुए एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर नया म्यूजियम क्यों बनाया गया । इसी तरह श्री कृष्ण मेमोरियल भवन के रहते हुए बापू सभागार बनवाने की क्या आवश्यकता थी लेकिन सभी को श्री नरेंद्र मोदी से द्वेष और घृणा है इसलिए वह उनके हर कार्यों की आलोचना करते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि भले ही आज विपक्ष के राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है लेकिन कल जब संसद की बैठक होगी तब तो सभी को वहीं बैठना होगा। उन्होंने कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वह ऐलान करें कि वह इस नए संसद भवन में कदम भी नहीं रखेंगे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजद का कोई अपना स्टैंड नहीं है। भाजपा के साथ वर्षों रहकर राज करने वाले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया है। उन्होंने कहा कि राजद के लोग ताबूत के बदले कोई और मिसाल दे सकते थे लेकिन वह हर चीज में कोई एंगल दे देते हैं।

नये संसद भवन कितने साल में हुआ तैयार, क्या है विशेषतायें?

नई दिल्ली, 28 मई : संसद भवन परिसर में स्थापित नये संसद भवन के लाेकसभा कक्ष में रविवार को पहली बार ऐतिहासिक सेन्गोल (पवित्र राजदंड) स्थापित किया गया जो विरासत के आधुनिकता से जुड़ने का प्रतीक है। नये संसद भवन का निर्माण मात्र ढाई साल में पूरा किया गया है। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को किया था। नया संसद भवन 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। इसके लोकसभा कक्ष में आवश्यकता होने पर 1280 व्यक्तियों के लिए बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। नये भवन के लोकसभा कक्ष में 888 और राज्य सभा कक्ष में 300 सदस्य सहजता से बैठ सकते हैं। हर सीट पर दो सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जायेगी और डेस्क पर उनके लिए टच स्क्रीन गैजेट होंगे। हीरे (त्रिकोणीय) आकार के नये भवन के साथ संसद भवन परिसर में पुस्तकालय भवन सहित तीन भवन हो गये हैं। कुल 64500 वर्ग मीटर में बने नये संसद भवन में तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। अति विशिष्ट व्यक्तियों, सांसदों और दर्शकों को अलग-अलग द्वारों से प्रवेश कराया जायेगा। इसका निर्माण टाटा उद्योग समूह की कंपनी टाटा प्रोजेक्टस लि ने किया है। इसमें एक विशाल कक्ष है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत की झांकी प्रस्तुत की गयी है। इसमें सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन-पान की जगह और पार्किंग स्थल बना है। नये संसद भवन के निर्माण में 60 हजार श्रमिकों के हाथ लगे हैं। यह आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों से लैस हैं जो सांसदों की कार्यक्षमता का विस्तार करेगा और इनसे संसदीय कार्य में आसानी होगी। संसद भवन में लगी सामग्री देश विभिन्न भागों से लायी गयी है। इसमें इमारती लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से, लाल और सफेद संगमरमर राजस्थान से आये हैं। इसमें उदयपुर से लाये गये हरे पत्थर लगे हैं। लाल ग्रेनाइट अजमेर के लाखा की है। कुछ सफेद संगमरमर राजस्थान में ही अंबाजी से लाया गया है। नये भवन के राज्य सभा और लोक सभा की फाॅल्स सीलिंग के लिए स्टील के ढांचे को दमन-दीव से मंगवाया गया है। भवन में पत्थर की जालियां राजस्थान के राजनगर और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से बनवाकर लगायी गयी हैं। कुर्सियों का डिजाइन मुंबई में तैयार किया गया है। इसमें बिछाई गयीं कालीन उत्तर प्रदेश के भदाेही से लायी गयी हैं। लोक सभा और राज्य सभा कक्षों की ऊंची दीवारों तथा सदन के बाहर लगाये गये बड़े-बड़े अशोक चक्र इंदौर से मंगवाये गये हैं। अशोक स्तम्भ के निर्माण में लगी सामग्री औरंगाबाद और जयपुर से लायी गयी हैं। इसमें लगी रेत और फ्लाईऐश हरियाणा में चरखी दादरी और उत्तर प्रदेश से लायी गयी है और ब्रास वर्क और ढलवा नालियां गुजरात से ली गयी हैं। नये संसद भवन में ऊर्जा की बचत और जल संरक्षण के विशेष प्रबंध किये गये हैं। यह फाइव स्टार गृह (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटाट एसेसमेंट) प्रमाण पत्र प्राप्त भवन है। इसमें सीवेज शोधन के लिए संयंत्र है और उससे शोधित पानी का फ्लश और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। भवन में हवा की गुणवत्ता के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प जैसी सुविधाएं हैं। आर्द्रता नियंत्रण के लिए अल्ट्रासोनिक ह्यूमिडी फायर काम करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नये संसद भवन को राष्ट्र को किया समर्पित, पवित्र सेंगोल किया लोकसभा में स्थापित

नई दिल्ली, 28 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ देश के नये संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया और नई लोकसभा के सदन में पवित्र सेंगोल (राजदंड) को श्रद्धा के साथ प्रतिष्ठित किया। सुबह करीब साढ़े सात बजे श्री मोदी संसद भवन के परिसर में पहुंचे और श्री बिरला ने उनका स्वागत किया। सिल्क की धोती, कुर्ता एवं गुलाबी जैकेट पहने प्रसन्न मुद्रा में दिख रहे श्री मोदी ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करके प्रणाम किया। इसके बाद वह श्री बिरला के साथ वहां हवन एवं धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। श्री मोदी ने इसके बाद तमिलनाडु के विभिन्न आदिनम से पधारे संतों द्वारा लाये गये सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया और फिर पांच आदिनम संतों के हाथों से श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया और अपने स्थान पर चारों ओर परिक्रमा की। इसके बाद श्री मोदी ने आदिनम संतों से आशीर्वाद लिया और फिर श्री बिरला एवं आदिनम संतों के साथ वह नई लोकसभा के भीतर गये और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के दाहिनी ओर पीछे एक कांच के केस में सेंगोल को स्थापित किया जिसे संप्रभुता, न्याय, शासन एवं शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन किया और पुष्पों से सेंगोल का पूजन किया। इस मौके पर आदिनम संत भी सदन में उपस्थित थे। इसके बाद श्री मोदी एवं श्री बिरला बाहर आये और फिर नये संसद के उद्घाटन पट्ट का अनावरण करके नये संसद भवन को लोकार्पित किया। इसके पश्चात उन्होंने निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों से भेंट की और उन्हें शाल एवं प्रतीक चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया। इसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शिरकत की। बौद्ध, जैन, पारसी, सिख, इस्लाम, वैदिक आदि धर्मों के धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की। इसके बाद श्री मोदी ने कार्यक्रम में आये मेहमानों से भेंट की और बातचीत की। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर, डॉ जितेन्द्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, शीर्ष अधिकारी आदि उपस्थित थे।

नये संसद भवन की ”कोई जरूरत नहीं”- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना, 27 मई : नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के विपक्ष के आह्वान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नये संसद भवन की ”कोई जरूरत नहीं” है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि नया संसद भवन उन लोगों द्वारा इतिहास लिखने की कोशिश है जिनका स्वतंत्रता संघर्ष में कोई योगदान नहीं था। कुमार ने इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को आमंत्रित नहीं किए जाने पर भी निराशा जतायी। कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने घोषणा की है कि वह रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी। पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में उस दिन यहां एक दिन का अनशन करेगी। मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ”नये संसद भवन की कोई जरूरत नहीं है।…देश के स्वतंत्रता संघर्ष में जिन लोगों का कोई योगदान नहीं था वे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह काफी हैरान करने वाला है कि भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है।” पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ”जद(यू) का दृढ़ विश्वास के साथ यह मानना है कि राष्ट्रपति देश की संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं और नरेन्द्र मोदी सरकार को नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए उन्हें आमंत्रित करना चाहिए था।”

दिल्ली-एनसीआर में तेज हवा के साथ भारी बारिश, तापमान में आई गिरावट

नई दिल्ली, 27 मई: राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के कई क्षेत्रों में शनिवार सुबह तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई, जिससे न्यूनतम तापमान गिरकर 19.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो सामान्य से सात डिग्री नीचे दर्ज किया गया भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक अगले तीन से चार दिनों तक मौसम सुहाना रहने का अनुमान जताया है। घने बादल हरियाणा और आसपास के उत्तरी राजस्थान से दिल्ली की ओर होते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ रहे हैं और दिल्ली-एनसीआर को पार करने में दाे घंटे और लगेंगे। शनिवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की अनुमान है। राजधानी में शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आगामी 30 मई तक दिल्ली में लू चलने की कोई स्थिति नहीं है। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में आज बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गयी। मौसम में आए अचानक बदलाव से उत्तर भारत में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद जतायी गयी है। आज सुबह खराब मौसम होने के बाद राजधानी दिल्ली में विमानों की उडान सेवा भी प्रभावित हुई है। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने एक परिपत्र भी जारी किया है जिसमें सभी यात्रियों को अद्यतन उड़ान जानकारी के लिए अपनी संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करने की सूचना दी गई है। दिल्ली हवाई अड्डे के सूत्रों के अनुसार दिल्ली में मौसम खराब होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी जाने वाली चार उड़ानों को जयपुर डायवर्ट किया गया है।

नीति आयोग की आठवीं बैठक में आठ मुख्यमंत्रियों का अनुपस्थित होना, दुर्भाग्यपूर्ण : भाजपा

नई दिल्ली, 27 मई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासकीय परिषद की आज यहां हुई आठवीं बैठक में विपक्षी दल शासित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजिम्मेदाराना और जनविरोधी बताते हुए आज कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि विपक्षी दल संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज नीति आयोग की बैठक में आठ मुख्यमंत्री नहीं आए। नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बैठक के लिए 100 मुद्दे तय किए गए हैं, अब जो मुख्यमंत्री नहीं आए हैं वो अपने प्रदेश की जनता की आवाज यहां तक नहीं ला रहे हैं। उनसे सवाल है कि आखिर वे मोदी विरोध में कहां तक जाएंगे? श्री प्रसाद ने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाया जाता है कि वह संस्थाओं का सम्मान नहीं करती है लेकिन इस आचरण से पता चलता है कि विपक्षी दल नीति आयोग जैसे संस्थानों की कितनी इज्ज़त करते हैं। वे उच्चतम न्यायालय पर टिप्पणी करते हैं, चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हैं। यानी उनके मनमाफिक ना हो तो सबकी आलोचना करेंगे। क्या इसी तरह से वे संस्थाओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने नई संसद के शिलान्यास का बहिष्कार किया और अब उद्घाटन का बहिष्कार किया। जब वे मोदी सरकार की हर पहल के लिए श्रेय लेने से नहीं चूकते हैं तो नई संसद के बारे में भी ऐसा कर सकते थे। आखिर 2026 तक सांसदों की संख्या बढ़नी है। तब उनके लिए नई संसद की जरूरत तो बहुत पहले से ही जतायी जा रही थी। उन्होंने कहा कि दरअसल यह प्रधानमंत्री श्री मोदी और भाजपा के प्रति उनकी चिढ़ है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों की साझा दृष्टि विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। यह संपूर्ण नीति-ढांचे और पूरे देश के विकास के रोड मैप के निर्धारण के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है। विशेष रूप से, प्रशासकीय परिषद की 8वीं बैठक में 100 मुद्दों पर बहस का प्रस्ताव है, और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा इसका बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके द्वारा इस आयोजन का बहिष्कार करने का नतीजा यह हो रहा है कि वे अपने राज्यों के लोगों की आवाज यहां नहीं ला पा रहे हैं। श्री प्रसाद ने कहा, “गवर्निंग काउन्सिल में महत्वपूर्ण चर्चा होती है, महत्वपूर्ण फैसले होते हैं और उसके बाद ये फैसले जमीन पर लागू होते हैं। लेकिन बावजूद इसके भी ये मुख्यमंत्री क्यों नहीं आ रहे? ये मुख्यमंत्री अपने प्रदेश की जनता का अहित क्यों कर रहे हैं? यह सब बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, गैर जिम्मेदाराना है, जनविरोधी है।”

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू रांची से दिल्ली रवाना, राज्यपाल समेत कई गणमान्य लोगों ने हवाई अड्डा से किया विदा

रांची, 26 मई: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। राष्ट्रपति आज दिन के 11 बज कर 47 मिनट पर वायुसेना के विशेष विमान से रांची से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई गणमान्य लोगों ने राष्ट्रपति को रांची हवाई अड्डे से विदा किया। राष्ट्रपति ने हाथ हिलाकर सभी को जोहार बोलते हुए दिल्ली के लिए रवाना हुई। इससे पहले राष्ट्रपति से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, विधायक अंबा प्रसाद, पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सांसद गीता कोड़ा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, झामुमो के मुख्य प्रवक्ता सचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, राजसभा सांसद समीर उरांव समेत कई नेता राजभवन पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति 24 मई को रांची आई थी। इस दौरान उन्होंने 24 मई को रांची में हाईकोर्ट का उद्घाटन किया। खूंटी में 25 मई को आयोजित महिला स्वयं सहायता सम्मेलन में 25 हजार महिलाओं के साथ संवाद की तथा रांची में ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं थी।

झारखंड के आदिवासी बाकी राज्यों के मुकाबले सशक्त है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

रांची, 25 मई: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खूंटी में आयोजित स्वयं सहायता महिला सम्मेलन में जोहार से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आदिवासी समाज में पैदा होना कोई बुराई नहीं है और मैं इसका उदाहरण हूं। राष्ट्रपति ने आज कहा कि मैं ओडिशा की हूं लेकिन खून झारखंड का है। मेरी दादी मंत्री जोबा मांझी के गांव की थी। जब छोटी थी तो मेरी दादी मुझे 5 किमी दूर महुआ चुनने ले जाती थी। जब खाना नहीं मिलता तो हमलोग महुआ उबालकर खाते थे। तब उसका और इस्तेमाल पता नहीं था लेकिन उसी महुआ से केक सहित कई उत्पाद बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब महिलाएं केवल धान की खेती पर निर्भर नहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद मैं कई राज्यों में घूमी हूं। महिलाओं से मिलती हूं। उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी बाकी राज्यों के मुकाबले सशक्त है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अब प्रगति पथ पर हैं और मैं इस बात से काफी खुश हूं। मुख्यमंत्री के संबोधन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज को जितनी प्रगति करनी चाहिए थी शायद उतना नहीं हुआ इसलिए सीएम हेमंत सोरेन दुखी थे लेकिन मैं खुश हूं। झारखंड में एक बार को छोड़कर हर बार कोई आदिवासी ही मुख्यमंत्री बना। झारखंड 28 विधायक आदिवासी हैं। केंद्रीय मंत्री भी आदिवासी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री यहीं खूंटी की हैं। उन्होंने कहा कि महिला समूह ने जो उत्पाद बनाए हैं मैंने वह देखा। स्टॉल का निरीक्षण करने के दौरान मैंने महिलाओं में आत्मविश्वास देखा। मैंने उनमें अपनी झलक देखी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं का स्वयं सहायता समूह के आर्थिक विकास और आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समजा में जन्म लेना बुरी बात नहीं है। मेरी कहानी सबको पता है। मैं भी आदिवासी समाज से हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाएं सशक्त बन रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं पहले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बीच जाती थी। एक बार एक महिला कंम्प्यूटर लेकर आई और मुझे सारी योजनाओं के बारे में बताया। मैंने उसकी शिक्षा के बारे में पूछा तो पता चला कि वह केवल 9वीं पास हैं। सोचिए, वह महिला तकनीकी योग्यता में कितनी आगे है। उन्होंने कहा कि मैं आदिवासी महिलाओं को देखकर खुश हो जाती हूं। उन्होंने कहा कि देश में 700 आदिवासी समुदाय हैं लेकिन उनमें 100 समुदाय काफी पिछड़े हैं। आदिवासियों को आगे आकर केंद्र सरकार की योजनाओं अगला का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार 100 कदम बढ़ाती है तो समाज को भी 10 कदम आगे चलना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि आज पद्म पुरस्कार पाने वालों में आदिवासी महिलाओं की संख्या बढ़ी है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज बिरसा मुंडा स्टेडियम, खूंटी में आयोजित महिला स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं थी। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का भ्रमण किया और उनके साथ सीधा संवाद किया। सम्मेलन में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य मंत्रालय के माननीया केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता, झारखंड सरकार में मंत्री जोबा मांझी, विधायक कोचे मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा एवं विधायक विकास सिंह मुंडा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री माननीय कड़िया मुंडा समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गांवों को बनाएं रोजगार का केंद्र : अर्जुन मुंडा

खूंटी (झारखंड), 25 मई : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को खूंटी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर राष्ट्रपति को पाकर हम सभी अत्यंत आह्लादित हैं। भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय के मंत्री के रूप में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। आपके आगमन से हम सभी गौरवान्वित हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं सशक्त हों, यह मोदी सरकार की मंशा है। बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ के मूल मंत्र के साथ काम हो रहा है। मुंडा ने अपील किया कि महिलाएं गांवों को रोजगार का केंद्र बनायें। उन्होंने कहा कि सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से जोड़ने का काम चल रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवनयापन में कैसे वृद्धि हो यह मंत्रालय कर रहा है। हम इस अभियान को आंदोलन का रूप देंगे। भगवान बिरसा मुंडा आंदोलन के समय अंग्रेजों ने यहां के लोगों के हिसाब से कानून बनाने के लिए बाध्य किया, उन्हीं के आंदोलन के फलस्वरूप सीएनटी एक्ट बना। अर्जुन मुंडा ने कहा कि खूंटी के 254 गांव को आदर्श ग्राम बनाने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने समस्त गांवों को वन क्षेत्र के प्रबंधन और संरक्षण की जिम्मेवारी दी है। इसी में फॉरेस्ट राइट एक्ट भी है और इसे पुनः संरक्षित करने का काम भारत सरकार कर रही है। हाई कोर्ट ने भी कहा था कि जंगल के प्रबंधन का अधिकार वहां रहने वाले लोगों का है और भारत सरकार इसपर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार के साथ सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की जरूरत है। राष्ट्रपति को महिलाओं ने वनोपज दिया। यह इसलिए भी है कि इन आदिवासी महिलाओं के बच्चे को भी न्याय मिले। ट्रिपल आईटी में उनके भी बच्चे पढ़ें। नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गयी है। 71 एकलव्य मॉडल स्कूल दिया गया। यह जल्द से जल्द शुरू हो, यह राज्य सरकार तय करे। हमारी पहचान जल, जंगल और जमीन है। बिरसा मुंडा का बलिदान भी जल, जंगल, जमीन के लिए हुआ।