कोलकाता/नई दिल्ली, 23 मई : दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अपनी लड़ाई में समर्थन जुटाने के लिए देशव्यापी दौरे के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात की। इस बैठक में केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा और आतिशी सिंह ने भी शिरकत की। नेताओं के बीच बैठक में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना के संबंध में केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा होने की उम्मीद है जिसने उच्चतम न्यायालय के आदेश को उलट दिया है। न्यायालय ने पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर, दिल्ली की निर्वाचित सरकार को सेवाओं का नियंत्रण दिया था। यहां मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों ने यह भी कहा कि इस बैठक में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों और विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने की संभावना पर चर्चा होने की उम्मीद है। कोलकाता के लिए यात्रा शुरू करने से पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘‘आज से देश भर में निकल रहा हूं। दिल्ली के लोगों के हक के लिए। उच्चतम न्यायालय ने बरसों बाद आदेश पारित करके दिल्ली के लोगों के साथ न्याय किया, उन्हें उनके हक दिये। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर वो सारे हक वापस छीन लिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब ये कानून राज्यसभा में आएगा, तो इसे किसी हालत में पास नहीं होने देना। सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से मिलकर उनका साथ मांगूंगा।’
UPSC CSE EXAM 2022: पहले चार स्थानों पर महिला उम्मीदवारों ने बाजी मारी
नई दिल्ली, 23मई संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम की आज घोषणा कर दी जिसमें कुल 933 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है इनमें से शीर्ष चार स्थानों पर महिला उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित परिणामों में सफल घोषित 933 उम्मीदवारों में 613 पुरूष तथा 320 महिलाएं हैं। सुश्री इशिता किशोर पहले, गरिमा लोहिया दूसरे, उमा हराथी तीसरे तथा स्मृति मिश्रा चौथे स्थान पर रही हैं। शीर्ष 25 उम्मीदवारों में से 14 महिलाएं तथा 11 पुरूष हैं। पहले स्थान पर रही सुश्री किशोर ने राजनीति शास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विषय के साथ परीक्षा पास की है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कालेज ऑफ कार्मस की अर्थशास्त्र की छात्रा रही हैं। दूसरे स्थान पर रही सुश्री लोहिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज से कार्मस में पढाई की है। सिविल सेवा परीक्षा में उनके विषय कामर्स और अकाउंटेंसी थे। तीसरे स्थान पर रही सुश्री हराथी ने आई आई टी हैदराबाद से सिविल इंजीनयरिंग में बी टेक किया है। सिविल सेवा परीक्षा उन्होंने वैकल्पिक विषय एंथ्रोपोलोजी के साथ पास की। सुश्री मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कालेज से पढी हैं और सिविल सेवा परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय प्राणी विज्ञान रहा है। सिविल सेवा 2022 की प्रारंभिक परीक्षा 5 जून 2022 को हुई थी जिसके लिए 11 लाख 35 हजार 697 उम्मीदवारों ने आवेदन किया लेकिन 5 लाख 73 हजार 735 ने परीक्षा दी। इनमें से 13090 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा पास की। इनमें से 2529 उम्मीदवारों ने सितम्बर 2022 में हुई मुख्य परीक्षा पास की जिनमें से 933 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के बाद सफल घोषित किया गया। सफल उम्मीदवारों में 41 बेंचमार्क दिव्यांग भी शामिल हैं। सिलेक्ट किए गए टॉप 10 उम्मीदवारों की लिस्ट 1. इशिता किशोर 2. गरिमा लोहिया 3. उमा हरति एन 4. स्मृति मिश्रा 5. मयूर हजारिका 6. गहना नव्या जेम्स 7. वसीम अहमद 8. अनिरुद्ध यादव 9. कनिका गोयल 10. राहुल श्रीवास्तव
UPSC CSE 2022 : बिहार की बादशाहत कायम, बिहार की बेटी गरिमा लोहिया हुई सेकेंड टॉपर
नई दिल्ली, 23 मई: संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा(UPSC CSE 2022 Exam) के परिणाम की घोषण कर दी है। इस बार भी बिहार की बादशाहत कायम रही है। बिहार के बक्सर जिला की रहने वाली गरिमा लोहिया ने पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, पहला स्थान इशिता किशोर ने प्राप्त किया है। इस बार टॉप 10 में देश की बेटियों ने जगह बनाई है। बक्सर की बेटी ने दूसरा स्थान लाकर बिहार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उनकी इस सफलता से बक्सर ही नहीं पूरे बिहारवासियों में खुशी की लहर है। गरिमा ने बक्सर के वूड स्टॉक स्कूल से से पढ़ाई की गरिमा लोहिया ने बक्सर के वूड स्टॉक स्कूल से पढ़ाई की है। उनके पिता नारायण प्रसाद लोहिया का निधन चार साल पहले हो चुका है। पिता के जाने के बाद उनकी हिम्मत टूट चुकी थी। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और काफी मेहनत कर यह सफलता पाई। अमर उजाला से खास बातचीत में गरिमा ने बताया कि उन्होंने बक्सर में रह कर ही तैयारी की। इतनी अच्छी रैंक आएगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। कोरोना के दौरान कोचिंग नहीं कर सकती थी। इसलिए ऑनलाइन कोर्सेस से ही तैयारी की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने खासतौर पर अपनी मां को दिया। सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा जोर दिया, जीएस के ऑनालइन मदद गरिमा ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय में कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। इसी दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू की और उन्हें सफलता मिली। उनके परिवार में मां, भाई और एक बड़ी बहन है। उन्होंने बताया, ‘मैंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा जोर दिया। सामान्य ज्ञान के लिए सोशल साइट्स की मदद ली। इस परीक्षा में तैयारी बहुत मुश्किल होती है। इसका मतलब यह नहीं होता कि हम निराश हो जाएं। आपको जो चीज खुशी देती हो, वह करें, परिवार के साथ रहें और मनोबल बढ़ाते रहें। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देना चाहती हूं।’ टॉप 10 में दो बिहारियों का झंडा बुलंद नजर गरिमा लोहिया के अलावा पटना निवासी राहुल श्रीवास्तव ने 10वां स्थान प्राप्त किया है। अमर उजाला से बातचीत के दौरान राहुल कहते हैं- “बिहार की मिट्टी में मेहनत और जज्बा है। मेहनत करने का जज्बा ही बिहारियों को बाकी से अलग करता है। ऐसा नहीं कि बहुत बड़े स्कूल या किसी बहुत बड़े संस्थान से ही आपका आधार तय होता है। अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट हो तो अंत में आप उसे हासिल कर ही लेते हैं। लक्ष्य के प्रति समर्पण सबसे ज्यादा जरूरी है और इसके लिए शुरू से मेहनत करनी होती है।”
जी20 शिखर बैठक में शामिल होने श्रीनगर पहुंचे विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, स्मृति चिन्ह देकर किया गया स्वागत
श्रीनगर, 22 मई: जम्मू-कश्मीर में जी20 शिखर बैठक में शामिल होने वाले विभिन्न सदस्य देशों के प्रतिनिधि सोमवार को श्रीनगर पहुंच गए है। यहां पहुंचने पर इन विदेशी मेहमानों का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। उसके बाद में स्थानीय लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों के जरिये समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की। सूत्रों ने बताया कि यहां से ये विदेशी मेहमान अपने निर्धारित होटलों (ताज विवांता और ललित) की ओर रवाना होंगे। जहां उन्हें कमरे आवंटित किए जाएंगे और सम्मेलन सामग्री दी जाएगी। इसके बाद दिनभर अन्य बैठकों और कार्यक्रमों का आयोजन होगा। डल झील किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित बैठक में विभिन्न राष्ट्रों के 60 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होने जा रहे हैं। आकाश से लेकर जमीन तक सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है। डल झील में मार्काेस कमांडो का पहरा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से की बातचीत
नई दिल्ली/पोर्ट मोरेस्बी, 22 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में गवर्नर जनरल बॉब डाडे के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए बातचीत की। श्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ शानदार बैठक हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर बातचीत की।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पापुआ न्यू गिनी में दिन की शुरुआत ऐतिहासिक गवर्नमेंट हाउस में गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ गर्मजोशी भरे माहौल में बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच संबंधों और विकास साझेदारी के महत्वों पर जोर दिया गया।” यह बैठक पोर्ट मोरेस्बी में गवर्नमेंट हाउस में भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन के अवसर पर हुई। गवर्नर जनरल ने प्रधानमंत्री मोदी की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। एक बयान में कहा गया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों एवं विकास साझेदारी के महत्व सहित विचारों का आदान-प्रदान किया और वे इसे अधिक मजबूत बनाने पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री केजरीवाल से नीतीश कुमार, बोले संविधान बचाने के लिए सभी को एकजुट होने की ज़रूरत
नई दिल्ली, 21 मई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए देश भर में सभी को एकजुट होने की ज़रूरत है। श्री कुमार ने यहाँ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाक़ात करने के बाद रविवार को पत्रकारों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसले के बाद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र है। सरकार को जो अधिकार दिया गया है उसे कैसे छीन सकते हैं।उन्होंने कहा कि सब लोग एकजुट हों, ताकि संविधान का ये लोग अपने ढंग से इधर-उधर कर रहे हैं उसे रोकें। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं और ऐसे में इस मुद्दे को लेकर हम उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं। श्री कुमार ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाएं। आपस में प्रेम और भाईचारा क़ायम हो। लोगों के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है उसे बंद करना चाहिए ताकि देश आगे बढ़े। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के आठ दिन बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर फ़ैसले को पलट दिया जो संविधान के ख़िलाफ़ है। उन्होंने कहा कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट हो जायें तो इस अध्यादेश को क़ानून बनने से राज्यसभा में रोका जा सकता है। यह 2024 का सेमीफ़ाइनल होगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को अधिकार मिले हैं लेकिन गैर भाजपा शासित राज्य में केंद्र उन्हें परेशान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो परेशानी अरविंद केजरीवाल झेल रहे हैं हम उसके खिलाफ उनको समर्थन देने आए हैं। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो उपराज्यपाल में हिम्मत होती इस प्रकार का काम करने की? दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी। अरविंद केजरीवाल को जितनासताएंगे वह उतने ही मजबूत होंगे। दिल्ली में भाजपा कभी भी वापसी नहीं करेगी। इस मौक़े पर जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ लल्लन सिंह, राज़द के राज्यसभा सांसद मनोज झा, आप सांसद संजय सिंह समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।
जापान की अपनी सफल यात्रा के बाद,प्रधानमंत्री मोदी पापुआ न्यू गिनी रवाना
नई दिल्ली, 21 मई : जापान की अपनी सफल यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीन देशों के दौरे के दूसरे चरण के लिए पापुआ न्यू गिनी के लिए रवाना हो गए। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी। बागची ने बताया कि हिरोशिमा में प्रमुख भागीदारों के साथ दो दिनों के गहन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जुड़ाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की अपनी यात्रा समाप्त की। प्रधानमंत्री अब अपनी यात्रा के अगले चरण में पोर्ट मोरेस्बी पहुंचेंगे। वहां पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करेंगे। यहां उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया जाएगा। आमतौर पर देश सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं करता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक विशेष अपवाद के तौर पर उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी पोर्ट मोरेस्बी में 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री मोदी के द्विपक्षीय कार्यक्रम होंगे। इसमें गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे और प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ बैठकें शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2014 में लॉन्च किए गए इस मंच में भारत और 14 प्रशांत द्वीप देश शामिल हैं। अर्थात इसमें फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, मार्शल द्वीप समूह, कुक द्वीप समूह, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप शामिल हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन: मोदी ने किया हिरोशिमा शांति स्मारक संग्रहालय का दौरा
नई दिल्ली/हिरोशिमा, 21 मई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में अन्य नेताओं के साथ शांति स्मारक संग्रहालय का दौरा किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संग्रहालय में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। श्री मोदी सहित सभी नेताओं ने परमाणु बम के पीड़ितों के लिए बने स्मारक पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये। बाद में श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आज सुबह हिरोशिमा में शांति स्मारक संग्रहालय और हिरोशिमा शांति स्मारक पार्क गया।” यह स्मारक एवं संग्रहालय द्वितीय विश्व युद्ध में छह अगस्त 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बम हमले में जान गंवाने वाले लोगों की याद में बनाया गया है। यह संग्रहालय फरवरी 1951 में बना है।
कर्नाटक: सरकार के शपथ ग्रहण में एक मंच पर दिखे विपक्ष के बड़े नेता, एकजुटता का संदेश देने की कोशिश
बेंगलुरु, 20 मई: कर्नाटक में सिद्धरमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई प्रमुख नेता नजर आए और यहां से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धरमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी शपथ ली, जो राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खचाखच भरे श्री कांतीरवा स्टेडियम में सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार-बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे। विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर विजयी मुद्रा में ऊपर उठाया और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। कुछ ऐसा ही दृश्य पांच साल पहले बेंगलुरु में एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भी देखने को मिला था। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। वामपंथी दलों के प्रमुख नेता भी इस शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा और भाकपा (माले) के प्रमुख दीपांकर भट्टाचार्य ने भी इस समारोह में भाग लिया। इस शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने दल की तरफ से लोकसभा में पार्टी की उप नेता काकोली घोष दस्तीदार को भेजा था। कांग्रेस ने इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को आमंत्रित नहीं किया था। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था। अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत खरगे कई विपक्षी नेताओं से बात और मुलाकात कर चुके हैं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर एक मंच पर आने की सलाह दे चुके हैं। आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हो सकती है। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं।
दूसरी बार सिद्धरमैया बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री, शिवकुमार उप मुख्यमंत्री
बेंगलुरु, 20 मई: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत के एक सप्ताह बाद शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने प्रदेश मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सिद्धरमैया के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने भी शपथ ग्रहण की, जो राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री बने हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर, एम बी पाटिल, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियंक खरगे, वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा, के जे जॉर्ज, सतीश जार्कीहोली, रामालिंगा रेड्डी और बी जेड जमीर अहमद खान ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने लोगों से खचाखच भरे श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धरमैया, शिवकुमार और अन्य नेताओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में आयोजित हुआ। कांग्रेस ने इस समारोह के माध्यम से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया। नई सरकार के शपथ के तत्काल बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में कांग्रेस की पांचों ‘गारंटी’ कानून का रूप ले लेंगी। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सबकी निगाहें मंच पर इसलिए बार-बार जा रही थीं कि वहां देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और विपक्ष शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। वे एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से मिल रहे थे। विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर विजयी मुद्रा में ऊपर उठाया और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। कुछ ऐसा ही दृश्य पांच साल पहले बेंगलुरु में एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भी देखने को मिला था। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। वामपंथी दलों के प्रमुख नेता भी इस शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा और भाकपा (माले) के प्रमुख दीपांकर भट्टाचार्य ने भी इस समारोह में भाग लिया। कांग्रेस ने दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य में सरकार गठन में सामाजिक समीकरण को साधने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उप मुख्यमंत्री शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। वहीं, परमेश्वर, मुनियप्पा और प्रियंक दलित समुदाय से संबंध रखते हैं, जबकि एम बी पाटिल लिंगायत समुदाय से आते हैं। खान मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और जॉर्ज का संबंध ईसाई समुदाय से है। जार्कीहोली अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, जबकि रामालिंगा रेड्डी का संबंध रेड्डी जाति से है। कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है। फिलहाल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत कुल 10 सदस्य हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। शपथ ग्रहण के बाद खरगे ने कहा, ”हमने जो कहा है, उसे पूरा करेंगे, हम सभी पांच ‘गारंटी’ लागू करेंगे।” राहुल गांधी ने भी स्टेडियम में मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने पार्टी की जीत के लिए प्रदेश की जनता का धन्यवाद करते हुए शनिवार को कहा कि दक्षिण भारत के इस राज्य ने ”नफरत के बाजार में मोहब्बत की लाखों दुकानें खोल दी हैं।” राहुल गांधी ने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में कांग्रेस की ओर से दी गई पांचों ‘गारंटी’ कानून का रूप ले लेंगी। उन्होंने जनता से साफ-सुथरी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया। कर्नाटक के कद्दावर ओबीसी नेता 75 वर्षीय सिद्धरमैया इससे पहले मई 2013 से मई 2018 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कभी जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) का हिस्सा रहे सिद्धरमैया दो बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। पिछली विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। वहीं, कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले 61 वर्षीय शिवकुमार पिछले लगभग तीन वर्षों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कुछ सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। कांग्रेस विधायक दल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सिद्धरमैया को औपचारिक रूप से नेता चुना गया था, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीट अपने नाम की थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट हासिल की थीं।