उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी : धामी

देहरादून, 30 जून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिये बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है और जल्द ही प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। धामी ने ट्वीट कर कहा, ”प्रदेशवासियों से किए गए वादे के अनुरूप समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिये बनाई गई समिति ने आज 30 जून को अपना कार्य पूरा कर लिया है और जल्द ही देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा।” पिछले वर्ष विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में दोबारा आयी तो प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। राज्य सरकार ने कानून का मसौदा तैयार करने के लिये पिछले साल विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश और कानून का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की थी कि समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार है और उसे जल्द ही उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया जाएगा। देसाई ने कहा कि समिति ने सभी प्रकार की राय और चुनिंदा देशों के वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न विधानों एवं असंहिताबद्ध कानूनों को ध्यान में रखते हुए मसौदा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, समिति ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की ”बारीकियों” को समझने की कोशिश की है। देसाई ने राजधानी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”मुझे आपको यह जानकारी देते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है।” उन्होंने कहा, ”प्रारूप संहिता के साथ समिति की रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाएगी।” उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल मई में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था। इस समिति का गठन उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत दीवानी मामलों से जुड़े विभिन्न मौजूद कानूनों पर गौर करने और विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव जैसे विषयों पर मसौदा कानून या कानून तैयार करने या मौजूदा कानूनों में बदलाव का सुझाव देने के लिए किया गया था। इस संबंध में एक अधिसूचना 27 मई 2022 को जारी की गई थी। देसाई ने सवालों का जवाब देते हुए यूसीसी के मसौदे या समिति की रिपोर्ट का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे पहले राज्य सरकार को सौंपना होगा। उन्होंने कहा, ”हमारा जोर महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है। हमने भेदभाव को खत्म कर सभी को एक समान स्तर पर लाने का प्रयास किया है।” देसाई ने कहा कि समिति ने मुस्लिम देशों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है लेकिन उनके नाम साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ”हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है। यदि आप हमारा मसौदा गे तो आपको लगेगा कि समिति ने हर चीज पर विचार किया है।”

दिल्ली विश्वविद्यालय केवल विश्वविद्यालय नहीं बल्कि एक मूवमेंट रहा है : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 30 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल विश्वविद्यालय नहीं बल्कि एक मूवमेंट रहा है। प्रधानमंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है जब आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान किसी देश की उपलब्धियों का प्रतिबिंब होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव पार किए हैं। उन्होंने कहा कि इंसान हो या संस्थान जब उसके संकल्प देश के संकल्प के साथ जुड़ जाते हैं तो उसकी सफलता भी देश की सफलताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली मेट्रो से यात्रा कर पहुंचे। मेट्रो से यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यात्रियों के साथ संवाद भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री ने छात्रों से भी संवाद किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनके साथ मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर केन्द्र और प्रौद्योगिकी संकाय के भवन और विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में बनने वाले अकादमिक ब्लॉक का भी शिलान्यास किया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। पिछले सौ वर्षों के दौरान, इस विश्वविद्यालय का काफी विकास एवं विस्तार हुआ है और अब इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से अधिक छात्र हैं तथा इसने राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

दिल्ली मंत्रिमंडल में फेरबदल : आतिशी को मिला वित्त व राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार

नई दिल्ली, 30 जून : दिल्ली के मंत्रिमंडल में फेरबदल के प्रस्ताव को उपराज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी मिलने के बाद मंत्री आतिशी को राजस्व, योजना और वित्त विभागों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पहले, ये तीनों विभाग मंत्री कैलाश गहलोत के पास थे। आतिशी दिल्ली मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला सदस्य हैं। इस अतिरिक्त प्रभार के बाद अब उनके पास 12 विभागों का जिम्मा होगा, जो सभी मंत्रियों में सर्वाधिक है। एक अधिकारी ने बताया, ”दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और फाइल सरकार के पास लौट आई है।” मंत्रिमंडल में फेरबदल के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को विवाद पैदा हो गया था, जब सरकारी अधिकारियों ने दावा किया था कि संबंधित फाइल चार दिन से उपराज्यपाल के पास है। लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय ने इस आरोप से इनकार किया। मंत्रिमंडल के सदस्य मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन ने गिरफ्तारी के बाद अपने अपने पद से इस्तीफा दे दिया थ। उनके इस्तीफे के बाद आतिशी को सौरभ भारद्वाज के साथ मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया है जबकि जैन को धनशोधन मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।

राहुल गांधी ने मणिपुर के मोइरांग में राहत शिविरों का किया दौरा

इंफाल, 30 जून : हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में गए। पार्टी पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी। गांधी सुबह करीब साढ़ नौ बजे हेलीकॉप्टर से मोइरांग पहुंचे। उन्होंने यहां प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जिन दो शिविरों को राहुल ने दौरा किया, वहां करीब 1000 लोग रहते हैं। राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, पीसीसी अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे। मोइरांग को ऐतिहासिक रूप से उस शहर के रूप में जाना जाता है, जहां आईएनए (आजाद हिन्द फौज) ने 1944 में भारतीय तिरंगा फहराया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी दिन में इंफाल में कुछ बुद्धिजीवियों तथा नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे। राहुल ने बृहस्पतिवार को चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा किया था, जो जातीय दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चुराचांदपुर में राहत शिविरों के राहुल गांधी के दौरे को लेकर बृहस्पतिवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब कांग्रेस नेता के काफिले को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया और उन्हें अपने गंतव्य तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा। कांग्रेस नेता स्थानीय समुदायों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

प्रधानमंत्री ने डीयू के शताब्‍दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो की सवारी की

नई दिल्ली, 30 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इस दौरान दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय कंप्‍यूटर सेंटर, प्रौद्योगिकी संकाय भवन और अकादमिक ब्‍लॉक की आधारशिला रखी। ये भवन विश्‍वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बनाए जाएंगे। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के अब तक के सफर पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मेट्रो की सवारी की। उन्होंने लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन से दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन तक का सफर तय किया। इस दौरान प्रधानमंत्री को यात्रियों से संवाद करते देखा गया। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ”दिल्ली मेट्रो से दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के लिए जाते समय। युवाओं को अपने सह-यात्री के रूप में पाकर खुश हूं।” प्रधानमंत्री ने अपनी इस यात्रा से जुड़ी तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं। दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना एक मई 1922 को हुई थी। पिछले 100 वर्षों में विश्‍वविद्यालय का काफी विस्‍तार हुआ है और अब इसमें 90 कॉलेज और 86 विभाग हैं। अब तब छह लाख से अधिक विद्यार्थी दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से डिग्री प्राप्‍त कर चुके हैं।

बिहार: विपक्षी पार्टियां 70 वर्षों तक धारा 370 को गोद में बिठा कर रखा- अमित शाह

पटना, 29 जून : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि इन्होंने धारा 370 को 70 वर्षों तक गोद में बिठा कर रखा। कांग्रेस, जदयू और राजद सभी लोग धारा 370 को लगाकर बच्चों की तरह गोदी में खिलाते थे। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर नरेन्द्र मोदी ने 05 अगस्त, 2019 को धारा 370 को उखाड़ कर फेंक दिया। शाह लखीसराय के गांधी मैदान में गुरुवार को जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पलटूराम नीतीश बाबू कहते हैं कि 9 साल में क्या किया? नीतीश बाबू जिनके कारण आप मुख्यमंत्री बने, जिनके साथ इतना साल बैठे कुछ तो लिहाज करो। नीतीश बाबू आप सुनना चाहते हो तो पूरा हिसाब देने आया हूं। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर-घर पहुंच रहा है। मोदी सरकार ने 18 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में डालने का काम किया। मुंगेर में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज बनाने का काम भी नरेन्द मोदी ने ही किया। इसके साथ रोडवेज के लिए 3 लाख करोड़ के 13 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे नरेन्द मोदी ने दिए हैं। केंद्र सरकार ने बिहार में 3 हजार 400 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग की परियोजनाएं लागू की। 230 किलोमीटर लंबा असम-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हुआ। बिहार में अलग-अलग योजनाओं में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 175 करोड़ की लागत से सड़क बनाया। रेलवे में 13 हजार 400 करोड़ से पटना में मेट्रो का काम शुरू किया। अमित शाह ने कहा कि नरेन्द मोदी ने समग्र देश में ढेर सारे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम किए हैं। बिहार को विकास कार्यों से मोदी सरकार ने पाट दिया है। इनमें मुंगेर से बेगूसराय तक रेल सड़क को डबल करने का काम हो या फिर पुल के निर्माण का काम नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ही किया। इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमित शाह की रैली से 2024 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार की राजनीति खत्म हो जाएगी। इस रैली का असर पूरे 40 लोकसभा सीटों पर पड़ेगा। अमित शाह की हुंकार बिहार में नीतीश के खात्मे का संकेत होगी। उल्लेखनीय है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक अमित शाह आज 1:00 बजे पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। फिर हेलीकॉप्टर से लखीसराय के लिए रवाना हुए। तकरीबन 2:00 बजे लखीसराय पहुंचने के बाद उन्होंने यहां के अशोक धाम में 40 मिनट तक पूजा-अर्चना किया। फिर 3:00 बजे उनकी जनसभा हुई। जनसभा के बाद 4:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की। इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दी आषाढ़ी एकादशी की बधाई

नई दिल्ली, 29 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देशवासियों को आषाढ़ी एकादशी की बधाई दी। यह पर्व खास तौर पर महाराष्ट्र में भगवान विट्ठल के उपासक पूरे श्रद्धाभाव के साथ मनाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘सभी को आषाढ़ी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पवित्र दिन हमें वारकरी परंपरा के अनुरूप भक्ति, विनम्रता और करुणा आदि गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे। भगवान विट्ठल के आशीर्वाद के साथ, हम हमेशा एक खुश, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए मिलकर काम करें।’ आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहते हैं। यह भगवान विष्णु का शयन काल होता है। पुराणों के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं इसलिए इसे हरिशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे के लिए पहुंचे इंफाल

इंफाल/नई दिल्ली, 29 जून: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचे। राहुल यहां से चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना होंगे, जहां वह पिछले महीने की शुरुआत में पूर्वोत्तर राज्य में हुई जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे। मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है। गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

आदिपुरुष में रामायण के पात्रों को शर्मनाक ढंग से दर्शाया गया : इलाहबाद हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 29 जून: इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को विवादास्पद बॉलीवुड फिल्म ‘आदिपुरुष’ के फिल्म निर्माताओं को यह कहते हुए फटकार लगाई कि इसमें रामायण के पात्रों को ‘बड़े शर्मनाक तरीके से’ दर्शाया गया है. आदिपुरुष’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा कि रामायण, कुरान या बाइबिल पर विवादित फिल्में बनाई ही क्यों जाती हैं, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हों. जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्री प्रकाश सिंह ने फिल्म निर्माताओं से सवाल करते हुए कहा कि अगर आप लोग कुरान के ऊपर एक डॉक्युमेंट्री बनाते हैं और उसमे सारी चीज़ें गलत तरीके से दिखाते हैं तो देखिए कि फिर क्या होता है. ये तो बस एक संयोग है की ये मामला हिन्दू धर्म (रामायण) से जुड़ा है नहीं तो कोर्ट की भावनाएं हर धर्म से जुड़ी है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आज हम चुप रहे तो ये नहीं पता कि आगे क्या होगा. ऐसी घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा, “मैंने खुद इस पिक्चर में देखा है कि भगवन शंकर बड़े ही हास्यास्पद तरीके से हाथ में त्रिशूल ले कर भाग रहे हैं. क्या अब यही सारी चीज़ें दिखाई जाएंगी? क्या ये रुकना नहीं चाहिए?”

गन्ना किसानों को केंद्र सरकार का तोहफा, खरीद मूल्य 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया

नई दिल्ली, 28 जून: केंद्र सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने चीनी सीजन 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 315 रुपये प्रति क्विंटल पर मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि 10.25 प्रतिशत से अधिक वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत वृद्धि के लिए 3.07 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम और वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए एफआरपी में 3.07 रुपये प्रति क्विंटल की कमी को भी मंजूरी दी गई। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों को हमेशा प्राथमिकता दी है। उसी के तहत आज गन्ने के मूल्य में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि आज गन्ना किसानों को पूरा भुगतान हो रहा है। ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा।