पहलवानों ने किया बड़ा ऐलान- गंगा में बहा देंगेमेडल- जंतर-मंतर के बाद अब इंडिया गेट पर देंगे धरना  

संवाददाता – मानसी, नई दिल्ली, 30 मई: कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कररहे पहलवानों ने एक बड़ा ऐलान किया है. पहलवानों का कहना है कि वो अपने जीते हुएमेडलों को गंगा में बहाने जा रहे है. बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक नेसोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि, “ इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जारहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रतासे हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था”.   पहलवानों ने बयान जारी कर कहा है कि 28 मई को पुलिस ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहारकिया वो आप सबने देखा है. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे जिसके बावजूद हमें इतनीबर्बरता से गिरफ्तार किया गया. हमारे आंदोलन की जगह को पुलिस ने हमसे छीन लिया औरहमारे ऊपर गंभीर मामलों के तहत FIR दर्ज कर दी गई है. महिला पहलवानों ने कहा कि क्या हमने अपने साथ हुए यौनउत्पीड़न के लिए न्याय मांग कर कोई अपराध किया है जो हमारे साथ इतनी बदसलूकी से पेशआया जा रहा है. प्रशासन और पुलिस हमारे साथ अपराधियों की तरह व्यवहार कर रही हैजबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर गलत-गलत आरोप लगा रहा है. इंडिया गेट पर आमरण अनशन की तैयारी  पहलवानों का कहना है कि मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बहजाने के बाद हमारे जीवन का कोई अर्थ नहीं रहे रहेगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे.आगे उन्होनें कहा कि अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना. भारत की जनताको सोचना होगा कि वो अपनी इन बेटियों के साथ खड़े है या इन्हें उत्पीड़न करनेवालने उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ. पहलवानों ने ऐलान किया है आज शाम  बजे वह हरिद्वार में अपने मेडल गंगा मेंप्रवाहित कर देंगे. बता दे कि 23 अप्रैल से विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमामपहलवान जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है. सुप्रीम कोर्टके सख्त रूख अपनाने के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ दो मामले भी दर्ज किए हैजिनकी जांच चल रही है. 20 मई रविवार को जंतर-मंतर से नए संसद भवन तक मार्च का ऐलानकिया गया था और पहलवानों ने महिला महापंचायत भी बुलाई थी. लेकिन ससंद भवन केउद्घाटन के चलते दिल्ली पुलिस ने महिलाओं को मार्च की इजाजत नहीं दी और जंतर-मंतरपर भी भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था. रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर जंतर-मंतर से मार्चशुरू किया तो पुलिस ने इजाजत न होने के कारण उन्हें रोकने कि कोशिश की. पहलवानोंने सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की केशिश की जिसके बाद पहलवानों और पुलिस मेंझड़प हुई. पुलिस ने सुचना दी है कि 700 लोगों को हिरासत में लिया गया है पर अबसाक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत सभी को रिहा कर दिया गया है पंरतु इनपे केस दर्जकिया गया है। पुलिस ने जंतर-मंतर के पूरे इलाको को भी खाली करवा दिया है और आगे भीवहां प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मोदी सरकार के नौ साल के शासन में गरीबों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया : सिंधिया

नई दिल्ली, 29 मई: केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नौ साल के कार्यकाल में भारत ने गरीबों के उत्थान और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक आत्मनिर्भर देश के रूप में अपनी छवि बनाई है। सिंधिया ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार सेवा, सुशासन और गरीबों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित कर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले नौ वर्षों में चौंकाने वाले परिवर्तन किए और आत्मनिर्भर होने की छवि बनाई है।” उन्होंने भाजपा शासित केंद्र की विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने नौ साल में 12 करोड़ मकानों तक (कनेक्शन के जरिए) पानी पहुंचाया, उज्ज्वला योजना के तहत 9.60 करोड़ रसोई गैस ‘कनेक्शन’ दिए गए, 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत अनाज दिया गया, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 करोड़ लाभार्थियों को ‘कवर’ किया गया। संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मोदी सरकार के नौ साल दिल्ली के लिए ”अविश्वसनीय” साबित हुए हैं। केंद्र ने इस दौरान कई बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं शुरू कीं।

आंधी-तूफान से महाकाल लोक में हुई क्षति पर शिवराज सरकार के अधिकारियों को निर्देश

भोपाल, 29 मई : मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में तेज आंधी तूफान में उज्जैन स्थित श्री महाकाल लोक की कुछ मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले में प्रदेश में जोर पकड़ती राजनीति के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए फोन पर आला अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उज्जैन कलेक्टर और उज्जैन संभाग आयुक्त से कल ही फोन पर चर्चा की। श्री चौहान को अधिकारियों ने बताया कि कल मालवा क्षेत्र के उज्जैन एवं आसपास के इलाक़ों में तेज तूफ़ान से प्राकृतिक आपदा जैसी स्थित उत्पन्न हुई। इसमें दो लोगों की (एक उज्जैन और एक नागदा में) मृत्यु हो गई और तीन लोग घायल हुए। लगभग 50 वृक्ष और बहुत से बिजली के खंभे उखड़ गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया गया कि श्री महाकाल लोक में 155 प्रतिमाएँ हैं, जिनमें से 6 खंडित हुई हैं। ये सभी डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के तहत कांट्रेक्टर द्वारा नई स्थापित की जाएंगी। श्री चौहान ने कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जहां तेज आंधी तूफान में तीन लोगों की मृत्यु हुई हो, लोग घायल हुए हों, वहां कांग्रेस मध्यप्रदेश के लोगों के साथ खड़े होने की बजाए राजनीति कर रही है और बिना किसी तथ्य को सामने रखे सिर्फ़ भ्रम फैलाने का काम कर रही है। उज्जैन में कल तेज आंधी-तूफान के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इनसे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस ने इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और संपूर्ण मामले की जांच के लिए एक समिति का भी गठन कर दिया। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान से मांग की कि गिरी प्रतिमाओं के स्थान पर नई प्रतिमाएं स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए। श्री कमलनाथ के निर्देश पर गठित कांग्रेस की जांच समिति में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा समेत सात सदस्यों को शामिल किया गया है। ये समिति उज्जैन पहुंच कर मामले की जांच करेगी। उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में श्री महाकाल लोक नाम के इस गलियारे का पिछले साल 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इस कॉरिडोर में भगवान शिव के जीवन से जुड़ी भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। श्री महाकाल लोक की ये परियोजना लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए की लागत की है, जिसका अभी सिर्फ प्रथम चरण पूरा हुआ है। प्रथम चरण में लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की लागत आई थी।

नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-01 को लेकर जीएसएलवी-एफ12 श्रीहरिकोटा से रवाना

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 29 मई: नौवहन उपग्रह एनवीएस-01 को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) सोमवार को यहां अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। इसरो ने बताया कि जीएसएलवी-एफ12 ने नौवहन उपग्रह एनवीएस-01 को सफलतापूर्वक उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया। अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य इस प्रक्षेपण के जरिए नाविक (जीपीएस की तरह भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना है। चेन्नई से करीब 130 किलोमीटर दूर यहां स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से 51.7 मीटर लंबे रॉकेट को प्रक्षेपित किया गया। यह पूर्व निर्धारित समय पूर्वाह्न 10 बजकर 42 मिनट पर साफ आसमान में अपने लक्ष्य की ओर रवाना हुआ। दूसरी पीढ़ी की इस नौवहन उपग्रह श्रृंखला को अहम प्रक्षेपण माना जा रहा है क्योंकि इससे नाविक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित होगी और यह उपग्रह भारत तथा मुख्य भूमि के आसपास लगभग 1,500 किलोमीटर के क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा। इसरो ने बताया कि नाविक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि संकेतों की मदद से उपयोगकर्ता की 20 मीटर के दायरे में स्थिति और 50 नैनोसेकंड के अंतराल में समय की सटीक जानकारी मिल सकती है। प्रक्षेपण के कुछ मिनट बाद रॉकेट ने 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित किया। एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण लेकर गया है। पूर्ववर्ती की तुलना में, दूसरी पीढ़ी के उपग्रह में स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी भी होगी। इसरो ने कहा कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, वैज्ञानिक पहले तारीख और स्थान का निर्धारण करने के लिए आयातित रूबिडियम परमाणु घड़ियों का इस्तेमाल करते थे। अब, उपग्रह में अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा विकसित रूबिडियम परमाणु घड़ी लगी होगी। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो कुछ ही देशों के पास है। इसरो ने कहा कि सोमवार का मिशन स्वदेशी क्रायोजनिक चरण के साथ जीएसएलवी की छठी परिचालन उड़ान है।  

इसरो कल स्थापित करेगा जीएसएलवी-एफ12/एनवीएस-01 उपग्रह, काउंटडाउन शुरू

चेन्नई, 28 मई : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोमवार को श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से जीएसएलवी-एफ12/एनवीएस-01 उपग्रह में स्थापित करेगा जिसकी उल्टी गिनती रविवार को शुरू हो गयी। इसरो ने ट्वीट किया, “एसडीआरसी शार रेंज से प्रक्षेपित होने वाले जीएसएलवी-एफ12/एनवीएस-01 मिशन के लिए उल्टी गिनती आज सुबह 07.42 बजे शुरू हुई। उपग्रह को ले जाने वाला तीन चरणों वाला रॉकेट को कल 10.42 बजे लॉन्च किया जायेगा।” इसरो के सूत्रों के मुताबिक यह जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन एनवीएस-01 नेविगेशन उपग्रह को तैनात करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसका वजन लगभग 2,232 किग्रा है। उसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा गया है। इसके बाद की कक्षा को ऊपर उठाने की तकनीक का इस्तेमाल उपग्रह को इच्छित कक्षा में ले जाने के लिए किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ12, एनवीएस-01 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में तैनात करेगा। एनवीएस -01 भारतीय नक्षत्र सेवाओं के साथ नेविगेशन के लिए परिकल्पित दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है। यह इस साल का पहला जीएसएलवी मिशन है। उल्लेखनीय है कि फरवरी में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएसएलवी-डी2 की दूसरी विकासात्मक उड़ान, मार्च में एलवीएम-एम3 मिशन और अप्रैल में पीएसएलवी-सी55 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद वर्ष 2023 में इसरो का यह चौथा मिशन है।  

दिल्ली में प्रवेश से रोके जाने पर टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने दिया धरना, गाजीपुर बॉर्डर बंद

नई दिल्ली, 28 मई : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से आहूत प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गयी है। ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया। शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले राकेश टिकैत ने भारी सुरक्षा वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कहा, ”अन्य सभी किसानों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया है। अभी हम यहीं बैठेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है।” बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अब गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि आनंद विहार और आसपास के अन्य इलाकों में जाने वाले मार्गों पर जाम लग गया और यातायात में आवश्यक बदलाव किया गया है।

राजद ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की, भाजपा ने इसे शर्मनाक बताया

पटना, 28 मई: बिहार में सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ही कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन कर रहे थे तब राजद ने संसद के नये भवन की तस्वीर के साथ ताबूत की तस्वीर पोस्ट कर पूछा “यह क्या है।” राजद के इस तरह के ट्वीट की चौतरफा आलोचना हो रही है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राजद ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ओर नये संसद भवन का चित्र और दूसरी ओर मृतक को रखने वाले बक्सा यानी ताबूत का चित्र डाला है। पहला चित्र भारत का भविष्य है और दूसरा चित्र राजद का भविष्य दर्शाता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत के गौरव दिवस पर इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जदयू ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि नए संसद भवन की जरूरत नहीं थी तो उन्हें बताना चाहिए कि पटना में ब्रिटिश कालीन म्यूजियम के रहते हुए एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर नया म्यूजियम क्यों बनाया गया । इसी तरह श्री कृष्ण मेमोरियल भवन के रहते हुए बापू सभागार बनवाने की क्या आवश्यकता थी लेकिन सभी को श्री नरेंद्र मोदी से द्वेष और घृणा है इसलिए वह उनके हर कार्यों की आलोचना करते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि भले ही आज विपक्ष के राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है लेकिन कल जब संसद की बैठक होगी तब तो सभी को वहीं बैठना होगा। उन्होंने कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वह ऐलान करें कि वह इस नए संसद भवन में कदम भी नहीं रखेंगे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजद का कोई अपना स्टैंड नहीं है। भाजपा के साथ वर्षों रहकर राज करने वाले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया है। उन्होंने कहा कि राजद के लोग ताबूत के बदले कोई और मिसाल दे सकते थे लेकिन वह हर चीज में कोई एंगल दे देते हैं।

नये संसद भवन कितने साल में हुआ तैयार, क्या है विशेषतायें?

नई दिल्ली, 28 मई : संसद भवन परिसर में स्थापित नये संसद भवन के लाेकसभा कक्ष में रविवार को पहली बार ऐतिहासिक सेन्गोल (पवित्र राजदंड) स्थापित किया गया जो विरासत के आधुनिकता से जुड़ने का प्रतीक है। नये संसद भवन का निर्माण मात्र ढाई साल में पूरा किया गया है। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को किया था। नया संसद भवन 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। इसके लोकसभा कक्ष में आवश्यकता होने पर 1280 व्यक्तियों के लिए बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। नये भवन के लोकसभा कक्ष में 888 और राज्य सभा कक्ष में 300 सदस्य सहजता से बैठ सकते हैं। हर सीट पर दो सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जायेगी और डेस्क पर उनके लिए टच स्क्रीन गैजेट होंगे। हीरे (त्रिकोणीय) आकार के नये भवन के साथ संसद भवन परिसर में पुस्तकालय भवन सहित तीन भवन हो गये हैं। कुल 64500 वर्ग मीटर में बने नये संसद भवन में तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। अति विशिष्ट व्यक्तियों, सांसदों और दर्शकों को अलग-अलग द्वारों से प्रवेश कराया जायेगा। इसका निर्माण टाटा उद्योग समूह की कंपनी टाटा प्रोजेक्टस लि ने किया है। इसमें एक विशाल कक्ष है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत की झांकी प्रस्तुत की गयी है। इसमें सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन-पान की जगह और पार्किंग स्थल बना है। नये संसद भवन के निर्माण में 60 हजार श्रमिकों के हाथ लगे हैं। यह आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों से लैस हैं जो सांसदों की कार्यक्षमता का विस्तार करेगा और इनसे संसदीय कार्य में आसानी होगी। संसद भवन में लगी सामग्री देश विभिन्न भागों से लायी गयी है। इसमें इमारती लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से, लाल और सफेद संगमरमर राजस्थान से आये हैं। इसमें उदयपुर से लाये गये हरे पत्थर लगे हैं। लाल ग्रेनाइट अजमेर के लाखा की है। कुछ सफेद संगमरमर राजस्थान में ही अंबाजी से लाया गया है। नये भवन के राज्य सभा और लोक सभा की फाॅल्स सीलिंग के लिए स्टील के ढांचे को दमन-दीव से मंगवाया गया है। भवन में पत्थर की जालियां राजस्थान के राजनगर और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से बनवाकर लगायी गयी हैं। कुर्सियों का डिजाइन मुंबई में तैयार किया गया है। इसमें बिछाई गयीं कालीन उत्तर प्रदेश के भदाेही से लायी गयी हैं। लोक सभा और राज्य सभा कक्षों की ऊंची दीवारों तथा सदन के बाहर लगाये गये बड़े-बड़े अशोक चक्र इंदौर से मंगवाये गये हैं। अशोक स्तम्भ के निर्माण में लगी सामग्री औरंगाबाद और जयपुर से लायी गयी हैं। इसमें लगी रेत और फ्लाईऐश हरियाणा में चरखी दादरी और उत्तर प्रदेश से लायी गयी है और ब्रास वर्क और ढलवा नालियां गुजरात से ली गयी हैं। नये संसद भवन में ऊर्जा की बचत और जल संरक्षण के विशेष प्रबंध किये गये हैं। यह फाइव स्टार गृह (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटाट एसेसमेंट) प्रमाण पत्र प्राप्त भवन है। इसमें सीवेज शोधन के लिए संयंत्र है और उससे शोधित पानी का फ्लश और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। भवन में हवा की गुणवत्ता के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प जैसी सुविधाएं हैं। आर्द्रता नियंत्रण के लिए अल्ट्रासोनिक ह्यूमिडी फायर काम करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नये संसद भवन को राष्ट्र को किया समर्पित, पवित्र सेंगोल किया लोकसभा में स्थापित

नई दिल्ली, 28 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ देश के नये संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया और नई लोकसभा के सदन में पवित्र सेंगोल (राजदंड) को श्रद्धा के साथ प्रतिष्ठित किया। सुबह करीब साढ़े सात बजे श्री मोदी संसद भवन के परिसर में पहुंचे और श्री बिरला ने उनका स्वागत किया। सिल्क की धोती, कुर्ता एवं गुलाबी जैकेट पहने प्रसन्न मुद्रा में दिख रहे श्री मोदी ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करके प्रणाम किया। इसके बाद वह श्री बिरला के साथ वहां हवन एवं धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। श्री मोदी ने इसके बाद तमिलनाडु के विभिन्न आदिनम से पधारे संतों द्वारा लाये गये सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया और फिर पांच आदिनम संतों के हाथों से श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया और अपने स्थान पर चारों ओर परिक्रमा की। इसके बाद श्री मोदी ने आदिनम संतों से आशीर्वाद लिया और फिर श्री बिरला एवं आदिनम संतों के साथ वह नई लोकसभा के भीतर गये और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के दाहिनी ओर पीछे एक कांच के केस में सेंगोल को स्थापित किया जिसे संप्रभुता, न्याय, शासन एवं शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन किया और पुष्पों से सेंगोल का पूजन किया। इस मौके पर आदिनम संत भी सदन में उपस्थित थे। इसके बाद श्री मोदी एवं श्री बिरला बाहर आये और फिर नये संसद के उद्घाटन पट्ट का अनावरण करके नये संसद भवन को लोकार्पित किया। इसके पश्चात उन्होंने निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों से भेंट की और उन्हें शाल एवं प्रतीक चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया। इसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शिरकत की। बौद्ध, जैन, पारसी, सिख, इस्लाम, वैदिक आदि धर्मों के धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की। इसके बाद श्री मोदी ने कार्यक्रम में आये मेहमानों से भेंट की और बातचीत की। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर, डॉ जितेन्द्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, शीर्ष अधिकारी आदि उपस्थित थे।

नये संसद भवन की ”कोई जरूरत नहीं”- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना, 27 मई : नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के विपक्ष के आह्वान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि नये संसद भवन की ”कोई जरूरत नहीं” है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि नया संसद भवन उन लोगों द्वारा इतिहास लिखने की कोशिश है जिनका स्वतंत्रता संघर्ष में कोई योगदान नहीं था। कुमार ने इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को आमंत्रित नहीं किए जाने पर भी निराशा जतायी। कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने घोषणा की है कि वह रविवार को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी। पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में उस दिन यहां एक दिन का अनशन करेगी। मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ”नये संसद भवन की कोई जरूरत नहीं है।…देश के स्वतंत्रता संघर्ष में जिन लोगों का कोई योगदान नहीं था वे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह काफी हैरान करने वाला है कि भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है।” पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा, ”जद(यू) का दृढ़ विश्वास के साथ यह मानना है कि राष्ट्रपति देश की संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं और नरेन्द्र मोदी सरकार को नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए उन्हें आमंत्रित करना चाहिए था।”