नई दिल्ली, 12 मई: दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अवधि शुक्रवार को दो जून तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की न्यायिक हिरासत समाप्त होने पर उन्हें अदालत में पेश किए जाने के बाद उनकी हिरासत बढ़ा दी। अदालत ने गत 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथम दृष्टया सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में ‘सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका’ निभाई। सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
प्रधानमंत्री ने शिक्षक महासंघ के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन को किया संबोधित
गांधीनगर, 12 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था लेकिन नई शिक्षा नीति इसमें बदलाव लाएगी। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक महासंघ के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गूगल डेटा और सूचना दे सकता है लेकिन शिक्षकों की भूमिका छात्रों के मार्गदर्शक की होती है। मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत 21वीं सदी की आधुनिक आवश्यकताओं के मुताबिक नई व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है।’’ प्रधानमंत्री ने छात्रों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि नई शिक्षा नीति ने इसके लिए प्रावधान किए हैं। मोदी ने कहा कि वह अपने जीवन में कभी शिक्षक नहीं रहे, लेकिन आजीवन छात्र जरूर रहे हैं जिन्होंने सामाजिक परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ उनकी बैठकों के दौरान उनमें से कुछ ने जब उन्हें बताया कि उनके शिक्षक भारत से थे तो उन्हें बड़ा गर्व महसूस हुआ।
सीबीएसई की 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित, 87.33 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण
नई दिल्ली, 12 मई : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए और 87.33 प्रतिशत विद्यार्थियों ने इस बार सफलता हासिल की है जो पिछले साल के मुकाबले 5.38 प्रतिशत कम है। बोर्ड ने साथ ही घोषणा की कि ‘‘अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने’’ के लिए कोई मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड ने विद्यार्थियों के अंकों के आधार पर उन्हें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी देने की प्रक्रिया से दूर रहने का भी फैसला किया है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीएसई विद्यार्थियों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए कोई मेरिट लिस्ट घोषित नहीं करेगा। हालांकि, बोर्ड 0.1 प्रतिशत विद्यार्थियों को प्रवीण्यता (मेरिट) प्रमाणपत्र जारी करेगा जिन्होंने विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थियों के पास होने का प्रतिशत कोविड-19 महामारी फैलने से पहले 2019 के83.40 प्रतिशत से अधिक है। पिछले साल सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में 92.71 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए थे। हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने लड़कों से बाजी मारी है और उनकी उत्तीर्ण दर छह प्रतिशत अधिक रही। सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में 16.60 लाख से अधिक छात्र बैठे थे। त्रिवेंद्रम क्षेत्र में सबसे अधिक 99.91 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए जबकि प्रयागराज क्षेत्र में सबसे कम 78.05 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। 1.25 लाख से अधिक विद्यार्थियों को कम्पार्टमेंट की श्रेणी में रखा गया है।
जदयू के पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भाजपा में शामिल हुए , नीतीश पर साधा निशाना
नई दिल्ली, 11 मई: जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इस अवसर पर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘कुर्सी’ के मोह में वह अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता कर रहे हैं। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जदयू से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से नजदीकियों के चलते जदयू ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भी नहीं भेजा। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद भी गंवाना पड़ा था। कुमार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ‘‘उन्हें अंग्रेजी के ‘सी’ अक्षर से बहुत प्यार है। सी से क्राइम, करप्शन और चेयर यानी कुर्सी भी होता है।’’ बिहार के मुख्यमंत्री को ‘पलटू राम’ कहकर उनका मजाक उड़ाते हुए आरसीपी सिंह ने कहा, ‘‘नीतीश पीएम थे, हैं और रहेंगे। पीएम यानी ‘पलटू मार’।’’ इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर सराहना की और कहा कि उन्होंने गरीबों के लिए काम किया और देश को एक मजबूत नेतृत्व दिया है। सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इन दिनों दावा करते फिर रहे हैं कि देश में कोई विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि काम नहीं हो रहा है तो भारत ऐसे ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया? मैंने उन्हें कई बार आईना दिखाने की कोशिश की।’’ उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश कहां से कहां पहुंच गया जबकि बिहार आज भी वहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में 2005 से पहले कानून-व्यवस्था की जो स्थिति थी, उससे भी बुरी स्थिति आज है।’’ जदयू छोड़ने के बाद से ही आरसीपी सिंह के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। वह कुर्मी समाज से आते हैं। कुर्मी मतदाता नीतीश कुमार के समर्थक माने जाते हैं क्योंकि वह खुद भी इसी समाज से ताल्लुक रखते हैं। भाजपा में शामिल होने को अपने लिए गौरव और गर्व का क्षण करार देते हुए सिंह ने नीतीश पर विपक्षी दलों को एकजुट करने के उनके प्रयासों के लिए भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें जनादेश बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मिला है लेकिन वह एक राज्य से दूसरे राज्य का भ्रमण करने में व्यस्त हैं। उन्होंने सवाल किया नीतीश कुमार विपक्षी एकता की बात करते हैं लेकिन उसका नेता कौन है? उन्होंने कहा, ‘‘बिना नेता के एकता होती है क्या?’’ प्रधान ने इस मौके पर सिंह की तारीफ की और कहा कि उन्होंने जदयू को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई और अति पिछड़े वर्ग के बीच उनकी विश्वसनीयता है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में जो काम संगठन महामंत्री करता है, वैसा ही काम सिंह ने जदयू के लिए किया। वह जदयू के संगठन की रीढ़ थे और पार्टी के पक्ष में अति पिछड़ों को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई।’’ सिंह एक नौकरशाह रह चके हैं और जब नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री थे तब वह उनके अधीन काम कर चुके हैं।
मुंबई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात
मुंबई, 11 मई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे से मुंबई में उनके निजी आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए सभी गैर-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दलों को एक साथ लाने और विपक्षी एकता को मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव शाम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे। पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ राजग से अलग हो गए नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए ‘एकजुट विपक्ष’ की अपनी मुहिम के तहत विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को भुवनेश्वर में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात की थी।
ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में सरकार के पक्ष में सुप्रीम फैसला, केजरीवाल बोले विकास को मिलेगी गति
नई दिल्ली, 11 मई : सुप्रीम कोर्ट ने आज ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकारों को दिल्ली सरकार के अधीन करने का जो फैसला सुनाया है उसके बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को नई संजीवनी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केजरीवाल सरकार और मजबूत हो गई है। इस फैसले के आते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में मंत्रियों की बैठक बुलाई है। वहीं आप नेताओं की प्रतिक्रिया भी लगातार आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केजरीवाल काफी खुश हैं। उन्होंने ट्वीट कर जनता को बधाई दी है और कहा दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी। जनतंत्र की जीत हुई। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि, लंबे संघर्ष के बाद जीत मिली है। अरविंद केजरीवाल के जज्बे को नमन है। दिल्ली की दो करोड़ जनता को बधाई। सत्यमेव जयते। संजय सिंह ने आगे कहा मोदी जी ने दिल्ली की जनता का 8 साल बर्बाद कर दिया। हर काम में रोड़ा लगाया उनकी दुर्भावनापूर्ण कार्यवाहियों का आज अंत हो गया। एलजी बॉस नहीं चुनी हुई सरकार के पास सारे अधिकार। मंत्रिमंडल का फैसला एलजी पर बाध्यकारी। दिल्ली का लाल केजरीवाल। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, सत्यमेव जयते। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले का स्वागत। ये फैसला लोकतंत्र की जीत है, हर एक दिल्लीवासी की जीत है। केजरीवाल जी और दिल्ली की जनता का संघर्ष रंग लाया। आज दिल्ली के लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी जीत का तोहफा दिया है। जिस प्रकार केंद्र की भाजपा सरकार और पीएम मोदी ने देशभर में चुनी हुई सरकारों को असंवैधानिक तरीके से हड़पने की मुहिम चला रखी थी उसपर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा तमाचा है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ये जनता की जीत है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 साल तक दिल्ली की जनता की लड़ाई अदालत में लड़ी और आज जनता जीत गई। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने ट्ववीटर पर सत्यमेव जयते लिखते हुए कहा कि आखिरकार लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली की जनता की ओर से लड़ते हुए अरविंद केजरीवाल को विजय मिल गई है। मुख्यमंत्री ने सरकार को उसका हक दिलवाया है। दिल्ली की जनता के काम में अब कोई अड़ंगा नहीं लगा पाएगा। ये ऐतिहासिक निर्णय दिल्ली की जनता की जीत है। अब दिल्ली दुगनी गति से तरक्की करेगी। आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली और दिल्ली वासियों के लिए बड़ा दिन है। दिल्ली को अब ऊपर से थोपे गए लोगों से मुक्ति मिलेगी और दिल्ली के लिए दिल्ली वासियों द्वारा चुनी गई सरकार फैसला कर सकेगी।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर , 5,800 करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी
नई दिल्ली, 11 मई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर यहां प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया और 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के समारोह के प्रारंभ का प्रतीक है जिसका आयोजन 11 से 14 मई तक किया गया है। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया), होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, जतनी, ओडिशा और टाटा मेमोरियल अस्पताल के मुंबई का प्लैटिनम जुबली ब्लॉक शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में भारत में की गई वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को दर्शाने वाले एक्सपो का उद्घाटन भी किया। उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। महाराष्ट्र के हिंगोली में विकसित होने वाला एलआईजीओ-इंडिया विश्व में गिने-चुने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी में से एक होगा। यह चार किलोमीटर लंबी भुजा का एक अत्यंत संवेदनशील इंटरफेरोमीटर है, जो ब्लैक होल तथा न्यूट्रन सितारों जैसे बड़े स्तर पर खगोल भौतिकी वस्तुओं के विलय के दौरान उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों की सेंसिंग में सक्षम है। एलआईजीओ-इंडिया अमेरिका में संचालित दो ऐसी वेधशालाओं के साथ सिंक्रोनाइजेशन में काम करेगा। इनमें से एक हैनफोर्ड वाशिंगटन में और दूसरी लिविंगस्टन, लूईसियाना में है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई परियोजनाओं में फिशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, मुंबई, रेयर अर्थ परमानेंट मैगनेट प्लांट, विशाखापत्तनम, नेशनल हैड्रॉन बीम थैरेपी सुविधा, नवी मुंबई, रेडियोलॉजिकल रिसर्च यूनिट, नवी मुंबई, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, विशाखापत्तनम तथा वूमन एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल बिल्डिंग, नवी मुंबई शामिल हैं। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के इस वर्ष के समारोह में अटल इनोवेशन मिशन पर विशेष ध्यान दिया गया है। अटल इनोवेशन मिशन पैवेलियन में कई नवीन परियोजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा और आगंतुकों को नवाचार सत्र देखने, अनुसंधान गतिविधियों में शामिल होने, स्टार्टअप्स के उत्कृष्ट नवाचारों और उत्पादों को देखने का अवसर मिलेगा। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में भारत के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास के लिए काम करने वाले और मई 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण की सफलता सुनिश्चित करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा टेक्नोलॉजिस्टों को सम्मानित करने के लिए प्रारंभ किया था। तब से प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इसे प्रत्येक वर्ष नए और भिन्न विषय के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय है, ‘‘स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइट यंग माइंड्स टू इनोवेट’’ है।
ठाकरे-शिंदे मामला: सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट का मामला बड़ी बेंच को सौंपा
नई दिल्ली, 11 मई : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट का मामला सात जजों की बड़ी बेंच को सौंप दिया है। 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़ों की ओर की याचिकाएं दायर की गई थीं। इसी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि सदन के स्पीकर द्वारा शिंदे गुट की ओर से प्रस्तावित स्पीकर गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त करना अवैध फैसला था। कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को सिर्फ राजनीतिक दल की ओर से नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए थी। राज्यपाल पर कोर्ट ने क्या कहा? इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के पास विधानसभा में फ्लोर टेस्ट बुलाने के लिए कोई पुख्ता आधार नहीं था। फ्लोर टेस्ट को किसी पार्टी के आंतरिक विवाद को सुलझाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई संचार नहीं था जिससे यह संकेत मिले कि असंतुष्ट विधायक सरकार से समर्थन वापस लेना चाहते हैं। राज्यपाल ने शिवसेना के विधायकों के एक गुट के प्रस्ताव पर भरोसा करके यह निष्कर्ष निकाला कि उद्धव ठाकरे अधिकांश विधायकों का समर्थन खो चुके हैं। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं को सात-सदस्यीय संविधान पीठ के सुपुर्द करने का आग्रह ठुकरा दिया था। क्या है मामला? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ महाराष्ट्र के उस राजनीतिक संकट से जुड़ी याचिकाओं पर फैसला दिया है, जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार गिर गई थी। इस संविधान पीठ में जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं। संविधान पीठ ने 16 मार्च, 2023 को संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। सुनवाई के आखिरी दिन क्या बोली थी संविधान पीठ? शीर्ष अदालत ने सुनवाई के अंतिम दिन आश्चर्य व्यक्त किया था कि वह उद्धव ठाकरे की सरकार को कैसे बहाल कर सकती है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत परीक्षण का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान न्यायालय से आग्रह किया था कि वह 2016 के अपने उसी फैसले की तरह उनकी सरकार बहाल कर दे, जैसे उसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार बहाल की थी। किस पक्ष से किसने लड़ा केस? ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत के साथ वकील अमित आनंद तिवारी ने शीर्ष अदालत के समक्ष पक्ष रखा था। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट का की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह ने पक्ष रखा था। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य के राज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश हुए।
कर्नाटक चुनाव 2023 : एग्जिट पोल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर
नई दिल्ली, 10 मई : कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को हुए मतदान के एग्जिट पोल के प्रारंभिक अनुमानों में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखायी गयी है और ऐसे में जनता दल एस की भूमिका महत्वपूर्ण होती दिख रही है। मतदान के ठीक बाद प्रसारित पांच एजेन्सियों के एग्जिट पोल में किसी भी पार्टी के पक्ष में किसी बड़ी लहर का रूझान नहीं दिखा है और जहां दो एग्जिट पोल में भाजपा को कामचलाऊ बहुमत के करीब दिखाया गया है वहीं एक में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार करती दिख रही है। इन सर्वेक्षणों में भाजपा को 79 से 117 के बीच, कांग्रेस को 86 से 118 और जनता दल एस को 14 से 33 के बीच सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। न्यूज नेशन-सीजीएस ने भाजपा को 114, कांग्रेस तथा सहयोगी दलों को 86 और जद एस को 21 तथा अन्य को तीन सीटें दी हैं। रिपब्लिक टी वी- पी मार्क के सर्वे में भाजपा को 85 से 100, कांग्रेस को 94 से 108, जद एस को 24 से 32 तथा अन्य को 2 से 6 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है। सुर्वण न्यूज- जन की बात के पोल में भाजपा को 94 से 117, कांग्रेस को 91 से 106, जद एस को 14 से 24 और अन्य को 0 से 2 सीटों पर सफल होते दिखा गया है। टीवी 9 भारत वर्ष- पोल स्ट्रेट का अनुमान है कि भाजपा को 88 से 98, कांग्रेस को 99 से 109, जद एस 21 से 26 और अन्य 0 से 4 सीट पा सकते हैं। जी न्यूज-मेट्रिज एजेन्सी के सर्वे में भाजपा को 79 से 94, कांग्रेस 103 से 118, जद एस 25 से 35 सीटों पर अन्य 2 से 5 सीटों पर विजयी होते दिख रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अलग अलग बयानों में अपनी अपनी पार्टियों की बड़ी जीत का दावा किया है। मतगणना 13 मई को होगी। अंतिम समाचार मिलने तक करीब 66 प्रतिशत मतदाताओं के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट है।
प्रधानमंत्री मोदी कल करेंगे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर कार्यक्रम का उद्घाटन
नई दिल्ली, 10 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 को चिह्नित करने वाले एक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री 11 मई को सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत को भी चिन्हित करेगा, जो 11 से 14 मई तक आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति से संबंधित कई परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी -इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया) की आधारशिला भी रखेंगे। यह दुनिया में मुट्ठी भर लेजर इंटरफेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशालाओं में से एक होगी। प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से ‘दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुंबक संयंत्र, विशाखापत्तनम’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारत रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट बनाने की क्षमता वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ‘नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी फैसिलिटी’ और ‘फिशन मोलिब्डेनम-99 प्रोडक्शन फैसिलिटी’ को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन सुविधाओं से देश में कैंसर के उपचार और उन्नत मेडिकल इमेजिंग की क्षमता बढ़ेगी।