नई दिल्ली, 30 सितंबर: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को भविष्य के लिए परमाणु हथियारों से होने वाले जैविक खतरों के खिलाफ तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज के डेटा केंद्रित युद्ध के युग में सूचना तक पहुंच दुश्मन को या तो हम पर बढ़त दिला सकती है या उसे कुछ हद तक बढ़त दिला सकती है। हालांकि, डेटा सुरक्षा और डेटा संरक्षण सीधे तौर पर एमएनएस की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन आपको इन सभी प्रकार की चुनौतियों के बारे में पता होना चाहिए। दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) के 100वें स्थापना दिवस पर वैज्ञानिक सत्र को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत परमाणु ब्लैकमेल से नहीं डरेगा। हालांकि, हमारी ओर से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना बहुत कम है, फिर भी इसे हमारी सुरक्षा में शामिल करना समझदारी होगी। रेडियोलॉजिकल प्रदूषण के लिए अलग प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है और यह हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा होना चाहिए। परमाणु खतरों के विरुद्ध तैयारी इसके उपयोग के विरुद्ध निवारक उपाय में योगदान करती है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है। उन्होंने सैन्य नर्सिंग सेवा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय डीएनए अद्वितीय है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अलग-अलग वातावरण या संक्रमणों के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया करती है। व्यापक स्तर पर व्यक्तिगत चिकित्सा डेटा की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और इसमें केस हिस्ट्री, रिपोर्ट और चिकित्सा स्वास्थ्य रिकॉर्ड शामिल हैं। परिचालन डेटा, स्वास्थ्य पैटर्न से संबंधित तैनाती, निकासी योजनाओं को भी लीक से सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। चिकित्सा डेटा की भूमिका-आधारित पहुंच और एन्क्रिप्शन आज के डेटा केंद्रित युद्ध के युग में बहुत प्रासंगिक है। सूचना तक पहुंच दुश्मन को या तो हम पर बढ़त दिला सकती है या उसे कुछ हद तक बढ़त दिला सकती है। हालांकि, डेटा सुरक्षा और डेटा संरक्षण सीधे तौर पर एमएनएस की ज़िम्मेदारी नहीं है, लेकिन आपको इन सभी प्रकार की चुनौतियों के बारे में पता होना चाहिए। सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि कोविड महामारी के बाद के युग में जैविक खतरों के बढ़ने की संभावना है और उन्होंने उनके खिलाफ रक्षा तैयारियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान दुनिया गहन यात्राओं और क्लेशों के दौर से गुजरी है। भविष्य में मानव निर्मित, आकस्मिक या प्राकृतिक जैविक खतरे बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऐसे खतरों से बचाव और संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए अलग उपचार प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। हमें भविष्य में इसके लिए तैयार रहना चाहिए। जनरल चौहान ने सैन्य नर्सिंग सेवा के प्रयासों की भी सराहना की, जिसने कठिन परिस्थितियों में चिकित्सा उपचार में योगदान दिया। हमें तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। हमें नर्सों के प्रशिक्षण में भविष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखना होगा। जनरल चौहान ने कहा कि सैन्य नर्सिंग सेवा ने राष्ट्र के प्रति निःस्वार्थ सेवा के 100 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। नर्सों के समर्पण ने संघर्षों की अग्रिम पंक्ति में, अस्थायी अस्पतालों में, समुद्र में जहाजों पर या मानवीय मिशनों में व्यथित लोगों को सांत्वना और निराश लोगों को आशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि नर्सें स्वास्थ्य सेवा की धड़कन हैं, जो केवल देखभाल से कहीं अधिक आशा, सांत्वना और करुणा प्रदान करती हैं, जब उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। यह देखकर खुशी हुई कि वैज्ञानिक सत्र न केवल महत्वपूर्ण विशेषज्ञता पर, बल्कि देखभाल करने वालों के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कल्याण पर भी केंद्रित है। भारतीय सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ को सेना प्रतिष्ठान से नौसेना या वायु सेना में निर्बाध रूप से स्थानांतरित किया जा सकता है।
उपेंद्र कुशवाहा से मिले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह, विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली आवास में मुलाकात की। पवन सिंह के साथ विनोद तावड़े और ऋतुराज सिंह भी मौजूद थे। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने कहा, “गायक और अभिनेता पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। पवन सिंह बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सदस्य के रूप में एनडीए के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।” वहीं, राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “यह साफ है कि भाजपा ने कुशवाहा के नेतृत्व को चुनौती देने और उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर करने के लिए पवन सिंह को बी-टीम के तौर पर मैदान में उतारा था। यह रणनीति काम कर गई है। आज, कुशवाहा बिहार की राजनीति में प्रासंगिकता खो चुके हैं और उनकी सौदेबाजी की क्षमता भी खत्म हो गई है। पवन सिंह अब किससे मिलते हैं, इसका कोई खास महत्व नहीं है, लेकिन भाजपा उनका इस्तेमाल करके कुशवाहा को किनारे लगाने में कामयाब रही।” बता दें कि पवन सिंह लंबे समय से एनडीए समर्थक माने जाते रहे हैं और उन्होंने कई मौकों पर भाजपा व उसके सहयोगियों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। अब जब बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं, तो पवन सिंह भी राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। आरा विधानसभा भोजपुर का वही क्षेत्र है, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे पहले साल 2000 में सफलता मिली थी। तब से अमरेंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत का चौका लगाया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से पांचवीं बार जीत हासिल की थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि पवन सिंह का भोजपुर इलाके में बड़ी संख्या में फैन बेस है। भोजपुरी सिनेमा के जरिए उन्होंने आम जनता के बीच गहरी पकड़ बनाई है। अगर एनडीए पवन सिंह को आरा से उम्मीदवार बनाती है, तो यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से हमेशा से चर्चा में रही है। भोजपुरी सिनेमा के कलाकारों का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ जैसे कलाकारों ने राजनीतिक अखाड़े में सक्रिय रूप से कदम रखा है।
मोदी ने विजय कुमार मल्होत्रा के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की
नई दिल्ली, 30 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिवंगत विजय कुमार मल्होत्रा के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। श्री मल्होत्रा का मंगलवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री ने श्री मल्होत्रा के योगदान को याद करते हुए कहा कि दिल्ली के विकास के लिए उनके प्रयासों को सदैव याद रखा जाएगा। श्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”स्वर्गीय श्री वी.के. मल्होत्रा जी के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके परिवार के प्रति भी संवेदना व्यक्त की। दिल्ली के विकास और हमारी पार्टी के सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाने में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।” इससे पहले प्रधानमंत्री ने राजनीति एवं संसद में श्री मल्होत्रा से जुड़ी यादों का स्मरण करते हुए एक अन्य पोस्ट में कहा था, ”उनका निधन हम सभी के लिए दुख का विषय है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”
विजय की रैली में भगदड़, देर से पहुंचे नेता या पानी की बोतल बांटने से हुई घटना? क्या है मुख्य कारण
नई दिल्ली, 27 सितंबर: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और राजनेता विजय की रैली के दौरान बड़ा हादसा हो गया। करीब 30 हजार लोग उनकी रैली में पहुंचे थे। भीड़ ज्यादा होने और देर से कार्यक्रम शुरू होने की वजह से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इसमें कई लोगों की मौत और दर्जनों घायल होने की आशंका है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पीड़ितों की मदद युद्धस्तर पर की जाए। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत राहत और इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया। क्या है विजय की पार्टी का नाम विजय जो तमिलगा वेत्रि कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष हैं, वे शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे रैली में पहुंचने वाले थे। लेकिन वे कम से कम 6 घंटे की देरी से पहुंचे। इस दौरान भीड़ लगातार बढ़ती रही और गर्मी के कारण कई लोग बेहोश हो गए। जैसे ही विजय पहुंचे उन्होंने अपनी स्पीच रोककर भीड़ को पानी की बोतलें बांटनी शुरू की। हालांकि, इस दौरान हालात और बिगड़ गए। पानी की बोतल बांटने के दौरान बिगड़े हालात अधिकारियों के मुताबिक, जब विजय ने अपने खास अभियान बस से पानी की बोतलें फेंककर भीड़ को बांटनी शुरू की तो लोग पास अपने की कोशिश में गिर पड़े। इसी वजह से भगदड़ मच गई और कई लोग दबकर घायल हो गए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि एंबुलेंस को भी रास्ता बनाने में मुश्किल हुई और मरीजों को अस्पताल ले जाने में देर लग गई।
करूर भगदड़ पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, घायलों के ठीक होने की कामना की
नई दिल्ली, 27 सितंबर: तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में हुई भगदड़ जैसी स्थिति ने पूरे देश को हिला दिया है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता घायल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। इस कठिन समय में ईश्वर उन्हें शक्ति प्रदान करे। पीएम ने घायलों के लिए शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना भी की। हादसे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा? करूर में टीवीके की रैली के दौरान मची भगदड़ और लोगों की मौत को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की जान जाना बेहद हृदयविदारक है। सिंह ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। हादसे पर बोले अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। शाह ने एक्स पर कहा कि इस दुखद घटना ने उन्हें बेहद प्रभावित किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से प्रार्थना की कि परिवारों को यह दुःख सहने की शक्ति मिले। इसके साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। राष्ट्रपति ने जताई संवेदना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तमिलनाडु के करूर जिले में हुई भगदड़ जैसी घटना में हुई जानमाल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त किया। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि इस दुखद हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति उनकी हार्दिक संवेदना है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की। करूर रैली में भारी भीड़ के कारण कई लोग घायल हुए और स्थानीय अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। प्रशासन और पुलिस राहत कार्य में जुटी हुई है। करूर में बेकाबू हुई भीड़ रिपोर्ट्स के मुताबिक, विजय की रैली में उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग पहुंचे थे। अचानक भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। दो बच्चों समेत दर्जनभर से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े जिन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। करूर के सरकारी और निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में घायलों को भर्ती कराया गया। प्रशासन ने तुरंत अतिरिक्त डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया। जिला प्रशासन ने बताया कि कई मरीजों की हालत गंभीर है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। सीएम स्टालिन ने जताई चिंता तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम और अन्य मंत्रियों को करूर भेजा है ताकि हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके। जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालात बिगड़ते देख विजय को भी अपना भाषण रोकना पड़ा। उन्होंने मंच से पुलिस से मदद की अपील की। इस दौरान वे खुद कार्यकर्ताओं को पानी की बोतलें बांटते दिखे, लेकिन भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता गया। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
तमिलनाडु में टीवीके की रैली में भगदड़, 31 लोगों की मौत; सीएम एमके स्टालिन कल जाएंगे करूर
करूर, 27 सितंबर: तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ मच गई। रैली में भगदड़ से बच्चों समेत 31 लोगों की मौत हो गई है। करूर के अस्पतालों में अफरातफरी मच गई है। पुलिस ने रैली में पहुंची भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया। मंत्री, शीर्ष अधिकारी, पुलिस अधिकारी करूर पहुंच गए हैं। सीएम एमके स्टालिन ने घटना को लेकर चिंता जाहिर की है। तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी करूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि अब तक भगदड़ में 31 लोगों की मौत हो चुकी है और 58 लोगों को भर्ती कराया गया है। भगदड़ की घटना के बाद सीएम ने तुरंत पूछताछ की और जिला कलेक्टर, एसपी और मुझे अस्पताल पहुंचने का आदेश दिया। हमें अतिरिक्त डॉक्टरों को बुलाने और उचित इलाज करने की सलाह दी। कल मुख्यमंत्री खुद यहां आने वाले हैं। अभी तक 46 लोग निजी अस्पताल में हैं, और 12 लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। करूर में रैली के दौरान टीवीके अध्यक्ष के प्रचार वाहन को भारी भीड़ के चलते रोक दिया गया। हालात बेकाबू होते देख विजय को कुछ समय के लिए अपना भाषण रोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि पुलिस कृपया मदद करे। भगदड़ के कारण कुछ कार्यकर्ता बेहोश हो गए। दो एंबुलेंस पार्टी कार्यकर्ताओं को लेकर गईं। इस बीच रैली में विजय ने कार्यकर्ताओं को पानी की बोतलें दीं। इसके बाद हालात बिगड़ते गए। अस्पतालों में पहुंचे कई बेहोश लोगों की मौत हो गई। सूचना पर अस्पताल पहुंचे बेहोश लोगों के परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि विजय की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति और कई लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिली। करूर प्रशासन से मिली जानकारी चिंताजनक है। स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम और जिला कलेक्टर को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने को कहा है। मंत्री अंबिल महेश को भी मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम स्टालिन ने कहा कि उन्होंने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को करूर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सीएम स्टालिन ने करूर में आम जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की। विजय ने सेंथिल बालाजी पर साधा निशाना करूर में रैली के दौरान अभिनेता और राजनेता विजय ने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मंत्री ने गलत कारण से जिले को देश भर प्रसिद्ध बना दिया है। डीएमके ने करूर में हवाई अड्डा बनाने का वादा किया था, लेकिन अब उसने केंद्र से हवाई अड्डा बनाने का आग्रह किया है। इससे पहले नमक्कल में अभिनेता विजय ने रैली की। यहां भी रैली में भारी भीड़ उमड़ी। विजय ने भाजपा के खिलाफ अपना पुराना रुख दोहराया और एआईएडीएमके के साथ उनके गठबंधन को अवसरवादी बताया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है और जनता को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा। विधानसभा चुनाव 2026 में तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके को वोट देना भाजपा को वोट देना होगा।
मोदी ने ओडिशा से किया स्वदेशी 4जी नेटवर्क साहित 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण
झारसुगुड़ा (ओडिशा), 27 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम स्थल से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अनेक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ दूरसंचार, रेलवे, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कौशल विकास, ग्रामीण आवास आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं। कार्यक्रम में ओडिश के राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति, मुख्य मंत्री मोहन चरण माझी, आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंती जुआल ओरांव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री मोदी ने दूरसंचार नेटवर्क में भारत की उन्नत प्रौद्योगिकी विकास क्षमता की घोषणा करने वाली स्वदेशी तकनीक से निर्मित और देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए गए 97,500 से अधिक मोबाइल 4जी टावरों का उद्घाटन किया। इस परियोजना की लागत लगभग 37,000 करोड़ रुपये है। इनमें बीएसएनएल द्वारा स्थापित 92,600 से अधिक 4जी तकनीक वाले स्थल शामिल हैं और इनका वित्तपोषण ‘डिजिटल भारत निधि’ के तहत किया गया है। ये टावर 18,900 से अधिक 4जी साइटों पर लगाये गये हैं और इनसे दूरस्थ, सीमावर्ती और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लगभग 26,700 संपर्कविहीन गाँवों को 4जी नेटवर्क सेवा संपर्क से जोड़ा गया है। सरकार का कहना है कि इससे और 20 लाख से अधिक नए ग्राहकों को सेवा प्रदान की जा सकेगी। ये टावर सौर ऊर्जा से संचालित हैं, जिससे ये भारत के सबसे बड़े हरित दूरसंचार स्थलों का समूह बन गए हैं और यह टिकाऊ बुनियादी ढाँचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री मोदी ने इसके अलावा यहीं से कुछ महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें संबलपुर-सरला में रेल फ्लाईओवर का शिलान्यास, कोरापुट-बैगुडा लाइन के दोहरीकरण और मनाबार-कोरापुट-गोरपुर लाइन का राष्ट्र को समर्पण शामिल है। प्रधानमंत्री ने बरहामपुर और उधना (सूरत) के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखा कर इस रेल सेवा का शुभारंभ किया। उन्होंने लगभग 11,000 करोड़ रुपये के निवेश से आठ आईआईटी-तिरुपति, पलक्कड़, भिलाई, जम्मू, धारवाड़, जोधपुर, पटना और इंदौर-के विस्तार के लिए रिमोट कंट्रोल दबा कर आधारशिला का अनावरण किया। इससे अगले चार वर्षों में 10,000 नए छात्रों की क्षमता का सृजन होगा। इस परियोजना में आठ अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क स्थापित होंगे और देश में नवाचार का पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने इस अवसर पर देश भर के 275 राजकीय इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों में गुणवत्ता, न्यायसंगतता, अनुसंधान और नवाचार में सुधार के लिए बनाई गई मेरिट योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने ओडिशा कौशल विकास परियोजना के दूसरे चरण का भी शिलान्यास किया जिसके तहत संबलपुर और बरहामपुर में विश्व कौशल केंद्र स्थापित किए जाएँगे, जो कृषि प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, खुदरा, समुद्री और आतिथ्य जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। इसके अलावा श्री मोदी ने पाँच आईटीआई को उत्कर्ष आईटीआई के उन्नत की योजना का भी शुभारंभ किया तथा 25 आईटीआई को उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में विकसित करने का काम भी प्रारंभ हुआ। श्री मोदी ने ओडिशा में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 130 उच्च शिक्षा संस्थानों में वाई-फाई सुविधाओं का भी लोकार्पण किया जिससे 2.5 लाख से अधिक छात्रों को प्रतिदिन मुफ्त डेटा सुविधा मिलने लगी है। प्रधानमंत्री ने बरहामपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और संभलपुर स्थित वीआईएमएसएआर को विश्वस्तरीय सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में उन्नत करने की आधारशिला भी रखी। उन्होंने अंत्योदय गृह योजना के तहत 50,000 लाभार्थियों को स्वीकृति आदेश वितरित किये।
‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद, दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारियों के खिलाफ याचिका दाखिल
नई दिल्ली, 27 सितंबर : ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर प्रकरण में दर्ज एफआईआर और की गई गिरफ्तारियों का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया। मुस्लिम संगठनों ने हाईकोर्ट में एफआईआर और गिरफ्तारियों के खिलाफ याचिका दाखिल की है। भारतीय मुस्लिम छात्र संगठन और रजा अकादमी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस याचिका में कहा गया है कि उनकी आस्था की अभिव्यक्ति को सांप्रदायिक बताकर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और गिरफ्तारी की जा रही है, जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। याचिका में मांग की गई है कि जिन लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा किया जाए। यह भी दलील दी गई है कि बड़े पैमाने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ जो शांतिपूर्वक अपना त्योहार मना रहे थे, उन पर दंगा करने, आपराधिक धमकी देने और शांति भंग करने का झूठा आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज कर दिए गए। हाईकोर्ट में दायर याचिका के अनुसार, यह जनहित याचिका भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गई है। इसमें याचिकाकर्ताओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है। ये सभी अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से हैं और इन्हें 20 सिबंतर की एफआई में झूठे तरीके से फंसाया गया है। यह एफआईआर पुलिस स्टेशन काइसरगंज, जिला बहराइच में भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 187 (जानबूझकर चोट पहुंचाने की सजा), 351 (आपराधिक धमकी), 187(2)/188 (दंगा/गैरकानूनी जमावड़ा) और 356 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत दर्ज की गई है। याचिकाकर्ता साधारण लोग हैं, जो दिहाड़ी मजदूर, छात्र और परिवार वाले हैं। उनका एकमात्र अपराध यह है कि उन्होंने पोस्टर, बैनर और शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से अपने त्योहार मनाए। अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धार्मिक अभिव्यक्ति के उनके अधिकार का सम्मान करने के बजाय, उन्हें बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा बिना किसी ठोस सबूत के बदनाम किया गया, निशाना बनाया गया और झूठे आरोप लगाए गए। सर्वोच्च न्यायालय ने बिजॉय इमानुएल बनाम केरल राज्य मामले (1986) 3 एससीसी 615 में कहा था कि धार्मिक आस्था के कारण राष्ट्रगान न गाने जैसे निष्क्रिय धार्मिक अभिव्यक्ति भी संविधान द्वारा संरक्षित है। इसी तरह त्योहार के हिस्से के रूप में पोस्टर और बैनर लगाने का याचिकाकर्ताओं का शांतिपूर्ण कार्य झूठी एफआईआर के माध्यम से अपराध नहीं हो सकता। याचिकाकर्ता ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को झूठे मामले में फंसाना न सिर्फ अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि यह अनुच्छेद 14 और 15 द्वारा गारंटीकृत भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को भी नुकसान पहुंचाता है।
झारसुगुड़ा में बोले पीएम मोदी, डबल इंजन की रफ्तार से आगे बढ़ रहा ओडिशा
झारसुगुड़ा, 27 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा में विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व चल रहा है और ऐसे पावन दिनों में मुझे मां समोली और मां रामोचंडी देवी की इस भूमि पर आप सभी के दर्शन का सौभाग्य मिला है। आपका आशीर्वाद ही हमारी शक्ति है। मैं आप सभी को नमन करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि डेढ़ साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान ओडिशा के लोगों ने एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का प्रण लिया था, ये संकल्प था विकसित ओडिशा। आज हम देख रहे हैं, ओडिशा डबल इंजन की रफ्तार से आगे बढ़ने लगा है। आज फिर एक बार ओडिशा के विकास के लिए, देश के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का काम शुरू हुआ है। आज से बीएसएनएल का नया अवतार भी सामने आया है। बीएसएनएल की स्वदेशी 4जी सर्विसेज लॉन्च हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमारा बहुत जोर गरीबों को, दलितों को, पिछड़ों को, आदिवासियों को मूल सुविधाएं पहुंचाने पर है। जब एक गरीब परिवार को पक्का घर मिलता है तो वर्तमान ही नहीं, भावी पीढ़ियों का जीवन भी आसान हो जाता है। हमारी सरकार देशभर के 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर दे चुकी है। ओडिशा में भी हजारों घर बनाने का काम चल रहा है। आज करीब 50,000 परिवारों को घर की स्वीकृति मिली है। पीएम मोदी ने कहा कि जो भी देश आर्थिक रूप से सशक्त होना चाहता है, वो बड़े-बड़े जहाज निर्माण पर बहुत बल देता है। व्यापार हो, टेक्नोलॉजी हो या फिर देश की सुरक्षा, जहाज निर्माण से हर जगह फायदा होता है। अपने जहाज होंगे तो संकट के समय दुनिया के साथ आयात-निर्यात में रुकावट नहीं आएगी, इसलिए भाजपा सरकार ने देश में बड़े-बड़े जहाज निर्माण के लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा ओडिशा की क्षमता और यहां के लोगों की प्रतिभा पर भरोसा रहा है। प्रकृति ने ओडिशा को कई उपहार दिए हैं। ओडिशा में कई दशकों तक गरीबी रही, लेकिन इस दशक में ओडिशा के लोग खुशहाल जीवन जी सकेंगे। इसके लिए हमारी सरकार ओडिशा में बड़े प्रोजेक्ट ला रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमारा संकल्प है कि चिप से लेकर शिप तक, भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। कोई भी देश जो आर्थिक रूप से मजबूत बनना चाहता है, वह शिपबिल्डिंग को बहुत महत्व देता है। चाहे वह व्यापार हो, टेक्नोलॉजी हो या राष्ट्रीय सुरक्षा, शिपबिल्डिंग हर क्षेत्र में लाभ देती है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि बीएसएनएल ने अपने देश में पूरी तरह से स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी विकसित की है। अपनी मेहनत और विशेषज्ञता से बीएसएनएल ने इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। मैं इस काम में शामिल सभी लोगों को बधाई देता हूं। भारत दुनिया के उन पांच देशों में से एक है, जिसके पास 4जी सर्विस शुरू करने के लिए पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी है। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए कुशल युवा और रिसर्च के लिए अच्छा माहौल बहुत जरूरी है, इसलिए यह भाजपा सरकार की प्राथमिकता भी है। आज ओडिशा के साथ-साथ पूरे देश में शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर पहले कभी नहीं हुआ इतना खर्च किया जा रहा है। इसके लिए ‘मेरिट’ नाम की एक योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, तकनीकी शिक्षा देने वाले संस्थानों पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि पहले हालात कैसे थे। कांग्रेस ने आपको लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ा। 2014 में जब आपने हमें चुना तो हमने आपको कांग्रेस के लूटने के सिस्टम से आजाद किया। भाजपा सरकार में बचत और आय दोगुनी होने का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस को मुझे भांति-भांति की गालियां देने की आदत पड़ गई है। जब हमने जीएसटी की दरें कम कीं तो पूरे देश में दाम कम हुआ, लेकिन कांग्रेस आम जनता को यह सुख देना नहीं चाहती। पहले जब हमने डीजल-पेट्रोल का दाम कम किया था, तब जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें थीं, वहां उन्होंने डीजल-पेट्रोल पर दूसरा टैक्स लगाकर उसका दाम उतना ही रहने दिया और खुद तिजोरी भरते रहे। जब हमारी सरकार ने सीमेंट का दाम कम किया तो हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने अपना ही टैक्स लगा दिया। जो फायदा भारत सरकार हिमाचल के लोगों को देना चाहती थी, उसके बीच कांग्रेस की लुटेरी सरकार दीवार बनकर खड़ी हो गई। कांग्रेस की सरकार जहां भी रहेगी, वहां लोगों को लूटेगी ही।
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर फिर ‘बेतुकी नौटकी’ की आतंकवाद का महिमा मंडन किया: भारत
संयुक्त राष्ट्र/नई दिल्ली, 27 सितंबर : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर भारत ने जोरदार जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान को “आतंकवाद का निर्यातक” बताते हुए उनके “जीत” के दावों पर व्यंग्य कसा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा, “अगर बर्बाद रनवे और जले हुए हैंगर जीत जैसे लगते हैं, जैसा कि उनके प्रधानमंत्री ने दावा किया, तो पाकिस्तान इसका आनंद ले सकता है।” भारत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सेना ने ही संघर्ष रोकने की ‘‘अपील की’’ थी और दिल्ली तथा इस्लामाबाद के बीच किसी भी मसले में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। इससे पहले शरीफ ने अपने भाषण में भारत के खिलाफ जीत का दावा किया था। इस पर भारत ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान के खूब मजे लिए। शहबाज शरीफ का झूठ से भरा भाषण शुक्रवार को यूएनजीए के सामान्य बहस सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर “अकारण आक्रमण” का आरोप लगाया। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने “उड़ान भरी और सात भारतीय जेट विमानों को मलबे में बदल दिया।” शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है। इस दौरान शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया और कहा कि ट्रंप ने मई के संघर्ष के बाद युद्धविराम में “सक्रिय भूमिका” निभाई। भारत का कड़ा जवाब: “नाटकीयता और झूठ से तथ्य छिप नहीं सकते” भारत ने शनिवार को “जवाब देने के अधिकार” (राइट टू रिप्लाई) का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया। भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने शरीफ के भाषण को “बेतुकी ड्रामेबाजी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सभा सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेतुकी नाटकीयता का साक्षी बनी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद की महिमा गाई, जो उनकी विदेश नीति का केंद्र बिंदु है। लेकिन कोई भी ड्रामा या झूठ तथ्यों को छिपा नहीं सकता।” गहलोत ने मई में हुए संघर्ष के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दावों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तान की भारत के खिलाफ धमकियां केवल भारतीय सेना द्वारा 10 मई को कई पाकिस्तानी वायुसेना अड्डों को तबाह करने के बाद ही बंद हुईं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हाल के संघर्ष का एक अजीबो-गरीब विवरण प्रस्तुत किया। इस मामले का रिकॉर्ड स्पष्ट है। 9 मई तक, पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था। लेकिन 10 मई को, उसकी सेना ने हमसे सीधे युद्धविराम की गुहार लगाई। बीच में जो भी घटना हुई वह केवल ये थी कि भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी वायुसेना अड्डों को नष्ट किया। उन नुकसानों की तस्वीरें निश्चित रूप से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। यदि नष्ट हुए रनवे और जले हुए हैंगर जीत की तरह दिखते हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया, तो पाकिस्तान इसे अपनी जीत मानने के लिए स्वतंत्र है।” भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल से उड़ाए पाक के एयरबेस भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उपयोग कर पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेसों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में बहावलपुर, मुरिदके और अन्य रणनीतिक स्थानों पर स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के रनवे, हैंगर और आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा। ब्रह्मोस मिसाइलों की गति और सटीकता ने पाकिस्तानी रक्षा तंत्र को चकमा दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई लड़ाकू विमान और सैन्य सुविधाएं नष्ट हो गईं। भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कई उदाहरण दिए। उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान ने दशक भर तक ओसामा बिन लादेन को शरण दी, जबकि आतंकवाद के खिलाफ “सहयोगी” होने का ढोंग रचता रहा। गहलोत ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) को पाकिस्तान संरक्षण देता है। उन्होंने कहा, “25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने इस पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी संगठन को पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी से बचाया।” उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए बताया कि भारत ने बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों पर हमला कर कई आतंकियों को मार गिराया। गहलोत ने पाकिस्तानी मंत्रियों के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी शिविर चला रहा है। उन्होंने मांग की, “पाकिस्तान को तत्काल सभी आतंकी शिविर बंद करने चाहिए, वांछित आतंकवादियों को सौंपना चाहिए। भारत आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को ‘परमाणु ब्लैकमेल’ से डरे बिना जवाबदेह ठहराएगा।” द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत की स्थिति गहलोत ने कश्मीर और सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान के तीसरे पक्ष को शामिल करने के प्रयासों को खारिज करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान लंबे समय से सहमत हैं कि उनके बीच कोई भी लंबित मुद्दा द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई गुंजाइश नहीं है।” उन्होंने शरीफ के “शांति” के आह्वान पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर वह वास्तव में ईमानदार हैं, तो पाकिस्तान को नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता पर आत्मचिंतन करना चाहिए।”