सासाराम, 17 अगस्त : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार से बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की। इससे पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा वोट नहीं, संविधान बचाने की लड़ाई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार के लोग वोटों की चोरी नहीं होने देंगे। इस मौके पर राजद के अध्यक्ष लालू यादव सहित महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए। राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह संविधान को बचाने की लड़ाई है। पूरे देश में भाजपा और आरएसएस संविधान को मिटाने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी चुनाव होता है, ये लोग जीतते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव से पहले सभी ओपिनियन पोल कह रहे थे कि इंडी गठबंधन चुनाव जीतेगा। लोकसभा में महागठबंधन जीतता है, लेकिन चार महीने में हम हार जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब कार्रवाई हुई तब पता चला कि चुनाव आयोग ने एक करोड़ नए वोटर जादू से पैदा किए। उन्होंने कहा कि हमें उतना ही वोट मिला, लेकिन जितने नए वोटर बने, सभी भाजपा गठबंधन को मिले। उन्होंने इस दौरान कर्नाटक चुनाव की भी चर्चा की। राहुल गांधी ने कहा, “मैंने ‘वोट चोरी’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो चुनाव आयोग ने मुझसे एफिडेविट मांगा। चुनाव आयोग कहता है, ‘आप एफिडेविट दें कि आपका डेटा सही है।’ ये डेटा चुनाव आयोग का है, मुझसे एफिडेविट क्यों मांगा जा रहा है? उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वोटों की चोरी नहीं करने देगी क्योंकि गरीब कमजोर लोगों के पास सिर्फ वोट का हक है। आयोग जो कर रहा है, वो सबको पता है। चुनाव आयोग को हम यह नहीं करने देंगे। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए अरबपतियों के साथ सरकार चलाता है। आप वोट डालते हैं, आपका वोट चोरी किया जाता है और आपका सारा पैसा 5-6 अरबपतियों को दे दिया जाता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की चर्चा करते हुए कहा कि दबाव में आकर उन्होंने जाति जनगणना करवाने की घोषणा कर दी, लेकिन वे 50 प्रतिशत आरक्षण की दीवार नहीं तोड़ना चाहते। उन्होंने कहा कि जब हम लोग आएंगे तो जातीय जनगणना भी कराएंगे और 50 फीसदी आरक्षण का बैरियर भी समाप्त करेंगे। यही नहीं, वोट की चोरी भी नहीं होने देंगे।
‘नकारात्मक राजनीति से दिल्ली को मुक्ति मिली’, केजरीवाल पर पीएम मोदी का बड़ा हमला
नई दिल्ली, 17 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने दिल्ली को बर्बाद किया था। दिल्ली को एक तरह से गड्ढे में गिरा दिया था। इसी दौरान, पीएम मोदी ने बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल को घेरा और कहा कि नकारात्मक राजनीति से दिल्ली को मुक्ति मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में करीब 11 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली दो हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि एक्सप्रेसवे का नाम द्वारका, जहां ये कार्यक्रम हो रहा है उस स्थान का नाम रोहिणी, जन्माष्टमी का उल्लास और संयोग से मैं भी द्वारिकाधीश की भूमि से हूं। पूरा माहौल कृष्णमय हो गया है। पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दिल्ली में हम लंबे समय से सत्ता में नहीं थे। हम देखते हैं कि पिछली सरकारों ने दिल्ली को किस तरह बर्बाद किया, दिल्ली को एक तरह से गड्ढे में गिरा दिया था। मैं जानता हूं कि भाजपा की नई सरकार के लिए लंबे अरसे से बढ़ रही मुसीबतों से दिल्ली को बाहर निकालना कितना कठिन है। पहले गड्ढा भरने में ताकत जाएगी, फिर बड़ी मुश्किल से कुछ काम नजर आएगा। लेकिन, मुझे भरोसा है कि दिल्ली में जिस टीम को आपने चुना है, वो मेहनत करके पिछले कई दशकों की समस्याओं से दिल्ली को बाहर निकाल कर रहेंगे।” पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “ये संयोग भी पहली बार बना है कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में चारों तरफ भाजपा सरकार है। ये दिखाता है कि इस पूरे क्षेत्र का कितना आशीर्वाद भाजपा पर और हम सभी पर है। इसलिए हम अपना दायित्व समझकर दिल्ली-एनसीआर के विकास में जुटे हैं।” प्रधानमंत्री ने अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना करारा तंज कसते हुए कहा, “कुछ राजनीतिक दल हैं, जो जनता के आशीर्वाद को पचा नहीं पा रहे हैं। वे जनता के विश्वास और जमीनी सच्चाई से कट चुके हैं। याद होगा कि कुछ महीने पहले किस तरह दिल्ली-हरियाणा के लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और दुश्मनी बनाने की साजिश रची गई। यहां तक कह दिया गया कि हरियाणा के लोग दिल्ली के पानी में जहर मिला रहे हैं। इस तरह की नकारात्मक राजनीति से दिल्ली को मुक्ति मिली है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम एनसीआर के कायाकल्प का संकल्प लेकर चल रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यह हम करके दिखाएंगे। गुड गवर्नेंस भाजपा सरकारों की पहचान है। भाजपा सरकारों के लिए जनता जनार्दन ही सर्वोपरि है। जनता ही हमारी हाईकमांड है। हमारी कोशिश रहती है कि जनता का जीवन आसान बनाएं और यही हमारी नीति और निर्णायों में दिखता है। उन्होंने हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकारों को भी निशाने पर लिया। बोले, “हरियाणा में एक समय कांग्रेस सरकारों का था, जब बिना खर्ची-पर्ची के एक नियुक्ति मिलना भी मुश्किल था। हरियाणा में भाजपा सरकार ने लाखों युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी है। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह सिलसिला चल रहा है।”
पीएम मोदी ने 8 लेन एलिवेटेड हाईवे का किया उद्घाटन, जाम से मिलेगी निजात
नई दिल्ली, 17 अगस्त : पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के पहले 8 लेन एलिवेटेड हाईवे का उद्घाटन किया। गुरुग्राम से दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट तक बने इस द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 का भी उद्घाटन हुआ। पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 का उद्घाटन किया। इन दोनों प्रोजेक्ट पर 11 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच जाम से लोगों को निजात मिलेगी। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली को हमें विकास का ऐसा मॉडल बनाना है, जहां से सबको महसूस हो कि ये विकसित होते भारत की राजधानी दिल्ली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम में पहुंचने से पहले पीएम मोदी द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहुंचे। जहां उन्होंने एक्सप्रेसवे पर काम करने वाले मजदूरों से बात कर उनके अनुभव जाने। इसके बाद अधिकारियों से प्रोजेक्ट की जानकारी ली। कार्यक्रम स्थल पर जाते पीएम ने रोहिणी से लेकर बक्करवाला तक रोड शो किया, जिस दौरान हाईवे के दोनों किनारों पर खड़े लोगों का गाड़ी से बाहर निकलकर अभिवादन किया। कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता और हरियाणा के सीएम नायब सैनी भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने कहा कि लंबे अरसे के बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी है। हम देखते हैं कि दिल्ली की पिछली सरकारों ने दिल्ली को बर्बाद किया। मैं जानता हूं कि बीजेपी की नई सरकार को दिल्ली को उबारने में काफी समय लगेगा। पहले तो गड्ढा भरने में टाइम जाएगा फिर कुछ काम दिखेगा, लेकिन मुझे भरोसा है कि पिछले दशकों की समस्याओं को दिल्ली को बाहर ये सरकार निकालेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर परेशानी से दिल्ली वालों को मुक्त करने जा रही है। मुझे खुशी है कि सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली की बीजेपी सरकार यमुना की सफाई में जुटी हुई है। अब तक यमुना से सोलह लाख मीट्रिक टन कचरा हट चुका है। बहुत कम समय में दिल्ली में साढ़े छह सौ ईवी इलेक्टिक बसें शुरू की गई हैं। भविष्य में ईवी बसें दो हजार का आंकड़ा पार कर जाएंगी। पीएम मोदी ने कहा कि ये दोनों सड़कें शानदार बनी हैं। पैरीफेरी एक्सटेंशन के बाद अब दिल्ली अर्बन एक्सटेंशन को बहुत जल्दी सुविधा मिलने वाली है। अर्बन एक्सटेंशन रोड बनाने में लाखों टन कचरा काम में लाया गया, यानी कूड़े के पहाड़ को कम करके सड़क बनाने में किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने इसके लिए अलग अलग स्तर पर काम किया है। हमने दस सालों में अभूतपूर्व विकास किए। दिल्ली एनसीआर में मेट्रो के मामले में दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो मार्केट हैं। ग्यारह सालों में दिल्ली एनसीआर में आना जाना पहले के मुकाबले आसान हुआ है। पीएम मोदी ने कहा साथियों, दिल्ली को बेहतरीन शहर बनाने का जो बीड़ा हमने उठाया है, वह जारी है। आज भी हम सभी इसके साक्षी बने। उन्होंने कहा- एक्सप्रेस वे का नाम द्वारिका, जहां ये कार्यक्रम हो रहा है उस स्थान का नाम रोहिणी, जन्म अष्टमी का उल्लास, संयोग से मैं भी द्वारिकाधीश की भूमि से हूं। पूरा माहौल कृष्ण मय हो गया है। उन्होंने कहा कि अगस्त का ये महीना आजादी के रंग में क्रांति के रंग में रंगा होता है। आजादी के इस महोत्सव के बीच आज देश की राजधानी दिल्ली देश में हो रही, विकास क्रांति की साक्षी बन रही है। दिल्ली को द्वारिका एक्सप्रेस वे और अर्बन एक्सटेंशन रोड की कनेक्टिवटी मिली। इससे दिल्ली के गुरुग्राम के एनसीआर के लोगों की सुविधा बढ़ेगी। आना जाना आसान होगा, समय बचेगा। जो व्यापारी-कारोबारी वर्ग है, जो हमारे किसान हैं, उनको विशेष लाभ होने वाला है। दिल्ली एनसीआर के सभी लोगों को इस आधुनिक सड़कों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर देश ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली, 16 अगस्त: भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज पूरे देश में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। राजधानी दिल्ली स्थित उनके स्मारक ‘सदैव अटल’ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और विपक्षी नेताओं ने पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा – “विकसित भारत के लिए हमेशा प्रेरित करेंगे अटल जी” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर श्रद्धांजलि संदेश देते हुए लिखा – “सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनका समर्पण और सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करने वाला है।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अर्पित की श्रद्धांजलि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी ‘सदैव अटल’ पहुंचीं और वाजपेयी को नमन किया। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व और दूरदर्शी सोच ने भारतीय राजनीति में नई ऊँचाइयाँ दीं। वे सदैव लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। गृह मंत्री अमित शाह बोले – “मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा – “पूर्व प्रधानमंत्री, भाजपा के संस्थापक सदस्य, भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मूल्य-आधारित राजनीति को आगे बढ़ाते हुए विकास और सुशासन की मजबूत नींव रखी। अटल जी ने सिद्धांतों और विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया, भले ही इसके लिए उन्हें अपनी सरकार गंवानी पड़ी। पोखरण परमाणु परीक्षण और कारगिल विजय उनके साहस और नेतृत्व की मिसाल हैं।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया याद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा – “मैं अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उन्होंने अपना पूरा जीवन एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के संकल्प के साथ समर्पित किया। राष्ट्र उनके इस अभूतपूर्व योगदान को सदैव याद रखेगा।” जेपी नड्डा ने कहा – “भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत” भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा – “असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत, सुशासन के आदर्श प्रतिमान, श्रद्धेय अटल जी ने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। जनसेवा और राष्ट्रोत्थान के उनके विचार भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सदैव मार्गदर्शक रहेंगे।” अन्य नेताओं ने भी अर्पित की श्रद्धांजलि इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, जदयू सांसद संजय झा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कई अन्य नेताओं ने भी स्मारक स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि अटल जी भारतीय राजनीति की ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने सभी दलों को समान सम्मान दिया और लोकतंत्र की गरिमा को नई पहचान दी। तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल जी 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। 1996 में वे 13 दिनों तक प्रधानमंत्री रहे, 1998 में 13 महीने और 1999 में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। वे पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पूर्ण कार्यकाल पूरा किया। अटल जी को उनकी ओजस्वी वाणी, काव्यात्मक शैली और सर्वजन हिताय राजनीति के लिए हमेशा याद किया जाता है। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया था। देशभर में श्रद्धांजलि आज उनकी पुण्यतिथि पर देशभर में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही हैं। भाजपा के साथ ही अन्य दलों के नेताओं ने भी उन्हें नमन किया और कहा कि उनका जीवन और विचार सदैव राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
भारत को धमकाने वाले ट्रंप की पुतिन के आगे एक नहीं चली, डीलमेकर और पीसमेकर की छवि को बड़ा झटका, बॉडी लैंग्वेज से समझें
वॉशिंगटन, 16 अगस्त : पीसमेकर और डीलमेकर बताकर खुद की वाहवाही करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में हुई वार्ता बेनतीजा रही। बातचीत खत्म होने के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने खुद ये बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि पुतिन से वार्ता के दौरान किसी समझौते पर नहीं पहुंचे। ट्रंप ने कहा कि हालांकि, दोनों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन जब तक असल डील न हो, कोई डील नहीं होती। इस बीच एक्सपर्ट ने पुतिन और ट्रंप की मुलाकात को बॉडी लैंग्वेज के लिए मास्टर क्लास बताया है। वहीं, ये शिखर वार्ता ट्रंप की डीलमेकर छवि के लिए बड़ा धक्का लेकर आई है। बंद कमरे में मुलाकात के लिए पहुंचने के दौरान दोनों का वीडियो सामने आया है। वार्ता के लिए कमरे में जानें के दौरान पुतिन पूरी तरह कॉन्फिडेंट नजर आए। पुतिन ने कमरे में पहले एंट्री ली, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके बाद घुसे। इस दौरान ट्रंप के चेहरे पर एक निराशा और कन्फ्यूजन दिखाई दे रहा था। इतना ही नहीं, पुतिन अधिकारभाव से लीडरशिप दिखाते हुए आकर खड़े हुए। इस दौरान पुतिन कमांडिग पोजीशन में थे। ट्रंप का कन्फ्यूजन इतना ज्यादा था कि पहले वो खुद बैठने लगे फिर उन्होंने खड़े होकर पुतिन से बैठने को कहा। नहीं बनी किसी समझौते पर सहमति तीन घंटे की बैठक के बाद दोनों नेताओं में यूक्रेन युद्ध को लेकर किसी समझौते पर सहमति नहीं बनी। दोनों नेताओं ने इसके बाद मीडिया को संयुक्त बयान दिया और बिना किसी सवाल का जवाब दिए बिना चले गए। ट्रंप ने शिखर सम्मेलन के बाद कहा कि जब तक कोई डील नहीं होती, तब तक कोई डील नहीं है। यह बात को घुमाकर कहने का तरीका था कि कोई समझौता नहीं हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हों पुतिन के साथ ‘कुछ बड़ी प्रगति’ की है, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और इसे कल्पना पर छोड़ दिया गया है। ट्रंप की पीसमेकर छवि को बड़ा झटका बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन ने डोनाल्ड ट्रंप की शांति समझौता कराने वाली पीसमेकर छवि को बड़ा झटका लगाया है। मुलाकात से एक दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने छह महीने से भी कम समय में छह शांति समझौते कराए हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई संघर्ष के बाद युद्धविराम का भी क्रेडिट लिया, जिसे भारत लगातार खारिज करता रहा है। ट्रंप जो खुद को पीसमेकर और डीलमेकर बताना पंसद करते हैं, ऐसा लगता है कि उनके लिए अलास्का में इनमें से किसी छवि को बचाना संभव हुआ है। पुतिन ने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का ऑफर दिया है, इसके बावजूद ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ कोई शिखर सम्मेलन होने वाला है। ट्रंप की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हालांकि, इस वार्ता में यूक्रेन या रूस की तुलना में ट्रंप का बहुत कम दांव पर लगा था, लेकिन यह उनकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाएगा। इसके अलावा ट्रंप को चुप खड़े रहने का अपमान भी सहना पड़ा। पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की। यह ओवल ऑफिस की सामान्य दिनचर्या से अलग था, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति आमतौर पर दरबार लगाते हैं और उनके विदेशी समकक्ष चुपचाप सुनते हैं। हालांकि, अलास्का आज अमेरिकी क्षेत्र है, लेकिन बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि पुतिन वहां ज्यादा सहज लग रहे थे।
आपरेशन सिंदूर भारतीयों के आक्रोश की अभिव्यक्ति : मोदी
नई दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपरेशन सिंदूर को सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ भारत की जनता के आक्रोश की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा है कि भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और रोज नये नये खुलासे हो रहे हैं। श्री मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में शुक्रवार को कहा ‘आपरेशन सिंदूर 140 करोड़ देशवासियों की आक्रोश की अभिव्यक्ति है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे देश की सेना ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है जिसको वे लंबे समय तक नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान में सैंकड़ों किलोमीटर घुसकर कार्रवाई की। आतंकवादियों के ठिकानों को मटियामेट कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि आज मुझे लाल किले की प्राचीर से आपरेशन सिंदूर के वीर जवानों को सैलूट करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।’ प्रधानमंत्री ने कहा ’22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकवादियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया, धर्म पूछकर लोगों को मारा, पत्नी के सामने उसके पति को गोलियां मार दी गईं, बच्चों के सामने उनके पिता मौत के घाट उतार दिया गया उससे पूरा हिन्दुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था।
दुनिया से मुकाबले के लिए मोदी का लाल किले से आत्मनिर्भरता, स्वदेशी और एकजुटता का आह्वान
नई दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में बढते संरक्षणवाद के बीच विकसित और वैश्विक रूप से हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशी को मूल मंत्र बताते हुए राजनीतिक दलों और सभी देशवासियों से इसके लिए अपनी पूरी शक्ति लगाने का पुरजोर आह्वान किया है। श्री मोदी ने भारत के खिलाफ व्यापार के क्षेत्र में बढ रहे दबावों के बीच कहा कि विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भरता अनिवार्य शर्त है। उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों तथा कमजोर वर्गों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और स्वदेशी को अपनी मजबूती के लिए अपनाकर दूसरों को मजबूर करेगा। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यहां 79 वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 12 वीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने अब तक के सबसे लंबे भाषण में देश के समक्ष चुनौतियों, देश की ताकत और देश के भविष्य का खाका प्रस्तुत किया जिसमें रक्षा और सुरक्षा से लेकर आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया है। उन्होंने इसी संदर्भ में नई योजनाओं और पहलों की घोषणा की जिसमें युवाओं के लिए रोजगार योजना, सैन्य और असैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए मिशन सुदर्शन चक्र, अवैध घुसपैठियों से निपटने के लिए उच्च अधिकार प्राप्त मिशन, जीएसटी में नई पीढी के सुधार, देश को दस लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुधारों पर कार्य बल के गठन, लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी इंजन के विकास, परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में विस्तार और खनिज तेल तथा गैस के लिए गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिए समुद्र मंथन जैसी कई घोषणाएं शामिल हैं। उन्होंने सेमिकंडक्टर मिशन की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में इसी वर्ष माइक्रोचिप का विनिर्माण शुरू हो जायेगा। उन्होंने अंतरिक्ष में भारत की ऊंची उडान का जिक्र किया और कहा कि देश गगनयान मिशन की अपने बल पर सफलता तथा अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। श्री मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत अब परमाणु धमकी में आने वाला नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेनाओं को खुली छूट दी गयी है। सिंधु जल संधि को अन्यायपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत इसे मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने भारत के खिलाफ व्यापारिक कार्रवाई कर रहे देशों को करारा संदेश देते हुए दोहराया कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित के साथ कभी कोई समझौता नहीं करेगा और न ही किसी देश के चंगुल में आयेगा। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी की भावना को मजबूत करने के लिए सभी दलों से मिलकर काम करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने दुकानदारों से अपनी दुकान पर ‘यहां स्वदेशी माल बिकता है’ के बोर्ड लगाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्र सेवा की सराहना करते हुए संगठन को उसके शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं भी दी। श्री मोदी ने लाल किले से पिछले संबोधन में किये गये पंच प्रणों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘विकसित भारत के लिए न रूकेंगे, न झुकेंगे, परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे और 2047 में अपनी आंखों के सामने विकसित भारत बना कर रहेंगे।” विरासत को भारत का गौरव तथा आभूषण बताते हुए उन्होंने कहा कि हम जीवन में, व्यवस्थाओं में और नियम, कानून परंपराओं में गुलामी का एक भी कण नहीं बचने देंगे। उन्होंने देश की एकता को शक्तिशाली मंत्र बताते हुए कहा कि हम एकता की डोर को कटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह कर्तव्य पूजा और तपस्या से कम नहीं है और उसी भाव से हम सब मातृभूमि के कल्याण के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे। हम अपने आप को खपा देंगे, जो भी सामर्थ्य है, अवसर है उसे नहीं छोड़ेंगे और नये अवसर बनायेंगे।” उन्होंने भाषण के समापन पर जय हिन्द के उद्घोष से पहले कविता की इन पंक्तियों में अपने भावों का उद्गार करते हुए कहा, ‘‘परिश्रम में जो तपा है, उसने ही इतिहास रचा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है, उसने ही समय को मोड़ा है। समय को मोड़ देने का भी यही समय है, सही समय है।” उन्होंने कहा कि ये पंक्तियां बहुत सुंदर हैं जो हमें हर क्षण की महत्ता समझने और उसे व्यर्थ न गँवाने के लिए प्रेरित करती हैं।
पीएम मोदी ने 12वीं बार लाल किले पर किया ध्वजारोहण, स्वतंत्रता दिवस को बताया ‘140 करोड़ संकल्पों का महापर्व’
नई दिल्ली, 15 अगस्त: देश ने आजादी का 79वां पर्व उत्साह और गौरव के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये दिवस 140 करोड़ संकल्पों का महापर्व है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 12वीं बार ध्वजारोहण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा मौजूद रहीं। ध्वजारोहण के साथ ही 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) की ओर से 21 तोपों की सलामी दी गई। इस सलामी के लिए पूरी तरह स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन का इस्तेमाल किया गया। बैटरी की कमान मेजर पवन सिंह शेखावत के पास थी, जबकि नायब सूबेदार अनुतोष सरकार गन पोजिशन ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा रहे थे। पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “आजादी का यह महापर्व 140 संकल्पों का पर्व है। आजादी का ये पर्व सामूहिक सिद्धियों और गौरव का पर्व है। हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा है। भारत के हर कोने से, हिमालय हो या रेगिस्तान हो या समुद्र तट हो, हर तरफ एक ही गूंज है- हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है।” उन्होंने कहा कि 1947 में अनंत संभावनाओं के साथ कोटि-कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ देश आजाद हुआ। देश का आकांक्षाएं उड़ाने भर रही थीं, लेकिन चुनौतियां उससे भी कुछ ज्यादा थी। पूज्य बापू के सिद्धांतों पर चलते हुए संविधान सभा के सदस्यों ने महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। भारत का संविधान 78 वर्ष से प्रकाश स्तंभ बनकर मार्ग दिखाता रहा है। भारत के संविधान निर्माता डॉ राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहेब अंबेडकर, पंडित नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी रहे हैं। इतना ही नहीं हमारी नारी शक्ति का भी योगदान रहा। मैं इन सभी और संविधान के निर्मातओं को नमन करता हूं। हम आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे भारत के संविधान के लिए जान देने वाले पहले पुरुष थे। धारा 370 की दीवार गिराकर एक देश, एक संविधान के मंत्र को जब साकार किया, तब डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी।’ समारोह से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री ने परेड का निरीक्षण भी किया। ध्वजारोहण से पहले पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों से भेंट की। लाल किले पर तिरंगे के लहराते ही देशभर में देशभक्ति का माहौल और गहरा हो गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, जवानों और देशवासियों के योगदान को याद करते हुए भविष्य के भारत के लिए अपने विजन को साझा किया।
ओडिशा, पंजाब, आंध्र प्रदेश में चार नई सेमीकंडक्टर कारखाना परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली, 12 अगस्त : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को देश भर में 4,594 करोड़ रुपये की लागत से चार नई सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना को मंजूरी दे दी। इनमें से दो कारखाने ओडिशा में, जबकि एक-एक आंध्र प्रदेश और पंजाब में स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार के अनुसार, इन चार अप्रूव्ड प्रस्तावों से कुल मिलाकर 2034 कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इससे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को गति मिलेगी और कई अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके खुलेंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन परियोजनाओं को ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के तहत स्वीकृति दी गई है। सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय मदद देने के इरादे से इस मिशन के लिए 76,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वैष्णव ने कहा, “मंत्रिमंडल ने चार सेमीकंडक्टर प्लांट को स्वीकृति दी है जिनकी स्थापना ओडिशा, पंजाब एवं आंध्र प्रदेश में की जाएगी।” कहां कितना होगा निवेश वैष्णव ने कहा कि भुवनेश्वर में सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिस पर सिकसेम प्राइवेट लिमिटेड 2,066 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ओडिशा में ही एक 3डी ग्लास निर्माण संयंत्र भी स्थापित होगा, जिस पर 1,943 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस संयंत्र में अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां इंटेल और लॉकहीड मार्टिन सहित अन्य का निवेश होगा। मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश में चिप पैकेजिंग संयंत्र को मंजूरी दी है, जिसे एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड 468 करोड़ रुपये के निवेश से लगाएगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे बनाने वाली कंपनी सीडीआईएल की पंजाब में 117 करोड़ रुपये के निवेश वाली सेमीकंडक्टर परियोजना को भी मंजूरी दी गई है।
बिहार एसआईआर : चुनाव आयोग के सामने अब तक 13,970 निर्वाचकों ने दर्ज कराई आपत्ति, विपक्ष 12 दिन बाद भी खामोश
नई दिल्ली, 12 अगस्त : बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के अगले चरण में मतदाता सूची में सुधार के लिए चुनाव आयोग विशेष अभियान चला रहा है। इसमें बिहार के लोग वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने या हटाने के लिए दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि 12 अगस्त सुबह 10 बजे तक 13,970 निर्वाचकों ने सीधे दावे और आपत्तियां दर्ज कराई हैं। अहम यह है कि बिहार से दिल्ली तक हंगामा करने वाले राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के सामने मतदाता सूची संबंधी अभी तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। चुनाव आयोग के दैनिक बुलेटिन में जारी आंकड़ों के अनुसार, 18 साल की आयु पूर्ण करने वाले या उससे अधिक उम्र के मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म-6 और घोषणा पत्र संबंधी कुल 63,591 दर्ज हुई हैं। इसके अलावा, निर्वाचक नामावली के संबंध में निर्वाचकों से सीधे प्राप्त दावे और आपत्तियों की संख्या 13,970 है, जिसमें से चुनाव आयोग ने 7 दिन के भीतर 341 दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया है। आयोग ने बताया कि पूरे बिहार में 12 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के कुल बीएलए 1,60,813 हैं। इनमें से किसी भी पार्टी के बीएलए ने निर्वाचक नामावली के संबंध में नाम जोड़ने या हटाने के लिए आपत्ति नहीं की है। इन बीएलए में कांग्रेस के 17,549 और राजद के 47,506 बीएलए भी शामिल हैं। नियमों के अनुसार, दावों और आपत्तियों का निस्तारण संबंधित ईआरओ या एईआरओ की तरफ से 7 दिन की अवधि समाप्त होने पर पात्रता दस्तावेज की जांच के बाद किया जाना है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नाम को ईआरओ या एईआरओ की जांच पड़ताल के बाद स्पीकिंग आदेश पारित किए बिना नहीं हटाया जा सकता है। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची के बाद आपत्ति दर्ज कराने संबंधी प्रक्रिया शुरू की थी।