दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत, दो लापता

दार्जिलिंग, 05 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार को कई जगह लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी शनिवार को दी। भूस्खलन के कारण कई मकान बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया। दार्जिलिंग उप-मंडलीय अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने ‘भाषा’ को बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा मोचन दल का बचाव और राहत अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मिरिक झील क्षेत्र में बचाव अभियान में मदद कर रहा है। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया है। सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची) और मिरिक झील क्षेत्र जैसे कई स्थानों से लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। धार गांव में मलबे से कम से कम चार लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई मकान ढह गए। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को ‘चिंताजनक’ बताया और विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या 17 बताई। गुहा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘जान का नुकसान होना दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा, ‘इलाका फिसलन भरा है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अब भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर खुदाई करने वाली मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।’ एहतियात के तौर पर बिष्णुलाल गांव, वार्ड तीन लेक साइड और जसबीर गांव में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है तथा स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और जिला प्रशासन के समन्वय से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है तथा और अधिक भूस्खलन होने एवं सड़कें अवरुद्ध होने की चेतावनी दी है। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता मिरिक झील के पास लापता हुए दो लोगों का पता लगाना और संपर्क से कटे क्षेत्रों में संपर्क बहाल करना है।

बिहार में 22 नवंबर से पहले संपन्न होंगे चुनाव, बीएलओ को ट्रेनिंग से मोबाइल तक दिखेंगे कई बदलाव : सीईसी ज्ञानेश कुमार

पटना/नई दिल्ली, 05 अक्टूबर : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि पूरी चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। सबसे पहले चुनाव आयोग ने बिहार की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके अलावा, बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों, नोडल अफसरों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार, स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों और सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सचिवों के साथ भी बैठक की गई। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले ट्रेनिंग शामिल है। बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई। बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई। बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा, “साधारण तौर से पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग जिला या राज्य में ही होती थी। इस बार मानक के तौर पर इनकी दिल्ली में भी ट्रेनिंग शुरू की गई। मतदाता सूची में सबसे बड़ी पहल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की रही। यह काम 24 जून से शुरू हुआ और समयबद्ध तरीके से सभी मतदाताओं के सहयोग के साथ समाप्त हुआ।” मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बूथ लेवल अफसर को, जब वे मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से ही देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में मिलेगा। इससे मतदाता बूथ तक सुगमता के साथ जा सकते हैं। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अब तक बन चुकी थीं। इन सभी को मिलाकर एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है। बिहार में इसको लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने पर लाइनें लगती थीं, इसलिए पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी।

अवेयरनेस, एक्सेस और एक्शन के मंत्र के साथ हर नागरिक पा सकता है अपना पैसा वापस : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

गांधीनगर/नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अगर तीन ‘ए’ अवेयरनेस, एक्सेस और एक्शन को पूरा किया जाए तो सेफ कस्टडी में पड़े धन को उचित दस्तावेजों के साथ नागरिकों द्वारा सही तरीके से क्लेम किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुजरात के गांधीनगर में वित्तीय क्षेत्र में अनक्लेम्ड एसेट्स के कुशल एंव त्वरित निपटान को सुगम बनाने के लिए ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ अभियान का शुभारंभ किया। यह अक्टूबर से दिसंबर तक चलने वाला तीन महीने का एक राष्ट्रव्यापी जागरुकता अभियान है। कार्यक्रम में अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि आप इस अभियान के एम्बेसडर बनें, अपने परिचित लोगों से संपर्क करें। उनसे पूछें कि क्या उनके पास किसी अनक्लेम्ड फाइनेंशियल एसेट्स का कोई कागज है। अगर उन्हें ऐसे पेपर्स की जानकारी लोगों से मिलती है तो दूसरों को पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए मार्गदर्शन करें ताकि लोग अपनी संपत्ति का दावा कर सकें। वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा, “इस पहल से अनगिनत नागरिकों को लाभ होने की उम्मीद है। मैं आपसे विनम्र निवेदन करती हूं कि आप अपने समुदायों और आस-पास के इलाकों में इस अभियान के बारे में प्रचार करें।” वित्त मंत्री ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि मैं उनकी आभारी हूं कि उन्होंने मुझे एक बार यह सलाह दी कि मैं लोगों के बीच जाऊं और उन्हें उनके हक को पाने के लिए उनका आह्वान करूं। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी की सलाह पर अमल करते हुए, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात ने इस अभियान को शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।” वित्त मंत्री ने कहा, “वित्त मंत्रालय, नियामकों, राज्य सरकारों और गांवों के बैंकों सहित सभी के सम्मिलित प्रयासों से अगर पूरी श्रृंखला सक्रिय हो जाए, तो हर कोई अपना पैसा वापस पा सकेगा। यह न केवल हमारा आश्वासन है, बल्कि हमारा कर्तव्य भी है।” निर्मला सीतारमण ऑफिस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है कि अनक्लेम्ड फाइनेंशियल एसेट्स अक्सर जागरुकता और आउडेटेड अकाउंट डिटेल्स की वजह से अनक्लेम्ड रह जाते हैं, जिसमें इंश्योरेंस पॉलिसी क्लेम, बैंक डिपॉजिट, डिविडेंट, शेयर और म्यूचुअल फंड की आय शामिल है। इस अभियान के दौरान, नागरिकों को उनके अनक्लेम्ड एसेट्स, अपडेट रिकॉर्ड, क्लेम प्रक्रिया को पूरा करने के तरीकों को लेकर तत्काल मार्गदर्शन दिया जाएगा। साथ ही, डिजिटल टूल्स और स्टेप-बाय-स्टेप प्रदर्शन भी प्रदर्शित किए जाएंगे।

ट्रंप के गाजा प्लान पर हमास की रजामंदी के बाद पीएम मोदी ने की अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: गाजा में संघर्ष रोकने को लेकर फिलिस्तीनी समूह हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर सहमति दे दी है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।” हमास की हामी के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान भी सामने आया है। पीएम नेतन्याहू ने कहा, “हमास की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इजरायल सभी बंधकों की शीघ्र रिहाई के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन की तैयारी कर रहा है। हम इजरायल द्वारा निर्धारित सिद्धांतों, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, के अनुसार युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति और उनकी टीम के साथ पूर्ण सहयोग से काम करना जारी रखेंगे।” इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय सीजफायर प्लान के समर्थन में कहा था कि हम गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक योजना का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे। दरअसल संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के इस फैसले का स्वागत किया। दुजारिक ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हमास द्वारा जारी बयान का स्वागत करते हैं और इससे उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से गाजा पट्टी में संघर्ष को समाप्त करने के अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया और कतर तथा मिस्र को उनके अमूल्य मध्यस्थता कार्य के लिए धन्यवाद दिया।

बिहार के युवाओं के भविष्य की गारंटी देने वाली योजनाएं शुरू हुई : मोदी

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार के युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है जो उनके भविष्य की गारंटी है। श्री मोदी ने शिक्षा एवं कौशल से जुड़ी 62000 करोड़ की योजनाओं का शनिवार को शुभारंभ करने के बाद कहा कि समारोह इस बात का प्रतीक है कि भारत आज कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों को शिक्षा और कौशल विकास की दो बड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं। जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे तब तक शायद वह पाना आप को कम महसूस होगा इसलिए हम श्रमयेव जयते और श्रमेव पूज्यते कहते है। उसी भाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं ताकि आईटीआई के शिक्षार्थियों में विशास पैदा हो। कौशल का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान हो। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को कई योजनाएं शुरू हुई है। यहाँ जो योजनाएं शुरू हुई वह नौजवानों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का मेगा योजना है। भारत ज्ञान और कौशल का देश है यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इससे देश के जरूरतों से जुड़ने से ताक़त और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि ‘लोकल प्रतिभा, लोकल कौशल’ को तेज़ी से आगे बढ़ाने में आईटीआई की बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आईटीआई आत्मनिर्भर भारत के वर्कशॉप है इसलिए हमारा फोकस इनकी संख्या बढ़ाने के साथ इनको अपग्रेड करने की है। बीते एक दशक में पाँच हज़ार आईटीआई बनाई गई। आजादी के बाद सिर्फ दस हज़ार आईटीआई बने जबकि हमारे कार्यकाल में पाँच हज़ार नए आईटीआई बनाए। उन्होंने कहा कि पीएम सेतु के माध्यम में आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। भविष्य की माँग के हिसाब से अपग्रेड होगा। उन्होंने कहा कि हमारे नौजवानों के लिए दुनिया में नए अवसर बन रहे हैं। बिहार में दो ढाई दशक पहले शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थे और मजबूरी में बच्चों को बिहार को छोड़कर बाहर जाना पड़ता था। यही से पलायन की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने बिगड़ी हुई व्यवस्था को पटरी पर लाए। राजद की सरकार ने बिहार का किया हाल कर दिया था। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम एक स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वाली आर्मी ने नहीं बनाया, उन्हें जनता ने बनाया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग जननायक टाइटल को भी चोरी करने में लगे हैं, बिहार के लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है। यह विश्विद्यालय उनकी सोच को आगे बढ़ाने का कम करेगा। बिहार की डबल इंजन की सरकार बिहार के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राजद कांग्रेस की सरकार की तुलना में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। बीते दो दशक में बिहार सरकार ने 50 लाख युवकों को रोज़गार से जोड़ा है। बिहार सरकार आने वाले पाँच साल में एक करोड़ रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस समय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उत्सव चल रहा है। बिहार के युवाओं को उनकी ज्यादातर जरूरतों पर जीएसटी कम होने की बधाई देता हूँ। आज भारत तीन बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ़ बढ़ रहा है। विनिर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यह समय देश के युवा के लिए अवसरों से भरा पड़ा है। युवाओं की शक्ति विकसित भारत की शक्ति बनेगी।

पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का परिणाम हैं पीओके में प्रदर्शन: भारत

नई दिल्ली, 03 अक्टूबर: भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हो रहे व्यापक प्रदर्शनों को पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और संसाधनों की संगठित लूट का “स्वाभाविक परिणाम” करार दिया है। इन प्रदर्शनों में अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों की मौत की खबर है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कई हिस्सों में जारी प्रदर्शनों और पाकिस्तानी बलों द्वारा स्थानीय लोगों पर की जा रही बर्बरताओं की जानकारी है। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कई क्षेत्रों में प्रदर्शनों और निर्दोष नागरिकों पर पाकिस्तानी बलों की बर्बरताओं की रिपोर्टें देखी हैं। यह पाकिस्तान के दमनकारी दृष्टिकोण और इन क्षेत्रों के संसाधनों की संगठित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके अवैध कब्जे में हैं। पाकिस्तान को अपने भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं, हमेशा थे और हमेशा रहेंगे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी हमारा अभिन्न हिस्सा है।” यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) की हड़ताल के दौरान हिंसक झड़पें भड़क गईं, जिनमें कई लोगों समेत पुलिसकर्मी मारे गए और दर्जनों घायल हुए। हड़ताल के चलते पीओके में व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और संचार व्यवस्था बाधित है। धीर कोट समेत कई इलाकों में झड़पें हुईं। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इन झड़पों में 172 पुलिसकर्मी और 50 नागरिक घायल हुए हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुज़फ़्फराबाद, मीरपुर, पुंछ, नीलम, भिंबर और पलंदरी जैसे क्षेत्रों में जेएएसी के नेता शौकत नवाज़ मीर की अगुवाई में हड़ताल के बाद जनजीवन ठप हो गया। बाजार बंद हैं, सड़कों पर जाम है और मुज़फ़्फराबाद में इंटरनेट सेवाएं सीमित कर दी गई हैं।

बीजेपी ज्वाइन करते ही पवन सिंह ने साधा विपक्षी दलों पर निशाना, कहा- ‘सांप लोट रहे होंगे’

नई दिल्ली, 30 सितंबर: भोजपुरी सिनेमा में अपनी आवाज और एक्टिंग के दम पर पावर स्टार बने पवन सिंह ने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली है। एक्टर ने लोकसभा चुनाव 2024 के समय भी बीजेपी का हाथ थामकर चुनाव लड़ने का प्लान किया था, लेकिन मनचाही सीट न मिलने की वजह से निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया। काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ना पवन सिंह को ही भारी पड़ गया और एक्टर को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अब बीजेपी ज्वाइन करते ही सिंगर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। पवन सिंह ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका अपडेट दिया है। सिंगर ने अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा के साथ फोटो शेयर किया। इस पोस्ट के कैप्शन में पवन सिंह ने लिखा, “जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज ये फोटो देख के सांप लोट रहा होगा। लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं।” पवन सिंह ने आगे लिखा, “आज हमारे माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी, माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी से मुलाक़ात हुई और उन्होंने दिल से आशीर्वाद दिया। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।” फैंस पवन सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने से बहुत खुश हैं। एक यूजर ने लिखा, ” वाह भैया…बिहार चुनाव में मजा आने वाला है।” एक दूसरे यूजर ने लिखा, “जय हो गुरु जी, आपके पावर को पूरा भारत जानता है… जियो बिहार के लाल… मजा आ गया।” हालांकि कुछ यूजर्स पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा के साथ देखकर खुश नहीं हैं। यूजर्स का कहना है कि पवन सिंह को उपेंद्र कुशवाहा और एनडीए के सामने नहीं झुकना था। वर्क फ्रंट की बात करें तो पवन सिंह नवरात्रि में मां भगवती के भक्ति गीत रिलीज कर रहे हैं। हाल ही में एक्टर का गाना ‘चुनरिया लहरे माई के’ रिलीज हुआ है। एक्टर की फिल्म ‘मोहरा’ का भी फर्स्ट लुक रिलीज हो चुका है। बता दें कि पवन सिंह को रियलिटी शो राइज एंड फॉल में देखा गया था, जिसके कुछ दिनों बाद ही एक्टर के बीजेपी में शामिल होने की खबरें आने लगीं।

बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 7.42 करोड़ मतदाता डालेंगे वोट

नई दिल्ली, 30 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी। अंतिम मतदाता सूची में लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग इस कार्य को सफल बनाने के लिए बिहार के सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता है। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित हुई, जिसमें लगभग 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। ईसीआई के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची की भौतिक और डिजिटल प्रतियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा रही हैं। कोई भी मतदाता इसे वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन पर ऑनलाइन देख सकता है। यह एसआईआर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बिहार, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (ईआरओ), 2,976 सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (एईआरओएस), लगभग 1 लाख बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), लाखों स्वयंसेवकों और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी, जिसमें उनके जिला अध्यक्ष और उनके द्वारा नियुक्त 1.6 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) शामिल हैं, के ईमानदार प्रयासों से सफल हुआ। आयोग नियमित रूप से जागरूकता फैलाने और पूरी प्रक्रिया के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को भी धन्यवाद देता है। एसआईआर प्रक्रिया को समझाने और उन्हें पूरी जानकारी रखने के लिए राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की गईं। 20 जुलाई तक सीईओ, डीईओएस, ईआरओएस और बीएलओ ने पात्र मतदाताओं की पहचान करने के उद्देश्य से, मृत घोषित किए गए, जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए, जो स्थायी रूप से पलायन कर गए, या जिनका पता नहीं लगाया जा सका, ऐसे मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूचियां राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दी थीं। ड्राफ्ट मतदाता सूची भी सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी। साथ ही, ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न किए गए नामों की सूची डीईओ या डीएम (जिलावार) के साथ-साथ सीईओ बिहार की वेबसाइट पर भी जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई थी। एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और भारत के निर्वाचन आयोग के आदर्श वाक्य ‘कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो’ के अनुरूप की गई थी। अगर कोई पात्र व्यक्ति अभी भी मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए आवेदन करना चाहता है तो वह चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक आवेदन जमा कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति फाइनल वोटर लिस्ट में प्रविष्टि के संबंध में ईआरओ के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील और सीईओ के समक्ष द्वितीय अपील दायर कर सकते हैं।

मोदी ने सी आर पार्क में दुर्गा पूजा पंडाल में की पूजा

नई दिल्ली, 30 सितंबर: पश्चिम बंगाल की तरह राजधानी का सीआर पार्क इलाका मां दुर्गा की भक्ति में रंग गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचे और मां दुर्गा के दर्शन कर आरती की। इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता भी मौजूद रहीं। वहीं भारी भीड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे के मद्देनजर दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। सीआर पार्क की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने काली बाड़ी मंदिर का दौरा किया और पूजा-अर्चना की। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी सीआर पार्क दुर्गा पूजा सहकारी समिति द्वारा काली मंदिर में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल में गए और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। उन्होंने पंडाल में मां दुर्गा की आरती भी की। दिल्ली के मिनी बंगाल के नाम से भी मशहूर चित्तरंजन पार्क अपने दुर्गा पूजन समारोहों के लिए जाना जाता है। यह इलाका भव्य पंडालों, खाने-पीने के स्टॉलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा रहता है। इस जीवंत उत्सव को देखने शहर भर से हज़ारों पर्यटक आते हैं। यातायात पुलिस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे प्रतिबंध के दौरान प्रभावित इलाकों से बचें और भीड़भाड़ कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। साथ ही कहा है कि आउटर रिंग रोड (पंचशील से ग्रेटर कैलाश तक), लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, जेबी टीटो मार्ग, इंद्र मोहन भारद्वाज मार्ग और सीआर पार्क मुख्य सड़क सहित कई हिस्सों पर दोपहर 3 बजे से आधी रात तक यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन लागू रहेंगे।

अयोध्या के राम मंदिर को लेकर फिर दायर हो सकती है क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल!

नई दिल्ली, 30 सितंबर: पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की एक टिप्पणी ने अयोध्या विवाद एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। उन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि बाबरी मस्जिद का निर्माण ही मूल रूप से अपवित्र था। उनका कहना था कि जिस स्थान पर पहले से मस्जिद हो, वहां मस्जिद बनाना ही अपवित्र था। इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया है और प्रोफेसर जी मोहन गोपाल ने तो राम मंदिर पर आए फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चंद्रचूड़ के बयान के आधार पर ही क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ चंद्रचूड़ अपने बयान पर सफाई भी दे चुके हैं। उनका कहना है कि उनके शब्दों को संदर्भ से बाहर निकालकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या फैसला साक्ष्य और कानूनी सिद्धांतों पर आधारित था, न कि आस्था पर। उन्होंने यह भी कहा कि आलोचक अक्सर पूरे फैसले को नहीं पढ़ते, जो 1,000 से अधिक पृष्ठों का है। कहा जाता है कि इस फैसले की ड्राफ्टिंग खुद चंद्रचूड़ ने ही की थी। चंद्रचूड़ के साक्षात्कार की क्लिप्स सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं। प्रोफेसर जी. मोहन गोपाल ने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ के बयान में वह बात कही गई है, जो फैसले में ही नहीं है। ऐसे में इसके आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा सकती है। 2019 में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने राम मंदिर केस में फैसला सुनाया था। इस बेंच में तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल थे। बेंच ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष यह साबित करने में असफल रहा है कि बाबरी मस्जिद वाले स्थान पर उनका कोई निर्बाध मालिकाना हक रहा है। इसके साथ ही मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया गया और अब राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। राम मंदिर पर आए फैसले में यह भी स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया कि बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए मंदिर को तोड़ने का कोई प्रमाण नहीं है। प्रोफेसर जी मोहन गोपाल ने चंद्रचूड़ की टिप्पणी के जवाब में कहा कि अब अयोध्या का फैसला दूषित हो गया है और फैसले तथा बाद की टिप्पणियों के बीच असंगति से निर्णय में विश्वास कमजोर हो सकता है।