नई दिल्ली, 18 अप्रैल : नैटको फार्मा के डायजेपाम इंजेक्शन प्रीफिल्ड सिरिंज के विपणन को लेकर फ्रेसेनियस काबी ने अमेरिका की एक जिला अदालत में शिकायत दर्ज कराई है। नैटको फार्मा ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि फ्रेसेनियस काबी यूएसए, एलएलसी और फ्रेसेनियस काबी डॉयचलैंड जीएमबीएच ने अमेरिका में डैश फार्मास्यूटिकल्स के डायजेपाम इंजेक्शन प्रीफिल्ड सिरिंज के विपणन के संबंध में डेलावेयर के जिला न्यायालय में नैटको फार्मा यूएसए एलएलसी (तत्कालीन डैश फार्मास्यूटिकल्स एलएलसी) के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। डैश फार्मास्यूटिकल्स एलएलसी का नैटको फार्मा इंक द्वारा अधिग्रहण करने के बाद इसका नाम बदलकर नैटको फार्मा यूएसए एलएलसी कर दिया गया था। कंपनी ने बताया कि फ़्रेसेनियस ने अभी तक शिकायत की शर्तें पूरी नहीं की है जो मुकदमा शुरू करने के लिए आवश्यक है। नैटको फार्मा तदनुसार अपना पक्ष रखेगी।
घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में 13 प्रतिशत बढ़कर 13.6 करोड़ टन:स्टीलमिंट
नई दिल्ली, 17 अप्रैल : घरेलू तैयार इस्पात की खपत 2023-24 में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13.6 करोड़ टन हो गई है। अनुसंधान कंपनी स्टीलमिंट इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मोटर वाहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की बढ़ती मांग से वृद्धि का बल मिला। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में तैयार इस्पात की खपत 12 करोड़ टन (एमटी) थी। स्टीलमिंट ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में मोटर वाहन उद्योग की मांग में सुधार हुआ है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर ध्यान दिया जा रहा है। बुनियादी ढांचे तथा निर्माण क्षेत्रों ने भी निवेश के साथ लचीलापन दिखाया है, जो ज्यादातर सरकार की वित्त पोषित विकास परियोजनाओं द्वारा समर्थित है।” देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन 12.6 प्रतिशत बढ़कर 14.3 करोड़ टन रहा। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 12.7 करोड़ टन था। यह विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत की वार्षिक इस्पात विनिर्माण क्षमता को 30 करोड़ टन और प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को 160 किलोग्राम तक बढ़ाना है।
वाओ मोमो ने वित्त पोषण के नवीनतम दौर में जी3 पार्टनर्स से जुटाए 70 करोड़ रुपये
नई दिल्ली, 17 अप्रैल : रेस्तरां श्रृंखला वाओ! मोमो ने बुधवार को कहा कि उसने वित्त पोषण के नवीनतम दौर में जी3 पार्टनर्स से 70 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी के अनुसार, इस राशि का इस्तेमाल अपनी एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं) शाखा के लिए वितरण आधार और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को मजबूत करने के अलावा वृद्धि तथा विस्तार को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। वाओ! मोमो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सागर दरयानी ने कहा, ‘‘हम टिकाऊ वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। निवेशकों के इस दौर ने हम पर जो विश्वास दिखाया है वह हमारा मनोबल मजबूत करता है..” जी3 पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक ऋषि माहेश्वरी ने कहा, ‘‘वाओ! मोमो सही मायनों में देश में जीवंत उद्यमशीलता परिदृश्य का प्रतिबिंब है।”
भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान: यूएनसीटीएडी
संयुक्त राष्ट्र, 17 अप्रैल : भारत की अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट में कहा गया कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए देश में अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं का विस्तार कर रही हैं, जिसका भारतीय निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास (यूएनसीटीएडी) ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत 2023 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा और 2024 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘2023 में विस्तार, मजबूत सार्वजनिक निवेश परिव्यय के साथ-साथ सेवा क्षेत्र की जीवंतता से प्रेरित रहा। इसे उपभोक्ता सेवाओं के लिए मजबूत स्थानीय मांग और देश की व्यावसायिक सेवाओं के निर्यात के लिए मजबूत बाहरी मांग से फायदा मिला।” रिपोर्ट में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विनिर्माण आधार के रूप में भारत का अधिक रुख करने की बात पर भी ध्यान दिया गया क्योंकि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रहे है। विश्व निकाय में पिछले हफ्ते पेश ‘2024 फाइनेंसिंग फॉर सस्टेनएबल डेवल्पमेंट रिपोर्ट: फाइनेंसिंग फॉर डेवल्पमेंट एट ए क्रोसरोड’ में कहा गया था कि दक्षिण एशिया, खासकर भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है। इसमें प्रत्यक्ष रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से भारत को फायदा मिल रहा है। चीन के संदर्भ में कहा गया कि वे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण रणनीतियों के संदर्भ में भारत को एक वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में देखते हैं।
वोडाफोन आइडिया ने एंकर निवेशकों से जुटाए करीब 5,400 करोड़ रुपये, एंकर बुक आवंटन किया बंद
नई दिल्ली, 17 अप्रैल : दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) से पहले अपने एंकर बुक आवंटन को बंद करने की घोषणा की है, जिससे प्रमुख वैश्विक तथा घरेलू निवेशकों से करीब 5,400 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। कंपनी ने बीएसई को दी जानकारी में बताया कि एंकर बुक की सदस्यता लेने वाले प्रमुख निवेशकों में जीक्यूजी पार्टनर्स, यूबीएस, मॉर्गन स्टेनली इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स मॉरीशस, गोल्डमैन सैक्स और फिडेलिटी शामिल हैं। वोडाफोन-आइडिया के अनुसार, उसके निदेशक मंडल की पूंजी जुटाने वाली समिति ने 16 अप्रैल 2024 को एंकर निवेशकों को कंपनी के 4,90,90,90,908 इक्विटी शेयरों के आवंटन को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले वोडाफोन-आइडिया के निदेशक मंडल ने 18,000 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को मंजूरी दी थी। कंपनी ने गत शुक्रवार को बताया था कि एफपीओ 18 अप्रैल को खुलकर 22 अप्रैल को बंद होगा। इसके लिए मूल्य दायरा 10-11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर निर्धारित की किया गया है।
ओला इलेक्ट्रिक ने ई-स्कूटर की एस1 एक्स रेंज की कीमतों में कटौती की, कीमत 69,999 रुपये से शुरू होगी
नई दिल्ली, 17 अप्रैल : भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक ने डिलीवरी ब्योरे के साथ अपने ई-स्कूटर की एस1 एक्स रेंज की नई कीमतों की घोषणा की। तीन बैटरी कॉन्फिग़रेशन-2 केडब्ल्यूएच (किलोवाट-घंटा), 3 केडब्ल्यूएच, 4 केडब्ल्यूएच में उपलब्ध, एस1 एक्स पोर्टफोलियो की कीमत अब क्रमश: 69,999 रुपये (शुरुआती कीमत), 84,999 रुपये और 99,999 रुपये होगी। डिलीवरी अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। हमारा एस1 ओला के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, पूरे देश में ईवी की पहुंच और बढ़ेगी। इसके अलावा, कंपनी ने एस1 प्रो, एस1 एयर और एस1 एक्स+ के लिए नई कीमतों की घोषणा की, जो 1,29,999 रुपये, 1,04,999 रुपये और 84,999 रुपये में उपलब्ध होंगी। ई-स्कूटर की एस1 कंपनी के अनुसार, 6 किलोवाट मोटर द्वारा संचालित स्कूटर 3.3 सेकंड में 0-40 किमी/घंटा की त्वरित गति प्रदान करता है और 4केडब्ल्यूएच और 3केडब्ल्यूएच मॉडल में 90 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति प्रदान करता है और 2केडब्ल्यूएच वेरिएंट में 4.1 सेकंड और 85 किमी प्रति घंटे की गति प्रदान करता है। स्कूटर में तीन राइडिंग मोड हैं – इको, नॉर्मल और स्पोर्ट्स और राइडर्स इनके बीच आसानी से स्विच कर सकते हैं।
नागर विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस से पश्चिम एशिया पर जोखिम मूल्यांकन करने को कहा
नई दिल्ली, 16 अप्रैल : पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन को लेकर अपने स्तर पर जोखिम आकलन करने के लिए कहा है। एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने पश्चिमी देशों के लिए वैकल्पिक उड़ान मार्गों को चुना है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एयरलाइंस अपनी उड़ानों का संचालन ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं कर रही हैं। नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सभी एयरलाइंस को अपने उड़ान संचालन के संबंध में अपना जोखिम मूल्यांकन खुद करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) सभी एयरलाइंस के साथ सहयोग और बातचीत कर रहा है। वह विदेश मंत्रालय के साथ भी संपर्क में है। पश्चिम एशिया में संकट बढ़ने के बीच मंत्रालय या डीजीसीए की तरफ से सभी एयरलाइंस को कोई सलाह दिए जाने के सवाल पर सचिव ने यह जानकारी दी। हाल ही में ईरान ने जवाबी हमले में इजराइल पर दर्जनों ड्रोन तथा मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद इजराइल ने कहा था कि वह ईरान के इस हमले का जवाब देगा। एयर इंडिया भारत में आवाजाही के लिए अपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें वैकल्पिक उड़ान मार्गों पर संचालित कर रहा है। विस्तारा ने भी पश्चिम एशिया संकट के कारण अपनी कुछ उड़ानों के मार्गों में बदलाव किया है। एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने पश्चिम एशिया संकट पर कहा कि वाणिज्यिक एयरलाइन को ‘उड़ान-निषेध’ नियमों का पालन करने के लिए लंबा मार्ग अपनाना पड़ सकता है, जिससे ईंधन खर्च बढ़ जाएगा। बनर्जी ने कहा कि अगर समस्या बनी रही तो इसका प्रभाव निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर भी पड़ेगा। भू-राजनीतिक घटनाक्रम से कच्चे तेल की कीमतों और विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों पर भी दबाव पड़ेगा।
आगामी वर्षों में सबसे तेज वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत: सीतारमण
जयपुर, 16 अप्रैल : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बीते तीन वित्त वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने दुनिया में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है और आगामी वर्षों में यह रुख जारी रह सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। वह यहां जयपुर के एक दिवसीय दौरे पर आईं थीं। सीतारमण ने ‘औद्योगिक एवं व्यावसायिक संवाद’ को संबोधित करते हुए कहा, ”अगले 25 साल भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। आपने देखा वित्त वर्ष 2023-24 की तीनों तिमाही में …प्रत्येक तिमाही में वृद्धि दर आठ प्रतिशत या अधिक रही है। तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही। चौथी तिमाही में भी इसी स्तर की वृद्धि दर की हम अपेक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”इस तरह 2023-24 में औसत वृद्धि दर उस स्तर की ही है। टिकाऊ आर्थिक वृद्धि है। हम अपने ऊपर आत्मविश्वास बनाए रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं कि जैसे पूरी दुनिया में पिछले तीन साल से लगातार हम सबसे तेज वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था रहे हैं, वैसे ही आने वाले सालों में भी रह सकते हैं।” उन्होंने कहा कि आर्थिक नीति, व्यापक आर्थिक स्थिरता, स्थिर सरकार, स्थिर कर नीति व सरकार के टेंडर तथा खरीदारी आदि पारदर्शी तरीके से होने की वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था की विदेश में बहुत साख है और निवेशक यहां आ रहे हैं।
बीपीसीएल नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए विमान ईंधन पाइपलाइन बिछाएगी
नोएडा, 16 अप्रैल : भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) अपने पियाला टर्मिनल से जेवर हवाई अड्डे के टैंक फार्म तक 35 किलोमीटर लंबी विमान ईंधन (एटीएफ) पाइपलाइन बिछाएगी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने मंगलवार को बयान में कहा कि हवाई अड्डा और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और हवाई अड्डे की एटीएफ मांग को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए 20 फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। बीपीसीएल का पियाला टर्मिनल हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने कहा कि एटीएफ पाइपलाइन 34 किलोमीटर तक फैली होगी और हवाई अड्डा परिसर के भीतर 1.2 किमी लंबी होगी। इसमें कहा गया है, ”यह पाइपलाइन साझा/अनुबंध आधार पर संचालित होगी। इससे हवाई अड्डे तक निर्बाध ईंधन परिवहन सुनिश्चित होगा।” इसमें कहा गया है, ”नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यावरण प्रबंधन को लेकर प्रतिबद्ध है और यह कदम उसी का हिस्सा है। यह पाइपलाइन ईंधन प्राप्ति को आसान बनाएगी। इससे टैंकरों की आवाजाही बंद होगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।” बीपीसीएल के निदेशक (विपणन) सुखमल जैन ने कहा कि कंपनी भारत में हवाई अड्डों और संबद्ध बुनियादी ढांचे पर एटीएफ सुविधाएं स्थापित करने में आगे रही है…।” उन्होंने कहा कि बीपीसीएल, सड़क के जरिये के ईंधन परिवहन को कम कर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर प्रतिबद्ध है। हवाई अड्डे की मुख्य परिचालन अधिकारी किरण जैन ने कहा, ”हमें विश्वास है कि यह कदम कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और हमारी दक्षता को बढ़ावा देगा तथा अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान देगा, जो समय की मांग है।”
वर्ष 2028 तक बेरोजगारी दर में 0.97 प्रतिशत की कमी संभवः ओआरएफ रिपोर्ट
नई दिल्ली, 16 अप्रैल : देश में बेरोजगारी दर में वर्ष 2028 तक 0.97 प्रतिशत अंक की कमी आ सकती है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था के पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे बेरोजगारी दर घटेगी। शोध संस्थान ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ)’ की ‘भारत रोजगार परिदृश्य 2030’ रिपोर्ट के मुताबिक, श्रमबल में बिना रोजगार वाले लोगों का प्रतिशत यानी बेरोजगारी दर वर्ष 2024 के 4.47 प्रतिशत से घटकर 2028 में 3.68 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है, ”भारत का रोजगार बाजार व्यापक बदलाव का अनुभव कर रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।” रिपोर्ट के मुताबिक, ”भारत 7.8 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के साथ 2026-27 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है। मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश से इस वृद्धि को समर्थन मिलेगा।” भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार वर्ष 2024 में चार लाख करोड़ डॉलर से थोड़ा कम होने का अनुमान है। ओआरएफ ने एक बयान में कहा, ”भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य के करीब पहुंचने के साथ कुल रोजगार 22 प्रतिशत बढ़ सकता है, जबकि बेरोजगारी दर 2028 तक 0.97 प्रतिशत कम हो सकती है।” रिपोर्ट में सेवा क्षेत्र में विशेष रूप से अधिक अवसर वाले दस उप-क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है। इनमें डिजिटल सेवाएं, वित्तीय सेवाएं और स्वास्थ्य, आतिथ्य, उपभोक्ता खुदरा, ई-कॉमर्स और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित सेवाएं शामिल हैं। ओआरएफ के निदेशक और रिपोर्ट के सह-लेखक नीलांजन घोष ने कहा, ”अगली पीढ़ी के रोजगार में सुधार के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण होगा। उद्यमियों का एक नया वर्ग रोजगार सृजन को प्रोत्साहित कर सकता है।”