भारत में यात्री वाहनों की बिक्री में बढोत्तरी होने का अनुमान

नई दिल्ली, 02 मार्च: भारत में यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री में 2025-26 में 4-7 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में कोरोना महामारी के बाद रिकवरी देखी जा रही है। आईसीआरए की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी तेजी देखने को मिलेगी, ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मांग के चलते 2025 में 11-14 फीसदी और 2026 में 6-9 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। रिपोर्ट में वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) की बिक्री में भी 2026 में बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2024 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री 4.2 मिलियन यूनिट के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। 2025 में थोक बिक्री स्थिर रही, जिसका कारण ऑटोमोबाइल निर्माताओं का स्थिर उत्पादन था। इसके बावजूद, उद्योग की बिक्री में लगभग 2 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल पैसेंजर वाहनों की बिक्री बेहतर होने की संभावनाओं के पीछे बेहतर आर्थिक गतिविधियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च, माल की अच्छी उपलब्धता, स्क्रैपेज पॉलिसी और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की ओर बढ़ता रुझान जैसे कारण बताए गए हैं। आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, मांग को प्रभावित करने वाले ज्यादातर फैक्टर, जैसे लोगों की डिस्पोजेबल इनकम, नए मॉडल की लॉन्चिंग और वाहनों के रखरखाव का खर्च, सब अनुकूल बने हुए हैं। हालांकि सेल्स बेस पहले से ही ऊंचा है, फिर भी आईसीआरए का मानना है कि 2026 में पैसेंजर वीइकल इंडस्ट्री 4-7 फीसदी की दर से बढ़ेगा। वाणिज्यिक वाहनों के सेक्टर में भी 2026 में ग्रोथ की उम्मीद है। तेज होती आर्थिक गतिविधियां, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च, माल की अच्छी उपलब्धता और स्क्रैपेज पॉलिसी जैसे फैक्टर इस ग्रोथ को सपोर्ट करेंगे। पुराने सरकारी वाहनों को हटाकर नए वाहन खरीदने से बसों की बिक्री में तेजी आएगी।

सीतारमण ने लोक लेखा अधिकारियों से सरकार के वार्षिक खातों को अधिक सरल बनाने को कहा

नई दिल्ली, 01 मार्च: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोक लेखा सेवा अधिकारियों से सरकार के वार्षिक खातों को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ताओं के लिए सरल बनाने को कहा। उन्होंने यहां 49वें लोक लेखा दिवस कार्यक्रम में लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की अगुवाई में भारतीय लोक लेखा सेवा (आईसीएएस) के अधिकारियों की ”मौन तकनीकी क्रांति” के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्यों के सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) को अपनाने से उन्हें संचालन और सरकारी कामकाज को पूरा करने में बहुत आसानी हो रही है। सीतारमण ने कहा, ”मैं यह भी चाहूंगी कि आप सीएजी की सलाह से इस बात पर विचार करें कि क्या वार्षिक खातों को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सकता है। क्या ऐसी रिपोर्ट बनाई जा सकती हैं, जो अधिक सरल हों और जिन्हें आम नागरिक आसानी से समझ सकें।” उन्होंने कहा कि चूंकि राज्यों के साथ पहले ही काफी डिजिटल एकीकरण हो चुका है, इसलिए सीजीए के पास उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अधिक शोध किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, ”यदि आप रिपोर्ट को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाते हैं, तो इससे आपके काम की रोचकता बढ़ सकती है।” सीतारमण ने व्यय विभाग और सीजीए दोनों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि आगामी वित्त वर्ष में सभी योजनाओं के लिए ‘एसएनए-स्पर्श’ को सुचारू रूप से लागू किया जाए। एसएनए-स्पर्श एक एकीकृत नेटवर्क के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की निधियों से धनराशि भेजने का एक तरीका है। इसका उद्देश्य समय पर राशि भेजने की प्रक्रिया को बेहतर बनाना है। सीतारमण ने लोक लेखा अधिकारियों को अधिक से अधिक सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने के लिए भी प्रेरित किया।

अडानी ग्रीन एनर्जी ने 12,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता को किया पार

नई दिल्ली, 28 फरवरी: अक्षय ऊर्जा (आरई) कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने परिचालन पोर्टफोलियो के रिकॉर्ड 12,000 मेगावाट (एमडब्ल्यू) को पार कर लिया है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि एजीईएल इस मील के पत्थर तक पहुंचने वाली भारत की पहली और एकमात्र अक्षय ऊर्जा कंपनी है। एजीईएल के 12,258.1 मेगावाट पोर्टफोलियो में 8,347.5 मेगावाट सौर, 1,651 मेगावाट पवन और 2,259.6 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता शामिल है।कंपनी ने कहा, “यह उपलब्धि 2030 तक 50,000 मेगावाट स्वच्छ, किफायती और विश्वसनीय बिजली देने की एजीईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। 12,258.1 मेगावाट का परिचालन पोर्टफोलियो 6.2 मिलियन से अधिक घरों को बिजली देगा और सालाना लगभग 22.64 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन से बचाएगा। बचाए गए उत्सर्जन 1,078 मिलियन पेड़ों द्वारा अवशोषित कार्बन के बराबर हैं।” अडानी ग्रीन एनर्जी का 12,258.1 मेगावाट का योगदान भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड विस्तार है, जो भारत की स्थापित उपयोगिता-पैमाने की सौर और पवन क्षमता का लगभग 10 प्रतिशत है। यह भारत के उपयोगिता-पैमाने के सौर प्रतिष्ठानों का 13 प्रतिशत से अधिक हिस्सा भी है। अडानी ग्रीन एनर्जी गुजरात के कच्छ क्षेत्र के खावड़ा में बंजर भूमि पर 30,000 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र विकसित कर रही है। 538 वर्ग किलोमीटर में निर्मित इस परियोजना का क्षेत्रफल पेरिस के आकार का पांच गुना और मुंबई शहर जितना बड़ा है। कंपनी ने कहा कि पूरा होने के बाद यह सभी ऊर्जा स्रोतों में ग्रह का सबसे बड़ा बिजली संयंत्र होगा। एजीईएल ने अब तक खावड़ा में 2,824.1 मेगावाट अक्षय ऊर्जा की संचयी क्षमता का संचालन किया है। कंपनी के बयान में कहा गया है कि खावड़ा में त्वरित प्रगति 2030 तक भारत के 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य के प्रति एजीईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। बयान में कहा गया है कि खावड़ा में काम तेज गति से जारी है, जिसमें एजीईएल अडानी इंफ्रा की परियोजना निष्पादन क्षमताओं, अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड की विनिर्माण विशेषज्ञता, अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड की परिचालन उत्कृष्टता और हमारे रणनीतिक भागीदारों की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का लाभ उठा रहा है। बयान में कहा गया है कि एजीईएल भारत में सबसे तेजी से ग्रीनफील्ड अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ रहा है और खावड़ा और अन्य परियोजना स्थलों पर तेजी से प्रगति विकास की गति को बनाए रखेगी।

ग्लोबल मार्केट से कमजोरी के संकेत, एशिया में भी बिकवाली का दबाव

नई दिल्ली, 28 फरवरी: ग्लोबल मार्केट से आज कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी बाजार पिछले सत्र में बड़ी गिरावट का शिकार हो गए। डाउ जॉन्स फ्यूचर्स भी आज कमजोरी के साथ कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है। यूरोपीय बाजार पिछले सत्र के दौरान मिला-जुला कारोबार करने के बाद बंद हुए। एशियाई बाजारों में आज चौतरफा दबाव बना हुआ नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एक बार फिर 4 मार्च से ही मेक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान करने के कारण पिछले सत्र के दौरान अमेरिकी बाजार बड़ी गिरावट का शिकार हो गए। डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के मुताबिक 4 मार्च से ही चीन पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी लगना शुरू हो जाएगा। गुरुवार को ट्रंप के ऐलान के बाद अमेरिकी बाजार में भगदड़ की स्थिति बन गई, जिसकी वजह से वॉल स्ट्रीट के सूचकांक धराशाई हो गए। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,879.80 के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह नैस्डेक ने 524.63 अंक यानी 2.75 प्रतिशत टूट कर 18,550.63 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। डाउ जॉन्स फ्यूचर्स फिलहाल 0.05 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 43,218.40 अंक के स्तर पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है। यूरोपीय बाजार पिछले सत्र के दौरान मिले-जुले परिणाम के साथ बंद हुए। एफटीएसई इंडेक्स 0.28 प्रतिशत की मजबूती के साथ 8,756.21 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, सीएसी इंडेक्स ने 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,102.52 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसके अलावा डीएएक्स इंडेक्स 243.22 अंक यानी 1.08 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,550.89 अंक के स्तर पर बंद हुआ। एशियाई बाजारों में भी आज चौतरफा बिकवाली का दबाव बना हुआ नजर आ रहा है। एशिया के 9 बाजारों में से 8 के सूचकांक गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। वहीं ताइवान स्टॉक एक्सचेंज में छुट्टी होने की वजह से ताइवान वेटेड इंडेक्स में आज कोई हलचल नहीं है। गिफ्ट निफ्टी 265.50 अंक यानी 1.17 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,385 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.79 प्रतिशत लुढ़क कर 3,890.04 अंक के स्तर पर पहुंच गया है। निक्केई इंडेक्स में आज बड़ी गिरावट नजर आ रही है। फिलहाल ये सूचकांक 1,161.88 अंक यानी 3.04 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 37,094.29 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह कोस्पी इंडेक्स 2.80 प्रतिशत टूट कर 2,548.32 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ है। इसके अलावा जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 181.59 अंक यानी 2.80 प्रतिशत फिसल कर 6,303.86 अंक के स्तर पर, हैंग सेंग इंडेक्स 546.60 अंक यानी 2.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,171.69 अंक के स्तर पर, सेट कंपोजिट इंडेक्स 1.52 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 1,197.20 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.89 प्रतिशत टूट कर 3,358.28 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

केंद्र पांच साल में असम में जलमार्ग विकास पर 4,800 करोड़ रुपये खर्च करेगा: सोनोवाल

गुवाहाटी, 26 फरवरी : केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार अगले पांच साल में असम में जलमार्ग और संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास पर 4,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री यहां ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन’ के दौरान राज्य की सड़क, रेलवे और नदी अवसंरचना पर आयोजित सत्र में यह बात कही। सोनोवाल ने कहा, ‘‘मैं घोषणा करना चाहता हूं कि अगले पांच साल में मेरा मंत्रालय असम में 4,800 करोड़ रुपये खर्च करेगा।’’ यह राशि जहाज मरम्मत सुविधा, बंदरगाहों के लिए वैकल्पिक सड़कों के निर्माण तथा टर्मिनल के विकास जैसे विभिन्न कार्यों पर खर्च की जाएगी। सोनोवाल ने कहा कि राज्य में समुद्री शिक्षा में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें पोत परिवहन उद्योग के लिए सालाना 5,000 कुशल युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने आर्थिक वृद्धि में जलमार्गों के महत्व का उल्लेख किया और कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का लक्ष्य 2030 तक समुद्री क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र और शीर्ष पांच जहाज विनिर्माण देशों में से एक बनना है।’’

अनिश्चितताओं के इस दौर में भी दुनिया को भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि पर भरोसा: मोदी

गुवाहाटी/नई दिल्ली, 25 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया भर में इस समय फैले अनिश्चितता के वातावरण के बावजूद भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि को लेकर जानकार आश्वस्त हैं। श्री मोदी ने कहा कि यह भरोसा देश की सुधारवादी नीतियों, हुनरमंद एवं नवाचारी युवा वर्ग, उभरते नव-मध्यवर्ग और राजनीतिक स्थिरता तथा नीतिगत निरंतरता के प्रति देश की 140 करोड़ आबादी के समर्थन को देख कर बना है। श्री मोदी असम सरकार द्वारा गुवाहाटी में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन-एडवांटेज असम का उद्घाटन कर रहे थे। सम्मेलन में दुनिया भर से निवेशक, नीति निर्माता और राजनयिक भाग ले रहे हैं। श्री मोदी ने कहा, ‘‘आज हम वैश्विक परिस्थितियों को बारीकी से देख रहे हैं। …..वैश्विक अनिश्चितताओं के वातावरण में एक बात निश्चित है कि जानकार भारत की तेज ग्रोथ (तीव्र आर्थिक वृद्ध) को लेकर भरोसा कर रहे हैं। इस भरोसे के ठोस कारण हैं।” उन्होंने कहा कि आज का भारत अगले 25 साल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के एक सपने को लेकर एक के बाद एक नये-नये फैसले कर रहा है। संपर्क सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। दुनिया को भारत की युवा आबादी पर भरोसा है, जो तेजी से कौशल-सम्पन्न और नवाचारी हो रही है। भारत में एक नया मध्यम वर्ग उभर रहा है। देश की 140 करोड़ जनता है, जो राजनीतिक स्थिरता और नीतियों में निरंतरता के साथ खड़ी है। देश में सुशासन के साथ-साथ सुधार जारी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज भारत अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत कर रहा है और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है। पूर्वी एशिया के साथ हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं और भारत-मध्य पूर्व (पश्चिम एशिया)-यूरोप आर्थिक गलियारा नये अवसर पैदा कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिये मिशन मोड पर काम शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मेक इन इंडिया के तहत लो कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास के साथ-साथ पारिस्थितिकीय संतुलन पर भी ध्यान दे रहा है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में भारत ने अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को निभाया भी नीतिगत निर्णय के लिए। दुनिया हमारे नवीकरणीय ऊर्जा मिशन को एक आदर्श परिपाटी के रूप में अपना रही है।” पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी भारत और नॉर्थईस्ट की भूमि आज एक नये भविष्य की शुरूआत करने जा रही है। एडवांटेज असम सम्मेलन पूरी दुनिया को असम की संभावनाओं और प्रगति से जोड़ने का एक महाअभियान है।” उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की समृद्धि में पूर्वोत्तर भारत की बहुत बड़ी भूमिका हुआ करती थी। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है, तो एक बार फिर हमारा ये पूर्वोत्तर अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है और इसमें असम का योगदान लगातार बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि 2018 में एडवांटेज असम का पहला संस्करण लॉन्च किया गया था। तब असम की अर्थव्यवस्था लगभग 2.75 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब छह लाख करोड़ रुपये हो गयी है। इसका मतलब है कि भाजपा सरकार के तहत असम की अर्थव्यवस्था छह साल में दोगुनी हो गयी है। यह डबल इंजन वाली सरकार के दोहरे प्रभाव को दर्शाता है। उन्होंने आकड़ों के सहारे अपनी बात रखते हुए कहा कि असम में 2009 से 2014 के बीच रेल बजट औसतन 2,100 करोड़ रुपये प्रति मील था। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को चार गुना बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के बुनियादी ढांचे पर भी बहुत बड़ा निवेश कर रही है। संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचा और नवाचार भारत की प्रगति का आधार है। इसलिए निवेशक किसी भी देश की क्षमता को देखते हैं कि उनकी और देश की प्रगति की संभावनायें बदल रही हैं। इस प्रगति में असम में भी डबल इंजन की स्पीड में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम ने 2030 तक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 143 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस लक्ष्य को हासिल करने का पूरा भरोसा है। मुझे लोगों की क्षमताओं और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा है। असम दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के बीच एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए, सरकार ने पूर्वोत्तर औद्योगिकीकरण परिवर्तन योजना, उन्नति शुरू की है।” उन्होंने कहा कि असम की क्षमताओं का एक उदाहरण असम चाय है। इस ब्रांड ने 200 साल पूरे कर लिये हैं। यह विरासत असम को अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सेमीकंडक्टर विनिर्माण के एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। हाल में टाटा समूह ने असम के जागीरोड में एक उन्नत सेमीकंडक्टर एसेम्बली संयंत्र का काम शुरू किया है। इस कारखाने से पूरे पूवोत्तर क्षेत्र में तकनीकी उद्यमों की वृद्धि प्रेरित होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। इस क्षेत्र में एक साल में 10 अरब डालर का निवेश हुआ है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की गति तेज हुई और पिछले एक साल में ही स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के 10 लाख से अधिक अवसर उत्पन्न हुए हैं।

मध्यप्रदेश में अडानी समूह एक लाख दस हजार करोड़ रुपयों का करेगा निवेश

भोपाल, 24 फरवरी : देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी ने आज कहा कि उनके समूह ने मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपयों का निवेश पहले ही किया है और अब आने वाले समय में एक लाख दस हजार करोड़ रुपयों का निवेश और किया जाएगा। राजधानी भोपाल में आज से प्रारंभ हुए दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र के दौरान श्री अडानी ने कहा कि उनके समूह ने 50 हजार करोड़ रुपयों का निवेश पहले ही किया है। अब एक लाख दस हजार करोड़ रुपयों का निवेश और किया जाएगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में होगा। उन्होंने कहा कि इससे लगभग एक लाख 20 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना रहेगी। श्री अडानी ने कहा कि इसके अलावा आने वाले समय में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश की और संभावनाएं तलाशी जाएंगी। उन्होंने कहा कि वे यह सब निवेश आगामी पांच छह वर्षों में करना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कार्य प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन दिनों पूरे देश में निवेश के लिए बेहतर संभावनाएं और वातावरण हैं।

बिजली इंजीनियरों के संगठन का निजीकरण के खिलाफ 26 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

नई दिल्ली, 23 फरवरी: अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (एआईपीईएफ) ने रविवार को बिजली क्षेत्र में निजीकरण के विरोध में 26 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। एआईपीईएफ ने रविवार को एक बयान में कहा कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने बिजली उपयोगिताओं और विभागों के निजीकरण के विरोध में 26 जून को देशव्यापी हड़ताल का सहारा लेने का फैसला किया है। बयान के अनुसार, एनसीसीओईईई ने निर्णय लिया है कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए अप्रैल और मई माह में देश के सभी प्रांतों में बड़े सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध में एनसीसीओईईई चार बड़ी रैलियां करेगा। एनसीसीओईईई महासभा ने एक प्रस्ताव में चंडीगढ़ के लाभ कमाने वाले बिजली विभाग के निजीकरण की आलोचना की और इसे ‘बेहद आपत्तिजनक’ बताया। प्रस्ताव में कहा गया है कि शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली और परिसंपत्ति मुद्रीकरण के नाम पर पारेषण क्षेत्र का बड़े पैमाने पर निजीकरण किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि बिजली उत्पादन के निजीकरण का अभिशाप आम उपभोक्ताओं को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बहुत महंगी बिजली के रूप में झेलना पड़ रहा है।

होली से पहले सरकारी कर्मचारियों का बढ़ेगा महंगाई भत्ता

नई दिल्ली, 22 फरवरी: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को होली से पहले बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। इस साल होली 14 मार्च 2025 को है। सरकार होली से पहले डीए बढ़ोतरी का एलान करके सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा तोहफा दे सकती है। 7वें वेतन आयोग के तहत डीए साल में दो बार बढ़ाया जाता है। पहली बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू होती है और दूसरी 1 जुलाई से। 2025 की पहली बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। इसकी आधिकारिक घोषणा मार्च 2025 में हो सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार ने डीए बढ़ोतरी का आधिकारिक तौर पर एलान नहीं किया है। डीए बढ़ने से वेतन में कितना इजाफा होगा? कर्मचारी संगठनों के अनुसार, इस बार महंगाई भत्ता 3 से 4 फीसदी तक बढ़ सकता है। इससे कर्मचारियों के वेतन में 540 रुपये से 720 रुपये प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो सकती है। आइए इसे उदाहरण से समझते हैं: अगर किसी सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो अभी उसे 50 फीसदी डीए के तहत 9,000 रुपये मिल रहे हैं। अगर डीए में 3 फीसदी इजाफा होता है, तो नया महंगाई भत्ता 9,540 रुपये होगा, यानी उसे 540 रुपये अधिक मिलेंगे। वहीं, डीए में 4 फीसदी बढ़ोतरी होने पर नया महंगाई भत्ता 9,720 रुपये होगा, जिससे 720 रुपये अधिक मिलेंगे। पेंशनर्स को भी होगा फायदा महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। वहीं, पेंशनर्स के लिए यह महंगाई राहत होती है। इस बार 1 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स इस बढ़ोतरी का लाभ उठा सकेंगे। पिछले साल कितनी बढ़ोतरी हुई थी? सरकार ने अक्टूबर 2024 में 3% डीए बढ़ाया, जिससे यह 50% से बढ़कर 53% हो गया। मार्च 2024 में सरकार ने 4% डीए बढ़ाकर इसे 50% तक पहुंचाया था। महंगाई भत्ता कैसे तय किया जाता है? महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर किया जाता है। सरकार पिछले 12 महीनों के औसत एआईसीपीआई डेटा को ध्यान में रखते हुए डीए और DR की दरें तय करती है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए (%) = (पिछले 12 महीनों के एआईसीपीआई का औसत – 115.76) / 115.76) × 100 पब्लिक सेक्टर कर्मचारियों के लिए डीए (%) = (पिछले 3 महीनों के एआईसीपीआई का औसत – 126.33) / 126.33) × 100 8वें वेतन आयोग से पहले आखिरी डीए बढ़ोतरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू होने की संभावना है। उससे पहले केंद्र सरकार के कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के तहत दो और डीए बढ़ोतरी का लाभ उठा सकेंगे। इससे उनकी मासिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हो जाएगी।

दिल्ली के यशोभूमि में शुरू हुआ इंटरनेशनल लेदर एक्सपो, 52 देशों के खरीदार हुए शामिल

नई दिल्ली, 20 फरवरी: दिल्ली इंटरनेशनल लेदर एक्सपो (डीआईएलईएक्स) का छठा संस्करण गुरुवार को नई दिल्‍ली के द्वारका में स्थित यशोभूमि इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में शुरू हुआ। इसमें करीब 52 देशों के विदेशी खरीदारों ने हिस्सा लिया। डीआईएलईएक्स के उद्घाटन के दौरान वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव विमल आनंद ने कहा कि यह आयोजन भारत की वैश्विक व्यापार यात्रा में एक अहम मील का पत्थर है। चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) की ओर से आयोजित यह इंटरनेशनल लेदर एक्सपो 20 और 21 फरवरी तक चलेगा। दो दिवसीय इस कार्यक्रम को भारत सरकार की ओर से बाजार पहुंच पहल (एमएआई) योजना के तहत समर्थन दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य वैश्विक चमड़ा और फुटवियर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। मंत्रालय के मुताबिक डीआईएलईएक्स की वैश्विक पहुंच भी बढ़ी है, जिसमें यूरोप और अमेरिका के प्रमुख बाजारों सहित लगभग 52 देशों के 200 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल हुए हैं, जबकि पिछली बार यह संख्या सिर्फ 130 से अधिक थी। आईआईसीसी के हॉल 1बी में आयोजित लेदर एक्सपो विश्व स्तरीय होने के बावजूद घरेलू विक्रेताओं और खरीदारों के 500 से अधिक प्रतिनिधियों को मंच प्रदान करेगा, जिससे व्यापक नेटवर्किंग के अवसर पैदा होंगे।