नई दिल्ली, 01 जून: एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख निजी बैंकों ने क्रेडिट कार्ड और बैंकिंग सेवाओं पर एक जुलाई से शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है। दोनों बैंकों ने आधिकारिक नोटिफिकेशन के माध्यम से अपने ग्राहकों को इन बदलावों के बारे में बताया। एचडीएफसी बैंक ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स खासकर ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल वॉलेट और यूटिलिटी पेमेंट से जुड़े लेनदेन के लिए नए शुल्कों की घोषणा की है। बैंक के नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई ग्राहक ड्रीम11, रम्मी कल्चर, जंगली गेम्स या एमपीएल जैसे ऑनलाइन स्किल आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म पर एक महीने में 10,000 रुपए से अधिक खर्च करता है, तो उससे इस कैटेगरी में कुल मासिक खर्च पर 1 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क 4,999 रुपए प्रति माह तक सीमित रहेगा। इसके अतिरिक्त, ऐसे गेमिंग लेनदेन पर कोई रिवॉर्ड पॉइंट नहीं दिए जाएंगे। इसी तरह, अगर कोई ग्राहक अपने एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज या ओला मनी जैसे थर्ड पार्टी वॉलेट में एक महीने में 10,000 रुपए से अधिक लोड करता है, तो उसके द्वारा इस्तेमाल की गई पूरी राशि पर 1 प्रतिशत शुल्क लगेगा। यह शुल्क अधिकतम 4,999 रुपए प्रति माह होगा। यूटिलिटी पेमेंट के लिए अगर कुल खर्च एक महीने में 50,000 रुपए से अधिक होता है, तो 1 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा और इसकी अधिकतम मासिक सीमा 4,999 रुपए होगी। हालांकि, एचडीएफसी बैंक ने स्पष्ट किया है कि बीमा भुगतान को यूटिलिटी पेमेंट के रूप में नहीं माना जाएगा, इसलिए ऐसे मामलों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा। बैंक ने किराए, ईंधन और शिक्षा लेनदेन के लिए अधिकतम शुल्क में भी संशोधन किया है। इन कैटेगरी में शुल्क की अधिकतम सीमा अब प्रति लेनदेन 4,999 रुपए होगी। किराए के भुगतान पर 1 प्रतिशत शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 15,000 रुपए से अधिक के ईंधन के लेनदेन पर 1 प्रतिशत शुल्क लगेगा, जबकि आधिकारिक कॉलेज या स्कूल की वेबसाइट या उनकी कार्ड मशीनों के माध्यम से सीधे किए गए शिक्षा भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। आईसीआईसीआई बैंक ने कई सेवा शुल्कों में बदलाव किया है, जिसमें नकद, चेक जमा करने या डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) और पीओ (पे ऑर्डर) जैसे लेनदेन शामिल है। अब इन लेनदेनों के लिए ग्राहकों से 1,000 रुपए पर 2 रुपए का शुल्क लिया जाएगा, जिसमें न्यूनतम शुल्क 50 रुपए और अधिकतम शुल्क 15,000 रुपए होगा। इससे पहले बैंक 10,000 रुपए तक की राशि पर 50 रुपए और उससे अधिक 1,000 रुपए पर 5 रुपए लेता था। एटीएम उपयोग शुल्क में भी वृद्धि की गई है। अन्य बैंक के एटीएम पर तीन निःशुल्क एटीएम लेनदेन के बाद, आईसीआईसीआई अब एटीएम पर वित्तीय लेनदेन के लिए 23 रुपए और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 8.5 रुपए शुल्क लेगा। फिलहाल वित्तीय लेनदेन के लिए शुल्क 21 रुपए है। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक ने डेबिट कार्ड के लिए वार्षिक शुल्क 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया है।
महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों ने बारिश से हुए नुकसान के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा
मुंबई, 01 जून: महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों के एक संगठन ने पिछले महीने राज्य में भारी बारिश के कारण किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन ने 29 मई को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) द्वारा ‘पारदर्शी’ प्याज खरीद सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है। महाराष्ट्र में मई में अभूतपूर्व बारिश हुई है। पत्र में कहा गया है कि जलगांव, धुले, नासिक, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, सोलापुर, बीड, धाराशिव, सांगली, बुलढाणा, अकोला, परभणी और जालना जैसे प्याज उत्पादक जिले बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिघोले और नासिक जिले के प्रमुख जयदीप भदाने की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि छह मई से भारी बारिश के कारण पूरे राज्य में प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। एसोसिएशन ने कहा कि कई किसानों ने अपनी पूरी रबी सीजन की फसल कटाई से पहले ही गंवा दी है। उन्होंने इस नुकसान की भरपाई के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा है। एसोसिएशन ने कहा है कि जो प्याज निकाल लिया गया था, लेकिन संग्रहीत नहीं किया जा सका था, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया है। संगठन ने ऐसे किसानों के लिए 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी की मांग की है, जिन्हें अपनी फसल कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
भारत वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था : एसबीआई रिपोर्ट
नई दिल्ली, 31 मई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत वित्त वर्ष 2026 में अपनी मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, वित्तीय क्षेत्र और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने आरबीआई की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर कहा, “उच्च प्रत्याशित बचत के साथ घरेलू वित्त, प्रत्याशित विकास की फंडिंग के लिए काफी होगा। इसके साथ ही, कीमतों पर मांग से जुड़े दबाव की उम्मीद न के बराबर है।” घोष ने कहा कि विकास के लिए बाहरी और भू-राजनीतिक कारकों से बाधा उत्पन्न हो सकती है। चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि को पूंजी निर्माण में मजबूत उछाल से सपोर्ट मिला। पूंजी निर्माण ने 9.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। पूंजी निर्माण में सुधार चौथी तिमाही में मुख्य क्षेत्र में पुनरुद्धार के कारण हुआ, जैसा कि हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स से साफ है। वित्त वर्ष 2025 के लिए पूंजी निर्माण में कुल वृद्धि अब 7.1 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। चौथी तिमाही के आंकड़ों के आधार पर वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में लगभग सभी क्षेत्रों ने बेहतर वृद्धि दर्ज की। उद्योग में जहां 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं सेवा क्षेत्र में चौथी तिमाही में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चौथी तिमाही के दौरान उद्योग के तहत निर्माण क्षेत्र में 10.8 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निजी खपत ने चौथी तिमाही में अपनी अच्छी स्थिति बनाए रखी, हालांकि चौथी तिमाही में वृद्धि की क्रमिक धीमी दर रही। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2025 के लिए निजी अंतिम उपभोग व्यय में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पूरे वर्ष के दौरान निर्यात मांग अच्छी रही, जिसमें 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पूरे वर्ष के दौरान आयात में 3.7 प्रतिशत की कमी आई। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि अमेरिकी टैरिफ अनिश्चितता के बीच निर्यात को बढ़ावा देने के कारण दर्ज की गई।
हीरो फिनकॉर्प को 3,668 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की सेबी से मिली मंजूरी
नई दिल्ली, 28 मई: दोपहिया वाहन विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प के वित्तीय सेवा प्रभाग हीरो फिनकॉर्प को 3,668 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है। बाजार नियामक ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दाखिल किए गए दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ 2,100 करोड़ रुपये के नए निर्गम और 1,568 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन होगा। सेबी की ओर से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार, हीरो फिनकॉर्प को 22 मई को आईपीओ लाने की मंजूरी दी गई। इसने आईपीओ लाने के लिए अगस्त में सेबी के समक्ष अपने प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए थे। हीरो फिनकॉर्प एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) है जो भारत में मुख्य रूप से खुदरा, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) ग्राहक वर्गों के लिए वित्तीय उत्पादों की एक विविध श्रृंखला पेश करती है।
ट्राई ने छह गीगाहर्ट्ज, ई एवं वी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए जारी किया परामर्श
नई दिल्ली, 28 मई : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने निचले 6 गीगाहर्ट्ज, 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड के साथ-साथ ई एवं वी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर बुधवार को परामर्श पत्र जारी किया। ट्राई ने टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि 25 जून, 2025 तथा जवाबी टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि नौ जुलाई तय की है। नियामक ने कहा, ‘‘6 गीगाहर्ट्ज (निम्न), 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड, ई-बैंड और वी-बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर परामर्श पत्र हितधारकों से टिप्पणियां तथा जवाबी टिप्पणियां मांगने के लिए नियामक की वेबसाइट पर रखा गया है।’’ दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने वर्ष 2022 में ईएंडवी बैंड तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) के साथ-साथ उक्त आवृत्ति बैंड में माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए सिफारिशें प्रदान करने के लिए ट्राई से संपर्क किया था। इसके बाद, ट्राई ने ईएंडवी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) और माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) पर एक परामर्श पत्र जारी किया था, ताकि इस विषय पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी जा सकें। इस बीच, दिसंबर, 2023 में दूरसंचार अधिनियम, 2023 लागू किया गया। दूरसंचार सेवाओं के लिए रेडियो ‘बैकहॉल’ के संबंध में दूरसंचार अधिनियम- 2023 के प्रावधानों के मद्देनजर ट्राई ने फरवरी, 2024 में एक पत्र के माध्यम से बताया कि दूरसंचार विभाग अपने 2022 के संदर्भ की समीक्षा कर सकता है। ट्राई ने कहा, ‘‘दूरसंचार विभाग ने इसके जवाब में 13 सितंबर, 2024 को एक नए संदर्भ पत्र के माध्यम से, ट्राई की इस टिप्पणी से सहमति व्यक्त की थी कि बैकहॉल स्पेक्ट्रम, दूरसंचार अधिनियम 2023 की पहली अनुसूची का हिस्सा है और इसके लिए ‘असाइनमेंट’ पद्धति प्रशासनिक होगी। साथ ही ट्राई से ट्राई अधिनियम 1997 की धारा 11(1)(ए) के तहत सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया था।’’
केंद्र, राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली, 24 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार और राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मोदी नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में कहा कि विकास की गति बढ़ाने की जरूरत है। नीति आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ”हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” नीति आयोग का शीर्ष निकाय शासी परिषद की बैठक का विषय ‘2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ है। मोदी ने कहा, ”विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा तो भारत विकसित होगा। यह इसके 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है।” परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। मोदी ने कहा, ”हमारा लक्ष्य हर राज्य को विकसित, हर शहर को विकसित, हर नगर पालिका को विकसित और हर गांव को विकसित बनाना होना चाहिए। अगर हम इस दिशा में काम करेंगे तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया, ”राज्यों को अपने-अपने यहां सभी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ वैश्विक मानकों के अनुरूप कम-से-कम एक पर्यटन गंतव्य विकसित करना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इससे पर्यटन गंतव्य के रूप में आस-पास के शहरों के विकास का रास्ता साफ होगा।” उन्होंने कहा, ”भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। वृद्धि, नवोन्मेष और पर्यावरण अनुकूल पहल भारत के शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।” मोदी ने कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ”हमें ऐसे कानून और नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक एकीकृत किया जा सके।” ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ पहली बड़ी बैठक है।
पीयूष गोयल ने यूरोपीय संघ के आयुक्त मारोस सेफकोविक से मुलाकात की, एफटीए पर हुई चर्चा
नई दिल्ली, 24 मई : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक से मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की एक महीने के भीतर दूसरी मुलाकात थी, जिसमें भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा की गई। गोयल ने इस महीने की शुरुआत में अपने यूरोपीय संघ समकक्ष के साथ बैठक की थी। यूरोपीय व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एक्स’ पोस्ट पर इस मुलाकात और बातचीत की जानकारी दी है। यूरोपीय संघ के अधिकारी मारोस सेफकोविक ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पोस्ट के माध्यम से कहा, अपने मित्र और समकक्ष पीयूष गोयल का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। हम लगातार प्रगति कर रहे हैं। आइए, हम कड़ी मेहनत और स्पष्ट फोकस के साथ गति बनाए रखें। मैं जल्द ही हमारी अगली बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं। वहीं, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को मारोस सेफकोविक के पोस्ट के जवाब में ‘एक्स’ पर लिखा है, मेरे मित्र, गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद। हम भारत और यूरोपीय संघ की साझा समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। आइए, हम इस गति को जारी रखें! अमेरिका के दौरे पर गए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 23 मई को वाशिंगटन से ब्रुसेल्स पहुंचे, जबकि भारत के मुख्य वार्ताकार एल. सत्य श्रीनिवास और उनकी टीम भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता के लिए पहले से ही यूरोपीय संघ मुख्यालय में मौजूद हैं। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब दोनों पक्ष जुलाई तक अर्ली हार्वेस्ट व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ के अनुसार ईयू-भारत व्यापार वार्ता गति पकड़ रही है, दोनों पक्षों का लक्ष्य 2025 के अंत तक एक समझौते को पूरा करना है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत में तेजी लाने के लिए डच समर्थन भी मांगा, जिसे भारत 2025 के अंत तक पूरा करने की उम्मीद करता है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने हाल ही में 16 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ग्यारहवें दौर की वार्ता पूरी की है।
ईपीएफ पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25 फीसदी ब्याज दर को मंजूरी
नई दिल्ली, 24 मई: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.25 फीसदी ब्याज दर को मंजूरी दी है। इससे ईपीएफओ अपने 7 करोड़ से अधिक अंशधारकों के भविष्य निधि पर वार्षिक ब्याज को जमा कर सकेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 फीसदी ब्याज दर पर अपनी सहमति दे दी है। श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को ईपीएफओ को इस बारे में एक पत्र भेजा है। दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.25 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रखने का फैसला किया था। ये इससे पिछले वित्त वर्ष में दिये गये ब्याज दर के बराबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर बरकरार रखने का फैसला किया था, जो पिछले वित्त वर्ष में दी गई दर के बराबर है। 2024-25 के लिए स्वीकृत ब्याज दर को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेजा गया था। ईपीएफ अकाउंट में राशि जमा करने का क्या है हिसाब? ईपीएफओ एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी राशि ईपीएफ अकाउंट में जाता है। कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी जमा करती है। कंपनी के 12 फीसदी हिस्से में से 3.67 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है, जबकि बाकी 8.33 फीसदी धनराशि पेंशन स्कीम में जाता है। वहीं, कर्मचारी के हिस्से का सारा पैसा ईपीएफ अकाउंट में जाता है। दरअसल 2022 में ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ईपीएफ पर ब्याज को घटाकर चार दशक से ज्यादा के निचले स्तर 8.10 फीसदी कर दिया था। वित्त वर्ष 2020-21 में यह ब्याज दर 8.5 फीसदी थी। ईपीएफ पर 8.10 फीसदी ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, उस वक्त ये दर सिर्फ आठ फीसदी थी। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 फीसदी कर दिया था, जो वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत था। उल्लेखनीय है कि ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में अपने कर्मचारियों को ईपीएफ जमा पर 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दर प्रदान किया था। वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी ज्यादा 8.80 फीसदी थी। सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2014-15 में 8.75 फीसदी का ब्याज दिया था, जो वित्त वर्ष 2012-13 के 8.5 फीसदी से अधिक था। वित्त वर्ष 2011-12 में ब्याज दर 8.25 फीसदी थी।
सीसीआई की स्वतंत्र और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली, 20 मई: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करना न केवल आर्थिक, बल्कि लोकतांत्रिक जरूरत भी है और इस पृष्ठभूमि में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के 16वें वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रतिस्पर्धा दक्षता और इनोवेशन को बढ़ावा देती है और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाती है। उन्होंने कहा, “इनोवेशन के लिए प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है। एकाधिकार वाले माहौल में विकसित होने की कोई जल्दी नहीं होती। जबकि, प्रतिस्पर्धा के साथ, पीछे छूट जाने का डर संगठनों को टेक्नोलॉजी, डिजाइन, सर्विस और डिलीवरी में इनोवेशन के लिए मजबूर करता है।” वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, फ्री और फेयर ट्रेड मार्केट यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी सिंगल प्लेयर रिसोर्सेज पर अपना एकाधिकार न बना ले, विकल्पों को न छिपा सके और प्राइस को ज्यादा न बढ़ा सके। उन्होंने कहा, “इससे हमारे उपभोक्ताओं को लाभ होता है।” वित्त मंत्री ने कहा, “भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के पास प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत तीन मुख्य कार्य हैं: पहला बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उसे बनाए रखना। दूसरा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना तथा व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और तीसरा प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली प्रथाओं को रोकना।” आज की परस्पर जुड़ी हुई और तेज गति वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था में, विनियामक मंजूरी में देरी से अनिश्चितता पैदा हो सकती है, वाणिज्यिक समयसीमा बाधित हो सकती है और संभावित रूप से लेनदेन के इच्छित मूल्य में कमी आ सकती है। वित्त मंत्री सीतारमण ने जोर देते हुए कहा, “यह आवश्यक है कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, कठोर निगरानी बनाए रखते हुए, ऐसे संयोजनों के लिए तेज और निर्बाध मंजूरी की सुविधा भी प्रदान करें, जो प्रतिस्पर्धा को कोई नुकसान न पहुंचाएं।” पारंपरिक चुनौतियों के अलावा, हाल के वर्षों में नई चुनौतियों का उदय हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकें बाजार की शक्ति, पारदर्शिता, डेटा एक्सेस, एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रहों और प्रतिस्पर्धी नुकसान के दायरे को लेकर सवाल उठाती हैं। वित्त मंत्री ने कहा, “इस साल के केंद्रीय बजट में मैंने उत्पादकता और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित एक लाइट-टच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के महत्व को बताया था। इसी तरह, नियामकों को विकास समर्थक मानसिकता के साथ नियामक सतर्कता को संतुलित करने के लिए ‘न्यूनतम आवश्यक, अधिकतम व्यवहार्य’ के सिद्धांत द्वारा निर्देशित होना चाहिए।”
भारत में सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द होने के बाद तुर्की की कंपनी सेलेबी के शेयर 10 प्रतिशत लुढ़के
नई दिल्ली, 16 मई: भारत में सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द होने के बाद तुर्की की ग्राउंड-हेंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के शेयर में शुक्रवार को 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बीते चार कारोबारी सत्रों में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज का शेयर करीब 30 प्रतिशत फिसल चुका है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्की ने खुलकर पड़ोसी देश का साथ दिया था, जिसके बाद पूरे देश में तुर्की की कंपनियों के बायकॉट की मांग उठ रही है। नागर विमानन मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सिक्योरिटी क्लियरेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।” नागर विमानन एवं सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा, “इस मामले की गंभीरता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के आह्वान को समझते हुए हमने इन अनुरोधों का संज्ञान लिया है और नागर विमानन मंत्रालय ने उक्त कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है। राष्ट्र की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के निर्देशानुसार, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआईए) पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार सेलेबी के साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट पर तुर्की की कंपनी सेलेबी के साथ ग्राउंड हैंडलिंग समझौते को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। सरकार के आदेश के बाद, बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सेलेबी एविएशन का ग्राउंड हैंडलिंग ऑपरेशन निलंबित कर दिया गया है। 2008 में अपनी शुरुआत के बाद से सेलेबी ने भारत के विमानन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है। रिपोर्टों के अनुसार, फर्म का आंशिक स्वामित्व तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है। सुमेये एर्दोगन की शादी सेल्कुक बेराकटार से हुई है, जिनकी कंपनी बेराकटार सैन्य ड्रोन का निर्माण करती है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था।