नई दिल्ली, 03 अप्रैल : सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एन.पी. सिंह ने कहा कि मंच प्रभावशाली सामग्री के जरिए अपने ग्राहक आधार और राजस्व को बढ़ावा देना चाहता है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक साझेदारी पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सिंह ने कंपनी के एक आंतरिक समाचार पत्र में कर्मचारियों को लिखा कि कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के अनुभव से सबक लेगी और आगे बढ़ने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 में प्रवेश के साथ हम एक चुनौतीपूर्ण वर्ष में रचनात्मक भावना और मजबूत संकल्प के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं।’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य प्रभावशाली सामग्री के जरिए दर्शकों को आकर्षित करना और हमारा ग्राहक आधार तथा राजस्व बढ़ाना है।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी नए धारावाहिकों में निवेश कर रही है। इसमें ओटीटी मंच ‘सोनी लिव’ में किया गया निवेश भी शामिल है। सिंह ने कहा, ‘‘हमारी रणनीति अपनी सेवाओं के दम पर वृद्धि को बढ़ावा देने और रणनीतिक साझेदारी के जरिए बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर जोर देती है।’’ गौरतलब है कि सोनी ने ‘‘समापन शर्तों’’ को लेकर कथित विवाद के बाद जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ प्रस्तावित 10 अरब अमेरिकी डॉलर के विलय समझौते से इस साल जनवरी में हाथ खींच लिए थे। इस कदम के बाद से दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई जारी है।
नई सरकार पहले 100 दिन में ई-वाणिज्य नियमों को आसान करने, निर्यात को बढ़ावा देने पर दे ध्यान : जीटीआरआई
नई दिल्ली, 03 अप्रैल : ई-वाणिज्य नियमों को आसान करने, शुल्क वापसी योजना का नकद वितरण, एक राष्ट्रीय व्यापार तंत्र की स्थापना और भारत के व्यापार समझौतों की प्रभावशीलता पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करना नई सरकार के 100 दिन का एजेंडा होना चाहिए। आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि प्रमुख फलों और सब्जियों के उत्पादों के लिए तंत्र का पता लगाने के वास्ते ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी एक उन्नत डेटाबेस तंत्र है जो एक व्यावसायिक नेटवर्क के भीतर पारदर्शी जानकारी साझा करने की अनुमति देता है। रिपोर्ट में विशेष आर्थिक क्षेत्रों को छूट के आधार पर घरेलू बाजार में सामान बेचने की अनुमति देना और दवा सामग्री, सौर सेल, ईवी बैटरी और मोबाइल फोन घटकों जैसे महत्वपूर्ण आयात के लिए चीन पर निर्भरता को कम करने आदि का भी सुझाव दिया गया। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘पहले 100 दिन (एक नई सरकार के लिए) शासन और नीति की दिशा निर्धारित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं…।’’ भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होगा और मतों की गिनती चार जून को की जाएगी। चुनाव सात चरण में होने हैं। शोध संस्थान ने यूरोपीय जलवायु विनियमन के प्रतिकूल प्रभावों का मुकाबला करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने; गठबंधन बनाने, डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में बेहतर परिणामों के लिए साझेदारी को मजबूत करने; डब्ल्यूटीओ कानून कितने भेदभावपूर्ण हैं और उनमें बदलाव की जरूरत है इस बात पर प्रकाश डालने और विनिर्माण योजनाओं में प्रोत्साहनों का मानकीकरण करने आदि के सुझाव दिए। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रीय व्यापार तंत्र (एनटीएन) सभी आवश्यक दस्तावेजों तथा सूचनाओं को ऑनलाइन जमा करने को केंद्रीकृत करने के अलावा, सीमा शुल्क, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), शिपिंग कंपनियों, बंदरगाह और बैंक के साथ अलग-अलग बातचीत की आवश्यकता को समाप्त करने के अलावा सभी निर्यात-आयात संबंधी अनुपालन को ऑनलाइन सक्षम करने में मदद करेगा। श्रीवास्तव ने एनटीएन की वकालत करते हुए कहा कि विशिष्ट विभागों पर केंद्रित मौजूदा प्रणालियां तेजी से विकसित नहीं होती और व्यापक प्रक्रियाओं को भी कुशलतापूर्वक नहीं संभाल पाती। उन्होंने कहा, ‘‘नई व्यावसायिक प्रक्रिया के तहत तैयार एनटीएन भारत के लिए आवश्यक है।’’
अडाणी ग्रीन एनर्जी 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बनी
नई दिल्ली, 03 अप्रैल : अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने गुजरात के विशाल खावड़ा सोलर पार्क में 2,000 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित की है, जिसके साथ ही वह 10,000 मेगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी बयान के अनुसार, उसके पास अब 10,934 मेगावाट का परिचालन खंड है, जो भारत में सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में 2,848 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता को स्थापित किया गया। एजीईएल के परिचालन खंड में 7,393 मेगावाट सौर, 1,401 मेगावाट पवन और 2,140 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता शामिल है। कंपनी का 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य है। बयान में कहा गया, एजीईएल का 10,934 मेगावाट का परिचालन खंड 58 लाख से अधिक मकानों को बिजली देगा। सालाना करीब 2.1 करोड़ टन सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन से बचाएगा। अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा, ‘‘हमें नवीकरणीय क्षेत्र में भारत का पहला दस हजारी होने पर गर्व है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक से भी कम समय में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने न केवल एक हरित भविष्य की कल्पना की, बल्कि इसे साकार भी किया। स्वच्छ ऊर्जा का पता लगाने के एक विचार मात्र से बढ़कर स्थापित क्षमता में 10,000 मेगावाट की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है…’’ अडाणी ने कहा, ‘‘2030 तक 45,000 मेगावाट (45 गीगावॉट) के लक्ष्य के तहत हम खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र बना रहे हैं। खावड़ा 30,000 मेगावाट की एक परियोजना है जिसका वैश्विक स्तर पर कोई मुकाबला नहीं है। एजीईएल न केवल दुनिया के लिए मानक स्थापित कर रहा है बल्कि उन्हें नई सिरे से परिभाषित भी कर रहा है।’’
मारुति सुज़ुकी ने बनाये तीन करोड़ वाहन
नई दिल्ली, 03 अप्रैल : यात्री वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 3 करोड़ से अधिक वाहनों का संचयी उत्पादन करने की घोषणा की है। इस उपलब्धि में कंपनी के गुरुग्राम, मानेसर (हरियाणा में) और हंसलपुर (गुजरात में) विनिर्माण संयंत्रों में किया गया उत्पादन शामिल है। दिसंबर 1983 में उत्पादन शुरू होने के बाद से रिकॉर्ड 40 वर्ष और 4 महीने में सभी सुज़ुकी उत्पादन बेस के बीच, भारतीय परिचालन यह उपलब्धि सबसे तेज गति से हासिल करने में सफल रहा। जहां कंपनी के हरियाणा स्थित संयंत्रों में 2.68 करोड़ से अधिक वाहनों का निर्माण किया गया है, वहीं एमएसआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुज़ुकी मोटर गुजरात में 32 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन किया गया है। देश में मोबिलिटी क्रांति की शुरुआत करने वाले प्रतिष्ठित एम800 ने 29 लाख से अधिक इकाइयों के साथ इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य शीर्ष योगदानकर्ताओं में ऑल्टो 800, ऑल्टो के10, स्विफ्ट, वैगनआर, डिज़ायर, ओमनी, बलेनो, ईको, ब्रेज़ा और अर्टिगा जैसे सफल मॉडल शामिल हैं। कंपनी ने 1987 में निर्यात शुरू किया और आज भारत से कुल वाहन निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करती है। इस उपलब्धि को ग्राहकों के प्यार और स्नेह को समर्पित करते हुए, मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ हिसाशी ताकेउचि ने कहा, “हम अपने ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने 1983 में विनिर्माण शुरू करने के बाद से साल दर साल हमारे उत्पादों के प्रति अपना विश्वास बनाए रखा है। इन वर्षों में, हम अपने कार्यबल और मूल्य श्रृंखला भागीदारों के निरंतर सहयोग के साथ उत्पादन को अधिकतम बनाने में सक्षम हुए हैं, जिन्होंने हमें ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप उत्पाद बनाने में मदद की है। हम ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं और घरेलू और वैश्विक बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हुए देश में अपने संचालनों को सशक्त बना रहे हैं। हम भारत से कुल वाहन निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं। श्री ताकेउचि ने कहा, “आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन बाजार है और आने वाले वर्षों में और मजबूत होने के लिए तैयार है। ग्राहकों की मांग और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, हम आगे निवेश करने और वित्त वर्ष 2030-31 तक अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता में 40 लाख वाहन तक की वृद्धि करने की योजना बना रहे हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए, हम खरखौदा-हरियाणा और गुजरात में दो नए ग्रीन फील्ड विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेंगे जिनमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 10 लाख होगी। हम वित्त वर्ष 2030-31 तक अपने मॉडलों की श्रृंखला को मौजूदा 18 से बढ़ाकर 28 तक कर देंगे।
एयर इंडिया ने ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ कार्यक्रम में किए बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली, 03 अप्रैल : टाटा की अगुवाई वाली निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने सरल संरचना के साथ अपने ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ लॉयल्टी कार्यक्रम को लॉन्च किया है। यह प्रोग्राम भारत का पहला फ्रिक्वेंट फ्लायर कार्यक्रम है, जिससे एयर इंडिया के ग्राहकों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। एयर इंडिया ने बुधवार को ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि एक दशक से भी अधिक समय में ‘फ्लाइंग रिटर्न्स’ लॉयल्टी कार्यक्रम में पहली बार बदलाव किया गया है। हालांकि, एयर इंडिया ने मौजूदा सदस्यों की संख्या का खुलासा किए बिना कहा कि कार्यक्रम के सदस्य अब आज से शुरू होने वाली नई संरचना के आधार पर लाभ उठा सकेंगे और अंक एकत्र कर सकेंगे। एयर इंडिया के संशोधित कार्यक्रम में अब किसी ग्राहक द्वारा अर्जित अंकों की कोई समय-सीमा नहीं होगी। एयर इंडिया के परिवर्तित फ्लाइंग रिटर्न्स लॉयल्टी प्रोग्राम का हिस्सा बनकर आप कई तरह के रिवॉर्ड का लाभ उठा सकते हैं। फ्लाइंग रिटर्न एयर इंडिया का लॉयल्टी प्रोग्राम है, जिसमें यात्री मील अथवा प्वाइंट कमा सकते हैं। एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्रा करने के दौरान यात्री इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इन प्वाइंट के जरिए आप एयर इंडिया एयरलाइन के भागीदार होटल-रेस्टोरेंट पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू, रेपो दर यथावत रहने की संभावना
मुंबई/नई दिल्ली, 03 अप्रैल : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहली समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हो गई। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में हो रही तीन दिवसीय एमपीसी बैठक के नतीजे पांच अप्रैल को आएगा। हालांकि, अधिकांश अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट को यथावत रख सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आज चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक शुरू हुई। रिजर्व बैंक गवर्नर तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा 5 अप्रैल को करेंगे। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि आरबीआई एक बार फिर नीतिगत रेपो दर को यथावत रख सकता है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई की मौद्रिक समिति प्रत्येक दो महीनों पर मॉनेटरी पॉलिसी पर फैसला लेती है। केंद्रीय बैंक ने लगातार छह बार से रेपो रेट को स्थिर रखा है। इस बार भी ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं कि लगातार सातवीं बार भी नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था।
देश में 31 मार्च तक 302.02 लाख टन चीनी का हुआ उत्पादन: इस्मा
नई दिल्ली, 02 अप्रैल : चीनी के उत्पादन के र्मोचे पर अच्छी खबर है। देश में चालू चीनी विपणन वर्ष 2023-24 में 31 मार्च, 2024 तक चीनी का उत्पादन 302.02 लाख टन पर पहुंच गया है। पिछले चीनी विपणन वर्ष में इसी तारीख को 300.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने यह जानकारी दी है। इस्मा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि चीनी विपणन वर्ष 2023-24 में 31 मार्चतक चीनी का उत्पादन 302.02 लाख टन रहा है। इससे पिछले चीनी विपणन वर्ष की इसी तारीख को 300.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। इस तरह अबतक चीनी का 1.25 लाख टन ज्यदा उत्पादन हुआ है। उद्योग निकाय ने सरकार से चालू चीनी सीजन में 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का अनुरोध किया है। उद्योग निकाय इस्मा ने कहा कि भारत में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। क्योंकि बड़ी संख्या में चीनी मिलों ने परिचालन बंद करना शुरू कर दिया है। इस्मा के मुताबिक देशभर में इस साल चालू चीनी मिलों की संख्या 210 से अधिक थी, जबकि पिछले साल इसी तारीख को 187 मिलें काम कर रही थीं। वहीं, 322 चीनी मिलों ने पेराई कार्य अब बंद कर दिया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 346 बंद हो चुके थे। उल्लेखनीय है कि उद्योग निकाया इस्मा ने मार्च के मध्य में चालू चीनी सीजन 2023-24 के लिए अपने चीनी उत्पादन के अनुमान को संशोधित कर 320 लाख टन कर दिया था, जबकि घरेलू खपत 285 लाख टन होने की उम्मीद है।
राजस्थान में नौकरी के अवसरों को बढ़ाने की कोशिश करेगी इन टाइम टेक साफ्टवेयर कम्पनी
जयपुर, 02 अप्रैल : विकासशील अग्रणी आईटी साफ्टवेयर कंपनी इन टाइम टेक प्रतिवर्ष ढाई सौ कर्मचारियों की भर्ती करेगी और राजस्थान में नौकरी के अवसरों को लगातार बढ़ाने की कोशिश करेगी। कम्पनी के अध्यक्ष एवं सीईओ जीत कुमार ने मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजधानी जयपुर के कनकपुरा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित कम्पनी के 750 कर्मचारियों की क्षमता वाले नए ऑफिस कैंपस का शुभारम्भ किया गया। गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कम्पनी के कैंपस का विजिट कर कंपनी द्वारा राज्य में उत्पन्न की जा रही नौकरी के अवसरों और रोजगार की संभावनाओं के बारे में जानकारी लेते हुए कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इन टाइम टेक अपने आठ वैश्विक कार्यालयों के साथ ही हर महाद्वीप में मौजूद है। यह कम्पनी न केवल अधिक नौकरियां प्रदान करने की उम्मीद कर रही है बल्कि समाज के लाभ के लिए विस्तृत तकनीकी और लीडरशिप कार्यक्रम करने का भी लक्ष्य रखा है। इन टाइम टेक विभिन्न कॉलेजों के साथ काम कर रही है और कंपनी के समाजिक पहल कल्पवृक्ष में विशेष रूप से सक्रिय हैं, जो इच्छुक लोगों को सॉफ्टवेर के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए तैयारी कर रही है। कम्पनी का मुख्य उद्देश्य इन टाइम टेक में गुणवत्ता वाले रोजगार को बढ़ावा देना, सामाजिक विकास को बढ़ावा देना और कम्युनिटी को क्रियेटिंग एबूडेंस के वचन के जरिए सार्थक योगदान देना है। गौरतलब है कि 15 वर्ष पहले जयपुर से शुरू हुई आईटी सॉफ्टवेयर कंपनी इन टाइम टेक इकनोमिक टाइम्स, फ्यूचर रेडी, नासकोम, एसएमई, इंस्पायर अवार्ड, ग्रेट प्लेस टू वर्क और ग्लोबल आइकॉन अवार्ड जैसे कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है।
वॉल स्ट्रीट से कमजोरी के संकेत, एशिया में मिला-जुला कारोबार
नई दिल्ली, 02 अप्रैल : ग्लोबल मार्केट से आज मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी बाजार में पिछले सत्र के दौरान निराशा का माहौल बना रहा, जिसकी वजह से अमेरिकी बाजार लगातार दबाव में कारोबार करते रहे। डाउ जॉन्स फ्यूचर्स भी फिलहाल गिरावट के साथ कारोबार करता नजर आ रहा है। दूसरी ओर, यूरोपीय बाजार पिछले सत्र के दौरान मामूली मजबूती के साथ कारोबार करने के बाद बंद हुए। वहीं एशियाई बाजारों में आज मिला-जुला कारोबार होता नजर आ रहा है। क्रूड ऑयल की कीमत में आई तेजी ने अमेरिका में एक बार फिर महंगाई बढ़ने की आशंका बना दी है, जिसकी वजह से वॉल स्ट्रीट में पिछले सत्र के दौरान दबाव में कारोबार होता रहा। डाउ जॉन्स पिछले सत्र के दौरान 240.52 अंक यानी 0.60 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुआ। इसी तरह एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,243.77 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। दूसरी ओर, नैस्डेक पूरे दिन दबाव में कारोबार करने के बाद अंतिम समय में हुई खरीदारी के सपोर्ट से 0.07 प्रतिशत मजबूत होकर 16,390.26 अंक के स्तर पर बंद हुआ। डाउ जॉन्स फ्यूचर्स भी आज 140.03 अंक यानी 0.35 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 39,426.82 अंक के स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है। अमेरिकी बाजार के विपरीत यूरोपीय बाजार पिछले सत्र के दौरान मामूली बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहे। एफटीएसई इंडेक्स 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,952.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह सीएसी इंडेक्स ने 0.01 प्रतिशत की सांकेतिक तेजी के साथ 8,205.81 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसके अलावा डीएएक्स इंडेक्स 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,492.49 अंक के स्तर पर बंद हुआ। एशियाई बाजार में आज मिला-जुला कारोबार होता नजर आ रहा है। एशिया के 9 बाजारों में से 5 के सूचकांक मजबूती के साथ हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि 4 सूचकांक गिरावट के साथ लाल निशान में बने हुए हैं। गिफ्ट निफ्टी 0.18 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,568 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह निक्केई इंडेक्स 0.14 प्रतिशत टूट कर 39,745.95 अंक के स्तर तक लुढ़क गया है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.06 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 1,378.68 अंक के स्तर पर और जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.49 प्रतिशत फिसल कर 7,169.40 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। दूसरी ओर, स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.37 प्रतिशत की मजबूती के साथ 3,246.90 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह कोस्पी इंडेक्स 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,753.94 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ है। हैंग सेंग इंडेक्स ने आज बड़ी छलांग लगाई है। फिलहाल ये सूचकांक 390.11 अंक यानी 2.36 प्रतिशत की मजबूती के साथ 16,931.53 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह ताइवान वेटेड इंडेक्स 205.96 अंक यानी 1.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 20,428.29 अंक के स्तर पर पहुंच गया है। इसके अलावा शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.03 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 3,078.33 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
डीजीसीए ने विस्तारा की उड़ान रद्द होने और देरी पर दैनिक
नई दिल्ली, 02 अप्रैल : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को विस्तारा एयरलाइंस को फ्लाइट रद्द होने के साथ-साथ उड़ानों में विलंब होने की रोजाना जानकारी देने का निर्देश दिया है। विमान नियामक ने क्रू मेंबर्स के उपलब्ध न होने के अलावा कई अन्य वजहों से विस्तारा की उड़ानों में हो रही देरी को देखते हुए कंपनी को यह आदेश दिया है। विमान नियामक डीजीसीए ने जारी एक बयान में कहा कि विस्तारा एयरलाइन की विभिन्न उड़ान बाधाओं के मद्देनजर उसने एयरलाइन को रद्द की जा रही और विलंबित उड़ानों की दैनिक जानकारी तथा विवरण देने को कहा है। डीजीसीए के अधिकारी उड़ान रद्द होने और देरी की स्थिति में यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जरूरतों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। एयरलाइन ने सोमवार को चालक दल की अनुपलब्धता के कारण करीब 50 उड़ानें रद्द कर दीं, जबकि कई उड़ानें विलंबित हुईं। विस्तारा ने चालक दल की समस्या के बीच अस्थायी रूप से अपने उड़ानों में कटौती करने का फैसला किया है, जिससे आज करीब 70 उड़ानें रद्द होने की आशंका है। दरअसल, विस्तारा एयरलाइन की एयर इंडिया के साथ विलय की प्रक्रिया चल रही है।