दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘एमएससी इरिना’ अदाणी ग्रुप के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचा

तिरुवनंतपुरम, 09 जून : दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘एमएससी इरिना’ एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में सोमवार को अदाणी ग्रुप के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंच गया है। इस बंदरगाह पर यह जहाज मंगलवार तक रहेगा। ‘एमएससी इरिना’ का इस बंदरगाह पर पहुंचना अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल्स (यूएलसीवी) को संभालने में विझिंजम की क्षमताओं को उजागर करता है। ‘एमएससी इरिना’ टीईयू (20-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) क्षमता के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज है, जो 24,346 टीईयू की क्षमता का दावा करता है। इस क्षमता के साथ ‘एमएससी इरिना’ ग्लोबल शिपिंग में एक बड़ा प्लेयर बनता है। यह जहाज 399.9 मीटर की लंबाई और 61.3 मीटर की चौड़ाई के साथ एक स्टैंडर्ड फीफा-डिज़ाइन किए गए फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है। एशिया और यूरोप के बीच बड़ी मात्रा में कंटेनरों के परिवहन की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया ‘एमएससी इरिना’ व्यापार मार्गों और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। इस जहाज का आगमन बंदरगाह के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस बंदरगाह को 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड द्वारा विकसित और संचालित इस बंदरगाह ने हाल ही में एमएससी तुर्किये और एमएससी मिशेल कैपेलिनी सहित अन्य प्रतिष्ठित श्रेणी के जहाजों का स्वागत किया है, जिससे समुद्री व्यापार में एक प्रमुख केंद्र के रूप में इसकी प्रतिष्ठा मजबूत हुई है। ‘एमएससी इरिना’ को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और उसी वर्ष अप्रैल में इसकी पहली यात्रा शुरू हुई थी। यह लाइबेरिया के झंडे के नीचे चलता है और इसमें कंटेनरों को 26 टियर्स ऊंचाई तक रखा जा सकता है, जिससे यह बहुत बड़ी मात्रा में कंटेनर ढो सकता है। विशेष रूप से, ‘एमएससी इरिना’ अपने पूर्ववर्ती, ओओसीएल स्पेन से 150 टीईयू के अंतर से आगे निकल गया है। पर्यावरण के आधुनिक मानकों के अनुरूप, इस जहाज में ऊर्जा बचाने वाली सुविधाएं हैं जो कार्बन उत्सर्जन को 4 प्रतिशत तक कम करने में मदद करती हैं। विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर ‘एमएससी इरिना’ का डॉकिंग न केवल ग्लोबल शिपिंग में बंदरगाह के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि स्थायी समुद्री प्रथाओं में भी एक बड़ी छलांग है, जो उद्योग में भविष्य के विकास के लिए एक मानक स्थापित करता है।

मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिफेंस में आत्मनिर्भर बना रहा देश : हरदीप सिंह पुरी

नई दिल्ली, 08 जून: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश तेजी से मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिफेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में लिखे लेख में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद भारत के डिफेंस सेक्टर का तेजी से आधुनिकीकरण हुआ है और डिफेंस निर्यात में तेजी आई है। यह बदलाव अचानक नहीं हुआ है, बल्कि पीएम मोदी के द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत सुधारों के कारण हुआ है। इनमें रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया, रक्षा उत्पादन एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति और कुछ क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई जैसे बदलाव शामिल हैं, जिसने घरेलू कंपनियों को फलने-फूलने में मदद की है। पुरी ने बताया कि मोदी सरकार के विजन में मैन्युफैक्चरिंग हमेशा केंद्र में रही है और देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सरकार ने देशों में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव्स दे रही है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स असम में 27,000 करोड़ रुपए की लागत से सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग प्लांट बना रही है, जिसके 2025 के मध्य तक चालू होने और लगभग 27,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। वहीं, एचसीएल और फॉक्सकॉन के बीच ज्वाइंट वेंचर से 3,706 करोड़ रुपए की लागत से उत्तर प्रदेश के जेवर में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित की जा रही है, जो डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स पर केंद्रित होगी और इसका उत्पादन 2027 में शुरू होगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘अंत्योदय के माध्यम से सर्वोदय’ के विजन के तहत जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, जिसकी मदद से 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालने में सफलता मिली है। पुरी ने आगे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत करीब 11 करोड़ किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा वितरित किए जा चुके हैं। वहीं, ‘लखपति दीदी’ पहल ने एक करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को एक लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है। वहीं, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) का विस्तार किया गया है, जिससे 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को चाहे उनकी आय कुछ भी हो प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का निःशुल्क हेल्थ कवरेज प्रदान किया जा सके। इससे लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

सीआरआर में एक प्रतिशत की कटौती, बैंकिंग प्रणाली में आएंगे 2.5 लाख करोड़

मुंबई, 06 जून: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त और टिकाऊ तरलता सुनिश्चित करने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में चरणबद्ध तरीके से एक प्रतिशत तक की कटौती करने के निर्णय से तंत्र में ढ़ाई लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ेगी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 55वीं और चालू वित्त वर्ष में एमपीसी की दूसरी तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि सीआरआर को चरणबद्ध तरीके से 100 आधार अंकों तक कम करने का निर्णय लिया है। यह कटौती चार किस्तों में 25-25 आधार अंकों की होगी, जो 06 सितंबर, 04 अक्टूबर, 01 नवंबर और 29 नवंबर 2025 से शुरू होने वाले पखवाड़ों से प्रभावी होगी। इसके बाद सीआरआर शुद्ध मांग और समय देयताओं (एनडीटीएल) के वर्तमान स्तर से घटकर तीन प्रतिशत पर आ जाएगा। श्री मल्होत्रा ने कहा कि इस निर्णय से दिसंबर 2025 तक बैंकिंग प्रणाली में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की प्राथमिक तरलता जारी होगी। यह कदम न केवल तरलता में स्थायित्व लाएगा बल्कि बैंकों की फंडिंग लागत को भी कम करेगा, जिससे ऋण वितरण और मौद्रिक नीति के प्रभावी संचरण को बल मिलेगा। रिजर्व बैंक गवर्नर ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय बैंक तरलता और वित्तीय बाजार की परिस्थितियों पर सतत नजर बनाए रखेगा और जरूरत पड़ने पर आगे के आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति के पीछे का उद्देश्य प्रणाली में दीर्घकालिक तरलता प्रदान करते हुए आर्थिक गतिविधियों को सुगम बनाना और क्रेडिट प्रवाह को प्रोत्साहित करना है। श्री मल्होत्रा ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक बैंकिंग प्रणाली में कुल 9.5 लाख करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। इस तरलता प्रबंधन का ही परिणाम है कि जो दिसंबर 2024 के मध्य तक घाटे की स्थिति में थी, वह मार्च 2025 के अंत तक अधिशेष में बदल गई। यह बदलाव दैनिक वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) नीलामियों में भागीदारी और स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) के तहत उच्च शेष राशि के प्रति अपेक्षाकृत धीमी प्रतिक्रिया से भी स्पष्ट है। अप्रैल और मई के दौरान एसडीएफ की औसत दैनिक शेष राशि दो लाख करोड़ रुपये रही, जो प्रणाली में मौजूद अतिरिक्त तरलता को दर्शाती है। तरलता की इस सहज स्थिति के चलते, भारित औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर), जो कि मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य है पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद से एलएएफ गलियारे के निचले सिरे पर कारोबार कर रही है। यह नीतिगत रेपो दर में कटौती के प्रभाव को अल्पकालिक दरों तक पहुंचाने में मददगार रही है। वहीं, रिजर्व बैंक गवर्नर ने यह भी माना है कि क्रेडिट बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत दर कटौती का पूर्ण प्रसारण अभी स्पष्ट रूप से नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया आमतौर पर समय लेती है और इसलिए इसकी निगरानी जारी रहेगी। बैंक ने यह भी संकेत दिया कि वह तरलता और दरों के बीच संतुलन को बनाए रखते हुए, आवश्यकता के अनुसार आगे के उपाय करेगा। श्री मल्होत्रा ने बताया कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रणाली स्तरीय वित्तीय मापदंड वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मजबूत बने हुए हैं। परिसंपत्ति गुणवत्ता, तरलता बफर और लाभप्रदता जैसे प्रमुख संकेतकों में और सुधार देखा गया है। बैंकिंग प्रणाली के लिए साख-जमा अनुपात (सीडीआर) दिसंबर 2024 के अंत में 81.84 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग स्थिर है। यह दर्शाता है कि बैंकिंग प्रणाली संतुलित और टिकाऊ ऋण-विकास प्रक्षेप पथ पर बनी हुई है। इसी तरह एनबीएफसी क्षेत्र में भी पूंजी की आरामदायक उपलब्धता और सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात में गिरावट जैसे संकेतकों के चलते स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने खुदरा ऋण क्षेत्र में सुधार का संकेत देते हुए बताया कि असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड बकाया जैसे संवेदनशील पोर्टफोलियो में पहले जो तनाव देखा गया था, वह अब कम हो गया है। हालांकि, माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में तनाव अब भी बना हुआ है। इस संबंध में बैंक और एनबीएफसी अपने जोखिम प्रबंधन ढांचे को पुनर्गठित कर रहे हैं। वे न केवल अपनी क्रेडिट अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बना रहे हैं बल्कि संग्रह तंत्र को भी अधिक प्रभावी बना रहे हैं ताकि भविष्य में जोखिम को नियंत्रित किया जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने एडीबी अध्यक्ष मासातो कांडा से मुलाकात की

नई दिल्ली, 01 जून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मासातो कांडा से मुलाकात की और कहा कि उनकी सरकार पिछले दशक में भारत के तेजी से हो रहे बदलाव को और गति देने के लिए काम कर रही है। कांडा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि उनका संगठन भारत की 2047 तक ‘विकसित भारत’ की महत्वाकांक्षा का समर्थन कर रहा है और इसे एक साहसिक दृष्टिकोण बताया। उन्होंने कहा, “हम अगले पांच वर्षों में नगर निगम के बुनियादी ढांचे के विकास, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, नए क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के निर्माण और शहरी सेवाओं के आधुनिकीकरण में तीसरे पक्ष की पूंजी सहित 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।” कांडा ने कहा कि 1966 से एडीबी का संस्थापक सदस्य भारत इसका मजबूत साझेदार है। उन्होंने कहा, “सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वित्त को बढ़ाकर, ज्ञान सहयोग को गहरा करके और पूंजी जुटाकर, हम 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान का समर्थन करने और इसके 1.4 अरब लोगों के लिए समावेशी, लचीला और पर्यावरण अनुकूल विकास प्रदान करने के लिए तैयार हैं।” मोदी ने कहा, “मसातो कांडा के साथ एक शानदार बैठक हुई, जिसमें हमने कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। पिछले दशक में भारत के तेजी से हुए परिवर्तन ने अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है। हम इस यात्रा को और गति देने के लिए काम कर रहे हैं!”

निजी बैंकों ने 1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड, बैंकिंग सेवाओं पर शुल्क बढ़ाने का किया ऐलान

नई दिल्ली, 01 जून: एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख निजी बैंकों ने क्रेडिट कार्ड और बैंकिंग सेवाओं पर एक जुलाई से शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है। दोनों बैंकों ने आधिकारिक नोटिफिकेशन के माध्यम से अपने ग्राहकों को इन बदलावों के बारे में बताया। एचडीएफसी बैंक ने क्रेडिट कार्ड यूजर्स खासकर ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल वॉलेट और यूटिलिटी पेमेंट से जुड़े लेनदेन के लिए नए शुल्कों की घोषणा की है। बैंक के नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई ग्राहक ड्रीम11, रम्मी कल्चर, जंगली गेम्स या एमपीएल जैसे ऑनलाइन स्किल आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म पर एक महीने में 10,000 रुपए से अधिक खर्च करता है, तो उससे इस कैटेगरी में कुल मासिक खर्च पर 1 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क 4,999 रुपए प्रति माह तक सीमित रहेगा। इसके अतिरिक्त, ऐसे गेमिंग लेनदेन पर कोई रिवॉर्ड पॉइंट नहीं दिए जाएंगे। इसी तरह, अगर कोई ग्राहक अपने एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज या ओला मनी जैसे थर्ड पार्टी वॉलेट में एक महीने में 10,000 रुपए से अधिक लोड करता है, तो उसके द्वारा इस्तेमाल की गई पूरी राशि पर 1 प्रतिशत शुल्क लगेगा। यह शुल्क अधिकतम 4,999 रुपए प्रति माह होगा। यूटिलिटी पेमेंट के लिए अगर कुल खर्च एक महीने में 50,000 रुपए से अधिक होता है, तो 1 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा और इसकी अधिकतम मासिक सीमा 4,999 रुपए होगी। हालांकि, एचडीएफसी बैंक ने स्पष्ट किया है कि बीमा भुगतान को यूटिलिटी पेमेंट के रूप में नहीं माना जाएगा, इसलिए ऐसे मामलों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा। बैंक ने किराए, ईंधन और शिक्षा लेनदेन के लिए अधिकतम शुल्क में भी संशोधन किया है। इन कैटेगरी में शुल्क की अधिकतम सीमा अब प्रति लेनदेन 4,999 रुपए होगी। किराए के भुगतान पर 1 प्रतिशत शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 15,000 रुपए से अधिक के ईंधन के लेनदेन पर 1 प्रतिशत शुल्क लगेगा, जबकि आधिकारिक कॉलेज या स्कूल की वेबसाइट या उनकी कार्ड मशीनों के माध्यम से सीधे किए गए शिक्षा भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। आईसीआईसीआई बैंक ने कई सेवा शुल्कों में बदलाव किया है, जिसमें नकद, चेक जमा करने या डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) और पीओ (पे ऑर्डर) जैसे लेनदेन शामिल है। अब इन लेनदेनों के लिए ग्राहकों से 1,000 रुपए पर 2 रुपए का शुल्क लिया जाएगा, जिसमें न्यूनतम शुल्क 50 रुपए और अधिकतम शुल्क 15,000 रुपए होगा। इससे पहले बैंक 10,000 रुपए तक की राशि पर 50 रुपए और उससे अधिक 1,000 रुपए पर 5 रुपए लेता था। एटीएम उपयोग शुल्क में भी वृद्धि की गई है। अन्य बैंक के एटीएम पर तीन निःशुल्क एटीएम लेनदेन के बाद, आईसीआईसीआई अब एटीएम पर वित्तीय लेनदेन के लिए 23 रुपए और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 8.5 रुपए शुल्क लेगा। फिलहाल वित्तीय लेनदेन के लिए शुल्क 21 रुपए है। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक ने डेबिट कार्ड के लिए वार्षिक शुल्क 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया है।

महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों ने बारिश से हुए नुकसान के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा

मुंबई, 01 जून: महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों के एक संगठन ने पिछले महीने राज्य में भारी बारिश के कारण किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन ने 29 मई को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) द्वारा ‘पारदर्शी’ प्याज खरीद सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है। महाराष्ट्र में मई में अभूतपूर्व बारिश हुई है। पत्र में कहा गया है कि जलगांव, धुले, नासिक, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, सोलापुर, बीड, धाराशिव, सांगली, बुलढाणा, अकोला, परभणी और जालना जैसे प्याज उत्पादक जिले बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिघोले और नासिक जिले के प्रमुख जयदीप भदाने की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि छह मई से भारी बारिश के कारण पूरे राज्य में प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है। एसोसिएशन ने कहा कि कई किसानों ने अपनी पूरी रबी सीजन की फसल कटाई से पहले ही गंवा दी है। उन्होंने इस नुकसान की भरपाई के लिए एक लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांगा है। एसोसिएशन ने कहा है कि जो प्याज निकाल लिया गया था, लेकिन संग्रहीत नहीं किया जा सका था, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया है। संगठन ने ऐसे किसानों के लिए 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी की मांग की है, जिन्हें अपनी फसल कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

भारत वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 31 मई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत वित्त वर्ष 2026 में अपनी मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, वित्तीय क्षेत्र और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने आरबीआई की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर कहा, “उच्च प्रत्याशित बचत के साथ घरेलू वित्त, प्रत्याशित विकास की फंडिंग के लिए काफी होगा। इसके साथ ही, कीमतों पर मांग से जुड़े दबाव की उम्मीद न के बराबर है।” घोष ने कहा कि विकास के लिए बाहरी और भू-राजनीतिक कारकों से बाधा उत्पन्न हो सकती है। चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि को पूंजी निर्माण में मजबूत उछाल से सपोर्ट मिला। पूंजी निर्माण ने 9.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। पूंजी निर्माण में सुधार चौथी तिमाही में मुख्य क्षेत्र में पुनरुद्धार के कारण हुआ, जैसा कि हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स से साफ है। वित्त वर्ष 2025 के लिए पूंजी निर्माण में कुल वृद्धि अब 7.1 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। चौथी तिमाही के आंकड़ों के आधार पर वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में लगभग सभी क्षेत्रों ने बेहतर वृद्धि दर्ज की। उद्योग में जहां 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं सेवा क्षेत्र में चौथी तिमाही में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चौथी तिमाही के दौरान उद्योग के तहत निर्माण क्षेत्र में 10.8 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निजी खपत ने चौथी तिमाही में अपनी अच्छी स्थिति बनाए रखी, हालांकि चौथी तिमाही में वृद्धि की क्रमिक धीमी दर रही। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2025 के लिए निजी अंतिम उपभोग व्यय में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पूरे वर्ष के दौरान निर्यात मांग अच्छी रही, जिसमें 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पूरे वर्ष के दौरान आयात में 3.7 प्रतिशत की कमी आई। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि अमेरिकी टैरिफ अनिश्चितता के बीच निर्यात को बढ़ावा देने के कारण दर्ज की गई।

हीरो फिनकॉर्प को 3,668 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की सेबी से मिली मंजूरी

नई दिल्ली, 28 मई: दोपहिया वाहन विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प के वित्तीय सेवा प्रभाग हीरो फिनकॉर्प को 3,668 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है। बाजार नियामक ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दाखिल किए गए दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ 2,100 करोड़ रुपये के नए निर्गम और 1,568 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन होगा। सेबी की ओर से दी गई अद्यतन जानकारी के अनुसार, हीरो फिनकॉर्प को 22 मई को आईपीओ लाने की मंजूरी दी गई। इसने आईपीओ लाने के लिए अगस्त में सेबी के समक्ष अपने प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए थे। हीरो फिनकॉर्प एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) है जो भारत में मुख्य रूप से खुदरा, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) ग्राहक वर्गों के लिए वित्तीय उत्पादों की एक विविध श्रृंखला पेश करती है।

ट्राई ने छह गीगाहर्ट्ज, ई एवं वी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए जारी किया परामर्श

नई दिल्ली, 28 मई : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने निचले 6 गीगाहर्ट्ज, 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड के साथ-साथ ई एवं वी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर बुधवार को परामर्श पत्र जारी किया। ट्राई ने टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि 25 जून, 2025 तथा जवाबी टिप्पणियों के लिए अंतिम तिथि नौ जुलाई तय की है। नियामक ने कहा, ‘‘6 गीगाहर्ट्ज (निम्न), 7 गीगाहर्ट्ज, 13 गीगाहर्ट्ज, 15 गीगाहर्ट्ज, 18 गीगाहर्ट्ज, 21 गीगाहर्ट्ज बैंड, ई-बैंड और वी-बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन पर परामर्श पत्र हितधारकों से टिप्पणियां तथा जवाबी टिप्पणियां मांगने के लिए नियामक की वेबसाइट पर रखा गया है।’’ दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने वर्ष 2022 में ईएंडवी बैंड तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) के साथ-साथ उक्त आवृत्ति बैंड में माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए सिफारिशें प्रदान करने के लिए ट्राई से संपर्क किया था। इसके बाद, ट्राई ने ईएंडवी बैंड में स्पेक्ट्रम के आवंटन तथा माइक्रोवेव एक्सेस (एमडब्ल्यूए) और माइक्रोवेव बैकबोन (एमडब्ल्यूबी) पर एक परामर्श पत्र जारी किया था, ताकि इस विषय पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी जा सकें। इस बीच, दिसंबर, 2023 में दूरसंचार अधिनियम, 2023 लागू किया गया। दूरसंचार सेवाओं के लिए रेडियो ‘बैकहॉल’ के संबंध में दूरसंचार अधिनियम- 2023 के प्रावधानों के मद्देनजर ट्राई ने फरवरी, 2024 में एक पत्र के माध्यम से बताया कि दूरसंचार विभाग अपने 2022 के संदर्भ की समीक्षा कर सकता है। ट्राई ने कहा, ‘‘दूरसंचार विभाग ने इसके जवाब में 13 सितंबर, 2024 को एक नए संदर्भ पत्र के माध्यम से, ट्राई की इस टिप्पणी से सहमति व्यक्त की थी कि बैकहॉल स्पेक्ट्रम, दूरसंचार अधिनियम 2023 की पहली अनुसूची का हिस्सा है और इसके लिए ‘असाइनमेंट’ पद्धति प्रशासनिक होगी। साथ ही ट्राई से ट्राई अधिनियम 1997 की धारा 11(1)(ए) के तहत सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया था।’’

केंद्र, राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 24 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार और राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मोदी नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में कहा कि विकास की गति बढ़ाने की जरूरत है। नीति आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ”हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” नीति आयोग का शीर्ष निकाय शासी परिषद की बैठक का विषय ‘2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ है। मोदी ने कहा, ”विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा तो भारत विकसित होगा। यह इसके 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है।” परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। मोदी ने कहा, ”हमारा लक्ष्य हर राज्य को विकसित, हर शहर को विकसित, हर नगर पालिका को विकसित और हर गांव को विकसित बनाना होना चाहिए। अगर हम इस दिशा में काम करेंगे तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया, ”राज्यों को अपने-अपने यहां सभी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ वैश्विक मानकों के अनुरूप कम-से-कम एक पर्यटन गंतव्य विकसित करना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इससे पर्यटन गंतव्य के रूप में आस-पास के शहरों के विकास का रास्ता साफ होगा।” उन्होंने कहा, ”भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। वृद्धि, नवोन्मेष और पर्यावरण अनुकूल पहल भारत के शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।” मोदी ने कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ”हमें ऐसे कानून और नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक एकीकृत किया जा सके।” ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ पहली बड़ी बैठक है।